खाली दावों के सामान्य बयान
देश में इस समय नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर है जो कभी अपने भाषणों में प्रमुखता से यह कह कर प्रतिद्वंद्वियों को ललकारते थे कि लव लैटर भेजना बंद कर करो, सीमा पर बहुत खून बह चुका हैः वही अजीत डोवाल इस वक्त देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। और वे पाकिस्तान, कश्मीर और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में एक्सपर्ट माने जाते हैं। स्थिति बदली, सत्ता आते ही तेवर बदले, अब भारत इसके लिए अपमान का घूंट पीकर राजनीतिक समाधान का इंतजार करने की कोशिश करेगा
ऐसे में चुनावों और टीवी बहसों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए अपने घर में बड़ी-बड़ी बात करने और लोकलुभावन फैसले लेने के बजाय मोदी सरकार को देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. पाकिस्तान की तरफ से अप्रत्यक्ष युद्ध अब इतना गहरा हो गया है और इतना खून बह चुका है कि भारत के सर्जिकल हमलों, सीमा पार से गोलाबारी और बलूचिस्तान को अस्थिर करने वाले खाली दावों के सामान्य बयान देने से पहले लाखों बार सोचना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में सचमुच इन खोखले दावों के बजाय भारत को पाकिस्तान को सबक सिखाने के नए तरीकों को खोजने की जरूरत है.
(www.himalayauk.org) HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND: mail himalayauk@gmail.com
घाटी में आतंकवादियों, उनके समर्थकों और उनके विचारकों को बाहर निकालने के लिए सेना के हाथ को खोल देने की जरूरत है. केंद्र सरकार को महबूबा मुफ्ती सरकार के पुलिस बल के मुकाबले सुरक्षा बलों को अपनी कार्रवाई चलाने की स्वतंत्रता की अनुमति दी जानी चाहिए.
लेकिन, अगर भारत कश्मीरियों और उनके बच्चों तक अपनी पहुंच नहीं बनाता है और मुख्यधारा के गले लगाने के लिए उन्हें कोई आकर्षक विकल्प नहीं देता है, तो हमलावर तेवर का असर उल्टा भी हो सकता है.
लंबे दौर में भारत आतंकवादियों और अलगाववादियों के जरिए गुमराह होते कश्मीरी युवाओं को अगर शहीद लेफ्टिनेंट फयाज के नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रेरित कर सके, तो सही अर्थों में ये उनकी हत्या का सबसे सटीक बदला होगा. अगर भारत घाटी में बुरहान वानी के पोस्टर की जगह फयाज के पोस्टर को लोकप्रिय बना सके, तो यह न सिर्फ आतंकवादियों और पाकिस्तानपरस्ती के खिलाफ एक आदर्श बदला होगा, बल्कि देश के लिए जान देने वाले उस बहादुर सैनिक के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी.
वही दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान ने सीजफायर वॉयलेशन किया। पाक की तरफ से हेवी मोर्टार दागे गए। इसमें 2 सिविलियन्स की मौत हो गई और 3 जख्मी हो गए। 3 दिन में ये तीसरी बार है जब इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाक ने गोलीबारी की। फायरिंंग का करीब 26 गांंवों पर असर हुआ है। अभी तक 1500 लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया है। शुक्रवार को भी जम्मू की इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाक की तरफ से सीजफायर वॉयलेशन हुआ था। इसमें एक बीएसएफ जवान घायल हो गया था। पाकिस्तान की ओर से फायरिंग के बीच बॉर्डर के पास रहने वालों लोगों ने बंकर में पनाह ली। बाद में शनिवार दोपहर तक कई लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। राजौरी के डीसी शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि फायरिंग से नौशेरा के 26 गांवों पर असर हुआ है। अभी तक 4 कैम्प बनाए गए हैं। अगर और भी लोगों को यहां लाया गया तो 26 कैम्प की हमारी तैयारी है।
होम मिनिस्ट्री के मुताबिक, “2012 में जम्मू-कश्मीर में 220 और 2016 में 322 आतंकी घटनाएं हुईं। 2016 में 82 जवान शहीद हुए और 15 सिविलियन्स मारे गए।” “2015 में 208 आतंकी घटनाएं हुईं। 39 जवान शहीद हो गए और 17 सिविलियन्स मारे गए। इस साल एनकाउंटर में सिक्युरिटी फोर्सेस ने 108 आतंकियों को मार गिराया।” “2013 में 170 आतंकी हमले हुए, जिसमें 53 जवान शहीद हो गए और 15 सिविलियन्स की मौत हो गई। फोर्सेस ने 67 आतंकियों को ढेर कर दिया।” “2014 में आतंकी घटनाओं में 47 जवान शहीद हुए, 28 सिविलियन्स मारे गए। फोर्सेस के साथ एनकाउंटर में 110 आतंकी मारे गए।” 2012 में 220 आतंकी हमलों में 15 जवान शहीद हुए। एनकाउंटर में फोर्सेस ने 72 टेररिस्ट को मार गिराया।”