राष्ट्रसंघ महासचिव का बयान गंभीर -तुरंत सीबीआई को सौपना था केस ; प्रो.भीमसिंह
जम्मू-कश्मीर में बलात्कार-हत्या मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का आग्रह
वरिष्ठ अधिवक्ता एवं जम्मू-कश्मीर स्टेट लीगल एड कमेटी के कार्यकारी चेयरमेन प्रो.भीमसिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से जम्मू-कश्मीर की नाबालिग लड़की आशिफा बानो के बलात्कार-हत्या मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आग्रह किया है, ताकि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके, क्योंकि यह मामला भारत विरोधी कुछ लोगों ने राष्ट्रसंघ के महासचिव के सामने आज ही उठाया था। राष्ट्रसंघ के महासचिव में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, ‘‘मुझे यकीन है कि इस भयावह कहानी को सभी लोगों ने पढ़ा होगा, जो एक लड़की के हत्या-बलात्कार के विषय में छपी है। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार अपराधियों के खिलाफ इस लड़की हत्या पर उचित कार्यवाही करेगी।‘‘ प्रो. भीमसिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले को तुरंत केन्द्रीय जांच ब्यूरो इत्यादि को तुरंत सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पूरी संवैधानिक शक्ति है कि वह देश में कहीं भी इस प्रकार की अपराधिक कृत्यों की जांच करवा सकती है और फिर इसलिए कि जम्मू-कश्मीर में लोगों को मोदी सरकार से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है और तभी सम्भव है जब केन्द्रीय गृह मंत्रालय इसकी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करवाए।
यह मामला भारत विरोधी कुछ लोगों ने राष्ट्रसंघ के महासचिव के सामने आज ही उठाया था। राष्ट्रसंघ के महासचिव में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, ‘‘मुझे यकीन है कि इस भयावह कहानी को सभी लोगों ने पढ़ा होगा, जो एक लड़की के हत्या-बलात्कार के विषय में छपी है। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार अपराधियों के खिलाफ इस लड़की हत्या पर उचित कार्यवाही करेगी।‘‘ प्रो. भीमसिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले को तुरंत केन्द्रीय जांच ब्यूरो इत्यादि को तुरंत सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पूरी संवैधानिक शक्ति है कि वह देश में कहीं भी इस प्रकार की अपराधिक कृत्यों की जांच करवा सकती है और फिर इसलिए कि जम्मू-कश्मीर में लोगों को मोदी सरकार से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है
प्रो.भीमसिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले कल ही इस घिनौनी हत्या के बारे में गम्भीर चिंता जताते हुए सरकारों से उचित कार्यवाही करने का आदेश दिया था। प्रो.भीमसिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं इस दुखदायक घटना की जांच करने का आदेश दे सकती है और सुप्रीम कोर्ट से भी प्रार्थना की है कि वह भारत सरकार को निष्पक्ष जांच करने का आदेश दे। अब यह मामला जम्मू-कश्मीर का स्थानीय मामला नहीं रहा और ना ही भारत तक सीमित है। प्रो.भीमसिंह ने कहा यह मामला संयुक्त राष्ट्रसंघ की सीमाओं को भी पार कर चुका है और इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत-विरोधी तत्व भारत के खिलाफ कहां तक जा सकते हैं।
प्रो.भीमसिंह ने कहा कि इस मासूम बच्ची का बलात्कार और हत्या किसने की, क्यों किया और उसमें जम्मू-कश्मीर की सरकार और पुलिस की क्या भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को एक निर्दोष लड़की की इस दुखद हत्या से संबंधित सभी प्रश्नों कि उत्तर देनें होगें।
– मृतक लड़की के अलावा इस मृतक के माता-पिता के कितने बच्चे हैं?
–जो नयी जांच समिति बनेगी वह सभी परिस्थितियों का भी जायजा लेगी कि
– लड़की किस दिन गायब हुई और कहां से गायब हुई है?
-लड़की 10 जनवरी, 2018 से 17 जनवरी, 2018 तक कहां रही। क्योंकि इस मासूम बच्ची का किसी मंदिर में सात दिन रहना या कहीं बाहर के तत्वों द्वारा मंदिर में बलात्कार सम्भव है।
-मंदिर को बलात्कार के साथ कैसे और क्यों जोड़ा गया।
-क्या यह बच्ची मां-बाप के घोड़ों और जानवरों को रोज जंगल में चराने ले जाती थी। लड़की का एक भाई और एक बहन भी है, क्या वे भी उसके साथ घोड़े चराने जाते थे। क्या जो परिवार में माता-पिता हैं, क्या उनकी यह लड़की असली बेटी थी या गोद ली हुई थी।
– मां-बाप कितने वर्ष पहले कश्मीर से इस गांव में आये थे और गांव में क्या काम करते थे।
–क्या इस लड़की के मां-बाप का गांव में या किसी दूसरे व्यक्ति के साथ या गांववाले के साथ चाहे वह किसी जाति व धर्म का हो, कभी लड़ाई-झगड़ा हुआ।
–जब 4 मार्च, 2018 को मैं (भीमसिंह) इस लड़की के मां-बाप को मिला तो उन्होंने 100 के लगभग गांववालों की मौजूदगी में अपनी गोजरी भाषा में कहा कि उनका गांववालों से कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं है और ना कभी लड़ाई-झगड़ा हुआ और जब भी किसी चीज की जरूरत होती थी तो गांववाले मदद करते थे। इन्होंने प्रो.भीमसिंह को बताया कि वे अनंतनाग से कोई 40 वर्ष पहले इस गांव में आये थे और जंगल में बड़े आराम से रहते आये हैं और उन्हें किसी भाई यानी गांववालों से कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं है। यह अत्यंत जरूरी है कि गांव में शत प्रतिशत लोग हिन्दू धर्म से जुड़े हुए हैं।
प्रो.भीमसिंह ने कहा कि ऐसे कई सवाल हैं, जिनकी जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई इस दुखद कृत्य के असली तथ्य असामाजिक तत्वों के बारे में सामने आए। प्रो.भीमसिंह ने नागरिक समाज के सदस्यों के साथ-साथ वकील बिरादरी से जम्मू के शांतिपूर्ण भूमि पर इस जघन्य कृत्य का पता लगाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने की भी अपील की। इस मृतक लड़की को न्याय तभी मिलेगा जब इस मामले की एक विस्तृत जांच हो और जांच समिति जम्मू-कश्मीर से बाहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करें और यह कार्य भारतीय सुप्रीम कोर्ट कर सकती है।
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