मधुमक्खियों को सत्ता परिवर्तन के बारे में बता दिया-“आपका नया स्वामी आपके लिए एक अच्छा स्वामी साबित होगा”- परंपरा

ब्रिटेन में शाही प्रोटोकॉल; शाही भवन के कीड़ों, मधुमक्खियों को ब्रिटेन की महारानी की मौत की सारी खबर सुनाई गई – 79 वर्षीय मधुमक्खीपालक ने बताया कि उन्होंने रानी की मृत्यु के एक दिन बाद शुक्रवार, 9 सितंबर को मधुमक्खियों को सत्ता परिवर्तन के बारे में बता दिया है Execlusive Article; by Chandra Shekhar Joshi Editor

ये परंपरा सदियों पहले की है और “इसे मधुमक्खियों को बताएं” कहा जाता है. मधुमक्खियां रखने वालों का मानना ​​था कि शाही भवन के कीड़ों को भी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताया जाना चाहिए, जैसे कि किसी का जन्म, मृत्यु, विवाह या घर के किसी भी आने वाले या बाहर जाने वाले सदस्यों के बारे में. अन्यथा मधुमक्खियां व्यथित हो जाएंगी और अपना छत्ता छोड़ देंगी या शहद का उत्पादन बंद कर देंगी. परिवार में रानी से अधिक महत्वपूर्ण कोई नहीं है, है ना?”

ब्रिटेन में शाही प्रोटोकॉल के अनुसार ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत की सारी खबर बकिंघम पैलेस की मधुमक्खियों को दी गई. रानी मधुमक्खी को ये खबर सुनाई गई कि महारानी एलिजाबेथ II की मौत हो चुकी है और अब प्रिंस चार्ल्स नए राजा बने हैं. मधुमक्खीपालक ने बताया कि उन्होंने रानी की मृत्यु के एक दिन बाद शुक्रवार, 9 सितंबर को मधुमक्खियों को सत्ता परिवर्तन के बारे में बता दिया यह पारंपरिक है कि जब शाही खानदान में किसी की मौत होती है तो आप मधुमक्खियों के छत्ते के पास जाते हैं और थोड़ी देर प्रार्थना करते हैं और छत्ते पर एक काला रिबन लगाते हैं. परंपरा यह है कि आप छत्ते पर धीरे से टैप करते हैं और कहते हैं कि आपकी मालकिन या मालिक की मौत हो गई है, लेकिन आपका नया मालिक आपके लिए अच्छा होगा, इसलिए उसके साथ अच्छा व्यवहार करें


Queen Elizabeth II Death &  Royal Beekeeper

शाही भवन के कीड़ों को भी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताया जाना चाहिए, जैसे कि किसी का जन्म, मृत्यु, विवाह या घर के किसी भी आने वाले या बाहर जाने वाले सदस्यों के बारे में. अन्यथा मधुमक्खियां व्यथित हो जाएंगी और अपना छत्ता छोड़ देंगी या शहद का उत्पादन बंद कर देंगी. परिवार में रानी से अधिक महत्वपूर्ण कोई नहीं है, है ना?” सभी छत्ते पर दस्तक देकर मधुमक्खियों को धीरे से कहा गया कि अब से राजा चार्ल्स आपके स्वामी  हैं और अब आपकी मालकिन नहीं रही, लेकिन तुम मत जाओ. आपका स्वामी आपके लिए एक अच्छा स्वामी साबित होगा,”

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में 8 सितंबर 2022 को निधन हो गया. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार 19 सितंबर को किया जाएगा. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को स्कॉटलैंड के बालमोरल क़िले से लंदन लाया जाएगा, जहां वेस्टमिन्स्टर एबे में चार दिनों तक उनके पार्थिव शव को रखा जाएगा. महारानी की मौत के बाद उनके सबसे बड़े बेटे किंग चार्ल्स III ब्रिटेन के नए सम्राट बनाए गए हैं. शनिवार को सेंट जेम्स पैलेस में समारोह आयोजित कर किंग चार्ल्स III की ताजपोशी की गई.

96 वर्षीय क्वीन एलिजाबेथ-II फिलहाल स्टॉकलैंड के बाल्मोरल महल में थीं। वहीं पर उनका निधन हुआ। महारानी के बाद अब उनके बेटे चार्ल्स ब्रिटेन के राजा होंगे।  महारानी का जन्म 21 अप्रैल 1926 को लंदन के मेफेयर में 17 ब्रूटन स्ट्रीट में हुआ था। वह द ड्यूक एंड डचेस ऑफ यॉर्क की पहली संतान थीं, जो बाद में किंग जॉर्ज VI और क्वीन एलिजाबेथ बनीं। 6 फरवरी, 1952 को ब्रिटिश साम्राज्य की शासक बनीं महारानी एलिजाबेथ कुल 70 साल और 211 दिन तक सिहासन पर रहीं। वह दुनिया की सबसे लंबे समय तक शासन प्रमुख रहीं।

महारानी एलिजाबेथ II की मौत के बाद ब्रिटेन में कई शाही प्रोटोकॉल लागू हैं, जो एक सम्राट या रानी की मृत्यु के बाद लगाए जाते हैं. इनमें से एक दिलचस्प परंपरा यह है कि शाही मधुमक्खी पालक (Royal Beekeeper) मधुमक्खियों को महारानी की मौत के बारे में सूचित करता है. डेली मेल की रिपोर्ट्स के मुताबिक बकिंघम पैलेस में मधुमक्खी पालक ने मधुमक्खी के छत्ते को रानी की मौत से अवगत करा दिया है. महारानी एलिजाबेथ II द्वितीय की मृत्यु और किंग चार्ल्स III के राज्याभिषेक के बारे में बताया गया.

जॉन चैपल बकिंघम पैलेस और क्लेरेंस हाउस में आधिकारिक शाही मधुमक्खी पालक के रूप में कार्य करते हैं. 79 वर्षीय मधुमक्खीपालक ने बताया कि उन्होंने रानी की मृत्यु के एक दिन बाद शुक्रवार, 9 सितंबर को मधुमक्खियों को सत्ता परिवर्तन के बारे में बता दिया है. चैपल ने शनिवार, 10 सितंबर को प्रकाशित एक साक्षात्कार में डेली मेल को बताया, ” यह पारंपरिक है कि जब शाही खानदान में किसी की मौत होती है तो आप मधुमक्खियों के छत्ते के पास जाते हैं और थोड़ी देर प्रार्थना करते हैं और छत्ते पर एक काला रिबन लगाते हैं.”

चैपल ने हर छत्ते के चारों ओर एक काला रिबन और धनुष बांधा है, दो क्लेरेंस हाउस में और पांच बकिंघम पैलेस में. प्रत्येक छत्ते में अनुमानित 20,000 मधुमक्खियां होती हैं. उन्होंने बताया कि, “परंपरा यह है कि आप छत्ते पर धीरे से टैप करते हैं और कहते हैं कि आपकी मालकिन या मालिक की मौत हो गई है, लेकिन आपका नया मालिक आपके लिए अच्छा होगा, इसलिए उसके साथ अच्छा व्यवहार करें.”

पल ने बताया कि ये परंपरा सदियों पहले की है और “इसे मधुमक्खियों को बताएं” कहा जाता है. मधुमक्खियां रखने वालों का मानना ​​था कि शाही भवन के कीड़ों को भी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताया जाना चाहिए, जैसे कि किसी का जन्म, मृत्यु, विवाह या घर के किसी भी आने वाले या बाहर जाने वाले सदस्यों के बारे में. अन्यथा मधुमक्खियां व्यथित हो जाएंगी और अपना छत्ता छोड़ देंगी या शहद का उत्पादन बंद कर देंगी. परिवार में रानी से अधिक महत्वपूर्ण कोई नहीं है, है ना?”

चैपल ने बताया कि सभी छत्ते पर दस्तक देकर मधुमक्खियों को धीरे से कहा गया कि अब से राजा चार्ल्स आपके स्वामी  हैं और अब आपकी मालकिन नहीं रही, लेकिन तुम मत जाओ. आपका नया स्वामी आपके लिए एक अच्छा स्वामी साबित होगा,”

अगर सम्राट/महारानी की मृत्यु स्कॉटलैंड में होती है तो उसे ‘ऑपरेशन यूनिकॉर्न’ कहा जाता है। यूनिकॉर्न स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पशु है और इंग्लैंड के शेर के साथ शाही कोट ऑफ आर्म्स का हिस्सा है।

क्या है ऑपरेशन यूनिकॉर्न  ब्रिटेन के साथ सही की बात करें तो 7 दशकों से इस गद्दी पर महारानी का राज था। अब उनके निधन पर ब्रिटेन को प्रिंस चार्ल्स के रूप में नया सम्राट मिल गया है। बढ़ाने के 24 घंटे के भीतर लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में एक सेरेमोनियल बॉडी के किया जाएगा प्रिंस चार्ज ब्रिटेन के नए किंग बन गयै।  प्रिंस चार्ल्स तृतीय के नाम से जाना जाएगा। ऑपरेशन ‘लंदन ब्रिज’ के तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निजी सचिव ने प्रधानमंत्री लिज ट्रस को प्रोटोकॉल के तहत लंदन ब्रिज इज डाउन कह कर महारानी के निधन की सूचना दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से महारानी एलिजाबेथ II के निधन की घोषणा की। इसके बाद महारानी के निधन का समाचार 15 देशों की सरकारों तक पहुंचाया गया। जिनकी वो राष्ट्राध्यक्ष थीं। फिर राष्ट्रकुल के 30 सदस्य देशों तक ये खबर दी गयी। यूनिकॉर्न स्कॉटलैंड का नेशनल पशु है। लंदन की जगह स्कॉटलैंड में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत को अब ऑपरेशन यूनिकॉर्न नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन यूनिकॉर्न के तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का पार्थिव शरीर उनकी मौत के एक हफ्ते के भीतर स्कॉटलैंड से लंदन लाया जाएगा। ऑपरेशन के तहत बीबीसी के एंकर काले कपड़े पहने हुए हैं और चैनलों ने रोलिंग न्यूज पर स्विच कर दिया है। इसके अलावा डाउनिंग स्ट्रीट पर राष्ट्रीय ध्वज को पहले ही आधा झुका दिया गया है। राजनेता शोक प्रस्ताव और राजकीय अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं। महारानी की मौत के दसवें दिन वेस्टमिंस्टर एब्बे में राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

Execlusive Article by : Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar Mob. 9412932030 Mail; himalayauk@gmail.com

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