शिवभक्त रूप में राहुल का नया अवतार- आते ही सियासत में भूचाल
HIGH LIGHT# पोस्टर में “शिव भक्त राहुल गांधी संग देश बोले, बम-बम भोले”# शिवभक्त रूप में राहुल का नया अवतार- आते ही सियासत में भूचाल# राहुल बोले- संसदीय कमेटी करे राफेल डील की जांच #राहुल बोले- अंबानी ने डील के 12 दिन पहले नई कंपनी बनाई #PM मोदी ने अंबानी को डील दिलवाई: राहुल गांधी #राफेल डील में सबकुछ ठीक नहीं है: राहुल गांधी #ओलांद के सवाल पर पीएम कब देंगे जवाब: राहुल गांधी #फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने भारत के पीएम को चोर कहा: राहुल गांधी #देश जानना चाहता है कि ओलांद झूठ बोल रहे हैं या पीएम मोदी: ओवैसी # हिमालयायूके- हिमालय गौरव उत्तराखण्ड www.himalayauk.org #
फ्रांस के राष्ट्रपति के खुलासे के बाद बाकी पार्टियां भी पीएम मोदी को घेरने में जुट गईं# मोदी सरकार के गले की फांस # फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि राफेल सौदे के लिए भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया था और डसॉल्ट एविएशन कंपनी के पास दूसरा विकल्प नहीं था. इस खुलासे के बाद से पिछले 24 घंटों में राफेल डील को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. जहां सरकार इस पर सफाई देने की बहुत ज्यादा कोशिश करती नहीं दिख रही है वहीं विपक्ष पूरी तरह सरकार पर हमलावर हो गया है.
अनिल अंबानी या रिलायंस की तरफ से कोई सफाई या जवाबी बयान नहीं आया है. रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी इस सौदे के विवाद में सबसे बड़े किरदार हैं. अनिल अंबानी ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे पर कुछ समय पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें अनिल अंबानी ने कहा था कि राफेल डील को लेकर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं और दुर्भावना से प्रेरित हैं.
राफेल सौदे को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एक बार फिर मोदी सरकार और रिलायंस कंपनी के मालिक अनिल अंबानी पर सीधा निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इन्होंने भारतीय शहीदों का अपमान किया है. राफेल करार में एक फ्रेंच मीडिया ने कथित तौर पर पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि अरबों डॉलर के इस सौदे में भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को दसॉ एविएशन का साझीदार बनाने का प्रस्ताव दिया था. इस नए खुलासे के बाद विपक्ष को मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिये नये सिरे से मौका मिल गया है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘फ्रांस के एक पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी को चुनने में उनका कोई रोल नहीं था. अनिल अंबानी को जो हजारों करोड़ों का करार मिला, वो नरेंद्र मोदी के कहने पर दिया गया था मतलब फ्रांस के एक पूर्व राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री को चोर कह रहे हैं. इस पर हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को सफाई देना चाहिए.’
राहुल ने कहा, ‘मुझको समझ नहीं आ रहा है कि आखिर हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री राफेल डील पर एक भी शब्द क्यों नहीं बोल रहे हैं? वो ओलांद के बयान पर कब जवाब देंगे? नरेंद्र मोदी ने खुद अनिल अंबानी को 130 हजार करोड़ रुपये का गिफ्ट दिया है. देश के लोगों की जेब से पैसा निकालकर अंबानी को दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी राफेल डील कर रहे थे, तब रक्षामंत्री गोवा में मछली खरीद रहे थे. राहुल गांधी ने कहा कि अनिल अंबानी को पीएम मोदी ने कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राफेल डील देश के जवानों और सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. इस दौरान राहुल गांधी ने राफेल डील की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की.
पीएम मोदी पर वार करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘जिस व्यक्ति पर देश के युवाओं ने भरोसा किया था, उस व्यक्ति ने देश के लोगों का भरोसा तोड़ा. राफेल के मामले में शत प्रतिशत भ्रष्टाचार हुआ है. इस डील पर फैसला प्रधानमंत्री ने लिया है और फायदा उसी व्यक्ति को मिला है, जो प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस गया था. देश का चौकीदार चोरी कर गया. एलएएल से डील को छीनकर अनिल अंबानी की कंपनी को दिया गया.’
इससे पहले राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी ने संयुक्त रूप से रक्षा बलों पर एक लाख 30 हजार करोड़ की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है. प्रधानमंत्री मोदी आपने हमारे जवानों की शहादत का अपमान किया, आपने भारत की आत्मा से धोखा किया है.’
इलाहाबाद: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जहां संघ और बीजेपी जहां सॉफ्ट रवैया अपनाकर अपनी कट्टर इमेज से बाहर निकलना चाहती है तो वहीं कांग्रेस पार्टी अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को कभी जनेऊधारी ब्राह्मण तो कभी शिवभक्त के रूप में पेश कर रही है.
नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक शहर इलाहाबाद के कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी कर राहुल गांधी को फिर से शिव भक्त के रूप में पेश किया. इस पोस्टर में राहुल गांधी शिवलिंग की पूजा करते नजर आ रहे हैं तो साथ ही भगवान भोलेनाथ की बड़ी सी तस्वीर भी लगाई गई है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हर – हर मोदी नारे के जवाब में इस पोस्टर में “शिव भक्त राहुल गांधी संग देश बोले, बम-बम भोले” लिखा गया है. कांग्रेस नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किया गया यह पोस्टर खूब वायरल हो रहा है और इसे लेकर तरह – तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं. राहुल गांधी को शिव भक्त के रूप में पेश करने वाला यह पोस्टर यूपी कांग्रेस के महासचिव मुकुंद तिवारी और इलाहाबाद कांग्रेस के महामंत्री हसीब अहमद ने जारी किया है. इन नेताओं का कहना है कि बीजेपी के लोग धर्म के नाम पर सियासत करते हैं.
पीटीआई-भाषा के अनुसार ओलांद की टिप्पणी इस मामले में भारत सरकार के रुख से इतर है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस बयान कि भारत सरकार ने एक खास संस्था को राफेल में दसॉ एविएशन का साझीदार बनाने के लिए जोर दिया, की पुष्टि की जा रही है.’ प्रवक्ता ने ‘यह भी कहा, एक बार फिर इस बात को जोर देकर कहा जा रहा है कि इस वाणिज्यिक फैसले में न तो सरकार और न ही फ्रांसीसी सरकार की कोई भूमिका थी.’
बहरहाल बता दें कि फ्रेंच भाषा के एक प्रकाशन ‘मीडियापार्ट’ की खबर में ओलांद के हवाले से कहा गया है, ‘भारत सरकार ने इस सेवा समूह का प्रस्ताव दिया था और दसॉ ने (अनिल) अंबानी समूह के साथ बातचीत की. हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हमने वह वार्ताकार लिया जो हमें दिया गया.’ यह पूछे जाने पर कि साझीदार के तौर पर किसने रिलायंस का चयन किया और क्यों, ओलांद ने कहा, ‘इस संदर्भ में हमारी कोई भूमिका नहीं थी.’ फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद फ्रांस सरकार और दसॉल्ट एविएशन का विरोधाभासी बयान सामने आया है. फ्रांस सरकार ने यह बयान शुक्रवार रात पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस बयान के बाद जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत सरकार ने राफेल सौदे के लिए एक निजी कंपनी का नाम सुझाया था. फ्रांस सरकार ने कहा कि इस सौदे के लिए भारतीय औद्योगिक साझेदारों को चुनने में फ्रांस सरकार की कोई भूमिका नहीं थी. वहीं दसॉ ने कहा कि उसने अपने मन से रिलायंस का चुनाव किया है.
फ्रांस की एक पत्रिका में छपे इंटरव्यू के मुताबिक, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से ही राफेल सौदे के लिए रिलायंस का नाम दिया गया था. इसे चुनने में डसॉल्ट एविएशन की भूमिका नहीं थी’ भारत की सरकार ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया, उससे डसॉल्ट ने बातचीत की. डसॉल्ट ने अनिल अंबानी से संपर्क किया. हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. हमें जो वार्ताकार दिया गया, हमने स्वीकार किया.’
फ्रांस्वा ओलांद के इस खुलासे के बाद देश की राजनीति में पहले से ही राफेल विवाद की जल रही आग में और घी डाल दिया. तुरंत विपक्ष ने सरकार पर हमले तेज कर दिए और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ”पीएम मोदी ने खुद डील में हिस्सा लिया और वह बंद दरवाजों के जरिए राफेल डील में शामिल थे. मैं फ्रांस्वा ओलांद का शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने सच बताया कि कैसे करोड़ों डॉलर के सौदे को अनिल अंबानी को दिया गया. पीएम मोदी ने देश के साथ धोखा किया है, यही नहीं उन्होंने सैनिकों के खून का भी अपमान किया है.”
- अब तक राहुल गांधी ही मोदी सरकार पर राफेल डील में घोटाले का आरोप लगा रही थी लेकिन कल फ्रांस के राष्ट्रपति के खुलासे के बाद बाकी पार्टियां भी पीएम मोदी को घेरने में जुट गईं. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ओलांद के खुलासे के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बयान देने की मांग की है.
- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी से ट्विटर पर तीन सवाल पूछे जिसमें पहला सवाल था कि आपने ये ठेका अनिल अम्बानी को ही क्यों दिलवाया? और किसी को क्यों नहीं?, दूसरे सवाल में पूछा कि अनिल अम्बानी ने कहा है कि उनके आपके साथ व्यक्तिगत सम्बंध हैं,क्या ये संबंध व्यवसायिक भी हैं? और तीसरे सवाल में पूछा कि राफ़ेल घोटाले का पैसा किसकी जेब में गया- आपकी, भाजपा की या किसी अन्य की?
- इसके अलावा आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने भी व्यंग्यात्मक लहजे में ट्वीट पर पीएम मोदी पर हमला किया और कहा कि मित्रों, राफ़ेल सौदे के घालमेल और तालमेल की सही जानकारी 125 करोड़ देशवासियों को मिलनी चाहिए कि नहीं? अगर पूंजीपति मिलनसार प्रधानमंत्री गुनाहगार व भागीदार नहीं है और ईमानदार चौकीदार है तो सच बताने में डर काहे का??
- आज आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राफेल डील पर कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति का बयान काफी हैरान करने वाला है और साबित करता है कि हमारा शक सही था. अब ये साबित हो गया है कि राफेल सौदे में घोटाला किया गया था. अब प्रधानमंत्री को ये साफ करना चाहिए कि सौदे में किए गए भ्रष्टाचार से मिली राशि किसकी जेब में गई. क्या पीएम मोदी ने खुद को इस डील से फायदा पहुंचाया या पूरी की पूरी सरकार इसमें शामिल है. या फिर अनिल अंबानी को इस सौदे से सबसे ज्यादा फायदा मिला है. रक्षा मंत्री को राफेल डील पर झूठ बोलने के लिए तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
- राहुल गांधी ने एक और ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री और अनिल अंबानी ने मिलकर भारतीय रक्षा बलों पर 130,000 करोड़ रुपये की सर्जिकल स्ट्राइक की है.” उन्होंने आरोप लगाया, “मोदी जी आपने हमारे शहीदों के लहू का अपमान किया है. आपको शर्म आनी चाहिए. आपने भारत की आत्मा से विश्वासघात किया है.” राहुल गांधी ने ओलांद के बयान को लेकर शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था.
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