पीएम के साथ डील कर ली राहुल गांधी नेे ?
#आजाद और आनंद शर्मा मीटिंग नही करना चाहते थे #पीएम के साथ डील कर ली राहुल गांधी नेे #ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है कि उन्होंने पीएम मोदी से इस मुलाकात के लिए समय मांगा था# राहुल जी, आप मोदीजी के पर्सनल करप्शन को कम उजागर कर रहे हो?’ फिर व्यक्तिगत मीटिंग कर रहे हो#राहुल को मोदी के साथ डील करना बंद करना चाहिए वर्ना देश उन्हें माफ नहीं करेगा #गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी नहीं चाहते थे कि राहुल गांधी ऐसी कोई मीटिंग करें# राहुल गांधी की नाराजगी क्या मोदी के साथ डील का हिस्सा? # अरविंद केजरीवाल ने शनिवार (17 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ साफ उक्त आरोप लगाये- # www.himalayauk.org (Web & Print Media)
# राहुल गांधी के नेतृत्व वाली युवा टीम और सोनिया के विश्वस्त पुराने दिग्गजों के बीच कलह एक बार फिर सतह पर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी पर निशाना साधा। अरविंद केजरीवाल ने शनिवार (17 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि राहुल गांधी को मोदी के साथ डील करना बंद करना चाहिए वर्ना देश उन्हें माफ नहीं करेगा। इसके साथ ही नोटबंदी के फैसले को गलत बताते हुए कहा केजरीवाल ने कहा कि इस फैसले की वजह से रुपया कमजोर हो गया जिसकी वजह से केंद्र सराकर को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने पड़े। इसलिए निर्णय को जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए।
केजरीवाल ने पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी नीयत खराब है। वहीं राहुल गांधी पर कहा कि उन्होंने पीएम के साथ डील कर ली। केजरीवाल ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों के चंदे की जांच होनी चाहिए और उन्हें किसी तरह की छूट नहीं मिलनी चाहिए।
इससे पहले केजरीवाल ने राहुल गांधी और पीएम मोदी की मुलाकात पर ट्वीट भी किया था। उसमें केजरीवाल ने लिखा था, ‘राहुल जी, आप मोदीजी के पर्सनल करप्शन को कम उजागर कर रहे हो?’
राहुल गांधी और पीएम मोदी की मुलाकात से विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के लोग भी खुश नहीं है। कोई इस बात की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है कि उसने दोनों की मुलाकात को फिक्स किया था। माना जा रहा है कि लड़ाई राहुल गांधी की युवा ब्रिगेड और कांग्रेस के पुराने सदस्यों के बीच बढ़ती जा रही है जो कि राहुल गांधी का मां और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वासपात्र हैं। यहां तक की राहुल गांधी के साथ लगभग हर मौके पर नजर आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उन खबरों को गलत बता रहे हैं जिनमें कहा जा रहा थी उन्होंने पीएम के साथ राहुल गांधी की मुलाकात के लिए टाइम लिया था। लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि राहुल पहले से फिक्स मीटिंग को टाल नहीं सकते थे। लेकिन पार्टी के सीनियर नेता जैसे गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी नहीं चाहते थे कि राहुल गांधी ऐसी कोई मीटिंग करें।
मोदी से मुलाकात को लेकर अब कांग्रेस की तरफ से कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं
वही दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शुक्रवार को संसद परिसर में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर अब कांग्रेस की तरफ से कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं दिखता. इस मुलाकात के बाद बड़ी मुश्किल से शीतकालीन सत्र में एकजुट हुए विपक्ष की एकता में दरार पड़ने का खतरा पैदा हो गया. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राहुल गांधी ने पीएम मोदी से उस वक्त मुलाकात की जब उसके कुछ क्षण बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल नोटबंदी के सवाल पर राष्ट्रपति से मिलने वाले थे. वे राष्ट्रपति को यह बताने के लिए जाने वाले थे कि प्रधानमंत्री की 500 और 1000 रुपये की अचानक घोषणा के बाद से आम लोगों को बेहद दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस के इस कदम से लेफ्ट समेत खफा विपक्षी दलों ने फौरी तौर पर घोषणा करते हुए कहा कि वह उस मार्च में शामिल नहीं होंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से दो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए अप्वाइंटमेंट मांगा गया था. दरअसल कांग्रेस किसानों से मिली मांगों की सूची उनको सौंपना चाहती थी. दूसरी तरफ नोटबंदी के मसले पर विपक्षी एकजुटता के सामने लगातार घिर रही सरकार ने ऐन मौके पर मुलाकात का समय देकर उस एकता को तोड़ दिया. दरअसल इस मसले पर कांग्रेस के भीतर नाराजगी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली युवा टीम और सोनिया के विश्वस्त पुराने दिग्गजों के बीच कलह एक बार फिर सतह पर आ गई है. कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है कि उन्होंने पीएम मोदी से इस मुलाकात के लिए समय मांगा था. लेकिन यह भी कहा कि एक बार मुलाकात का समय तय होने के बाद राहुल गांधी के लिए उसको नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं था. दरअसल कुछ समय पहले राहुल गांधी ने यूपी के किसानों से मुलाकात के बाद कहा था कि वह निजी तौर पर उनकी मांगों को पीएम मोदी तक पहुंचाएंगे. उल्लेखनीय है कि यूपी में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. संसद में कांग्रेस की रणनीति बनाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने भी खंडन किया कि वे उस मीटिंग में राहुल की उपस्थिति चाहते थे. सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों ने कांग्रेस से आग्रह किया था कि राहुल गांधी की इस मीटिंग को किसी अन्य दिन के लिए टाल दिया जाना चाहिए. उसकी बड़ी वजह यह थी कि पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान नोटबंदी के मसले पर विपक्ष की तरफ से मोर्चा लेने में राहुल की मुख्य भूमिका रही थी. लेकिन कुल मिलाकर ऐसा संभव नहीं हो सका. इस संबंध में एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने कहा, ”कांग्रेस ने अकेले ही पीएम मोदी से मिलने का निश्चय किया. यह कोई तरीका नहीं है.” इसी तरह बसपा के एक नेता ने कहा कि क्या हम किसानों के पलायन से चिंतित नहीं हैं? सपा की तरह बसपा भी राष्ट्रपति से मिलने नहीं पहुंची. कांग्रेस के भीतर इस मामले में नाराजगी भरी सुगबुगाहट हो रही है. दरअसल उसके दो दिन पहले ही राहुल गांधी ने दावा किया था कि उनके पास पीएम मोदी के ‘निजी भ्रष्टाचार’ के संबंध में जानकारी है और यदि उनको संसद में बोलने का मौका दिया गया तो वह उसका पर्दाफाश कर देंगे. लेकिन सत्र के अंतिम दिन उसको उजागर करने के बजाय पीएम मोदी से राहुल गांधी मुलाकात करने चले गए. वहीं दूसरी तरफ लोकसभा में सदन चलने का इतना मौका दे दिया कि दिव्यांगों के अधिकार से संबंधित बिल पास हो गया.