सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गॉधी से कहा- इस तरह का बयान क्यों दिया?
कांग्रेस पार्टी की कमान अगले महीने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक संसद सत्र के बाद राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष; हरीश रावत को नेशनल जनरल सेक्रेटरी बनाया जा सकता है- (Execlusive www.himalayauk.org)
वही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राहुल गांधी से कहा कि वे आरएसएस को महात्मा गांधी का हत्यारा बताने के मामले में माफी मांगें या फिर मानहानि के केस में ट्रायल के लिए तैयार रहें। कोर्ट ने कहा कि ‘नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा’ और ‘आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को मारा’, इन दोनों बातों में बहुत फर्क है। उधर, कांग्रेस ने कहा कि राहुल माफी नहीं मांगेंगे। इसकी बजाय वे इतिहास से जुड़े फैक्ट्स और सबूत पेश करेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी। कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी आरएसएस के खिलाफ अपने बयान को लेकर माफी नहीं मांगेंगे और इसकी बजाय वह अपने दावे के समर्थन में अदालत के समक्ष ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्य के साथ उसकी पुष्टि करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से पूछा- ”आपने आरएसएस के बारे में इस तरह का बयान क्यों दिया? इस बयान से आपने इस ऑर्गनाइजेशन से जुड़े हर शख्स को एक ही रंग से रंग दिया।” कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी के खेद प्रकट करने या माफी मांगने का सवाल ही नहीं पैदा होता। इस तरह का सुझाव पहले भी दिया गया और राहुल गांधी ने उसे स्वीकार नहीं किया।’ सुरजेवाला ने कहा, ‘गांधी परिपक्व नेता हैं और ऐतिहासिक तथ्यों की उन्हें गहन जानकारी है। कांग्रेस पार्टी और गांधी उचित मंच पर इन टिप्पणियों का बचाव करेंगे।’ उन्होंने कहा कि चूंकि मामला फैसले के लिए लंबित है इसलिए ‘हम इस मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी करना पसंद नहीं करेंगे।’
वही दूसरी ओर- अपने बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस पार्टी की कमान अगले महीने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक संसद सत्र के बाद राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. मानसून सत्र 12 अगस्त को खत्म हो रहा है.
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताया है कि इस साल ही पार्टी संगठन के चुनाव करा लेगी. इसे चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ेंगी और राहुल गांधी की ताजपोशी हो सकती है.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सेहत बहुत अच्छी नहीं रहती है ऐसे में पार्टी के भीतर ये मांग उठती रही है कि कांग्रेस की कमान उनके बेटे और नेहरू-गांधी परिवार के ‘युवराज’ राहुल गांधी को दे दी जाए.
लोकसभा में कांग्रेस के सिर्फ 44 सांसद हैं और आजाद भारत के इतिहास में कांग्रेस का ये सबसे खराब नंबर है. कभी देश के ज्यादातर राज्यों पर शासन करने वाली कांग्रेस की सरकार अब चंद राज्यों में ही सिमट गई हैं. ऐसे में राहुल गांधी को ताज मिलेगा वो वो कांटों भरा ताजा होगा और उनके कंधे पर कांग्रेस पार्टी में दोबारा मजबूत करने की जिम्मेदारी होगी.
अगले साल यूपी और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं. ऐसे में राहुल गांधी के नेतृत्व की असली परीक्षा वहां पार्टी को सत्ता दिलानी होगा. यूपी में पार्टी बीते 27 साल से सत्ता से बाहर है.
राहुल ने यह बयान 6 मार्च 2014 को मुंबई के भिवंडी के सोनाले इलाके में एक रैली में दिया था। उन्होंने कहा था- “आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को मारा था।” इस बयान के बाद आरएसएस की एक शाखा के सेक्रेटरी राजेश कुंटे ने राहुल के खिलाफ भिवंडी के लोकल कोर्ट में क्रिमिनल केस दर्ज करवाया था। कुंटे का आरोप था कि इससे आरएसएस की छवि खराब हुई है। यह बयान जानबूझकर दिया गया है। राहुल ने मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर यह केस खारिज करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से पूछा- ”आपने आरएसएस के बारे में इस तरह का बयान क्यों दिया? इस बयान से आपने इस ऑर्गनाइजेशन से जुड़े हर शख्स को एक ही रंग से रंग दिया।” ”आप किसी ऑर्गनाइजेशन पर इस तरह का आरोप नहीं लगा सकते हैं।” “आप किसी को पब्लिकली क्रिटिसाइज नहीं कर सकते। हम सिर्फ यह जांच कर रहे हैं कि उन्होंने जो बयान दिए, वे मानहानि के दायरे में हैं या नहीं?” “राहुल को यह साबित करने की जरूरत है कि आरएसएस के खिलाफ दिया बयान लोगों के हित में था।” सुनवाई के दौरान राहुल के वकीलों ने उनके बयान को सही ठहराने की कोशिश की और दलील दी कि यह ऐतिहासिक फैक्ट है। इसके अलावा सरकारी रिकॉर्ड में यह दर्ज है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- “यदि राहुल गांधी खुद को डिफेंड करना चाहते हैं और माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं तो बेहतर होगा कि वे ट्रायल का सामना करें।”
सूरजेवाला कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने मानहानि के मुकदमे की संवैधानिकता के साथ-साथ महाराष्ट्र हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें तलब करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। उन्होंने कहा कि मानहानि के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया है। महाराष्ट्र हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाला आदेश विशेष अनुमति याचिका के जरिये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए लंबित है। सुरजेवाला ने कहा, ‘मामला आज सूचीबद्ध था। सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश सुनाए बिना इसे 27 जुलाई को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया। पक्षकारों के वकील और अदालत द्वारा दिए गए किसी भी बयान पर टिप्पणी नहीं की जा सकती, क्योंकि मामला कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।’
कांग्रेस की ब्रीफिंग में पार्टी प्रवक्ता गौरव गोगोई ने कहा, ‘राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है उस पर वह माफी नहीं मांगेंगे और मुकदमा लड़ेंगे, क्योंकि वह अपनी बातों को साबित करने के लिए ऐतिहासिक सबूतों के साथ तथ्यों को पेश करेंगे और जिन तथ्यों को हम सब जानते हैं उसे सबके सामने लाने में मदद करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इस मौके पर कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के साथ खड़ी है और हम आश्वस्त हैं कि हम मजबूत मामला पेश करेंगे और अंतिम फैसले पर सुनवाई होनी बाकी है और मामले पर उसके पूर्ण गुण-दोष के साथ सुनवाई की जानी है।’