किस मक़सद से राहुल दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं ?

चुनाव जीतने के बाद राहुल अमेठी सीट से इस्तीफ़ा देंगे तो उनकी जगह प्रियंका गाँधी के वहाँ से उपचुनाव लड़ने की पूरी संभावना है। वैसे भी अमेठी और रायबरेली गाँधी-नेहरू परिवार की पारिवारिक सीट रही है। हाल ही में अमेठी के दौरे पर गईं प्रियंका ने कार्यकर्ताओं के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में कहा भी था कि वह और राहुल दोनों बचपन से अमेठी आ रहे हैं। अमेठी उनके लिए घर जैसा ही है। हालाँकि पार्टी में यह चर्चा भी है कि प्रियंका वाराणसी में मोदी के ख़िलाफ़ ताल ठोक सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो मोदी के ख़िलाफ़ प्रियंका के जीतने की उम्मीद कम ही है। हालात साफ़ तौर पर इशारा कर रहे हैं कि अगली लोकसभा में प्रियंका को लाने का रास्ता साफ़ करने के मक़सद से ही राहुल दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।

सबसे पहले इंदिरा ने 1977 में संजय गाँधी को अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ाया था। वह पहला चुनाव हार गए थे। लेकिन 1980 में इसी सीट से जीत कर लोकसभा पहुँचे। कुछ ही समय बाद उनकी विमान दुर्घटना में असामयिक मृत्यु की वजह से खाली हुई इस सीट पर इंदिरा गाँधी ने राजीव गाँधी को उपचुनाव लड़वाकर लोकसभा पहुँचाया। इस तरह इंदिरा गाँधी ने अपने दोनों बेटों को लोकसभा भिजवाने के लिए अमेठी सीट को ही चुना।

साल 1999 में सोनिया गाँधी ने चुनावी राजनीति में क़दम रखा तो वह भी इसी सीट से लोकसभा पहुँची। 2004 में जब राहुल गाँधी ने राजनीति में कदम रखा तब सोनिया गांधी ने राहुल के लिए सीट खाली करके बाप की विरासत बेटे को सौंपी और ख़ुद सास की विरासत संभालने रायबरेली पहुँच गईंं। इस तरह राहुल गाँधी अमेठी सीट से ही लोकसभा पहुँचे। ये तमाम आँकड़े इस बात की ओर साफ़ इशारा करते हैं कि प्रियंका गाँधी भी इसी सीट से लोकसभा में क़दम रखेंगी। शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए राहुल गाँधी ने इस बार अमेठी के साथ एक दूसरी सीट से चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ने पर सियासी बवाल मचा हुआ है। बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बना रही है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर बीजेपी के छोटे-बड़े प्रवक्ता तक राहुल गाँधी के केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को अल्पसंख्यक तुष्टीकरण बता रहे हैं। वहीं कांग्रेस राहुल के इस फ़ैसले को दक्षिण भारत और उत्तर भारत के बीच एक सेतु का काम करने वाला फ़ैसला बता रही है। वहीं अहम सवाल यह है कि अगर राहुल गाँधी दोनों सीटों से जीत जाते हैं तो अगली लोकसभा में वह किस सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे और किस सीट से इस्तीफ़ा देंगे?

जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से इस सवाल का जवाब तलाश करने की कोशिश की गई तो कई ने चुप्पी साध ली और कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। वहीं एक वरिष्ठ नेता ने बड़े दावे के साथ कहा कि इसमें सोचने वाली क्या बात है अगर राहुल दोनों सीटों से जीते हैं तो अभी लोकसभा में वह निश्चित तौर पर दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे यानी वायनाड सीट अपने पास रखेंगे और अमेठी से इस्तीफ़ा देंगे। 

उन्होंने याद दिलाया कि 1980 में सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रहींं इंदिरा गाँधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली और आंध्र प्रदेश की मेडक सीट से एक साथ चुनाव लड़ा था। वो दोनों ही सीटों पर जीती थींं। तब इंदिरा गाँधी ने सातवीं लोकसभा में मेडक सीट का प्रतिनिधित्व किया था और रायबरेली सीट से इस्तीफ़ा दिया था। इंदिरा गाँधी के इस्तीफ़े के बाद खाली हुई रायबरेली सीट पर तब कांग्रेस ने इंदिरा गाँधी की मामी शीला कौल को चुनाव लड़ाया था। बाद में शीला कौल ने 1996 तक रायबरेली सीट का लगातार तीन बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया।

वैसे, 1998 में बतौर अध्यक्ष कांग्रेस की कमान संभालने के बाद सोनिया गाँधी ने 1999 में अमेठी के साथ कर्नाटक के बेल्लारी सीट से भी चुनाव लड़ा था और वह दोनों ही सीटों पर चुनाव जीत गई थी लेकिन तब उन्होंने अमेठी सीट अपने पास रखने का फ़ैसला किया और बेल्लारी सीट से इस्तीफ़ा दिया। बाद में बेल्लारी सीट भी कांग्रेस जीत गई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार वह सोनिया गाँधी का पहला चुनाव था और उस वक़्त परिवार का दक्षिण भारत से संपर्क जोड़ना प्राथमिकता नहीं थी। उस वक़्त पार्टी की जड़ें मज़बूत करना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की प्राथमिकता थी और इसलिए उस समय उन्होंने अमेठी से ही लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था।

अब हालात अलग हैं। दरअसल, राहुल गाँधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ कर केरल के साथ साथ कर्नाटक और तमिलनाडु में भी कांग्रेस का असर बढ़ाना चाहते हैं और बीजेपी के बढ़ते क़दमों को रोकना चाहते हैं। वैसे भी पिछले 5 साल में मोदी सरकार के राज के दौरान दक्षिणी राज्यों की शिकायत रही है कि उनकी अनदेखी हो रही है। इसीलिए दक्षिण भारत के कई नेताओं ने राहुल को दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने की सलाह दी थी जिसे उन्होंने मान लिया है। इसलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दक्षिण भारत के नेताओं की सलाह पर राहुल ने फ़ैसला किया है इसलिए वह वहीं से प्रतिनिधित्व करेंगे और इससे कांग्रेस मज़बूत होगी।

##############################
Presented by- हिमालयायूके-
हिमालय गौरव उत्तराखण्ड www.himalayauk.org
Leading Digital Newsportal & DAILY NEWSPAPER)

उत्तराखण्ड का पहला वेब मीडिया-2005 से

CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR
Publish at Dehradun & Haridwar, Available in FB, Twitter, whatsup Groups
& All Social Media ;
Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us)
Mob. 9412932030; ;
H.O. NANDA DEVI ENCLAVE, BANJARAWALA, DEHRADUN (UTTRAKHAND)

IFSC CODE: SBIN0003137 IFSC ACCOUNT NUMBER: 30023706551 IFSC ACCOUNT NAME: HIMALAYA GAURAV UTTARAKHAND

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *