बीजेपी गंभीर- राहुल तांत्रिक की सलाह पर प्रधानमंत्री के गले लगे थे ?

राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री के गले लगने की घटना को बीजेपी ने तांत्रिक क्रिया से जोडा- बीजेपी इस मामले में बहुत गंभीर नजर आ रही है- कि आखिर किस उददेश्‍य से राहुल ने ऐसा किया- # नरेंद्र मोदी से गले लगने के बहाने राहुल गांधी सदन में प्रधानमंत्री की कुर्सी को छूना चाहते थे  #तांत्रिक ने राहुल गांधी को सलाह दी थी कि अगर वे प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो उन्हें अपना भाषण खत्म करने के बाद किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री की कुर्सी को छूना होगा.#भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता काा दावा #  हालांकि यह सत्‍य है कि चुनावो के दौरान अनेक राजनेता विजय हासिल करने के लिए अनेक तांत्रिक क्रिया, हवन आदि करवाते है, शायद इसी कारण बीजेपी नेताओं के मन में संशय आया हो

Execlusive Report: हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो www.himalayauk.org (H.G.U.)

तांत्रिक की सलाह पर राहुल ने लगाया था पीएम मोदी को गले?

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया. गले लगाने के बाद इसे अचानक लिया गया फैसला बताया गया. लेकिन, यह अचानक लिया गया फैसला नहीं था. सूत्रों के मुताबिक, राहुल-मोदी की झप्पी की प्लानिंग फरवरी से हो रही थी. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान ही इसकी योजना बनाई गई थी.  लोकसभा में 20 जुलाई 2018 को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी ने अपने भाषण के बाद पीएम मोदी को गले लगा लिया था.

मीडिया सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि राहुल गांधी केवल पीएम की कुर्सी छूकर वापिस आते तो ज्यादा चर्चा होती इसलिए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाने के बहाने उनकी कुर्सी भी छू ली।बग्गा ने दावा किया कि उन्हें एक कांग्रेसी मित्र ने ही इस बात की जानकारी दी थी। दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि तांत्रिक ने राहुल को सलाह दी थी कि अगर वे अपने भाषण के दौरान पीएम की कुर्सी को छुएंगे तो उनके पीएम बनने के योग खासे मजबूत होंगे।  बग्गा ने कहा कि राहुल को देश को बताना चाहिए कि क्या सच में उन्होंने पीएम की कुर्सी पाने के लिए एक तांत्रिक का सहारा लिया। बग्गा ने कहा कि अगर वाकई इसमें सच्चाई है तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास का सहारा लेना बेहद निंदनीय कार्य कहलायेगा।  कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि राहुल भाषण के दौरान भावुक हो गए थे इसलिए उन्होंने पीएम को गले लगाया।

भारतीय जनता पार्टी में इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि राहुल गॉधी द्वारा प्रधानमंत्री को गले लगाना किसी दूरगामी रणनीति या धार्मिक तंत्र का अनुष्‍ठान का एक हिस्‍सा तो नही था- प्रधानमंत्री ने शाहजहांपुर की रैली में कहा कि ‘कल संसद में मैंने उनसे कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का कारण बताइए. जब वो मुझे कारण नहीं बता पाए, वो गले पड़ गए, लेकिन वो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.’ बीजेपी ने राहुल गांधी के व्यवहार को बचकाना बताया. यहां तक कि स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि उनका आचरण सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेता राहुल गांधी को इसके लिए निशाना बना चुके हैं,

राहुल गांधी तांत्रिक की सलाह पर प्रधानमंत्री के गले लगे थे : तजिंदर पाल बग्गा
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तजिंदर पाल बग्गा ने एक ट्वीट करके यह दावा किया है; भाजपा के दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तजिंदर पाल बग्गा ने इस घटना को लेकर एक अजीबो-गरीब ट्वीट किया है. तजिंदर पाल बग्गा का दावा है कि नरेंद्र मोदी से गले लगने के बहाने राहुल गांधी सदन में प्रधानमंत्री की कुर्सी को छूना चाहते थे. तजिंदर पाल बग्गा ने इस ट्वीट में कहा है, ‘मेरे एक करीबी मित्र जो कांग्रेस के सांसद हैं, ने बताया है कि एक तांत्रिक ने राहुल गांधी को सलाह दी थी कि अगर वे प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो उन्हें अपना भाषण खत्म करने के बाद किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री की कुर्सी को छूना होगा.’ बग्गा का यह भी कहना है कि अब राहुल गांधी को खुद देश को बताना चाहिए कि क्या उन्होंने वाकई किसी तांत्रिक के कहने पर ऐसा किया था?

राहुल गांधी तांत्रिक की सलाह पर प्रधानमंत्री के गले लगे थे : तजिंदर पाल बग्गा
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तजिंदर पाल बग्गा ने एक ट्वीट करके यह दावा किया है; भाजपा के दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तजिंदर पाल बग्गा ने इस घटना को लेकर एक अजीबो-गरीब ट्वीट किया है. तजिंदर पाल बग्गा का दावा है कि नरेंद्र मोदी से गले लगने के बहाने राहुल गांधी सदन में प्रधानमंत्री की कुर्सी को छूना चाहते थे. तजिंदर पाल बग्गा ने इस ट्वीट में कहा है, ‘मेरे एक करीबी मित्र जो कांग्रेस के सांसद हैं, ने बताया है कि एक तांत्रिक ने राहुल गांधी को सलाह दी थी कि अगर वे प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो उन्हें अपना भाषण खत्म करने के बाद किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री की कुर्सी को छूना होगा.’ बग्गा का यह भी कहना है कि अब राहुल गांधी को खुद देश को बताना चाहिए कि क्या उन्होंने वाकई किसी तांत्रिक के कहने पर ऐसा किया था? हालांकि इस मुद्दे पर राहुल गांधी का बचाव करते हुए कांग्रेस पार्टी के नेता पहले ही कह चुके हैं कि अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष भावुक हो गए थे इसीलिए वे प्रधानमंत्री के पास उनके गले लगने पहुंचे ​थे.

 
राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने बताया, राहुल के पीएम को गले लगाने के बाद लोकसभा में बैठे सभी लोग चौंक गए थे. यहां तक कि खुद कांग्रेस पार्टी के नेता इससे चौंक गए थे. पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘फरवरी में पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में बोल रहे थे, उसी वक्त राहुल गांधी को यह विचार सबसे पहले आया था.’ उस दौरान मोदी ने कांग्रेस पर एक परिवार के लिए काम करने का आरोप लगाया था.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से गले मिलने का निर्णय अचानक किया था. सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी अपने भाषण के दौरान भावुक हो गए थे, और भाषण खत्म होते ही उन्होंने गले मिलने का निर्णय कर लिया. राहुल ऐसा करने जा रहे हैं, यो कांग्रेस के लोगों को भी नहीं पता था. राहुल ने अपने भाषण के दौरान कहा कि उनके मन में प्रधानमंत्री के प्रति सिर्फ प्रेम है. और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और पूरी भाजपा के मन में भी प्रेम है, लेकिन वो उसके बारे में भूल गए हैं. राहुल ने कहा कि वो पीएम और भाजपा के अंदर के प्रेम को जगाकर रहेंगे. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने राहुल गांधी के इस कदम की बहुत तारीफ की. जबकि कई लोगों ने इसे बचकाना और पहले से तय बताया. राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा, ‘आप मुझे गाली दे सकते हैं. आप मुझे पप्पू कह सकते हैं. लेकिन मैं कभी भी आपके खिलाफ बुरे शब्द नहीं कहूंगा. मैं आपसे घृणा को खत्म करके उसे प्यार में बदल दूंगा.’ इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस पर सत्ता की भूखी होने का आरोप लगाया. पीएम ने कहा, ‘सुबह वोटिंग खत्म नहीं हुई थी, डिबेट खत्म नहीं हुई थी, और एक सदस्य मेरे पास आकर कहने लगा कि उठो, उठो, उठो. उन्हें सत्ता में आने की इतनी जल्दी क्या है?’

अब कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने ये साफ कर दिया है कि गले मिलने की योजना पहले से तय नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को ऐसा करते देख हम भी उतने ही हैरान थे, जिसना की कोई भी दूसरा व्यक्ति. हालांकि उन्हें ऐसा करते हुए देखकर हमें खुशी हुई. पार्टी में सभी ने उनके इस निर्णय को बहुत सराहा.’

 
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, उस वक्त ‘पीएम मोदी ने सबकी आलोचना की, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी. इसके बाद राहुल को विचार आया कि मोदी काफी गुस्से में हैं उन्हें एक झप्पी की जरूरत है.’ पार्टी नेता ने बताया, ‘राहुल के इस कदम का मकसद यह बताना था कि विपरीत विचारधारा के बावजूद एक-दूसरे के साथ बगैर नफरत के रहा जा सकता है.’
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलने के दौरान बोफोर्स घोटाले का जिक्र किया. सूत्रों की मानें तो राहुल उस वक्त पीएम को गले की टाइमिंग को लेकर तैयार नहीं थे. राहुल गांधी ने इसे लेकर बहुत लोगों से चर्चा नहीं की, यह लंबे समय से उनके दिमाग में था. सूत्रों ने यह भी कहा कि ‘यह काफी अजीब होता अगर राहुल भाषण के बीच में जाकर मोदी को गले लगाते, इसलिए तय किया गया कि भाषण के बाद राहुल मोदी को गले लगाएंगे.’ राहुल गांधी के इस कदम ने उनकी खुद की पार्टी के नेताओं को चौंका दिया था. कांग्रेस के एक नेता ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि उनके साथ बैठे लोगों को लग रहा था कि राहुल गांधी एक ब्रेक ले रहे हैं, लेकिन इसके बाद राहुल मोदी के पास गए उन्हें गले लगाया. हालांकि, भाषण के बाद राहुल का विंक (आंख मारना) कहीं भी प्लानिंग का हिस्सा नहीं था.

वही दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार शाम दिल्ली में करीब सौ महिला पत्रकारों से एक अनौपचारिक मुलाकात की. करीब दो घन्टे तक चली इस मुलाकात में राहुल ने खुल कर बातचीत की और महिला पत्रकारों के तमाम सवालों के जवाब दिए. महिला पत्रकारों को राहुल का अंदाज खूब पसंद आया. चूंकि ये मुलाकात अनौपचारिक थी इसलिए इस तरह की मुलाकात के दौरान हुई बातचीत को प्रकाशित नहीं किया जाता. लेकिन राहुल से मुलाकात करने के बाद कुछ महिला पत्रकारों ने ट्वीट कर अपना अनुभव साझा किया. ज्यादातर पत्रकारों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ऐसी पहल और बातचीत के दौरान सवालों के जवाब देने के अंदाज की प्रशंसा की. कुछ महिला पत्रकारों ने प्रधानमंत्री मोदी से भी ऐसी मुलाकात की ख्वाहिश जाहिर की. उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि मोदी ने चार सालों में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की.वरिष्ठ पत्रकार शीला भट्ट ने लिखा “राहुल गांधी से मिली और उनको सुना. रणदीप सुरजेवाला का शुक्रिया. बेहद रोचक. करीब 100 महिला पत्रकारों में से राहुल ने किसी भी सवाल को नहीं छोड़ा.” कुछ पत्रकारों ने कहा कि इस मुलाकात में खबर बनने लायक कई सारी बातें हुई लेकिन अफसोस ये एक ऑफ-रिकॉर्ड मुलाकात थी. महिला पत्रकारों ने ऐसी मुलाकात की वकालत कि ताकि भारतीय राजनीति पर मर्दवादी सोच के जहर को कम किया जा सके. खास बात ये है कि राहुल गांधी ने महिला पत्रकारों से दुबारा मुलाकात का वादा भी किया है. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव, प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी आदि भी मौजूद थे

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक
NEW DELHI: Congress president Rahul Gandhi’s controversial hug in Parliament was a wellthought out move and an idea that took shape during Prime Minister Narendra Modi’s Parliament speech in February.

Gandhi had walked across the aisle and given a reluctant PM a hug after a fiery speech last Friday during no-confidence motion.

Sources close to Gandhi indicated that the hug, which had left even his partymen surprised, was a careful gesture. “The idea first came to him (Rahul) while he was listening to PM’s speech in reply to motion of thanks on President’s address in February,” said a party functionary. During the speech, Modi had torn into Congress for its dynastic politics and serving just “one family”.

“He criticised everyone – Jawaharlal Nehru, Indira Gandhi, Rajiv Gandhi and Sonia Gandhi. It is then that the party president thought that Modi is really angry and just needed a hug,” said a source close to him, adding that the point Gandhi was trying to prove was that adversaries need not hate each other. “We can all exist in the same political ecosystem without the hatred was his message,” the functionary said.

Modi had raked up corruption, especially Bofors scam, to attack the Congress. Sources said that Gandhi was not sure about the timing of the hug. “It was not discussed openly but he always had it in mind,” the source said adding “It would have looked very awkward to have stopped his speech and then gone across the aisle to hug the PM. So he finished the speech and then went across.” The gesture had stumped his partymen as well. Congress MPs around him thought Gandhi was taking a short break. A Congress MP told ET, “We thought he was taking a break. But then he went across and hugged the PM.” The wink, which landed Gandhi in trouble with the Speaker, was an impromptu gesture.

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