23 को राहुल ने किशोर उपाध्याय की बात पर मोहर लगायी तो
#एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट- नीति लागू करना चाहतेे है किशोर # उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के एक बयान से कांग्रेस सरकार में भूचाल सा आ गया-बात ही कुछ ऐसी कह बैठे बिना लाग लपेट के अपनी बात कहने के धनी- किशोर# अगर राहुल ने इस नीति पर मोहर लगायी और कांग्रेस लौटी तो किशोर उपाध्याय होगे कांग्रेस के भावी कर्णधार- # वही अपने परिजनों तथा पीडीएफ के सहारे फिर हरीश रावत वापस लौटना चाहते है #राहुल अध्यक्ष बनने के बाद हरीश रावत को केन्द्रीय महासचिव बनाने के इच्छुक- एक बार वह कह भी चुके हैं हरीश रावत से-
वही उत्तराखड के सचिवालय में निष्ठावान वालों को ढुढ ढुढ कर रेवडियां बांटी जा रही है, सचिवालय में इस समय मेला सा लगा है- इसमें गौरतलब यह है कि कांग्रेस संंगठन के मुखिया की कोई राय संस्तुति इसमं नही ली जा रही है-संगठन के किसी पदाधिकारियों को सरकार में एडजस्ट भी किया जा रहा है तो बिना किशोर की संस्तुति लिये- वही संगठन के मुखिया के रूप में सरकार को दी गयी राय तथा कुछ पदाधिकारियों को एडजस्ट करने की राय भी अनदेखी कर दी गयी- सिर्फ अपने प्रति निष्ठावान लोगों को बांटी जा रही है रेवडिया- क्यों हुआ ऐसा- जनचर्चा के अनुसाार कोशिश अब यहां तक होगी- किशोर चुनाव न जीत पाये-
हिमालयायुूके न्यूज पोर्टल सम्पादक चन्द्रशेखर जोशी की एक पडताल-
उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव की आचार संहिता किसी भी समय लगने की घोषणा हो सकती है- इसी दौरान बडी रणनीति अंजाम दी जा रही है- उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के आचार संहिता की घोषणा निकट आती जा रही है , ऐसे में सत्तारूढ दल द्वारा राजकोष से रेवडियां बांटी जा रही है- आज 21 दिसम्बर को 100 से ज्यादा सदस्य संस्क़ति विभाग में बनाये गये- सलाहकार अलग से है, कमेटियां अलग से है, उपाध्यक्ष समेत 100 सदस्य संस्कति विभाग में बनाकर उत्तराखण्ड के राजकोष को खाली करने का काम किया जा रहा है- ऐसा करीब हर विभाग में किया जा रहा है-
वही दूसरी ओर उत्तराखण्ड कांग्रेस संगठन में ही हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र से तो मुख्यमंत्री की पुत्री को टिकट देने के लिए पार्टी के भीतर से ही आवाज उठनी शुरू हो गई है। वहीं कैबिनेट मंत्रियों इंदिरा हृदयेश और यशपाल आर्य पर परिवार के सदस्यों को टिकट दिए जाने के लिए दबाव बनाने के आरोप लगते रहे हैं। परिवार को आगे बढ़ाने की यह छटपटाहट अन्य मंत्रियों में भी दिखाई दे रही है। किशोर के तीर की जद में कई निशाने हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने की जुगत में भिड़े हैं लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के इस बयान से हरीश रावत समेत अनेक मंत्री परेशान हो गये हैं कि एक परिवार से एक को ही टिकट मिलना चाहिए।
उनके इस बयान से कांग्रेस की सियासत में हलचल पैदा हो गई है। हालांकि किशोर ने इसे संगठन की राय से जुदा नितांत निजी राय बताया है,लेकिन सियासी हलकों में उनके बयान के निहितार्थ टटोले जा रहे हैं।
कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान एक परिवार में कई-कई लोगों को टिकट दिये जाने से जुड़े प्रश्न पर किशोर ने बहुत बेबाकी के साथ अपनी राय व्यक्त की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एक बार फिर मन की बात कह तो गए, लेकिन इसके निशाने पर मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत उनकी कैबिनेट के कई वरिष्ठ मंत्री निशाने पर आ गए हैं। किशोर ने कहा कि एक परिवार से एक व्यक्ति को ही टिकट मिलना चाहिए, अन्यथा कांग्रेस परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नाइंसाफी हो जाएगी।
विधानसभा चुनाव के मौके पर किशोर के इन बोलों ने परिवार को टिकट की दौड़ में आगे बढ़ाने में जुटे दिग्गजों को असहज कर दिया है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के साथ ही संगठन को भी मजबूती देने के मुद्दे पर गाहे-बगाहे तल्ख तेवर, मंत्रियों समेत पार्टी विधायकों को संपत्ति का ब्योरा देने, विधायकों और दायित्वधारियों से गनर वापस लेने समेत कई मामलों में अलहदा स्टैंड लेकर किशोर चौंका चुके हैं।
इन सब कशमश के बीच 23 दिसम्बर को कांग्रेस के राष्टीय उपाध्यक्ष राहुल गॉधी जी अल्मोडा में एक विशाल रैली को सम्बोधित करने आ रहे है, जिसमें कांग्रेस संगठन ने पूरी ताकत लगा दी है, वही सरकार के मुखिया सचिवालय में विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों को बांट कर कांग्रेस संगठन पर अपनी बढत बनाने के प्रयास में लगे है परन्तु कांग्रेस के युवराज ने अगर एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट – किशोर उपाध्याय की बात पर मोहर लगायी तो सरकार में काबिज नेताओं के चेहरो का भूगोल कुछ अलग ही होगा-