राम मंदिर शिलान्यास का महूर्त समय ;प्रतिष्ठित संतों और ज्योतिष शास्त्र ने सवाल खडे कर दिये
5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले राममंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर वाराणसी के संतों और ज्योतिषियों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ प्रतिष्ठित संतों और ज्योतिषशास्त्र के विद्वानों के अनुसार 5 अगस्त बुधवार को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर राम मंदिर शिलान्यास का महूर्त अशुभ है। अब चूंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राममंदिर का शिलान्यास करने जा रहे हैं तो मुहूर्त पर यह विवाद बेहद महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला है। : 5 अगस्त के शिलान्यास मुहूर्त में है ‘पाप-कर्तरी योग’ हिमालयायूके एक्सक्लूसिव : Presents by Chandra Shekhar Joshi- Editor
5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में साधु संतों के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी सहित करीब 150 लोग शामिल होने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी 40 किलो की चांदी की ईंट मंदिर के गर्भगृह में रखेंगे। साथ ही जमीन में साढ़े 3 फीट गहरे गड्ढे में चांदी की 5 ईंटें रखी जाएंगी, जो 5 नक्षत्रों का प्रतीक होंगी। Himalayauk Newsportal :
5 अगस्त को ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति भी शुभ योग नहीं बना रही है- ज्योतिषाचार्य आचार्य अविनाश राय ;;;
अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर विवाद शुरू हो गया है. प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आचार्य अविनाश राय ने 5 अगस्त को शुभ मुहूर्त नहीं होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि इस वक्त भूमि पूजन करना कतई उचित नहीं होगा. चातुर्मास में देवालय का भूमि पूजन और शिलान्यास वैसे भी नहीं किया जाना चाहिए. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 5 अगस्त को ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति भी शुभ योग नहीं बना रही है. इस मुहूर्त में भूमि पूजन से निर्माण में कई तरह की बाधाएं पैदा हो सकती हैं.
5 अगस्त को ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति भी शुभ योग नहीं बना रही है- ज्योतिषाचार्य आचार्य अविनाश राय
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर मंदिर के शिलान्यास की तय तिथि यानि 5 अगस्त को अशुभ बताया है. अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है. भूमि पूजन में पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कुछ खास लोगों को बुलाया गया है. भूमि पूजन का कार्यक्रम काशी काशी के विद्वानों और आचार्यों की देखरेख में होगा.
5 अगस्त के राममंदिर शिलान्यास मुहूर्त को देखें तो वहां चंद्रमा कुंभ राशि में दो बड़े पाप ग्रहों मंगल और शनि के बीच में फंस गया है l मकर राशि में गोचर कर रहे शनि चन्द्रमा से बाहरवें भाव में हैं तो वहीं मंगल चंद्रमा से दूसरे घर में होकर उसे घेरे हुए है। चंद्रमा को मुहूर्त के ग्रंथों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना माना जाता है उसका इस प्रकार पाप ग्रहों के मध्य में होना एक अशुभ योग माना गया है। 5 अगस्त को बुधवार का दिन है जो कि शुभ है लेकिन तिथि कृष्ण पक्ष की द्वितीय है जो कि साधारण है।
अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में तीर्थराज प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के जल का उपयोग किया जाएगा. गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम का जल लाने की जिम्मेदारी मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले संगठन विश्व हिन्दू परिषद को दी गई है. वीएचपी और प्रयागराज के लोग इस गौरव से काफी खुश हैं.
मंदिर के शिलान्यास और अन्य शुभ धार्मिक कार्यों के आरंभ के लिए शुक्ल पक्ष को शुभ माना जाता है लेकिन यह शिलान्यास कृष्ण पक्ष में होगा जो इसके शुभ प्रभाव को कम कर रहा है। 5 अगस्त को 12 बजकर 5 मिनट पर अभिजीत महूर्त है जो कि दोषों को नष्ट करने वाला माना जाता है मुहूर्त के समय लग्न तुला है जो कि चर राशि का है। महूर्त के ग्रंथों के अनुसार, स्थिर लग्न या द्विस्वभाव लग्न शिलान्यास के लिए लिया जाना चाहिए। मुहूर्त कुंडली में लग्नेश शुक्र का राहु के साथ नजदीकी अंशों में युति कर विवाद स्थान यानी छठे भाव में बैठे मंगल और छठे भाव के स्वामी गुरु से दृष्ट होना एक बड़ा दोष निर्मित करता है।
ज्योतिषशास्त्री सचिन मल्होत्रा 5 अगस्त के राम मंदिर भूमि पूजन मुहूर्त पर क्या कहते है राममंदिर मुहूर्त की कुंडली का अवलोकन करें तो यहां कुछ आश्चर्यजनक संयोग जान हैरान रह जाएंगे। राम मंदिर आंदोलन के समय 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में विश्वहिंदू परिषद ने हजारों रामभक्तों के साथ राममंदिर का शिलान्यास किया था किन्तु तब यह विषय कोर्ट में विचाराधीन था। इस घटना के 30 साल बाद 9 नवंबर 2019 को इस ऐतिहासिक विवाद का पटाक्षेप करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हुए राममंदिर के पक्ष में निर्णय सुनाया। इन दोनों महत्वपूर्ण घटनाओं में तिथि 9 नवंबर की थी। पिछले वर्ष 5 अगस्त को एक नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा ने धारा 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्ज़े को समाप्त कर अपना एक बड़ा चुनावी वादा पूरा किया था। अब 5 अगस्त को राममंदिर शिलान्यास के लिए वही तारीख चुनना महज एक संजोग नहीं हो सकता। जनसाधारण के लिए एक विशेष तारीख ऐतिहासिक महत्व की हो सकती है किन्तु ज्योतिषशास्त्र, जो की ग्रहों के गणना पर आधारित है, में लग्न-महूर्त का महत्त् महत्त्व है। 5 अगस्त के शिलान्यास मुहूर्त में है ‘पाप-कर्तरी योग’
पीएम मोदी का जन्मकालीन चन्द्रमा वृश्चिक में है जिससे चौथे स्थान में कुंभ राशि में चंद्रमा शिलान्यास मुहूर्त के समय होगा, जो कि ज्योतिष के नियमों के अनुसार शुभ नहीं है। ऐसे में इस मुहूर्त को चुनने से राममंदिर के निर्माण कार्य में देरी हो सकती है साथ ही प्रधानमंत्री को कई विवादों में भी उलझना पड़ सकता है।
गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी से आज उनके निवास पर मुलाकात की. इस दौरान भूपेंद्र यादव भी उनके साथ मौजूद थे. गृह मंत्री ने आडवाणी के स्वास्थ्य का हाल जाना. इसके अलावा यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि शुक्रवार को बाबरी ढ़ाचा विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी की कोर्ट में पेशी होनी है. जो वकील इस केस में आडवाणी को असिस्ट करेंगे उन वकीलों की टीम के साथ अमित शाह आडवाणी के घर पहुंचे थे. करीब साढ़े चार बजे अमित शाह एलके आडवाणी के घर पहुंचे और 30 मिनट तक दोनों के बीच बात हुई. बताया जा रहा है कि शाह ने इस दौरान भूमि पूजन कार्यक्रम में शिरकत को लेकर भी आडवाणी से बात की.
बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने जान की बाजी लगा दी थी और अगर 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए उन्हें बुलाया गया तो वे जरूर जाएंगी. उमा भारती ने कहा कि ये पांच सौ सालों से चला आ रहा आंदोलन था, और इसे दुनिया के 1.5 अरब लोग देख रहे थे. पूर्व केंद्रीय उमा भारती ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर के लिए जान की बाजी लगाी थी और अगर मौका मिला तो वे इस मौके पर जरूर अयोध्या जाना चाहेंगी. उमा भारती ने कहा कि कोरोना काल में मंदिर का भूमि पूजन एक प्रोटोकॉल के तहत होगा और इसका पालन करना जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनके पास अबतक ट्रस्ट के पास से न्योता नहीं आया है. उमा भारती ने कहा कि वे उन नेताओं में से हैं जिन्होंने कभी भी राम मंदिर के अभियान में भाग लेने के लिए खेद व्यक्त नहीं किया है, शर्मिंदगी व्यक्त नहीं की है. उमा भारती ने कहा कि वे इस मामले की आरोपी हैं और हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुईं थीं. उमा भारती ने कहा कि इस अभियान से जुड़ना उनके जीवन का गौरव रहा है और इसके जो भी परिणाम होंगे वो उनके गौरव को और भी बढ़ाएगा.
राम मंदिर के भूमि पूजन में पीएम नरेंद्र मोदी के जाने पर पैदा हुए विवाद पर उमा भारती ने कहा कि जिस राम मंदिर को लेकर पूरी दुनिया के लोग उत्सुक हैं अगर उसमें प्रधानमंत्री चले जाएंगे तो इससे कोरोना के खिलाफ जंग पर क्या असर पड़ेगा. उमा भारती ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी मशीनरी लगी हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई राम मंदिर निर्माण से अलग है.
उमा भारती ने कहा कि बीजेपी के लिए राम मंदिर कभी चुनाव का मुद्दा नहीं था. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के नाम पर कभी लाभ लेने की कोशिश नहीं की, जबकि मैं आडवाणी जी की सेकेंड लेफ्टिनेंट थी. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले ही वो सांसद बन चुकी थीं.