शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में ; ऊं शांति…ऊं शांति..ऊ शांति- अमोघ शांति मंत्र का जाप करे

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,  पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।  वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,  सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥  … Continue reading शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में ; ऊं शांति…ऊं शांति..ऊ शांति- अमोघ शांति मंत्र का जाप करे