बैंक डिफॉल्टर्स के 68,607 करोड़ माफ होने का मामला गूंजा; RBI ने सूची डाली
RBI ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित ‘मित्रों’ के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं- बडा आरोप
नई दिल्ली: देश के कई बड़े पूंजीपतियों के 68,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बट्टे खाते में डाले जाने से जुड़ी खबर को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कुछ हफ्तों पहले संसद में उनके प्रश्न का उत्तर नहीं देकर, इसी सच को छिपाया गया था. कांग्रेस का दावा है कि ‘24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया ‘माफ करने’ की बात स्वीकार की. इनमें भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के नाम भी शामिल हैं’इसी को लेकर गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए. वित्त मंत्री ने जवाब नहीं दिया.”
संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- मुझे देश के 50 सबसे बड़े
बैंक चोरों के नाम बताइए।
वित्तमंत्री
ने जवाब देने से मना कर दिया।
अब RBI ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के ‘मित्रों’ के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं।
इसीलिए
संसद में इस सच को छुपाया गया।
जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वालों की लिस्ट में भाजपा सरकार के मित्रों को रखा गया है। इस लिस्ट में डाले गए कई चेहरों को प्रधानमंत्री के साथ कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी देखा गया है।
प्रधानमंत्री देश के प्रति दायित्व निभा रहे हैं या अपने बड़े उद्योगपति मित्रों के प्रति?
उन्होंने दावा किया, ‘‘ अब रिजर्व बैंक ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के ‘मित्रों’ के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं. इसीलिए संसद में इस सच को छिपाया गया.” राहुल गांधी के आक्रामक तेवरों के बाद कांग्रेस ने भी डिजिटल प्रेस कांफ्रेस कर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कांग्रेस ने RTI का हवाला देते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के डीए कटौती का भी मामला उठाया. कांग्रेस ने कहा कि कोरोना से हर किसी का नुकसान हो रहा है. केंद्रीय कर्मचारियों ने 37 हजार करोड़ रुपये का DA घटा दिया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार प्राइवेट कंपनियों से हजारों करोड़ रुपये कोरोना से लड़ने के नाम पर ले रही है. दूसरी तरफ बैंक डिफॉल्टर्स के 68,607 करोड़ माफ कर रही है. उन्होंने इसे मोदी सरकार की जन धन गबन योजना करार दिया.
गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने कर्ज अदा नहीं करने वाले 50 सबसे बड़े चूककर्ताओं के नाम पूछे थे. इस पर सरकार ने कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की वेबसाइट पर सारे नामों को दिया जाता है और ये नाम वेबसाइट पर उपलब्ध हैं.