तीन महासागरों का संगम, कन्याकुमारी का ‘गुड लक’…: कन्याकुमारी को राहुल गांधी से किसी करिश्मे का इंतजार – सत्ता मिलने का गुडलक है यह स्थान- बिना सांसदो के पीएम बन गये थे यह
राहुल गांधी विपस्सना ध्यान तकनीक के साधक हैं, # राहुल गांधी की 3570 किलोमीटर की यात्रा चमत्कारिक है, मानो थकने का नाम ही नही लेते, इससे पूर्व वह केदारनाथ में अनेको बार पैदल यात्रा कर चुके हैं, कैलाश मानसरोवर की पैदल यात्रा कर चुके हैं, वही ब्लेक बेल्ट धारी हैं # राहुल गांधी मार्शल आर्ट एकिडो के पुराने खिलाड़ी हैं। उन्होंने उसमें ब्लैक बेल्ट हासिल कर रखा है। यह आपको फिट और शांत रखती है। # A Special Report by Chandra shekhar Joshi Editor Mob. 9412932030 Mail; himalayauk@gmail.com
राहुल गांधी विपस्सना ध्यान तकनीक के साधक हैं, विपश्यना यह गौतम बुद्ध द्वारा बताई गई एक योग साधना हैं। विपश्यना का अर्थ है – विशेष प्रकार से देखना भगवान बुद्ध ने ध्यान की ‘विपश्यना-साधना’ द्वारा बुद्धत्व प्राप्त किया था। महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं में से एक विपश्यना भी है। यह वास्तव में सत्य की उपासना है। सत्य में जीने का अभ्यास है। विपश्यना इसी क्षण में यानी तत्काल में जीने की कला है। भूत की चिंताएं और भविष्य की आशंकाओं में जीने की जगह भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को आज के बारे में सोचने केलिए कहा। विपश्यना सम्यक् ज्ञान है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देख-समझकर जो आचरण होगा, वही सही और कल्याणकारी सम्यक आचरण होगा। विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि यह जीवन की सच्चाई को उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है।
एक तेरा कदम, एक मेरा कदम, मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन।’’ # राहुल गांधी की 3570 किलोमीटर की यात्रा # 7 सितंबर की सुबह वे तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर पहुंचकर अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि दी. साल 1991 में श्रीपेरंबूदूर में ही चुनावी रैली के दौरान एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी हत्या हुई थी. #भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत # 7 सितंबर की शाम कांग्रेस नेता राहुल गांधीतमिलनाडु के कन्याकुमारी में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत की #
कन्याकुमारी के त्रिवेणी संगम के पास यह यात्रा शुरू हुई, जहां अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर जुड़ते हैं. कन्याकुमारी से शुरू होकर यह यात्रा जम्मू-कश्मीर तक पहुंचेगी. अगले 150 दिनों में यह यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. इस दौरान करीब 3570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी.
कन्याकुमारी:कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। ये रास्ते कई बार पदयात्राओं के भी गवाह बनते रहे हैं। गुलाम भारत में ऐसी ही पदयात्रा ने आजादी की अलख जगाई तो आजाद भारत में इन यात्राओं ने सुस्त पड़ी पार्टी में जान फूंक दी। नमक कानून तोड़ने के लिए अहमदाबाद से दांडी तक 241 किमी की पदयात्रा महात्मा गांधी ने 25 दिन में पूरी की। वहीं आजाद भारत के इतिहास में सियासी यात्राओं की बात करें तो चंद्रशेखर की भारत यात्रा को भला कौन भूल सकता है।
कन्याकुमारी में तीन महासागरों का संगम है- हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर। कन्याकुमारी जाने वाले लोगों के लिए उगते और डूबते सूरज को देखने के साथ ही यह भी बड़ा टूरिस्ट प्वाइंट है। इसी कन्याकुमारी से 6 जनवरी 1983 को बागी बलिया के दिग्गज नेता चंद्रशेखर ने भारत यात्रा शुरू की। 25 जून 1983 को दिल्ली के राजघाट पर यह यात्रा खत्म हुई। तकरीबन 4200 किमी की इस यात्रा में चंद्रशेखर रोज 40 से 45 किमी पैदल चलते थे। इस यात्रा के सात साल बाद चंद्रशेखर दिल्ली का रास्ता पूरा करने में कामयाब रहे और पीएम की कुर्सी पर चंद महीनों के लिए बैठे। ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि क्या राहुल गांधी चंद्रशेखर वाले करिश्मे को दोहरा पाएंगे?
9 SEP 2022 (Himalayauk Newsportal) by Chandra Shekhar Joshi कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) निकाल रही है. आज इस यात्रा का आज तीसरा दिन है. इस दौरान आज बीजेपी (BJP) ने राहुल गांधी की टी-शर्ट की तस्वीर शेयर कर उनपर हमला बोला था. बीजेपी ने राहुल की टी-शर्ट की ब्रैंड और कीमत बताते हुए फोटो शेयर की थी. जिसमें बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस टी-शर्ट की कीमत 41,257 रुपये है. बीजेपी ने साथ ही भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसते हुए ट्वीट में के साथ लिखा कि, ‘भारत देखो.’ बीजेपी के इस हमले पर अब कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कांग्रेस की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि, “अरे… घबरा गए क्या? भारत जोड़ो यात्रा में उमड़े जनसैलाब को देखकर. मुद्दे की बात करो, बेरोजगारी और महंगाई पर बोलो. बाकी कपड़ों पर चर्चा करनी है तो मोदी जी के 10 लाख के सूट और 1.5 लाख के चश्मे तक बात जाएगी, बताओ करनी है बीजेपी?” इससे पहले आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीसी करके बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने अपने लोगों को देश की संस्थाओं में नियुक्त किया है. राहुल गांधी ने कहा कि, “वे उन लोगों पर दबाव डालते हैं जो उनके खिलाफ हैं. हम राजनीतिक दलों से लड़ने के आदी हैं, लेकिन अब लड़ाई पार्टियों के बीच नहीं है. ये मुकाबला भारतीय ढांचे और विपक्ष के बीच है. यह एक आसान लड़ाई नहीं है और बहुत सारे लोग लड़ना नहीं चाहते हैं.”
बता दें कि, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) 150 दिनों में करीब 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. ये यात्रा कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक निकाली जा रही है.
भारत में जितनी भी यात्राएं निकाली गईं, चाहे वह राजनैतिक परिवर्तन यात्रा हो या सामाजिक, वे यात्राएं निकालने वाले व्यक्ति या संगठन के लिए लाभदायक ही साबित हुई हैं। अपने पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी के निधन के बाद जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में ओदार्पु यात्रा (हिंदी में अर्थ सांत्वना यात्रा) निकाली थी। उन्होंने कहा था कि घर नहीं लौटेंगे और वो यात्राओं में रहते ही चुनाव जीत गए। भले ही 1984 में इंदिरा लहर आ गई थी लेकिन इसी बहाने चंद्रशेखर का विस्तार कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसी कई ऐसी जगहों पर हो गया। आज की तारीख में वो पार्टी जनता दल एस के नाम से जानी जाती है। ऐसी पदयात्राएं सामाजिक रूप से लोगों को जोड़ने के साथ ही राजनैतिक फायदे का सौदा साबित हुई हैं। इसका गुडलक चार्म ये कह सकते हैं कि कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा का पूर्व में नतीजा अच्छा रहा है। मुरली मनोहर जोशी की भी तिरंगा यात्रा निकली थी। उस यात्रा का चुनावी राजनीति से लेना-देना नहीं था लेकिन उसने भी भारतीय जनता पार्टी की जड़ों को मजबूत किया ही था। खास तौर से दक्षिण के उन राज्यों में जहां बीजेपी अछूत की दृष्टि से देखी जाती थी।’
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाने वाली यह यात्रा 150 दिन तक चलेगी। इस यात्रा में राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता शामिल हैं। राहुल गांधी ने बताया कि यात्रा का मकसद जनता से जुड़ना है। यह यात्रा आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ है। कांग्रेस की इस पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी किसी फाइव स्टार होटल नहीं बल्कि कंटेनर में ठहरे हैं। यह रूम ऑन वील (Room on Wheel) जैसा है। जैसे-जैसे यात्रा का अगला पड़ाव आता जाता है, ये कंटेनर भी वहां पहुंचते हैं।
यात्रा के रूट में ज्यादातर वे हिस्से हैं, जहां कांग्रेस सीधे मुकाबला करती है। चाहे वो केरल हो, कर्नाटक हो, महाराष्ट्र या मध्य प्रदेश। कांग्रेस को सांगठनिक लिहाज से मजबूत करने और लगातार हार से हताश कार्यकर्ताओं में थोड़ा जोश भरने का काम यह यात्रा जरूर करेगी। यात्रा के स्वरूप में सिविल सोसायटी के लोगों को भी शामिल किया गया है, जिससे पब्लिक कनेक्ट अच्छा बने। यात्रा में पार्टी के झंडे नहीं रखे गए हैं। बतौर संगठन कांग्रेस को और बतौर नेता राहुल गांधी को ये यात्रा फायदा पहुंचा सकती है। सब कुछ इस यात्रा की सफलता पर निर्भर करता है। एक यात्रा पूरब से पश्चिम की ओर करने का प्लान है। ये पूर्वोत्तर के राज्यों से शुरू होकर गुजरात तक जाएगी। उस यात्रा में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के काफी हिस्से कवर करने की योजना है। अभी जो यात्रा है उसमें उत्तर से दक्षिण के स्ट्रेच में कुछ हिस्से ज्यादा छू जाते हैं और कुछ कम। उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, पर इस बार बुलंदशहर से होकर दिल्ली जाने का रूट है। लेकिन पूरब से पश्चिम की यात्रा में यूपी के ज्यादा हिस्सों को कवर करने की योजना है। एक वजह और है कि यात्रा को दक्षिण में ज्यादा रोका जा रहा है और उत्तर के हिस्सों में उतना विस्तार नहीं दिया जा रहा है। संघीय ढांचे को खतरे की बात गैर उत्तर के राज्यों से होती रही है। राहुल गांधी और तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू करते हुए इसका जिक्र किया। सद्भाव, एकता और भाईचारे के बहाने उस मुद्दे को छूना भी यात्रा का एक मकसद है।’
अंत में राहुल गांधी और नीतीश कुमार में ये तय हो सकता है कि कौन चेहरा बने। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि राहुल गांधी विपक्ष के सबसे बड़े दल के नेता हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी और पूरब से पश्चिम तक उनकी पैन इंडिया इमेज है।’
जिन प्रमुख जगहों से यह यात्रा गुजरेगी उनमें कन्याकुमारी के बाद तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, निलम्बूर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव जामोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट, जम्मू और श्रीनगर हैं. ये मुख्य शहर हैं. इसके अलावा बीच में कई शहरों में भी ये यात्रा रुकेगी.
राहुल गांधी इस यात्रा के दौरान किसी होटल में नहीं ठहरेंगे. यात्रा के दौरान राहुल गांधी एक कंटेनर में आराम करेंगे. इन कंटेनर में बिस्तर, टॉयलेट और एसी लगे हैं. अलग-अलग राज्यों के मौसम और परिस्थियों को देखते हुए तैयारियां की गई हैं.
ऐसे करीब 60 कंटेनर तैयार किए गए. उन्हें कन्याकुमारी भेजा गया. हर दिन कंटेनर को एक नई जगह पर रोका जाएगा. रात में आराम करने की व्यवस्था इसी में होगी. राहुल गांधी के साथ रहने वाले फुल टाइम ‘भारत पदयात्री’ साथ में खाएंगे और रहेंगे.”
पवन खेड़ा, कन्हैया कुमार और कांग्रेस के दूसरे नेता 150 दिनों की यात्रा में राहुल गांधी के साथ रहेंगे. कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के अलावा, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, लेखक, कलाकार, पार्टी कार्यकर्ता और दूसरे क्षेत्र के लोग भी देश भर में जुड़ेंगे. जिन राज्यों से यह यात्रा नहीं गुजरेगी वहां भी पार्टी सहायक यात्राएं निकालेगी. कांग्रेस का कहना है कि हर राज्य में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा से जुड़ा कोई ना कोई कार्यक्रम जरूर होगा.
क्या है कांग्रेस का मकसद?
कांग्रेस की इस यात्रा का मकसद देश को जोड़ना है. पार्टी का कहना है कि जनता के मुद्दे उनकी आय में कमी, महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है लेकिन बीजेपी सांप्रदायिकता, दंगे और तानाशाही के जरिये जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है. कांग्रेस ने कहा है कि भारत को उन्हीं मुद्दों पर जोड़ना है. पार्टी के सीनियर नेता इस यात्रा में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे. पार्टी ने कहा कि देश का कोई भी व्यक्ति इस यात्रा में हिस्सा ले सकता है.
कन्याकुमारी में मौजूद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस यात्रा को भारतीय राजनीतिका टर्निंग प्वाइंट बताया है. उन्होंने आज तक से कहा कि मुख्य रूप से यात्रा के तीन कारण हैं. समाज की आर्थिक विषमताएं, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक केंद्रीयकरण. उन्होंने कहा कि भारत टूट रहा है इसलिए जोड़ने का समय आ गया है.
जयराम रमेश ने कहा, “राहुल गांधी जी ने कहा कि ये यात्रा उनके लिए तपस्या के लिए समान है. ये 3570 किलोमीटर की पद यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. इसमें 118 कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हैं. एक तिहाई महिलाएं हैं. औसत उम्र 38 है. राहुल गांधी भी शामिल हैं ये पद यात्रा पूरी करेंगे. जिस मकसद से हमने इसकी कल्पना की थी. हमारे समाज में आर्थिक विषमताएं बढ़ रही हैं. भारत टूट रहा है. जोड़ने की जरूरत है. धर्म, जाति, भाषा के नाम पर सामाजिक ध्रुवीकरण हो रहा है. भयंकर तरीके राजनीतिक केंद्रीयकरण हो रहा है. भारत बिखर रहा है.”
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस यात्रा को लेकर कहा कि जो लोग चाहते हैं कि राजनीति को जनता की समस्याओं की बात करनी चाहिए वे लोग इस यात्रा से जुड़ें. उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक कोशिश है.
कन्याकुमारी में राहुल गांधी के अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जयराम रमेश, डीके शिवकुमार, कन्हैया कुमार और पार्टी के कई नेता शामिल होंगे. कांग्रेस के कार्यक्रम के मुताबिक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन खादी का तिरंगा राहुल गांधी को सौंपेंगे. जिसे राहुल फिर सेवा दल कार्यकर्ताओं को देंगे जो यात्रा का प्रबंधन कर रहे हैं.
भारत जोड़ो यात्रा की एक टैगलाइन है- “मिले कदम, जुड़े वतन”. इस यात्रा के लिए एक गाना भी रिलीज किया गया है जिसमें भारत की विविधता को दिखाया गया है. गाने में मुख्य रूप से महंगाई, बेरोजगारी, नफरत के खिलाफ देश को जोड़ने की बातें है. गाने के बोल हैं,
“बढ़ते कदम न अब रूक पाएंगे, हम बढ़ते जाएंगे. कदम से कदम मिलाएंगे, हम भारत को जोड़ते जाएंगे. चली, चली, भारत जोड़ो यात्रा चली.”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के कई नेताओं के साथ बृहस्पतिवार को ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत कर पहले दिन करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय की। इस मौके पर पार्टी ने कहा कि यात्रा के बाद वह नए अवतार में सामने आएगी तथा उसे मित्र एवं विरोधी दल हल्के में नहीं ले सकेंगे। राहुल गांधी 118 अन्य ‘भारत यात्रियों’ तथा कई नेताओं के साथ 3570 किलोमीट की यात्रा पर निकले तो रास्ते में बड़ी संख्या में लोग सड़क के किनारे खड़े थे और उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज और ढोल-नगाड़ों के साथ राहुल का स्वागत किया। तेज कदमों से पदयात्रा कर रहे राहुल कई स्थानों पर लोगों से मिले और बातचीत की। यात्रा के पहले दिन राहुल और अन्य यात्रियों ने करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय की। शाम के समय राहुल गांधी के साथ हजारों की संख्या में लोग पैदल चले।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि 94 वर्षीय कुमरी आनंदन ने राहुल गांधी के साथ ध्वजारोहण किया जिसके साथ यात्रा का आगाज हुआ। कुमरी आनंदन कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता हैं जो इस यात्रा सबसे अधिक उम्र के पदयात्री थे। पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी जगह-जगह रुके और लोगों से बातचीत की। एक बच्चे के साथ तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘देश के भविष्य की बुनियाद यही हैं। आने वाले कल की शुरुआत यही हैं…एक तेरा कदम, एक मेरा कदम, मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन।’’
भारत जोड़ो’ यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी यहां सुचिंद्रम इलाके के एसएमएसएम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रुके और वहां अंडमान से लाई गई मिट्टी और पानी का इस्तेमाल करते हुए एक पौधा लगाया। इस 101 साल पुराने स्कूल में 1937 में महात्मा गांधी और सी राजगोपालचारी आए थे। यहां की अतिथि पुस्तिका में बापू ने हिंदी और तमिल में हस्ताक्षर किए थे। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और कुछ अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के पहले दिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव जयराम रमेश वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और कई अन्य नेता शामिल रहे। इस यात्रा में सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और पीवी राजगोपाल भी शामिल हुए। कांग्रेस ने राहुल समेत 119 नेताओं को भारत यात्री नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे। ये लोग कुल 3,570 किलोमीटर को दूरी तय करेंगे। कांग्रेस ने बुधवार को कन्याकुमारी से अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की औपचारिक शुरुआत की थी और इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लिखित संदेश के माध्यम से कहा था कि यह यात्रा भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है तथा यह कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगी।
राहुल गांधी की मजबूत घेराबंदी- हर जगह- हर बार
ज्ञात हो कि September 6, 2018 को नेपाल यात्रा पर नॉनवेज खाने की अफवाह को लेकर पहले से चर्चा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से सुर्खियों में आए हैं। राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट से कैलाश मानसरोवर यात्रा की कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं। तस्वीरों में उन्होंने कैलास पर्वत के खूबसूरत नजारों को दिखाया है। आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए 30 अगस्त शुक्रवार को शाम 5.30 बजे काठमाण्डू पहुंचे थे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल ने कैलास मानसरोवर झील और खूबसूरत प्रकृति की तस्वीरों को पोस्ट कर उन पर कैप्शन दिए हैं। राहुल ने इस तस्वीर पर लिखा मानसरोवर झील का पानी काफी शांत है और यहां किसी तरह की नफरत नहीं है। यही कारण है कि भारत में इन झीलों के जल को पूजा जाता है।
राहुल गांधी के कैलास मानसरोवर यात्रा लगातार विवादों में रखी गई। नेपाल के एक स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक, इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने नॉनवेज खाया। इसके बाद ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई। हालांकि, जिस होटल में राहुल गांधी ठहरे थे वहां के प्रबंधन ने बताया कि राहुल गांधी ने शाकाहारी खाना खाया है। होटल ने कहा, ‘हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि उन्होंने मेन्यू में से शुद्ध शाकाहारी भोजन ऑर्डर किया था। नॉनवेज खाने की खबर पूरी तरह से अफवाह है।’
Execlusive Report by Chandra shekhar Joshi Editor ; www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Print Media Mob. 9412932030