उत्तराखण्ड में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं -सूचना के अधिकार अधिनियम की महत्ता क्षीण
उत्तराखण्ड में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं होने से- सूचना के अधिकार अधिनियम की महत्ता क्षीण
* ३-४ महीने में अपील पर सुनवाई *अधिकारी भ्रश्टाचार करने में सफल * सूचना मांगने वाले/आवेदक भी हतोत्साहित करने की रणनीति सफल #प्रदेश में चरम सीमा में व्याप्त भ्रश्टाचार की धार # सूचना आयुक्तों की नियुक्ति हेतु मोर्चा द्वारा किया गया घेराव www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal) CS JOSHI EDITOR
विकासनगर-तहसील विकासनगर में सूचना आयुक्तों की षीघ्र ही नियुक्ति हेतु जनसंघर्श मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मोर्चा कार्यकर्ताओं ने महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी विकासनगर श्री हरिगिरी को सौंपा।
घेराव कार्यक्रम में नेगी ने कहा कि राज्य सूचना आयोग में लगभग एक वर्श के अन्तराल में दो-तीन सूचना आयुक्तों का कार्यकाल पूर्ण होने के उपरान्त भी आज तक सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं हो पायी, जिस कारण सूचना के अधिकार अधिनियम की महत्ता क्षीण होती जा रही है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में आयोग के मात्र दो सूचना आयुक्तों के भरोसे काम हो रहा है, जिस कारण लगभग ३-४ महीने में अपील पर सुनवाई की तिथि पडती है, जिसकी वजह से सूचना की महत्ता क्षीण हो जाती है तथा लोक सूचना अधिकारी व विभागीय अपीलीय अधिकारी टाल-मटोल कर जाते हैं, जिससे वे अधिकारी भ्रश्टाचार करने में सफल हो जाते हैं तथा कई मामलों में सूचना मांगने वाले/आवेदक भी हतोत्साहित हो जाता है। प्रदेष में चरम सीमा में व्याप्त भ्रश्टाचार की धार कुंद करने के लिए शीघ्र सूचना आयुक्तों की नियुक्ति होनी चाहिए।
महत्वपूर्ण यह है कि अपीलों की संख्या अधिक होने के कारण आयुक्तों पर भी काम का अत्याधिक दबाव रहता है।
मोर्चा द्वारा सूचना आयुक्तों की नियुक्ति हेतु महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया गया कि षीघ्र सरकार को निर्देषित करने का कश्ट करें, जिससे सूचना अधिकार अधिनियम की महत्ता बरकरार रह सके।
घेराव में- मोर्चा महासचिव आकाष पंवार, विजयराम षर्मा, डॉ० ओ०पी० पंवार, ओ०पी० राणा, मौ० असद, दिलबाग सिंह, रामप्रसाद सेमवाल, हाजी जामिन, प्रेम सिंह राठौर, प्रवीण षर्मा, फतेह आलिम, मनोज राय, सरोज गांधी, विमला आर्य, जाबिर हसन, जयपाल सिंह, संजय सैनी, किषन पासवान, षेर सिंह आदि थे।