रियो ओलंपिक में ;उत्तराखंड पुलिस का जांंबाज सिपाही
उत्तराखंड पुलिस का जांंबाज सिपाही – रियो ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने का जिम्मा
पांचवीं विश्व वरीयता प्राप्त भारत की शीर्ष महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने गुरुवार को जीत के साथ रियो ओलम्पिक में अपने अभियान की शुरुआत की. रियोसेंट्रो खेल प्रांगण के पवेलियन-4 में हुए महिला एकल वर्ग के मुकाबले में हालांकि सायना को मेजबान देश ब्राजील की लोहान्नी विसेंट से कड़ी चुनौती मिली.
सायना ने विसेंट को 21-17, 21-17 से हराया. हालांकि जीत हासिल करने के लिए सायना को 73वीं विश्व वरीयता प्राप्त विसेंट के खिलाफ 39 मिनट तक कठिन संघर्ष करना पड़ा.
रियो ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने का जिम्मा इस बार मनीष रावत पर भी है. उत्तराखंड में चमोली के सगर गांव में जन्मे मनीष रावत रियो में मेडल जीतने के लिए जमकर पसीना बह रहे हैं. इस वीडियो में साफ दिखता है कि ओलंपिक में पदक के लिए कितनी मेहनत कर रहे हैं. वॉक रेस में हिस्सा लेने पहुंचे मनीष को रियो में तब और भी ताकत मिली, जब सचिन तेंदुलकर ने खुद उसे शुभकामना के साथ बधाई दी. मनीष रावत चमोली जिले के सगर गांव के निवासी हैं और वो उत्तराखंड पुलिस में हैं. पिछले साल वर्ल्ड पुलिस गेम्स में मनीष ने शानदार प्रदर्शन के बूते खूब सुर्खियां बटोरी थी.
चमोली के सगर गांव का होनहार युवा और उत्तराखंड पुलिस का जांंबाज सिपाही मनीष सिंह रावत 12 अगस्त को रियो ओलंपिक में भाग लेने जा रहा है. मनीष यहां 20 किमी की वॉकिंग रेस प्रतिस्पर्धा में अपना दमखम दिखाकर देश के लिए मेडल लाने के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था. बस अब परिजनों के साथ पूरे उत्तराखंड को इंतजार है 12 अगस्त की उस घड़ी का, जब मनीष इस प्रतियोगिता को जीतकर वतन का नाम रोशन करे. चमोली जिला मुख्यालय से चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर सगर गांव में मनीष के घर की दीवारों पर टंगे मेडल और ट्रॉफियों से भरी अलमारी ये बताने के लिए काफी हैं कि इस घर में कोई अनोखी प्रतिभा रहती है. घर में अकेली मां खेती-बाड़ी कर अपना जीवन बसर कर रही है. चार भाई-बहनों के परिवार में मनीष से बड़ी दो बहनें हैं. छोटा भाई सेना में है और अपनी तनख्वाह भी मनीष की तैयारी पर खर्च कर रहा है. मनीष जब 14 साल का था, तब सिर से पिता का साया उठ गया और परिवार की जिम्मेदारी भी कंधों पर आ गई, लेकिन मनीष ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत-लगन से वह आज रियो तक पहुंच गया है.
सायना ने पहले गेम की शुरुआत तो अच्छी की और एक समय 6-3 की बढ़त भी ले ली थी, लेकिन विसेंट ने जल्द ही इसे 10-10 कर लिया. इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच एक-एक अंक के लिए कठिन मुकाबला देखने को मिला और 17-17 तक मुकाबला बराबरी पर रहा.
सायना ने इसके बाद लगातार चार अंक हासिल करते हुए गेम अपने नाम किया. सायना को पहला गेम जीतने के लिए 20 मिनट तक जूझना पड़ा.
दूसरे गेम में भी सूरते हाल यही रहा, लेकिन इस बार सायना ने लगातार बढ़त कायम रखी. सायना ने 6-5 के बाद लगातार पांच अंक हासिल करते हुए 11-5 की आरामदायक बढ़त हासिल कर ली थी. हालांकि विसेंट घरेलू दर्शकों के सामने जल्दी हार मानने वाली नही थीं और उन्होंने स्कोर 11-14 तक कम कर लिया. सायना ने एक बार फिर लगातार चार अंक हासिल करते हुए अपनी बढ़त 20-14 कर ली और जीत उनसे सिर्फ एक कदम दूर रह गई थी.
विसेंट लेकिन यहां भी हार नहीं मानने वाली थीं और उन्होंने अंकों के इस अंतर को पाटते हुए 17-20 कर लिया. हालांकि सायना को अंतत: वह एक अंक मिल गया, जिसने मैच उनकी झोली में गिरा दिया.
सायना अब ग्रुप-जी के अपने अगले मैच में रविवार को यूक्रेन की मारिया यूलितिना से भिड़ेंगी