30 साल बाद आयी ऐसी शनि अमावस्या; 18 Nov
30 साल बाद आयी ऐसी शनि अमावस्या 18 November – शनि अमावस्या – साल का सबसे बड़ा शनिवार – इन 6 राशियों की खुलेगी किस्मत www.himalayauk.org (Newsportal)
18 नवंबर को शनि अमावस्या है जो एक खास योग है, क्योंकि ये शनिवार तो पड़ रही है, इस दिन अगर कुछ बातों का ध्यान रख लिया जाए तो परेशानियां दूर हो सकती हैं… 8 नवंबर को शनि अमावस्या पर 30 साल बाल शोभन योग बन रहा है। यह योग दान-पुण्य से लेकर बाजार से खरीदी नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ रहेगा। इस दिन शनि के साथ बुध-चंद्रमा की युति से फसलों और व्यापार में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही पूजा-पाठ से शनि की कृपा भी बरसेगी।
हिमालयायूके की प्रस्तुति:
सूर्य देव के पुत्र यमराज के बड़े भाई शनिदेव ज्योतिष के अनुसार ग्रहों में न्यायाधीश का पद प्राप्त है। देवी जगदम्बा चिंताहरण सिद्ध ज्योतिष पीठ नारनौल के ज्योतिषी पं. अशोक प्रेमी बांसुरी वाला ने कहा कि शनि देव ताकत व ऊंचे पद का दुरुपयोग व बुरे कर्म करने वालों को उनके कर्मों के अनुसार सजा देते हैं। मेहनती तथा सद्कर्म करने वालों की उन्नति के रास्ते खोल देते हैं। शनि अमावस्या पर इनकी विशेष कृपा भक्तों पर होती है।
उन्होंने कहा कि 18 नवम्बर को शनि अमावस्या है जब सूर्य-चंद्रमा एक राशि में आते हैं और उस स्थिति में शनिवार हो तो शनि अमावस्या कहलाती है। इस दिन किए गए दान-पूजन अक्षय फल देने वाले होते हैं जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष, कालसर्प दोष व शनि प्रकोप होता है, उन जातकों पर प्रेत बाधा, जादू-टोना, डिस्क स्लिप, नसों के रोग, बच्चों में सूखा रोग, गृह क्लेश, असाध्य बीमारी, विवाह का न होना, संतान का शराबी बनना व कभी-कभी अकाल दुर्घटना का कारण भी बन जाता है।
पं. बांसुरी वाला ने कहा कि इन समस्याओं से बचने के अचूक उपाय भी हैं। किसी पवित्र नदी, तीर्थ स्थान या महाराष्ट्र के शिंगनापुर के शनि मंदिर में स्नान करें और गणेश पूजन, विष्णु पूजन, पीपल का पूजन करने से लाभ मिलता है। पीपल पर जल चढ़ाएं तथा पंचामृत चढ़ा कर गंगा जल से स्नान कराएं। रौली लपेट कर जनेऊ अर्पण करके पुष्प चढ़ाएं, नैवेद्य का भोग लगाकर नमस्कार करें। इसके बाद पीपल की 7 परिक्रमा शनि मंत्र का जाप करते हुए करें और पीपल पर 7 बार कच्चा सूत बांधें।
उन्होंने कहा कि शनि अमावस्या को दान की जाने वाली वस्तुओं में भैंसे या घोड़े को चने खिलाना, एक काली किनारी वाली धोती-कुर्ता, उड़द के पकौड़े, इमरती, काली गुलाब जामुन, छतरी, तवा-चिमटा आदि वस्तुओं का शनि मंदिर के पुजारी को दान देना शामिल हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला के अनुसार, शनिवार (18 नवंबर) को विशाला नक्षत्र में शोभन योग रहेगा। इसके पहले शनि अमावस्या पर शोभन योग वर्ष 1987 में बना था। आगे भी लगभग इतने वर्ष के बाद ही यह योग बनेगा। वर्तमान में शनि धनु राशि में मार्गी है। इस समय वृश्चिक, धनु व मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है, वहीं वृषभ व कन्या राशि पर ढय्या चल रही है। आनंद आदि 27 योगों में शोभन नाम का भी एक योग है। यह योग यदि शनिवार के दिन हो तो इससे उस दिन का, तिथि और नक्षत्र का प्रभाव कई गुना अधिक बढ़ जाता है। साथ ही तिथि में अन्य कोई दोष हो तो वह भी इस योग के होने से समाप्त हो जाते हैं। इसलिए शनिवार को अमावस्या आने पर शनि अमावस्या का तो योग बन ही रहा है, लेकिन इस दिन संयोग से शोभन नाम का योग होने से यह पर्व के महत्व को कई गुना अधिक बढ़ाएगा।