पार्टी से त्यागपत्र देने में तनिक भी देरी नहीं करेंगे
भाजपा के बागी नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी से कल हुई मुलाकात के बाद संकेत दिए दिए है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से इस्तीफा दे सकते है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में मौजूदा लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते है। शत्रुघ्न सिन्हा इस समय बिहार के पटना साहिब से सांसद है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट बटवारे से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि हो सकता है कि उन्हें अपनी पसंदीदा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया जाएगा। शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि अगर इस बार पार्टी उन्हें अपनी मौजूदा सीट यानि पटना साहिब से टिकट नहीं देती है तो वह पार्टी से त्यागपत्र देने में तनिक भी देरी नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए उनके पास कई विकल्प खुले हुए है, उन्होंने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह पटना साहिब से निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते है।
ममता बनर्जी ने तीसरे मोर्चे के गठबंधन के लिए फ़ॉर्मूला दिया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले थे. वहीं विपक्ष को 69 फीसदी वोट मिले थे. अगर ये सब एक हो जाए तो बीजेपी को हराना आसान होगा. जिस राज्य में जो भी पार्टी ताकतवर है वह बीजेपी से सीधे दो-दो हाथ करे. राज्यों में दूसरी पार्टियों को उस पार्टी की मदद करनी चाहिए जो ताकतवर पार्टी है. यानी हर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के सामने विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हो. अगर विपक्ष एक हो जाता है तो फूलपुर और गोरखपुर में सपा-बसपा के साथ आने से जैसे बीजेपी हारी वैसा ही सब जगह होगी.
भाजपा के असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ सभी क्षेत्रीय ताकतों को एकजुट करने के प्रयास करने के लिए ममता की प्रशंसा की। इसके बाद ममता बनर्जी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की। सोनिया से मुलाकात के बाद ममता ने पत्रकारो से कहा कि वो सोनिया का हालचाल पूछने आई थी। ममता ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हारने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार में इसी तरह का गठबंधन बनना चाहिए।
ममता ने आज अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे अरूण शौरी से भी मुलाकात की। तृणमूल सुप्रीमो विभिन्न विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं।
ममता से मुलाकात के बाद मोदी सरकार के आलोचक शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले करने के लिए ममता ने सही राह पकड़ी है। उनकी योजना हर राज्य में भाजपा के हर प्रत्याशी के खिलाफ एक प्रत्याशी खड़ा करने की है। शौरी ने कहा कि प्रत्येक प्रत्याशी के खिलाफ एक प्रत्याशी का फार्मूला यदि अमल में लाया जाएगा तो विपक्ष 69 फीसदी मतों को अपने पक्ष में कर सकता है। हालांकि यशवंत सिन्हा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वो और शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा के खिलाफ खड़ी की जा रही ताकत के साथ आएंगे या नहीं।
उन्होंने कहा कि ममता हमारी पुरानी काबीना सहयोगी हैं। उनके व्यक्तित्व से सभी परिचित हैं। देश को बचाने के लिए उन्होंने जो जिम्मेदारी उठाई है वह प्रशंसनीय है। भविष्य में भी हम उनका समर्थन करेंगे।
मीडिया के पूछने पर कि क्या उनके साथ बीजेपी में सौतेला व्यवहार होता है तो उन्होंने इसका जवाब हां में दिया। शत्रुघ्न सिन्हा का यह बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी के हुई मुलाकात के बाद आया है। कल ममता ने दिल्ली में बीजेपी के सभी असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात की थी जिसमें शत्रुघ्न के इलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अरूण शौरी भी शामिल है। अरूण शौरी ने ममता बेनर्जी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली को लेकर तंज भी कसा था। ममता बेनर्जी इस समय दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों से मुलाकात कर उन्हें केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट करने के इरादे से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही है। ममता बेनर्जी ने मीडिया को बताया कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों को एक साथ आना होगा।
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