उत्तराखण्ड को केन्द्र की भाजपा सरकार का फिर से ठेगा
27 और शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए चुना परन्तु उत्तराखण्ड को फिर से ठेगा दिखा गया- (www.himalayauk.org)
उत्तराखण्ड को केन्द्र की भाजपा सरकार ने फिर से ठेगा दिखा दिया है, तीसरे चरण में 27 और शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए चुन लिया गया है. इसे पहले दो चरणों में 33 शहर चुने जा चुके है, जिन्हे मिलाकर अब तक कुल 60शहर स्मार्ट सिटी के लिए चुने जा चुके है. स्मार्ट सिटी में चुने गए इन शहरों में पानी और बिजली आपूर्ति, सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन, मुकम्मल शहरी आवागमन और सार्वजनिक परिवहन, आईटी संपर्क, ई-गवर्नेंस के जरिए बुनियादी सुविधाएं और नागरिकी भागीदारी विकसित की जाएगी. तीसरी सूची आने के बाद अब ये स्मार्ट सिटी 27 राज्यों और संघ शासित राज्यों में है.
इस नई सूची के साथ ही वेंकैया नायडू ने घोषणा करते हुए कहा कि अब तक प्रस्तावित 60 स्मार्ट सिटी में 1,44,742 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि जनवरी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 20 शहरों की घोषणा की गई थी और उसके बाद मई में 13 शहर जोड़े गए थे. अब नए 27 शहर जोड़े जाने से इस सूची में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी शहरों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है. शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक बाकी बचे हुए 40 स्मार्ट सिटी का चयन अगले साल किया जाएगा.
इनमें से हर शहर को पहले साल 200 करोड़ रुपये मिलेंगे और उसके बाद अगले तीन सालों के लिए 100 करोड़ रुपये समुचित जलापूर्ति और बिजली सप्लाई, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट तंत्र, समुचित शहरी आवागमन, सार्वजनिक परिवहन, आईटी कनेक्टिविटी और ई-गवर्नेंस समेत अन्य चीजों के विकास और रूपांतरण के लिए दिए जाएंगे. मोदी सरकार का 2019-20 तक 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने का लक्ष्य है.
सरकार ने इसके लिए इसके लिए पांच बड़े फैसले लिए हैं. इस नई सूची के साथ ही वेंकैया नायडू ने घोषणा करते हुए कहा कि अब तक प्रस्तावित 60 स्मार्ट सिटी में 1,44,742 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि जनवरी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 20 शहरों की घोषणा की गई थी और उसके बाद मई में 13 शहर जोड़े गए थे. अब नए 27 शहर जोड़े जाने से इस सूची में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी शहरों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है. शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक बाकी बचे हुए 40 स्मार्ट सिटी का चयन अगले साल किया जाएगा.
इनमें से हर शहर को पहले साल 200 करोड़ रुपये मिलेंगे और उसके बाद अगले तीन सालों के लिए 100 करोड़ रुपये समुचित जलापूर्ति और बिजली सप्लाई, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट तंत्र, समुचित शहरी आवागमन, सार्वजनिक परिवहन, आईटी कनेक्टिविटी और ई-गवर्नेंस समेत अन्य चीजों के विकास और रूपांतरण के लिए दिए जाएंगे. मोदी सरकार का 2019-20 तक 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने का लक्ष्य है.
स्मार्ट सिटी की इस तीसरी लिस्ट की खास बात है पहली की प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी चुना गया है. वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का संसदीय क्षेत्र भी इसमें शामिल है. इसके अलावा दो शहर कोहिमा और नामचि इन शहरों ने मई में हुए फास्टट्रैक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था लेकीन चुने नहीं गए लेकीन इस बार इनका चुनाव हो गया है. महाराष्ट्र से 5, कर्नाटका और तामिलनाडू से 4-4, उत्तर प्रदेश से 3, पंजाब, राजस्थान और मध्यप्रदेश से दो-दो शहर चुने गए है. वहीं आंध्रा प्रदेश, गुजरात, नागालैंड, ओडिशा और सिक्कम के एक शहर चुने गए है. अमृतसर, कल्याण-डोंम्बीवली, उज्जैन, तिरुपति, नागपुर, मंगलुरु, वेल्लौर ,ठाणे, ग्वालियर, आगरा, नाशिक, राउरकेला, कानपुर, मदुराई, तुमाकुरु, तंजावुर, कोटा, नामचि, जालंधर, शीमोग, सेलम, अजमेर, वाराणसी, कोहिमा, हुबली-धारवाद, औरंगाबाद, वडोदरा इसे पहले पहले चरण में 20 शहरों की घोषणा की गई थी और उसके बाद फास्ट ट्रैक प्रतियोगिता के जरिए 13 और शहर चुने गए थे. यानी कुल 33 शहरों को अब तक स्मार्ट सिटी के लिए चुना जा चुका है और आज चुने गए 27 शहरों को मिलाकर ये आंकडा 60 पहुंच चुका है.
इन शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 66 हजार 883 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. जिसमें से 42 हजार 524 करोड़ रुपए एरिया डेवल्पमेंट के लिए खर्च होगा, जबकि 11हजार 379 करोड़ रुपए टेक्नोलॉजी पर खर्च होंगे.
सरकार पहले ही साफ कर चुकी है वो 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाना चाहती है इसके लिए तीन चरणों में 60 शहरों को चुने का काम हो चुका है. वहीं पहले चरण में चुने गए शहरों स्मार्ट सिटी का काम भी शुरु हो चुका है. अब इन सभी 60 राज्यों में स्मार्ट सिटी के लिए 1लाख 44हजार 742 करोड़ का निवेश किया जाएगा.