सूरेन्द्र नेगी को अक्षम मंत्री करार देते हुए इस्तीफा मांगा
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री को सामाजिक कार्यकता अनूप नैटियाल तथा भाजपा ने अक्षम करार देते हुए इस्तीफा मांगा है-
उत्तराखंड में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्वास्थ्य महकमा भले ही डेंगू के कंट्रोल को लेकर योजना बना रहा हो, लेकिन स्वास्थ्य महकमे की सभी योजनाएं डेंगू के डंक के सामने बौनी साबित हो रही है. राजधानी देहरादून के पथरीबाग इलाके से शुरू हुआ डेंगू का प्रकोप अब शहर के कई हिस्सों में फैल चुका है. दरअसल स्वास्थ्य महकमा डेंगू के कंट्रोल को लेकर कईं तरह की योजनाओं की बात कर रहा है. जनजागरुकता फैलाने का भी काम कर रहा है. मगर जिस तरह से डेंगू का डंक अपना पैर पसार रहा है. इससे साफ है कि डेंगू के कंट्रोल के लिए तैयार सभी प्लान नाकाम साबित हो रहे हैं.
उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेज ऑल इंडिया स्तर पर छात्रों के पसंदीदा कॉलेजों में शुमार नहीं हैं. यह हम नहीं, पहले राउंड के बाद होने वाले दाखिलों के आंकड़े बता रहे हैं. नीट ऑल इंडिया काउंसिलिंग में राज्य के मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस की सीटों पर आधे एडमिशन भी नहीं हो पाए हैं. युवाओं में डॉक्टर बनने का क्रेज भले ही बढ़ा हो, लेकिन राज्य के मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टर बनने की चाहत युवाओं में कम ही दिख रही है. नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की ऑल इंडिया काउंसिलिंग में राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटें भी नहीं भर पाई हैं.
फोन करने के बावजूद 108 नहीं आई, गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही. नतीजा बच्चे की रास्ते में ही जन्म लेने के दौरान मौत हो गई. यह मामला किसी दूरदराज की जगह का नहीं बल्कि राजधानी देहरादून का है. इतना ही नहीं एक दिन पहले ही गर्भवती महिला डोईवाला के स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी. बताया गया है कि यहां चिकित्सकों ने उसे गुमराह कर एक सप्ताह तक बच्चा न होने की बात कहीं ताकि महिला को भर्ती न करना पड़े.
जी हां यह है रॉन्ग नंबर 108! रॉन्ग नंबर इसलिए ताकि आप भी सावधान हो जाएं. इमर्जेन्सी की स्थिति हो और आप सोच रहें हो कि एक कॉल करते ही 108 नम्बर एंबूलेन्स आ जाएगी तो ऐसा नहीं है. कुछ ऐसा ही मामला पेश आया है राजधानी देहरादून के लक्ष्मण सिद्ध मंदिर के पास गुज्जर बस्ती में. जहां डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. वहीं 108 एम्बूलेंस भी 3 घंटे देरी से पहुंची, जिसका खामियाजा नवजात को जान देकर भुगतन पड़ा है.
सिस्टम की खामियों के चलते दुनिया में आने से पहले ही नवजात की जान चली गई. परिजनों ने दिल पर पत्थर रख कर नवजात बच्चें को दफन कर दिया. मां होस्पिटल में जिन्दगी और मौत की जंग लड़ रही है. परिजनों से सच्चाई जानी तो रूह ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या आज के जमाने में राजधानी देहरादून जैसी जगह में इस तरह के मामले पेश आ सकते है.
बताया गया कि प्रसव पीड़ा के चलते महिला को बुधवार को डोईवाला अस्पताल लाया गया था. डाक्टरों ने 8 दिन का वक्त देकर वापस घर भेज दिया. लेकिन रात 2 बजे महिला को प्रसव पीड़ा हुई. परिजनों के मुताबिक 3 बजे आपातकालीन सेवा 108 को फोन किया गया, लेकिन 108 नहीं पहुंची.
चारपाई पर लिटाकर परिजनों ने महिला को लक्ष्मण सिद्ध मंदिर पहुंचाया. 108 का इंतजार करते रहें, इस बीच महिला तड़पती रही. इसी समय जन्म के दौरान ही नवजात ने दम तोड़ दिया.
परिजनों को इस बात का दुख है कि अगर वक्त रहते स्वास्थ्य सेवा मिल जाती तो शायद आज उनका चिराग इस दुनिया में होता.
बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया. मां अस्पताल में भर्ती है, लेकिन सिस्टम और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इस मामले ने तमाम सवाल खड़े कर दिये हैं. सवाल डॉक्टरों की लापरवही से लेकर इमरजेन्सी सेवा 108 को लेकर खड़े हो रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं. साथ ही 108 एंबुलेंस को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया हैं. नेगी ने कहा है कि इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगाी.
अनूप नौटियाल ने आरोप लगाया हैं कि स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी है प्रदेश में डेंगू के बिगडे हालात के सबसे बडे गुनहगार : डेंगू के मरीजों और मृतको की संख्या की सरकार को नहीं है सही जानकारी, कई गुना बढ़ी है डेंगू की विकराल समस्या
जबकि जिलाधिकारी देहरादून ने राजधानी में हालात खराब होने पर औपचारिकता निभायी, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वाई.एस थपलियाल को निर्देश दिये कि डेंगू की रोकथाम के लिए व्यापक प्रबन्ध किये जाएं तथा जिन क्षेत्रों में डेंगू रोगियों के लक्षण वाले रोगी मिल रहे है ऐसे क्षेत्रों में स्वाथ्य टीम भेजकर परीक्षण करने तथा नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम डाॅ कैलाश गंुज्याल को नगर को निर्देश दिये कि शहर में लगातार फागिंग करें
वही समाज सेवी अनूप नौटियाल ने प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मरीजों के लिए सुरेन्द्र सिंह नेगी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होने कहा कि सरकार जो आंकड़े प्रस्तुत कर रही है वह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दो महीनों तक राज्य में डेंगू की शिकायत रहेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय मंे मौसम जिस तरह बदल रहा है उससे चिकनगुनिया के लक्षण मिल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकारी आकड़े बता रही है वह पूरी तरह से गलत है।