2 मई को मंगल का राशि परिवर्तन – बिगड़ने पर भूचाल ला देता है
मंगल ग्रह बिगड़ने पर भूचाल ला देता है #मंगल ग्रह 2 मई, 2018 को अपनी मकर राशि उच्च में प्रवेश कर गया है तथा 6 नवम्बर, 2018 तक रहेंगे #राशियो पर पड रहा असर #राजनीतिक उठापटक व घमासान होगा #जैसी ग्रहो की चाल होगी वैसे ही मनुष्य का हाल होगा # सुख दुख सब ग्रहो का खेल ही है #ग्रहो के परिवर्तन की वजह से राशियो पर पडता है असर #2 मई को मेष, मकर मिथुन व़षभ, वश्चिक धनु कुम्भ पर पड रहा है सबसे ज्यादा असर # वश्चिक का यात्राओ का योग, शुभ समय प्रारम्भ हो रहा है #मंगल के शनि की राशि में प्रवेश करने से देश और दुनिया समेत इसका प्रभाव सभी 12 राशियों देखने को मिलेगा।# मोहन भागवत, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल के व्यक्तिगत प्रभाव एवं साहस में वृद्धि #हिमालयायूके न्यूज पोर्टल
मंगल मकर में उच्च का 2 मई को हो चुका है- अंगारक योग कुछ के लिए बहुत अच्छा तो कुछ लिए बेहद नकारात्मक
आम तौर पर मंगल एक राशि में लगभग 45 दिन तक भ्रमण करता है लेकिन इस बार मंगल 3 जुलाई को वक्री होने के कारण अपनी उच्च राशि में 6 नवम्बर 2018 दोपहर 2.43 बजे तक भ्रमण करेगा। यानी इस बार मंगल 188 दिनों तक अपनी उच्च राशि में रहेगा।
भारतीय ज्योतिष में मंगल ग्रह बहुत प्रभावशाली माना जाता है। यह शुभ होने पर अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी को गोल्ड मैडल, राजनीति में मुख्यमंत्री, प्रभानमंत्री, पुलिस व सेना का प्रमुख, फिल्मी जगत का बड़ा अभिनेता बना देता है। वहीं बिगड़ने पर व्यक्ति को अर्श से फर्श पर तथा कैंसर जैसी असाध्य बीमारी, अग्निकांड तथा भूकंप व भूचाल ला देता है। मंगल ग्रह 2 मई, 2018 को अपनी मकर राशि उच्च में प्रवेश कर गया है तथा 6 नवम्बर, 2018 तक रहेंगे। मंगल मेष तथा वृश्चिक राशि का स्वामी है तथा मकर में उच्च कहलाता है, जबकि कर्क राशि में यह नीच का हो जाता है।
मंगल को भौमेय यानि पृथ्वी का पुत्र कहा जाता है। कुछ पुराण इन्हें भगवान शिव के पसीने से उत्पन्न मानते हैं। ज्योतिष शास्त्र में मंगल मेष एवं वृश्चिक राशि के स्वामी माने जाते है। मंगल ऊर्जा के प्रतीक हैं। मंगल जातक को जूझारू बनाते हैं। ये सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के मित्र हैं तो बुध व केतु के साथ इनका शत्रुवत संबंध है। शुक्र और शनि के साथ इनका संबंध तटस्थ है। मंगल मकर राशि में उच्च के रहते हैं तो कर्क राशि में इन्हें नीच का माना जाता है। मंगल दोष से पीड़ित जातक को अपने वैवाहिक जीवन में कष्टों से लेकर दरिद्रता जैसे दु:ख उठाने पड़ते हैं। मंगल का राशि परिवर्तन करना जातक की कुंडली में भावानुसार सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव डालता है।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को अशुभ ग्रह माना गया है हालांकि ये प्रसन्न होकर मनुष्य की हर प्रकार की इच्छा पूर्ण करते हैं। मंगल ग्रह की शांति के लिए शिव उपासना और मूंगा रत्न धारण करने का विधान है। मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगलवार का व्रत और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। मंगल की महादशा 7 वर्ष तक रहती है। यह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं। मकर राशि में इन्हें उच्च प्रभाव देने वाला माना गया है।
इस साल अधिकमास (पुरुषोत्तम मास) का असर शादी-विवाह के मुहूर्त पर भी पड़ेगा। अधिकमास और शुक्र अस्त होने के कारण अक्टूबर-नवंबर से दिसंबर में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। 17 से 31 अक्टूबर तक शुक्र अस्त रहेगा। 12 नवंबर से 7 दिसंबर तक गुरु अस्त रहने के कारण विवाह के योग नहीं बनेंगे। तीन महीने में देवउठनी एकादशी पर एकमात्र स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। वहीं,16 मई से अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास शुरू होगा। जो 13 जून तक रहेगा। यह मलमास की श्रेणी में आता है। इसमें भी विवाह सावे नहीं होते हैं। लेकिन धार्मिक अनुष्ठान कथा आदि होंगे।
मंगल जन्म पत्री चंद्र लग्न से गोचरवश तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में शुभ फल देता है। शेष भाव में इसका अशुभ फल समझा जाता है। मंगल का राशि परिवर्तन दुनिया और नेताओं पर अपना विशेष प्रभाव डालेगा तथा उग्रता बढ़ाएगा। राजनीति में उठा-पटक, दुनिया में उथल-पुथल तथा युद्ध के हालात पैदा करेगा। तूफान और गर्मी की वजह से प्राकृतिक दैवी आपदाएं बढ़ेगी। विशेष कर गुजरात में समुद्री आपदाएं बढ़ेंगी।
इस मास में व्रत रखते हुए भगवान पुरुषोत्तम अर्थात विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए तथा मंत्र जाप करना चाहिए। वहीं श्री पुरुषोत्तम महात्म्य की कथा का पठन अथवा श्रवण करना चाहिए। श्री रामायण का पाठ या रुद्राभिषेक का पाठ करने के साथ ही श्री विष्णु स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन भगवान विष्णु का व्रत तथा पूजा-अर्चना आदि कर्म करने के साथ गरीबों व साधु-संतों को वस्त्र दान, अन्न दान, गुड़,घी और मिठाइयां का दान करने के साथ गायों को हरा चारा खिलाना,पक्षियों के लिए परिंडे लगाने के साथ उन्हें दाना डालना अत्यधिक शुभ माना गया है।
भूमि,भवन निर्माण,साहस और रक्त का कारण मंगल 2 मई 2018 को अपनी उच्च राशि मकर में आ गये है जो इसमें 188 दिनों तक रहेगा तथा वह आमजन के लिए शुभ फलदायी रहेगा और बाजार में लंबे समय से चल रही प्रॉपर्टी की ठंडी स्थिति सुधरने से इससे जुड़ा व्यापार करने वालों को राहत की उम्मीद है। वहीं देश में भी शुभ फलदायी रहेगा और सागर व चौरासी महादेव आदि धार्मिक स्थालों की यात्रा करने के साथ दान-पुण्य से लाभ मिलेगा।
नेताओं, अभिनेताओं व उच्चाधिकारियों पर प्रभाव:
माननीय चीफ जस्टिस सुप्रीमकोर्ट दीपक मिश्रा, आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अशोक गहलोत, कर्नाटक के कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, अरविंद केजरीवाल, प्रो. रामबिलास शर्मा, चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के व्यक्तिगत प्रभाव एवं साहस में वृद्धि होगी। आशातीत लाभ और इनका हक दिलाने में मंगल कारगर सिद्ध होगा तथा शत्रुओं को नाकों चने चबवा देगा। वहीं दूसरी ओर श्रीमती सोनिया गांधी, अमित शाह, रामदेव, मनोहर लाल खट्टर, वसुंधरा राजे सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के लिए चुनौतीपूर्ण व कष्टदायक सिद्ध होगा।
भारत-पाक सीमा पर घमासान होगा। भवन निर्माता व ठेकेदारों को कुछ आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। जमीन संबंधीं कोई नई नीति व कानून बनेंगे। शेयर मार्कीट में अचानक उतार-चढ़ाव के प्रबल योग बनेंगे। सुप्रीमकोर्ट द्वारा राम मंदिर, आरक्षण एवं अन्य सामाजिक मुद्दों में चमत्कारी परिवर्तन और भारत के कानून का डंका देश-विदेश में बजेगा।
मंगल के साथ केतू की युति होने के कारण मंगल का प्रकोप और उग्र तथा राजनेताओं में उठा-पटक के दौर बढ़ेंगे तथा पार्टियों में आया राम गया राम की स्थिति बनेगी तथा हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में राजनीतिक उठापटक व घमासान होगा। किसी बड़े राजनेता के संबंध में असुखद समाचार मिलने के संकेत पाए जाते हैं।
मंगल का जन्म राशियों पर प्रभाव:
मेष: बाधाएं, असफलताएं एवं बवासीर जैसे रोगों की उत्पत्ति होगी। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दसवें भाव में रहेगा। अत: आपको शुभ समाचार मिलेंगे। आपके व्यावापर व्यवसाय में विस्तार होगा। यदि कोई जमीनी विवाद है तो वह दूर होगा। कोई नया काम शुरू करना चाह रहे हैं तो उसके लिए भी समय मददगार होगा।
वृष: इस राशि में जन्मे मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं के ताज पर गाज गिरेगी। शत्रुओं व भाई से कष्ट राज्य, की ओर से दंडित होने का भय। •मंगल का गोचर आपकी कुंडली में नौवें भाव में रहेगा। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएं सफल होंगी। धर्म-कर्म की ओर मन आकृष्ट होगा। जीवनसाथी के प्रगतिशील होने के भी योग हैं। यदि आपने काम का सम्बन्ध विदेश से है तो समय और भी अनुकूल रहेगा।
मिथुन: अष्टम भाव में मंगल केतू होने के कारण असाध्य बीमारी, धन, हानि, मान हानि, चोट का भय। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में आठवें भाव में रहेगा। हालांकि यह गोचर स्वास्थ्य के लिए कम अनुकूल है अतः आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना ज़रूरी होगा लेकिन कई मामलों में लाभ का प्रतिशत बढ़ सकता है। धन, वाणी व परिवार का ख्याल रखें।
कर्क: पति-पत्नी में तनाव, नेत्र व उदर पीड़ा, गृह क्लेश। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में सातवें भाव में रहेगा। मंगल की यह स्थिति मिश्रित परिणाम देगी काम धंधे और संतान के लिए काफी अनुकूल परिणाम मिलेंगे। प्रेम संबंधों के लिए भी समय अच्छा है, लेकिन यदि विवाहित हैं तो आपसी लड़ाई झगड़े से बचना होगा।
सिंह: शत्रुओं पर विजय, रोग मुक्ति व कलह से निवृत्ति तथा धन लाभ पदोन्नति, राजनीति में विशेष सफलता। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में छठवें भाव में रहेगा। इस अवधि में दूर की यात्राओं के दौरान कुछ कठिनाई रह सकती है। घरेलू जीवन व वैवाहिक जीवन में भी कुछ असंतोष रह सकता है, लेकिन ऐसे काम जिनमे कम्पटीशन हो उसके लिए समय काफी अनुकूल है।
कन्या: व्यर्थ चिंता, मुकद्दमा, संतान से कष्ट, विश्वासघात। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में पांचवें भाव में रहेगा। इस अवधि में कम दूरी की कई यात्राएं करनी पड़ सकती है लेकिन दूर की यात्राओं से बचना बेहतर रहेगा। भाई बंधु मददगार होंगे। इस समय प्रेम प्रसंगों में मर्यादा रखें। संतान के स्वास्थ्य का भी ख़याल रखें।
तुला: स्थानांतरण, बंधु-बांधवों से कष्ट, उदर रोग। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में चौथे भाव में रहेगा। यह ग्रह परिवर्तन आपके लिए शुभ है। आर्थिक मामलों में बेहतरी आने के योग हैं लेकिन वाणी में आ रहे आक्रोश व घरेलू विसंगतियों को रोकने की कोशिश करें। काम धंधे व जीवन साथी के उत्थान के योग बन रहे हैं।
वृश्चिक: सर्वत्र विजय, सफलता, शत्रु पराजित होंगे, व्यक्तिगत प्रभाव में उन्नति होगी, राजनीतिज्ञों को मुख्यमंत्री तुल्य पद की प्राप्ति के योग बनेंगे। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में तीसरे भाव में रहेगा। स्वाभाविक है आपको अच्छे फल मिलेंगे। आपका उत्साह बेहतर होगा। भाई बंधु मददगार होंगे। मान-सम्मान बढ़ने के भी योग हैं लेकिन कुछ मित्र नाराज हो सकते हैं अथवा कोई विरोधी मित्र बनने का प्रयास करेगा।
धनु: धन हानि, मान हानि, भय, मुकद्दमा व कोर्ट की फटकार। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दूसरे भाव में रहेगा। कुछ खर्चे अचानक सामने आ सकते हैं। इस समय वाणी पर भी बड़ा संयम रखना होगा। परिवार के सदस्यों के कारण भी तनाव सम्भव है। मामला प्रेम सम्बन्ध का हो या पुत्र सम्बन्ध का दोनों रिश्तों को प्यार से निभाएं।
मकर: रक्त और पित्त विकार, मस्तक पीड़ा, हृदय रोग, प्रियजन वियोग। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में प्रथम भाव में रहेगा। ऐसे में यदि आपने स्वास्थ्य और क्रोध को साध लिया तो बाकी सब ठीक रहेगा। वाहन भी सावधानी से चलाएं। बाकी आपकी मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी साथ ही भूमि या भवन खरीदने के योग बनेंगे। साझेदारी के काम में लाभ होगा।
कुंभ: अनेक चिताएं, धन हानि, रोग एवं कष्ट, पुत्र-भाई को कष्ट, गृह क्लेश। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में बारहवें भाव में रहेगा। अत: इस अवधि में सावधानी की ज़रूरत रहेगी। बेकार के खर्चे रह सकते हैं। इस समय आत्मनिर्भर रहना बहुत ज़रूरी होगा। हालांकि यदि आपका काम विदेश से सम्बंधित है तो उसमें लाभ मिलेगा। छोटी यात्राएँ भी संभावित हैं।
मीन: धन-लाभ, राज्य लाभ, बड़े पद की प्राप्ति, शुभ संदेश, चुनाव में चमत्कारी विजय। मंगल का गोचर आपकी कुंडली में ग्यारहवें भाव में रहेगा। अतः आर्थिक मामलों में मजबूती आएगी। मित्रों और सहयोगियों से लाभ मिलेगा। भाग्य साथ देगा। बहु प्रतीक्षित इच्छाओं की पूर्ति होगी। दूर की यात्राएँ भाग्यशाली सिद्ध होंगी। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा।
- भगवान राम और भगवान विष्णु की पूजा करें और पीला चंदन लगाएँ।
- गले में भारंगी की जड़ धारण करें।
- गुरुवार के दिन उपवास रखें।
- केले के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएँ और केला खाने से परहेज करें। एक बोतल में काले कंचे भर कर रखें।
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