नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ; 14 दिसंबर को सुनवाई
राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया #सुप्रीम कोर्ट में 14 सवालों पर विस्तार से सुनवाई होगी.
नोटबंदी पर आज संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ है. आज भी इस मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं हो पाई है. सरकार ने इसके लिए विपक्ष से माफी की मांग की है तो वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने कहा है कि नोटबंदी हिंदुस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है. (www.himalayauk.org) Newsportal
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नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट में विस्तृत सुनवाई की ज़मीन तैयार होने लगी है. कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि लगभग 14 सवालों पर विस्तार से सुनवाई होगी. हालांकि, उससे पहले अदालत लोगों को आ रही दिक्कतों को कम करने के लिए कुछ अंतरिम आदेश जारी करना चाहती है. इन पहलुओं पर अगले बुधवार यानी 14 दिसंबर को सुनवाई होगी.चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज एक बार फिर ये साफ किया कि वो आर्थिक नीति में बहुत ज़्यादा दखल नहीं देना चाहती. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं की वजह से पैदा हुए बड़े सवालों पर विस्तृत सुनवाई ज़रूरी है. कोर्ट 14 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में इन बातों पर विचार करेगा :-
* लोगों को हो रही असुविधा को कम करने के लिए क्या फौरी उपाय हो सकते हैं? क्या हर हफ्ते 24 हज़ार रुपये निकालने की सीमा में बदलाव किया जा सकता है?
* ज़िला सहकारी बैंकों को फ़िलहाल पैसे जमा लेने की इजाज़त दी जा सकती है या नहीं?
* देश की अलग-अलग हाई कोर्ट में दायर मुकदमों को चलने दिया जाए या उन पर रोक लगा दी जाए?
* आगे की विस्तृत सुनवाई किन सवालों पर हो?आज लगभग डेढ़ घंटा चली सुनवाई में कई बार माहौल गर्म होता नजर आया. कुछ वकीलों के ज़ोर से बोलने पर चीफ जस्टिस ने उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई. केरल और महाराष्ट्र के जिला सहकारी बैंकों के वकील पी चिदंबरम ने इन बैंकों का काम ठप हो जाने की दुहाई दी. चिदंबरम ने कहा इन बैंकों को न तो नोट बदलने की इजाज़त है, न नोट जमा लेने की. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है. पूरे देश में ज़िला सहकारी बैंकों को काम करने की इजाज़त मिलनी चाहिए.
इस पर कड़ा एतराज़ जताते हुए एटॉर्नी जनरल ने कहा – ज़िला सहकारी बैंकों में बड़ी संख्या में किसान सोसाइटी के खाते हैं. ऐसी सोसाइटी में हज़ारों किसानों को सदस्य दिखाया जाता है. इस तरह की सोसाइटी पर प्रभावशाली लोगों का नियंत्रण होता है. इस बात की आशंका है कि हज़ारों किसानों का नाम लेकर बड़े लोगों के पैसे जमा होने लगेंगे. नकली नोट भी बड़े पैमाने पर जमा होंगे. इन बैंकों को अभी 20 दिन और इंतज़ार करना होगा.
कोऑपरेटिव बैंकों के वकील पी चिदंबरम ने दावा किया कि नोटों की छपने की रफ्तार बहुत धीमी है. सिर्फ 3 लाख करोड़ के नोट अब तक छपे हैं. ऐसे में, नोट की पूरी सप्लाई में 5 से 6 महीने का वक्त लगेगा. इसके जवाब में एटॉर्नी जनरल ने दावा किया कि 4 लाख करोड़ के नए नोट छप चुके हैं. इनमें से 3.5 बैंक में पहुंच चुके हैं. सरकार कैशलेस को बढ़ावा दे रही है. ज़रूरी नहीं कि पूरे नोट की ज़रूरत पड़े.
नोटबंदी मामले में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर पूरी तरह निगरानी रख रही है. नोटबंदी को लेकर हालात किसी तरह बिगड़े नहीं हैं. यहां तक कि कोई दूधवाला या किसान इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं आया है. ये सब मामला राजनीति से प्रेरित है. पीएम ने 31 दिसंबर तक हालात सामान्य होने के लिए कहा था जिसमें अभी भी वक्त है.10-15 दिनों में सरकार हालात और सामान्य करेगी. इन दिनों में नई करेंसी भी जुड़ जाएगी. लेकिन ये सारी करेंसी एक साथ नहीं छापी जाएगी जितनी पुरानी करेंसी बंद की गई है. अभी तक करीब 12 लाख करोड़ की पुरानी करेंसी जमा हुई है जबकि तीन लाख करोड़ की नई करेंसी लाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ये भी देखे कि क्या वो सरकार की आर्थिक नीति में दखल दे सकता है या नहीं.सुप्रीम कोर्ट ने सभी से बात करके सवालों की सूची तैयार की है और कहा है कि वो इस मामले में जनवरी से सुनवाई शुरु कर सकता है. जरूरत पड़ी तो इसके लिए पांच जजों की संविधान पीठ का गठन किया जा सकता है. साथ ही नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र से पूछा कि क्या इस मामले में कोई रिकार्ड है? नोटबंदी से पहले दिमाग लगाया गया कि इससे कितनी करेंसी वापस आएगी? कैसे नई करेंसी छापी जाएगी? क्या इसके लिए कोई योजना थी? सरकार को नोटबंदी के फैसले से क्या उम्मीदें थीं?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि क्या कोर्ट बैंक से पैसा निकालने की कोई न्यूनतम सीमा तय करे जो पूरे देश में लागू हो और कोई भेदभाव ना रहे. सरकार ने 24 हजार की लिमिट तय की लेकिन बैंक लोगों को इतना भी नहीं दे पा रहे. ऐसे में लिमिट तय की जाए जिसे बैंक इनकार ना कर सकें. कोर्ट ने पूछा कि लोगों से किया वायदा पूरा होना चाहिए. इस पर अटॉर्नी जनरल (AG) से सरकार से पूछ कर जवाब मांगा है.
इसके साथ ही नोटबंदी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए मुद्दे तैयार किए, कोर्ट ने कहा इन सवालों पर ही होगी सुनवाई :
1. नोटबंदी का फैसला RBI एक्ट 26 (2) का उल्लंघन है? जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय बोर्ड की मंजूरी से ये किया जा सकता है और किसी सीरीज के नोटों को बंद किया जा सकता है.
2. नोटबंदी का 8 नवंबर और उसके बाद के नोटिफिकेशन असंवैधानिक हैं?
3. नोटबंदी संविधान के दिए समानता के अधिकार अनुच्छेद 14 और व्यापार करने की आजादी से संबंधित अनुच्छेद 19 जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं?
4. नोटबंदी के फैसले को बिना तैयारी के साथ लागू किया गया जबकि ना तो नई करेंसी का सही इंतजाम था और ना ही देश भर में कैश पहुंचाने का?
5. बैंकों और ATM से पैसा निकालने की सीमा तय करना लोगों के अधिकारों का हनन है ?
6 जिला सहकारी बैंको में पुराने नोट जमा करने और नए रुपये निकालने पर रोक सही नहीं है?
7. कोई राजनीतिक पार्टी जनहित के याचिका के तहत सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर सकती है ?
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने सवाल उठाया कि CPM जैसी राजनीतिक पार्टी कैसे जनहित याचिका दाखिल कर सकती है? चीफ जस्टिस ठाकुर ने कहा कि वो इस मामले की सुनवाई भी करेंगे. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया अब तक 12 लाख करोड़ की पुरानी करेंसी जमा हो चुकी है. वहीं पी चिदंबरम ने कहा कि जिस तरीके के इंतजाम हैं, उससे साफ है कि सरकार को नई करेंसी छापने मे पांच महीने का वक्त लगेगा.
सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी मामले में अहम सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह कोऑपरेटिव बैंकों की मांग पर विचार करे जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें बैंकिंग ऑपरेशन की इजाजत नहीं दी गई है.
कोऑपरेटिव बैंकों की ओर से कहा गया है कि उन्हें बैंकिंग ट्रांजक्शन की इजाजत नहीं दी गई है इस कारण ग्राहकों को मुश्किल हो रही है और जो भी खाताधारक हैं उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वो न तो पैसे निकाल पा रहे हैं और न ही जमा कर पा रहे हैं. सुनवाई के दौरान केरल और महाराष्ट्र के कोऑपरेटिव बैकों की ओर से कहा गया कि नोटबंदी के बाद बैंकिंग ऑपरेशन की इजाजत नहीं होने के कारण वह खाताधारकों को पेमेंट नहीं कर पा रहा है और पेंशन नहीं दे पा रहे हैं.
8 से 14 नवंबर के बीच जो पैसे जमा किए गए उनके बारे में क्या उपाय किया जाए. गांव से संबंधित इकोनॉमी बदहाली पर पहुंच चुकी है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा है कि आप बताएं कि इन्हें क्यों नहीं देख रहे हैं. तब अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इनके मामले को भी देखा जा रहा है लेकिन मुश्किल ये है कि कोऑपरेटिव बैंकों का इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक नहीं है. इनके पास नियमित बैंकों की तरह कंप्यूटराइजेशन से लेकर अन्य सुविधाएं नहीं है कि जाली नोटों की पहचान हो सके और ब्लैक मनी से बचाव हो सके. ऐसे में इसी कारण ही इन बैंकों को बैंकिंग ट्रांजक्शन से दूर रखा गया है.
वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पी. चिदंबरम ने कहा कि देश भर में 371 कोऑपरेटिव बैंक हैं और इस कारण अर्थव्यवस्था पर असर हो रहा है। इसी बीच अटॉर्नी जनरल ने तमाम केसों के ट्रांसफर का मुद्दा उठाया और कहा कि देश भर में रोजाना नोटबंदी मामले में पिटिशन फाइल हो रही है.
देश भर में ऐसे 70 अर्जी दाखिल हो चुके हैं, सुप्रीम कोर्ट में 15 अर्जियां दाखिल की गई है. ऐसे में तमाम मामले को एक हाई कोर्ट ट्रांसफर किया जाना चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि अदालतें होंगी और मामले होंगे तो कोर्ट में लोग आएंगे ही.
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आज राहुल ने कहा, ‘ये हिन्दुस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है. ये सारी की सारी बातें मैं संसद में बोलुंगा तो मोदी जी बैठ नहीं पाएंगे.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या उनको बोलने से रोका जा रहा है? तो राहुल ने कहा, ‘हां, मुझे बोलने से रोका जा रहा है. मैं पिछले एक महीने से बोलना चाहता हूं. सरकार ने चर्चा कराने के लिए कहा था लेकिन अब सरकार अपने वादे से पीछे हट गई.’
इसके साथ ही पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने पूछा, ‘प्रधानमंत्री पूरे देश में भाषण दे रहे हैं मगर लोकसभा में आने से डरते हैं. इतनी घबराहट क्यों?’
उन्होंने कहा, ‘मैं सदन में चर्चा करना चाहता हूं. जो गरीब लोगों के दिल में है वो बात कहना चाहता हूं और ये जो नरेंद्र मोदी जी ने अकेले हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा घोटाला किया है. उसके बारे में सबको बताना चाहता हूं और मुझे ऐसा करने से रोका जा है.’ राहुल यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्हें संसद में बोलने दिया जाता है तो सब देखेंगे कैसा भूकंप आता है.
कल ही वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कैशलेस ट्रांजेक्शन पर बड़ी छूट देने का ऐलान किया है. इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘पहले ये लोग काउंटर फीट की ओर दौड़े, इसके बाद कैशलेस की तरफ गए. मैं कहता हूं संसद के अंदर आकर हमारे साथ बात करिए देश को पूरा पता चल जाएगा नोटबंदी क्या है, इससे फायदा मिला, किसकी मदद हो रही है, किसका नुकसान हो रहा है और ये क्यों किया गया है?’