सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी हिरासत पर जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने भारत संघ को पाकिस्तान व पाक-अधिकृत कश्मीर के भारतीय जेलों में बंद कैदियों के संबंध में जवाब दाखिल पर चार सप्ताह की समय दिया- सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने प्रो.भीमसिंह के द्वारा पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर के 1000 से ज्यादा लोगों की गैरकानूनी हिरासत, जो भारतीय जेलों में सड़ रहे हैं, दाखिल याचिका पर भारत संघ को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
जम्मू-कश्मीर की प्रो.भीमसिंह की दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से अब तक 800 पाकिस्तानी और पाक-अधिकृत कश्मीर के लोगों रिहा करा चुके हैं। भारत संघ के अनुसार पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर के लगभग 250 लोग, जिनमें से लगभग 20 को स्थायी रूप से विक्लांग है और इनमें से कुछ की 10 साल पहले पाकिस्तान उच्चायोग पहचान नहीं कर पाया है।
भारत संघ ने कल भारतीय जेलों में बंद विदेशी 21 कैंदियों के संबंध में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है, जो इस समय जेल में बंद 12 लोगों, भारत के विभिन्न जेलों में बंद 43 लोगों और 22 पाकिस्तानी कैदियों के संबंध से भी है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। भारत संघ ने 21 पाकिस्तानी कैदियों, जिनमें से कुछ को रिहा और उनके देश वापस भेजा चुका है, के सम्बंध में हलफनामा दाखिल किया है।
प्रो.भीमसिंह ने, जो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के अलावा नेशनल लीगल एड कमेटी के चेयरमैन भी हैं, यह याचिका 2005 में दाखिल की थी, जो 1000 पाकिस्तानी और पाक-अधिकृत कश्मीर के कैदियों की गेरकानूनी हिरासत के सम्बंध में है, जो नियंत्रण रेखा पार करके जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर गये थे। पैंथर्स पार्टी और स्टेट लीगल एड कमेटी, जम्मू-कश्मीर की प्रो.भीमसिंह की दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से अब तक 800 पाकिस्तानी और पाक-अधिकृत कश्मीर के लोगों रिहा करा चुके हैं। भारत संघ के अनुसार पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर के लगभग 250 लोग, जिनमें से लगभग 20 को स्थायी रूप से विक्लांग है और इनमें से कुछ की 10 साल पहले पाकिस्तान उच्चायोग पहचान नहीं कर पाया है।
भारत संघ ने कल भारतीय जेलों में बंद विदेशी 21 कैंदियों के संबंध में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है, जो इस समय जेल में बंद 12 लोगों, भारत के विभिन्न जेलों में बंद 43 लोगों और 22 पाकिस्तानी कैदियों के संबंध से भी है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। भारत संघ ने 21 पाकिस्तानी कैदियों, जिनमें से कुछ को रिहा और उनके देश वापस भेजा चुका है, के सम्बंध में हलफनामा दाखिल किया है।
प्रो.भीमसिंह ने भारत संघ द्वारा 13 साल पुराने मामले में दाखिल जवाब को अस्वीकार्य और अत्यधिक दुखद बताते हुए कहा कि भारत संघ द्वारा दाखिल हलफनामे में कैदियों का न पता दिया गया और न उनकी उम्र बतायी गयी है।
प्रो.भीमसिंह के साथ इस मामले में पेश होने वाले वकीलों में सर्वश्री एस.के. बंदोपाध्याय, बी.एस.बिलौरिया, सतीश विज और अन्य शामिल थे।
ह./बी.एस. बिलौरिया, अधिवक्ता
सचिव, स्टेट लीगल एड कमेटी
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