सूर्यग्रहण 26 फरवरी 2017 को; राजनेताओं को परेशानी होगी

मीडिया कर्मियों, राजनेताओं को परेशानी होगी #ग्रहण धार्मिक दृष्टि से अशुभ  #भारतीय ज्योतिष में ग्रहण का बहुत महत्व #उनका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर #रविवार दिनांक 26.02.17 को घटित होने वाला ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा अतः इसका धार्मिक दृष्टिकोण से शुभाशुभ प्रभाव भी मान्य नहीं होगा। परंतु ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पड़ेगा। कुंभ राशि में घटित होने वाले इस ग्रहण से नौकरीपेशा, मजदूरों, जल संसाधन के कार्यों, मीडिया कर्मियों, राजनेताओं को परेशानी होगी।  #26 फरवरी को लगेगा 2017 का पहला सूर्य ग्रहण, वर्ष 2017 का पहला वलयाकार सूर्यग्रहण रविवार दिनांक 26.02.17 को घटित  ग्रहण के दौरान आकाश से आने वाली उर्जा नकारात्मक   नकारात्मक उर्जा का असर सीधे हमारे शरीर पर  Presents by www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportl) 

साल 2017 का पहला सूर्यग्रहण इस साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को पड़ने जा रहा है। 26 फरवरी के बाद साल 2017 में दो और ग्रहण नजर आएंगे। इसमें एक चन्द्र ग्रहण होगा, तो दूसरा सूर्य ग्रहण। 7-8 अगस्‍त को हमें भारत में आंशिक चन्द्रग्रहण देखने को मिलेगा। इसे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्‍ट्रेलिया से देखा जा सकेगा। जबकि 21 अगस्‍त को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो सूर्य चंद्र व पृथ्वी की विशेष स्थिति के कारण बनती है। जब चंद्र सूर्य व पृथ्वी के बीच आता है तब सूर्य कुछ देर के लिए अदृश्य हो जाता है। आम भाषा में इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं। इसमे चंद्र, सूर्य व पृथ्वी एक ही सीध में होते हैं व चंद्र पृथ्वी और सूर्य के बीच होने की वजह से चंद्र की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। सूर्य ग्रहण की सदैव अमावस्या के दिन घटित होता है। पूर्ण ग्रहण के समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पूर्णत अवरुद्ध हो जाता है। ग्रहण को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। भारतीय ज्योतिष में ग्रहण का बहुत महत्व है क्योंकि उनका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर होता है। वर्ष 2017 का पहला वलयाकार सूर्यग्रहण रविवार दिनांक 26.02.17 को घटित होने जा रहा है।
जब ग्राहक वस्तु द्वारा ग्राहय वस्तु का ग्रहण किया जाता है तो उसे ग्रहण कहते है। जिस का ग्रहण हो रहा हो या किया जा रहा हो, उसे ग्राहय या छाद्य कहा जाता है तथा जो ग्रहण करता है उसे ग्राहक या छादक कहते है। ज्योतिषशास्त्र में सामान्यतः दो ग्रहण माने गये है-सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण।
भू-वैज्ञानिकों ने गणित से पता लगाया है कि 18 वर्ष 18 दिन की समयावधि में 41 सूर्य ग्रहण और 29 चन्द्र ग्रहण पड़ते है। एक वर्ष में 5 सूर्यग्रहण और 2 चन्द्रग्रहण तक ही हो सकते है। एक वर्ष में कम से कम 2 सूर्य ग्रहण तो होते ही है। शास्त्रों की मान्यता है राहु और केतु छाया ग्रह है। ये दोनों ही छाया की सन्ताने है। चन्द्र ग्रहण के समय मानसिक शक्ति क्षीण होती व कफ की प्रधानता बढ़ती है और सूर्य ग्रहण के दौरान अपच, नेत्र रोग, पित्त में वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान आकाश से आने वाली उर्जा नकारात्मक होती है एंव उस समय कीटाणुओं की बहुलता हो जाती है। सभी खाद्यय वस्तुओं व जल में स्क्षूम जीवाणु एकत्रित होकर भोजन व जल को दूषित कर देते है। जिस कारण ऋषियों ने जल वाले पात्रों में कुश डालने को कहा है। क्योंकि कुश से कटीणु नष्ट हो जाते है। ग्रहण के तुरन्त बाद स्नान करने का विधान है, क्योंकि आकाश से आने आने नकारात्मक उर्जा का असर सीधे हमारे शरीर पर पड़ती है। स्नान करने से उष्मा का प्रवाह बढ़ता है और नकारामक उर्जा नष्ट हो जाती है। ग्रहण के दिन पत्ते, लकड़ी, फूल नहीं तोड़ना चाहिए। बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व ब्रश भी नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय सोना, मल-मूत्र त्यागना, मैथुन आदि करना वर्जित है। ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमन्दों को कपड़े व दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। पूजा-पाठ व ध्यान करना चाहिए।
भारत के स्थानीय समयानुसार खंडग्रास सूर्य ग्रहण रविवार दिनांक 26.02.17 को शाम 17 बजकर 40 मि॰ पर प्रारंभ होकर रात 22 बजकर 01 मि॰ तक रहेगा। ग्रहण का सूतक रविवार दिनांक 26.02.17 को प्रातः 05 बजकर 40 मि॰ से प्रारंभ हो जाएगा। परंतु रविवार दिनांक 26.02.17 को घटित होने वाला ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा अतः इसका धार्मिक दृष्टिकोण से शुभाशुभ प्रभाव भी मान्य नहीं होगा। परंतु ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पड़ेगा। कुंभ राशि में घटित होने वाले इस ग्रहण से नौकरीपेशा, मजदूरों, जल संसाधन के कार्यों, मीडिया कर्मियों, राजनेताओं को परेशानी होगी। इस ग्रहण से सोने की कीमतों में थोड़ी मंदी के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी आएगी।

इस सूर्यग्रहण को भारत, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक भारत में सूर्यग्रहण 26 फरवरी यानी कि रविवार को शाम 5 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा और रात 10 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। लेकिन रात होने की वजह से इसका पूरा नज़ारा देख पाना मुमकिन नहीं होगा। 
कब होता है सूर्यग्रहण और क्या। है वलयाकार सूर्य ग्रहण?
सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, और ये घटना तभी होती है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरती है। पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा ढका हुआ प्रतीत दिखाई देता है।
कितने तरह के होते हैं सूर्यग्रहण?
सूर्यग्रहण तीन तरह के होते हैं। पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक सूर्यग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण। पूर्ण और आंशिक सूर्यग्रहण का अर्थ नाम से ही स्पष्ट है, अब हम आपको वलयाकार सूर्यग्रहण के बारे में बताते हैं। वलयाकार सूर्यग्रहण वो खगोलीय घटना है जब पृथ्वी का उपग्रह चांद पूथ्वी से काफी दूर रहने के बावजूद पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। इससे पृथ्वी से सूर्य की जो तस्वीर उभरती है उसमें सूरज का बीच का हिस्सा भी ढका हुआ नज़र आता है। और सूर्य का बाकी हिस्सा प्रकाशित होने की वजह से सूर्य की कंगन या वलय के आकार की तस्वीर उभरती है, इसलिए इसे वलयाकार सूर्यग्रहण कहते हैं।
नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए सूर्यग्रहण देखने के लिए विशेष प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल करें। ये उपकरण बाज़ार में मामूली क़ीमतों पर उपलब्ध हैं।
पुरानी मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के बाद स्नान भी ज़रुरी होता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष हिदायत दी जाती है कि वे बाहर ना निकलें ना ही ग्रहण को देखें। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान दान करने से पुण्य मिलता है। हालांकि ये सारी चीजें महज मान्यताएं हैं और मॉर्डन साइंस इसे नहीं मानता है।

किन-किन राशियों पर प्रभावी

यह ग्रहण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन-किन राशियों पर प्रभावी होगा। शुरुआत करते हैं मेष राशि से… इस राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण शुभ नहीं होगा। अचानक धन की हानि हो सकती है, 

वृष राशि वालों को शारीरिक या मानसिक पीड़ा परेशान कर सकती है। मिथुन राशि वालों को अधिक नुकसान तो नहीं होगा, किंतु व्यवसाय को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं।

कर्क राशि वालों के ऊपर इस ग्रहण का ना के बराबर प्रभाव होगा। अपितु इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है। सिंह राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण शुभ समाचार लाएगा, नौकरी-रोजगार से जुड़े नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

कन्या राशि वालों के अपने साथी और दोस्तों के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। तुला राशि वालों को अपने परिवार का ध्यान रखना चाहिए, कोई बुरी खबर सुनने को मिल सकती है। वृश्चिक राशि के जातक के जीवनसाथी के ऊपर संकट के बादल छाए रहेंगे।

धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ संकेतों वाला होगा। अगर आपकी राशि धनु है तो आपको अचानक धन लाभ हो सकता है। दूसरी ओर मकर राशि के जातकों के लिए संतान के संदर्भ में यह ग्रहण अशुभ है।

कुम्भ राशि के जातकों को कोई बुरी खबर सुनने को मिल सकती है, जो आपकी चिंता का कारण बनेगी। क्रम में आखिर में है मीन राशि, इन राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण सही है, व्यवसाय में सुधार आएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *