23 नवंबर-3 महापर्व: आकाश से अमृत वृष्टि का दिन ;58वर्ष बाद दुर्लभ संंयोग
हाथ वही धन्य हैं जो भगवान की सेवा करें और कान वही धन्य हैं जो भगवान के लीला गुणगान सुनें-
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