भूटान नेशनल असेंबली ;उत्तराखण्ड के इस राजनेता को हिमालयपुत्र की संज्ञा दी
भूटान ने उत्तराखण्ड के इस राजनेता को हिमालयपुत्र की संज्ञा दी # भूटान की नेशनल असेंबली के स्पीकर ने बताया डॉ निशंक को “हिमालय पुत्र” भूटान की नेशनल असेंबली के स्पीकर श्री जिग्मे जांगपो ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ रमेश पोखरियाल’निशंक’ के सम्मान में भोज का आयोजन किया | डॉ निशंक ने भूटान एवं भारत के मध्य इंजीनियरिंग प्रबंधन, उद्धमियता विकास, इको टूरिज्म कौशल विकास, पर्वतीय कृषि ,जैविकतकनीकी और उच्च शिक्षा से जुड़े मामलों में सहयोग किए जाने का आग्रह किया । डॉ निशंक ने भूटान के नेशनल असेंबली केस्पीकर को हरिद्वार गंगा स्नान का निमंत्रण भी दिया । श्री जिग्मे जांगपो द्वारा डॉ निशंक की स्पर्श गंगा मुहिम की प्रशंसा की गई औरविश्वास प्रकट किया की अन्य हिमालय देश भी स्पर्श गंगा अभियान से जुड़ेंगे । डॉ निशंक को स्पर्श गंगा अभियान की बधाई देते हुए उन्हें “हिमालय पुत्र” की संज्ञा दी | डॉ निशंक ने भूटान के नेशनल असेंबली केस्पीकर को हरिद्वार गंगा स्नान का निमंत्रण भी दिया ।भोज मेंकई सांसदों ने हिस्सा लिया – श्री जिग्मे जांगपो द्वारा डॉ निशंक की स्पर्श गंगा मुहिम की प्रशंसा की गई औरविश्वास प्रकट किया की अन्य हिमालय देश भी स्पर्श गंगा अभियान से जुड़ेंगे । इस अवसर पर उन्होंने बताया की उनकी सरकार अपनेदेश की सभी जल धाराओं की स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध है और इस कारण से उनकी नदियों में प्रदुषण देखने को नहीं मिलता | भोज मेंकई सांसदों ने हिस्सा लिया जिसमे चोयेदा जमशो, किन्ले ओम और करमा तेनजिन प्रमुख थे | श्री जिग्मे जांगपो ने बताया की भारतऔर भूटान के संसद के मध्य अत्यंत मजबूत सम्बन्ध हैं, उन्होंने बताया की भूटान में हिमालय के पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकारद्वारा आने कदम उठाये गए हैं उन्होंने डॉ निशंक को स्पर्श गंगा अभियान की बधाई देते हुए उन्हें “हिमालय पुत्र” की संज्ञा दी | डॉ निशंक नेइस बात पर जोर दिया की मौसम परिवर्तन के चुनोतियों से निपटने के लिए भारत भूटान समेत सभी हिमालयी देशों को एक मंच परसंगठित होना चाहिए | स्पीकर श्री जिग्मे जांगपो ने कहा की भूटान कार्बन नेगेटिव है एवं अपनी महत्वकांक्षी जलविद्युत परियोजनाओं सेपर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित है | उन्होंने भारत को गहरा दोस्त बताया और भूटान नवनिर्माण में भारत के अभूतपूर्व योगदान कीसराहना की | भूटान नेशनल असेंबली के महासचिव और विदेश मंत्रालय के महानिर्देशक भी मौजूद थे |
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