बिजनौर के इस कवि की लेखनी; दिलो में गूंजती है-जयंती पर विशेष
‘सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए” 1933 में एक ऐसे कवि का
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