तवांग में झड़प के बाद बीजेपी नेता का हमला
13 DEC 22# तवांग में झड़प के बाद बीजेपी नेता स्वामी ने कहा कि तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू को भद्दी भद्दी गालियां दी गई थीं, क्योंकि भारत चीन से लड़ाई में हार गया था। उनका सवाल था कि अब मोदी उन विशेषणों से महरूम क्यों हैं। क्या उनके साथ वैसा ही सलूक नहीं किया जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में कहा है कि चीनी सैनिकों ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की और हाथापाई की (India China Troops Clash in Arunachal)। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से जवाब दिया है। हमारा कोई सैनिक गंभीर रूप से घायल नहीं है न तो किसी जवान की जान गई है।
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चीन धीरे-धीरे आक्रमण करता जा रहा है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो, सियाचिन (Siachen) भी हाथ से चला जाएगा।
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बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि तवांग में चीन से भारतीय सेना की झड़प के बाद मोदी कैबिनेट के मंत्री संसद में स्पष्टीकरण दे रहे हैं। लेकिन उन्हें ऐसा क्यों करना चाहिए। उनका कहना था कि गुजरात का सीएम रहते और अब पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी की चीन से नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में भारतीय सेना के साथ PLA की मुठभेड़ अगर LAC पर हो रही है तो सरकार के मंत्री क्यों जवाबदेह बनाए जा रहे हैं।
अपने एक और ट्वीट में बीजेपी केस पूर्व सांसद ने कहा कि मोदी जिनपिंग के बीच 18 मीटिंग हो चुकी हैं। वन टू वन की मीटिंग के बाद चीनी राष्ट्रपति मोदी की कमजोरियों को भांप चुके हैं। हमारे प्रधानमंत्री को फोटो खिंचाने का शौक है और कपड़ों के प्रति उनका लगाव किसी से छिपा नहीं है। जटिल वैश्विक मसलों पर वो ज्यादा कुछ नहीं करते। यही वजह है कि जिनपिंग ने Global Power Triangle से उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया।
स्वामी ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि मोदी ने कोई आया नहीं… कहकर Galwan Depsang and Pangong lake चीन को गिफ्ट में दे दिया। उनका कहना था कि सरकार का ये ही रवैया रहा तो Chusul military airfield भी हम जल्द चीन को सौंपने जा रहे हैं। बीजेपी के पूर्व सांसद का कहना था कि इंडोनेशिया के बाली में मोदी चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिलाने के लिए आतुर दिखे। चीनी जानते हैं कि हमारे साथ किस तरह का सलूक करना चाहिए। उन्होंने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी है तो मुमकिन है।
अरुणाचल के तवांग में भारतीय सेना की चीनी सेना के साथ मुठभेड़ हुई। 9 दिसंबर को हुई मुठभेड़ की ये खबर सामने आने के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। सरकार के मंत्री संसद में बता रहे हैं कि किस तरह से उन्होंने चीन को पीछे खदेड़ दिया। लेकिन विपक्ष का सवाल है कि ऐसी नौबत आई क्यों। अगर चीन को लेकर सरकार सशंकित है तो हमारी तैयारियां क्या थीं?
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, “चीन ने डोकलाम, डेपसांग, गलवान और डेमचोक के अनुभवों से सीखा है कि पीएम मोदी इस आक्रमण को कभी स्वीकार नहीं करेंगे और एक अलग कहानी बनाने के लिए अपनी मीडिया का इस्तेमाल करेंगे। इस कारण चीन बिना किसी शोर-शराबे के धीरे-धीरे आक्रमण करना जारी रखता है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक अरुणाचल प्रदेश में अपने सैन्य अड्डे को जमा करने में विफल क्यों रहे हैं। उन्होंने लिखा, “चीन ने 2017 में डोकलाम में और अप्रैल 2020 में लद्दाख में ऐसा ही किया था। फिर भी हमने अपनी ताकत क्यों नहीं बढ़ाई?” उन्होंने झड़प पर संसद में पूर्ण चर्चा का भी आह्वान किया और कहा कि पीएलए का भारतीय भूमि पर कब्जा हटाने में देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेगा।