उत्तराखण्ड में शिक्षकों की हालत आज एक मुंशी की तरहः
रघुनाथ सिंह नेगी का सनसनीखेज आरोप: उत्तराखण्ड में शिक्षकों की हालत आज एक मुंशी की तरहः शिक्षकों एवं छात्रों की दुर्दशा पर मोर्चा प्रतिनिधि मण्डल ने की मुख्य सचिव से मुलाकात www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
देहरादून-जनसंघर्ष मोर्चा प्रतिनिधि मण्डल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्य सचिव श्री शत्रुघन सिंह से मुलाकात कर प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में षिक्षकों एवं छात्रों की पीडा को लेकर ज्ञापन सौंपा। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधि मण्डल को कार्यवाही का भरोसा दिलाया तथा शिक्षा के गिरते हुए स्तर एवं आमजन की इन विद्यालयों से विमुखता को लेकर चिन्ता व्यक्त की।
नेगी ने कहा कि विद्यालयों में न तो लिपिक की व्यवस्था होती है और न ही किसी अन्य कर्मचारी की। सरकार द्वारा संचालित योजनाएं मध्यान्तर भोजन, निर्माण कार्यों की देखरेख एवं उनका ऑडिट, छात्रवृत्ति से सम्बन्धित कार्य, सूचना का अधिकार, जनगणना, बाल गणना, बी०एल०ओ०, लघु मरम्मत, निर्वाचन, छात्रों की ड्रेस-पुस्तकें एवं उनकी खरीद, बी०पी०एल० सर्वे, कार्ड सत्यापन, राजकीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, लिपिकीय कार्य, सांख्यिकी गणना, वृक्षारोपण, चुनाव आदि अनेक योजनायें कि्रयान्वित हैं, जिस कारण षिक्षक इन कार्यों में ही उलझे रहते हैं तथा षिक्षक की व्यस्तता के चलते पठन-पाठन चौपट हो जाता है। शिक्षकों की हालत आज एक मुंशी की तरह हो गयी है।
आर०टी०ई० की धारा २७ में स्पष्ट उल्लेख है कि शिक्षक को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त मात्र जनगणना, निर्वाचर एवं आपदा के अलावा कोई गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कराया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद शिक्षकों की कोई सुनने वाला नहीं है।
पूर्व में ग्राम प्र्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य भी मांग कर चुके हैं कि पंचायत स्तर पर इनको और अधिक अधिकार सम्पन्न बनाया जाए। इन योजनाओं में से अधिकतम योजनाओं के कि्रयान्वयन हेतु पंचायत प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा सकती है, जिससे शिक्षक सिर्फ और सिर्फ शिक्षण कार्य पर ही ध्यान केन्दि्रत कर सकेगा तथा बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रह सकेगा।
नेगी ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा के गिरते हुए स्तर को उठाने की दिषा में शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेना बन्द करें एवं २०० छात्रों से अधिक विद्यालयों में एक लिपिक की व्यवस्था करने का कष्ट करें, जिससे शिक्षक मात्र शैक्षणिक कार्य पर ही ध्यान देंगे तथा गरीब बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा मुहैया हो सकेगी।
प्रतिनिधिमण्डल में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, अमरदीप जायसवाल, ओ०पी० राणा, अशोक गुप्ता, सुरेन्द्र चौहान आदि थे।