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फिल्म ‘पद्मावत’ भले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रिलीज को तैयार है, लेकिन निर्माता संजय लीला भंसाली की मुसीबतें घटने का नाम नहीं ले रही है. रिलीज से ठीक एक दिन पहले बुधवार को मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि वे राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में इस फिल्म की स्क्रिनिंग नहीं की जाएगी. इस एसोसिएशन से देश की 75 प्रतिशत मल्टीप्लेक्स मालिक जुड़े हैं. एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले कुछ समय से थिएटर्स में और उसके बाहर हिंसक घटनाएं और आगजनी हो रही हैं. ऐसे में फिल्म पद्मावत के रिलीज के दिन मल्टीप्लेक्स को इन हिंसा से बचाने के लिए फिल्म का रिलीज नहीं करने का फैसला लिया गया है. राजस्थान में कानून व्यवस्था को देखते हुए सिनेमा घरों के मालिकों और मल्टीप्लेक्स के मालिकों ने फिल्म को परदे पर नहीं दिखाने का निर्णय लिया है. राजपूत करणी सेना के फिल्म का विरोध जारी रखने के पर कायम रहने के बाद प्रदर्शनकारियों ने आज प्रदेश में अपना आंदोलन तेज कर दिया है. हालांकि स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है. राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश का एक भी सिनेमाघर फिल्म को दिखाने के लिये तैयार नहीं है. कटारिया ने बुधवार को अलवर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रदेश में एक भी सिनेमाघर ऐसा नहीं है जो फिल्म को दिखाने को तैयार हो. उन्होंने कहा कि जो फिल्म का विरोध कर रहें है उन्हें भी अदालत में जाना चाहिए और इतिहास, समाज और प्रदेश के सम्मान की दृष्टि से अपना पक्ष वहां रखना चाहिए. प्रदर्शनकारियों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए सिनेमाहॉल इस फिल्म की स्क्रिनिंग को तैयान नहीं हैं, हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है इसलिए जो भी जिस भी सिनेमा हॉल में ये फिल्म दिखाई जाएगी उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. फिल्म पद्मावती के रिलीज के खिलाफ देशभर के कई राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर श्रीराजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि जो हो रहा है वह दुखद और गलत है, लेकिन इसे कोई नहीं रोक सकता. कालवी ने कहा, ‘मन की ज्वाला है मत टटोलो, जौहर की ज्वाला बहुत कुछ जला देगी. रोको पद्मावती रुक गई, पद्मावत को भी रोको, जल जाएगा देश. मत करो यह पाप. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सड़कों पर आगजनी होने से मैं भी नहीं रोक सकता. कालवी ने कहा, ‘जो भी हो रहा है दुखद है, गलत है, पर अब मन की ज्वाला को सड़कों पर धधकने से कोई रोक नहीं सकता, मैं भी नहीं.’ फिल्म पद्मावत के रिलीज से एक दिन पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में करणी सेना के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किए. कांग्रेस ने पद्मावत फिल्म का विरोध कर रहे लोगों की ओर से स्कूल बसों पर हमला करने को लेकर हरियाणा सरकार पर कानून एवं व्यवस्था कायम रखने में विफल रहने का आरोप लगाया. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरूग्राम में स्कूली बसों पर हमले को अस्वीकार्य और भर्त्सना योग्य बताया जिसके कारण बच्चों एवं यात्रियों की जान खतरे में पड़ गयी.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हरियाणा में कानून व्यवस्था का फ़िर दीवाला निकला. गुडगांव में अराजक तत्वों द्वारा अबोध बच्चों की स्कूल बस पर खौफनाक हमला. रोडवेज़ की बस को किया आग के हवाले. शासन-प्रशासन का कहीं नहीं नामोनिशां. बच्चों व बेक़सूर नागरिकों का क्या कसूर ? फिर नाकारा साबित हुई खट्टर सरकार!’ गुरूग्राम में एक नामी स्कूल के करीब 20-25 छात्र उस समय बाल बाल बच गये जब पद्मावत फिल्म का विरोध कर रहे लोगों की उग्र भीड़ ने उनकी बस पर हमला बोला. उस पर पथराव किया. हरियाणा में सोहना सहित कुछ अन्य जगहों पर भी वाहनों पर हमला करने की घटनाएं हुई हैं.
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दावोस: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि भारत में विकास दर में आई गिरावट का मुख्य कारण साल 2016 के नवंबर में की गई नोटबंदी है. राजन ने एक निजी चैनल से कहा, “मैं समझता हूं कि अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता. हम इस पर तर्क-वितर्क करते रहेंगे कि इससे कर अनुपालन बढ़ा है, जबतक कि पिछली कर वसूली के आंकड़े नहीं आ जाते. इसलिए इस बारे में अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता. मुझे संदेह है कि विकास दर में गिरावट का कारण इसका (नोटबंदी) प्रभाव है.. इसका प्रभाव अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर भी था, जिसे तुरंत पकड़ा नहीं जा सका है, जैसा कि हम देख रहे हैं. व्यापार बंद हो रहे हैं, क्योंकि वे इससे उबर नहीं सके.” उन्होंने कहा कि नोटबंदी के सकारात्मक प्रभाव को समझने के लिए ‘हमें इंतजार करना होगा और फिर देखना होगा.’ राजन ने कहा, “मुझे लगता है कि यह डिजिटल भुगतान प्रणाली को कुछ प्रोत्साहन देता है. लेकिन यह अन्य (पहलुओं) की तुलना में अपेक्षाकृत छोटा है.” यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने कार्यकाल में नोटबंदी को मंजूरी देते? राजन ने कहा, “इसका सरल जबाव इस मंशा से प्रकट होता है कि मुझे लगता है कि सरकार ने उस समय हमसे हमारे विचार पूछे थे.. हमने उन्हें जबाव दे दिया था. लेकिन हमने इस फैसले को बहुत ही कठिन समझा था. मैं नहीं समझता था कि इससे वांछित लाभ होगा और इसकी लागत भी काफी अधिक होने वाली थी.” उन्होंने आगे कहा, “हां, किसी भी मौद्रिक अर्थशास्त्र का यही कहना होगा कि मुद्रा को प्रचलन से बाहर करने से पहले उसकी पर्याप्त छपाई कर लें. लेकिन मुझे लगता है कि असली सवाल यह है कि क्या आरबीआई को पांचवां स्तंभ होना चाहिए, अगर सरकार किसी निर्णय पर आगे बढ़ना चाहती है या कुछ करना चाहती है. मेरा अनुमान है कि कानूनी तौर पर और नैतिक तौर पर आप संस्थान को रोक नहीं सकते. आप उनके साथ जाने से इंकार कर सकते हैं, लेकिन आप संस्थान को रोक नहीं सकते हैं.”
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गुरुग्राम में पुलिस-प्रशासन के सुरक्षा के तमाम दावों के बाद पद्मावत फिल्म का विरोध कर रहे लोगों का हंगामा जारी है. बुधवार को एक नामी स्कूल के 20-25 छात्र बाल बाल बच गए जब पद्मावत फिल्म की रिलीज के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भीड़ ने उनकी बस पर हमला कर दिया . जी डी गोयनका वर्ल्ड स्कूल के छात्र अपने घर लौट रहे थे तभी करीब 60 प्रदर्शनकारियों ने लाठियों से बस पर हमला करते हुए ड्राइवर से गाड़ी रोकने को कहा. ड्राइवर ने जब ध्यान नहीं दिया तो असमाजिक तत्वों ने पथराव किया. गुड़गांव पुलिस के पीआरओ रविंद्र कुमार ने बताया स्कूली बस के कर्मचारियों ने बच्चों को सुरक्षा के लिए सीट के भीतर छिप जाने और ड्राइवर से बस नहीं रोकने को कहा . कुमार ने कहा, ‘‘बस के कुछ शीशे चटक गए. घटना से खौफजदा बच्चों ने मदद के लिए पुकार लगाई. सौभाग्य से हमले में कोई भी बच्चा घायल नहीं हुआ.’’
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चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावोस में मंगलवार (23 जनवरी) को दिए गए भाषण का स्वागत किया है. मोदी ने अपने संबोधन में संरक्षणवाद को ‘आतंकवाद की तरह ही खतरनाक’ बताया था. इसके साथ ही चीन ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. मोदी ने अपने संबोधन में दुनिया के समक्ष आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर चिंता जताई थी. वह दो दशक में दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की शिखर बैठक को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कई देश आत्मकेंद्रित बन रहे हैं और वैश्वीकरण सिकुड़ रहा है. इस तरह का रुख आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से कम खतरनाक नहीं है.
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यूपी के मेरठ जिले में बेखौफ बदमाशों ने घर के बाहर बैठे एक मां-बेटे को गोलियों से भून डाला. जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. डबल मर्डर की यह वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. अब पुलिस उसी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है. इस दोहरे हत्याकांड से पूरे इलाके में दहशत है. मामला मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र का है. जहां बुधवार को सोरखा गांव में निश्चर नामक महिला अपने बेटे के साथ घर के बाहर चारपाई पर बैठी थी. तभी तीन बदमाश हाथों में बंदूक लिए वहां पहुंचे और दोनों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. गोलियों की आवाज़ से पूरा इलाका दहल गया. गोली लगने से मां-बेटे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
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यूपी के गाज़ियाबाद शहर में बदमाशों के हौंसले बुलंद हैं. जहां एक बदमाश ने घर में घुसकर एक टीचर को गोली मार दी. वारदात को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गया. घायल टीचर को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है.
घटना गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र की है. जहां राजनगर के सेक्टर 13 इलाके में कोचिंग पढ़ाने वाले 55 वर्षीय अनिल गुप्ता को उनके घर में घुसकर एक बदमाश ने गोली मार दी. घायल टीचर को गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
वारदात को अंजाम देकर आरोपी तो मौके से फरार हो गया लेकिन उसकी तस्वीरें इलाके में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. अब पुलिस उस हमलावर बदमाश की तलाश कर रही है. पुलिस इस मामले की जांच लूट का प्रयास और आपसी रंजिश दोनों के एंगल से कर रही है.
अनिल के परिजनों ने बताया कि बदमाश पिस्टल हाथ मे लेकर घर के बाहर पहुंचा. फिर गेट पर नॉक कर अंदर आ गया. जब अनिल की पत्नी ने बदमाश और पिस्टल को देखा तो उन्होंने घर के बाहर आकर शोर मचा दिया. लेकिन बेखौफ बदमाश ने टीचर को गोली मार दी और फरार हो गया.
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दिल्ली हाईकोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा कि ये स्पीकर चुनाव आयोग को कहते हैं कि सीट खाली है. उसके बाद चुनाव आयोग चुनाव को लेकर काम करता है. दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने कहा कि कोई भी पक्ष इस दरमियान कोई कदम नहीं उठाएगा और चुनाव की घोषणा नहीं की जाएगी.
आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों के निष्कासन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति के फैसले पर स्टे से इनकार किया है. हालांकि, सोमवार तक के लिए चुनाव आयोग को उपचुनाव का ऐलान करने से मना किया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान विधायकों की तरफ से कहा गया कि उनके साथ जो कुछ हुआ है वह अन्याय है. सुनवाई के दौरान विधायकों ने सोमवार तक चुनाव की घोषणा होने की आशंका जताई. जिसपर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मसले पर सोमवार तक उपचुनाव की घोषणा ना करने के लिए कहा है. हाइकोर्ट ने अभी राष्ट्रपति के आदेश पर कोई स्टे नहीं लगाया है.
विधायकों ने दलील दी कि चुनाव आयोग ने उनकी बात नहीं सुनी और नए चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया है.
विधायकों ने दावा किया कि हमारे खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता ही नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मसले पर कहा है कि वह इस मामले पर विस्तृत सुनवाई सोमवार को करेंगे. तब तक चुनाव आयोग उपचुनाव की घोषणा ना करें. राष्ट्रपति के आदेश के बाद सदस्यता गंवाने वाले 20 विधायकों में से कुल 8 पूर्व विधायकों की ये याचिका लगाई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘आप’ के 20 विधायकों की अयोग्यता के फैसले पर सुनवाई करते हुए मामले की अगली सुनवाई होने तक दिल्ली में उपचुनाव की नोटिफिकेशन जारी नहीं करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने केंद्र की अधिसूचना पर अंतरिम स्थगनादेश जारी करने से इनकार कर दिया है. अयोग्य करार दिए जाने को चुनौती देने वाली आप विधायकों की याचिकाओं पर अदालत ने निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार से जवाब भी मांगा है. मामले की अगली सुनावाई सोमवार को होगी.
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सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मुकदमे की रिपोर्टिंग पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को खारिज कर दिया. सीबीआई अदालत ने 29 नवंबर 2017 को अपने एक आदेश में मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी थी. सेशन्स कोर्ट के फैसले को मुंबई के 9 पत्रकारों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. बॉम्बे हाई कोर्ट की न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे का फैसला कई मायनों में ऐतिहासिक है. क्योंकी गाहे-बगाहे कोई ना कोई दलील देकर कभी अभियुक्त तो कभी अभियोजन पक्ष मीडिया रिपोर्टिंग पर पाबंदी लाने की कोशिश करते रहते हैं. ऐसे में ये फैसला अब नज़ीर साबित होगा.
खास बात है कि जिस सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई सालों से चल रही थी. कभी उसकी रिपोर्टिंग पर ना तो उंगली उठी और न ही पाबंदी लगी. उस पर अचानक से बिना किसी आधार के पाबंदी लगा दी गई थी. वो भी एक आरोपी की मांग पर. जबकि जांच एजेंसी सीबीआई मामले में तठस्थ रही है. पत्रकारों की तरफ से वकालतनामा फ़ाइल करने वाली और अपील ड्रॉफ्ट तैयार करने वाली वकील वर्षा भोगले ने बताया कि मामले में मीडिया पर पाबंदी लगवाने की अर्जी देने वाले आरोपी और उस अर्जी का समर्थन करने वाले बाकी आरोपियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला तो दिया लेकिन कोई भी ठोस तथ्य नहीं पेश कर पाए.
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साउथ कश्मीर के शोपियां जिले में सिक्युरिटी फोर्सेस ने बुधवार को एनकाउंटर में दो आतंकी को मार गिराया। वहीं, इस दौरान कुछ गांववाले आतंकियों की ढाल बनकर सामने आ गए। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे, जिन्होंने जवानों पर पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जवानों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस के मुताबिक, एनकाउंटर के दौरान क्रॉस फायरिंग में एक लड़के की गोली लगने से मौत हो गई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि शोपियां में कुछ आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी के बाद सिक्युरिटी फोर्सेस ने ऑपरेशन चलाया। इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। एनकाउंटर के वक्त कुछ गांववालों और जवानों के बीच झड़प हुई।
– डीजीपी, एसपी वैद्य ने कहा कि एनकाउंटर में दो आतंकी ढेर हुए। उनके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। दुर्भाग्य से एक लड़के सारिक अहमद मीर (17) की जान चली गई और दो महिलाएं भी जख्मी हैं।
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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बुधवार को भी बढ़ोतरी जारी रही। दिल्ली में इसकी कीमतें 72.43 रुपए/लीटर रहीं तो मुंबई में दाम 80.30 रुपए/लीटर तक चले गए। डीजल के दामों में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली। दिल्ली में डीजल 63.38 रुपए/लीटर बिका। इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें 70 डॉलर/बैरल तक पहुंच गई हैं। जिसके चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी जारी है। पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की जाए। सोर्सेस का कहना है कि बजट में कोशिश की जा रही है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक्साइज ड्यूटी घटाने के लिए बजट का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। सरकार ने 3 अक्टूबर को पेट्रोल-डीजल पर ड्यूटी प्रति लीटर दो-दो रुपए घटाई थी।
– पेट्रोलियम मंत्रालय के सोर्सेस ने कहा, ‘हम केवल एक्साइज ड्यूटी में कटौती की राय दे सकते हैं। फैसला वित्त मंत्रालय को करना है। हालांकि, बजट में एक्साइज ड्यूटी घटाना आसान नहीं है। सरकार पहले ही फिस्कल डेफिसिट (राजकोषीय घाटे) से जूझ रही है। जुलाई से जीएसटी लागू होने से भी टैक्स रेवेन्यू में गिरावट आई है।”
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