TOP NATIONAL NEWS; वायरल मैसेज का सच जानिए

कल साढ़े 3 बजे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का अहम फैसला # मॉनसून तय समय से दो दिन पहले # मुख्य न्यायाधीश ने कहा- वकीलों को यह नहीं सोचना चाहिए कि # शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के कांग्रेस अध्यक्षा का प्रस्ताव ठुकरा दिया # www.himalayauk.org (web & Print media) 

वायरल मैसेज का सच
सोशल मीडिया की दुनिया में हर दिन कोई न कोई तस्वीर या वीडियो वायरल होता रहता है लेकिन इस बार एक नंबर (777888999) वायरल हो रहा है. ये कोई साधारण नंबर नहीं है. दावा है कि ये डेथ कॉल है यानि एक नंबर से आपके मोबाइल पर कॉल आएगा और जैसे ही आप उस कॉल को रिसीव करेंगे आपका फ़ोन ब्लास्ट हो जायेगा. इस नंबर के साथ एक मैसेज भी है जिसमें लिखा है, ‘777888999, इस नंबर में वायरस है. इस नंबर से आए कॉल को रिसीव करने से देशभर में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. कृपया इस जानकारी को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर करें.’ साथ में ये भी दावा किया जा रहा है की इस नंबर से आये कॉल को जैसे ही आप रिसीव करेंगे , आपका फ़ोन ब्लास्ट हो जायेगा और आप मर जायेंगे.” भारत में अभी तक 9 अंको वाला मोबाइल नंबर नहीं आया है. विदेश में ऐसा है लेकिन अगर विदेश के भी किसी नंबर से आपको कॉल आता है तो आपके मोबाइल स्क्रीन पर नंबर के साथ उस देश का 2 अंको वाला कोड भी जरूर दिखाई देगा. ये मैसेज बेबुनियाद है, लोगों को गुमराह करने की कोशिश है. तकनीक विकसित हो रही है लेकिन अभी ऐसी कोई तकनीक मेनस्ट्रीम में नहीं आयी है जिससे एक नम्बर से दूसरे नम्बर पर फ़ोन करने ब्लास्ट किया जा सके. इस तरह के विध्वंसकारी तकनीक पर शोध चल रहा है, लेकिन अभी इस तरह की कोई चीज़ कमर्शियल मेनस्ट्रीम में नहीं आई है.’
सोशल मीडिया पर आजकल 777888999 नंबर से जुड़ा एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. बुधवार को डराने वाला मैसेज लोगों के वाट्सएप पर आने लगा जिसमें कहा गया कि 777888999 नंबर से आने वाले कॉल को रिसीव न करें.
अगर गलती से भी वह इसे रिसीव करते हैं तो फोन में ब्लास्ट हो जाएगा. मैसेज में यह भी लिखा है किड इसे दूसरे लोगों को भी जल्दी फॉरवर्ड कर दें, समय कम है.
मैसेज मिलते ही लोगों ने बिना सच्चाई जाने इसे अपने-अपने परिचितों और दोस्तों को फॉरवर्ड करना शुरू कर‌ दिया. लेकिन अगर आपके पास भी ऐसा कोई मैसेज आया है तो आप इसकी सच्चाई जान लें.
जिस नंबर 777888999 के बारे में कहा जा रहा है वह केवल 9 अंकों का ही है. जानकारों की मानें तो भारत में 9 अंकों वाले मोबाइल नंबर नहीं होते. 10 से कम डिजिट के नंबर विदेशों के हो सकते हैं लेकिन उनके पहले कोई न कोई फिकक्स कंट्री कोड जरूर होता है. जैसे भारत के किसी भी नंबर से पहले उसका कंट्री कोड +91 लगा होता है.
इसलिए इस मैसेज को लेकर आपको डरने की जरूरत नहीं है. सच्चाई यह है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा मैसेज में कहा जा रहा है. न तो यह नंबर कोई वायरस है और न ही इस नंबर से कॉल आने पर आपके फोन में ब्लास्ट होगा.
9 अंकों वाले इस नंबर को लेकर तमाम तरह के वायरल मैसेज से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. अभी तक यह सिर्फ एक अफवाह साबित हुआ है. इसे सीरियसली लेने की जरूरत नहीं है
######

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर ने कहा कि वकीलों को यह नहीं सोचना चाहिए कि
तीन तलाक पर सुनवाई के बीच बुधवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर ने कहा कि वकीलों को यह नहीं सोचना चाहिए कि कोर्ट बेंच इस मामले से पूरी तरह वाकिफ नहीं है.
वरिष्ठ वकील वी गिरी के सवालों का जवाब देते हुए सीजेआई ने कहा, कुरान में कहीं भी तलाक-ऐ-इबादत या तुरंत तीन तलाक के बारे में उल्लेख नहीं है. इसके सिर्फ दो रूप एहसान और अहसान का ही इस पवित्र किताब में उल्लेख है. गिरी ने कहा था कि पर्सनल लॉ में संवैधानिक रूप से दखलंदाजी पहले भी हुई है और वहां फैसलों ने प्रथाओं को मार दिया है. इस दौरान बेंच की तरफ कुरान करते हुए उन्होंने कहा, तलाक-ऐ-इबादत कुरान के सुरह 65 के पैरा 230 में है. इस पर चीफ जस्टिस मुसकुराए और उसे दोबारा पढ़ने को कहा.
सीजेआई ने कहा, ‘आपने पहले भी पैरा पढ़ा है और इसके बाद पूरा दृश्य बता रहे हैं. कपिल सिब्बल ने भी कुछ सिलेक्टड चीज का उल्लेख किया है.’ अगर आप कहते हैं कि हर वचन या घोषणा के बाद इद्दत की अवधि जरूरी है और यह तीसरा उदाहरण है जिसके बाद यह अपरिवर्तनीय हो जाता है. इसलिए कुरान में तलाक-ऐ-इबादत कहीं नहीं जगह पाता है.
इसका उल्लेख सिर्फ इसलिए कर रहा हूं कि यह जानना चाहिए कि यहां क्या हो रहा है. इस पर एडवोकेट गिरी ने कहा कि मैं अपनी गलती मानता हूं. यह सिर्फ मेरा अनुमान था.
जज ने सुरह 4 के 35वें आयत को भी पढ़ा और कहा इसके लिए मध्यस्थ की जरूरत होगी. इस मामले में सीजेआई के विश्वास को इग्नोर नहीं किया जा सकता है. आप पूरे पैराग्राफ को पढ़ेंगे तो पाएंगे कि यह भी ट्रिपल तालाक को पूरी तरह से शामिल नहीं करता है.
कुरान को हाथ में लेकर जस्टिस खेहर ने कहा, यह उन्होंने किसी से लिया है. यह किताब कहता है कि हर शुक्रवार को आप कहते हैं कि बिद्दत खराब है फिर भी इसे प्रैक्टिस में नहीं लाते हैं. और अब आप कह रहे हैं कि यह 1400 साल पुरानी आस्था है.
######

मॉनसून तय समय से दो दिन प
मॉनसून तय समय से दो दिन पहले केरल तट पर 30 मई को दस्तक दे सकता है. यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दी. केरल में मॉनसून के पहुंचने की तारीख एक जून है.
आईएमडी ने इस वर्ष सामान्य बारिश होने का अनुमान जताया है. इसने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून अंडमान सागर के उपर पहुंच चुका है. मॉनसून अंडमान में तय समय से तीन दिन पहले 14 मई को पहुंच गया.
आईएमडी ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने की स्थिति ठीक प्रतीत हो रही है. आईएमडी ने कहा, दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल में 30 मई को दस्तक दे सकता है और इसमें चार दिन आगे..पीछे भी हो सकता है.
###

शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के कांग्रेस अध्यक्षा का प्रस्ताव ठुकरा दिया
राष्ट्रपति पद के चुनाव से जुड़ी गहमागहमी के बीच एनसीपी की तरफ़ से बड़ा खुलासा आया है. एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के कांग्रेस अध्यक्षा का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. मुम्बई में पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए मलिक ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने खुद एनसीपी मुखिया शरद पवार को राष्ट्रपति चुनाव बनने का ऑफर दिया था. लेकिन पवार ने इस ऑफर को अस्वीकार किया. लेकिन, दलगत चर्चाओं में शरद पवार हमेशा कहते आए हैं कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना नहीं चाहते.

मलिक ने यह भी बताया कि, गैर NDA दलों का गठबंधन हो और राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार उतारा जाए इसलिए एनसीपी कोशिश कर रही है. वैसे कई अन्य दल भी चाहते थे कि शरद पवार उम्मीदवार बने. करीब दो हफ्ते पहले नई दिल्ली में शरद पवार ने सोनिया गांधी के घर जाकर मुलाक़ात की थी. बैठक के बाद से यह सुगबुगाहट तेज़ थी कि पवार क्या UPA के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकते हैं? जिस पर खुलासा अब आया है.

वैसे NDA के पक्ष में समर्थन जुटता देख शरद पवार ने 11 मई को मुम्बई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कह दिया था कि, राष्ट्रपति चुनाव में अपने पसंद के उम्मीदवार को जितवाने के लिए जरूरी समर्थन सत्तारूढ़ NDA के पास है. ऐसे में इस चुनाव में किसी बड़े उलटफेर की उम्मीद नहीं है.

##
ल साढ़े 3 बजे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का अहम फैसला
आईसीजे 18 मई को अपना फैसला सुनाएगी. यह फैसला भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे सुनाया जाएगा. 15 मई को हुई बहस में भारत ने आईसीजे से जाधव की मौत की सजा फौरन स्थगित करने की मांग की, जबकि पाकिस्तान ने भारत पर ‘मिथ्या विचार’ वाली एक अर्जी के जरिए इस वैश्विक संस्था का ‘राजनीतिक मंच’’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
भारत जाधव के मामले को अंतराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया है और पाकिस्तान पर वियना समझौता का उल्लंघन करने तथा लेशमात्र सबूत के बगैर जाधव को दोषी ठहराने के लिए बेतुका मुकदमा चलाने का आरोप लगाया है.
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) कुलभूषण जाधव को पाकिस्‍तान में सुनाई गई फांसी की सजा के खिलाफ भारत की अपील पर अपना फैसला कल सुनाएगा. कल साढ़े 3 बजे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का अहम फैसला आएगा. दरअसल, कुलभूषण जाधव के मामले में बीते सोमवार को यहां अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में भारत और पाकिस्तान के बीच जोरदार बहस हुई थी. भारत ने जाधव की मौत की सजा फौरन स्थगित करने की मांग की, जबकि पाकिस्तान ने भारत पर ‘मिथ्या विचार’ वाली एक अर्जी के जरिए इस वैश्विक संस्था का ‘राजनीतिक मंच’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

उल्‍लेखनीय है कि भारत जाधव के मामले को अंतराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया है और पाकिस्तान पर वियना समझौता का उल्लंघन करने तथा लेशमात्र सबूत के बगैर जाधव को दोषी ठहराने के लिए बेतुका मुकदमा चलाने का आरोप लगाया है. दोनों पड़ोसी देशों का 18 साल पहले यहां आमना-सामना हुआ था, जब पाकिस्तान ने अपनी नौसेना के विमान को मार गिराने के मामले में इससे हस्तक्षेप की मांग की थी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने कहा था कि वह अस्थायी उपाय के लिए भारत के अनुरोध पर यथाशीघ्र अपना आदेश जारी करेगा. न्यायालय ने कहा, ‘सार्वजनिक बैठक में जिस तारीख को आदेश जारी किया जाएगा, उस बारे में दोनों पक्षों को सूचना दे दी जाएगी’. भारत ने जाधव की मौत की सजा को फौरन स्थगित करने की मांग करते हुए आशंका जताई है कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले ही उन्हें फांसी दे सकता है. नौसेना के 46 वर्षीय पूर्व अधिकारी के मामले में आईसीजे के सुनवाई शुरू करने पर भारत ने जोरदार दलील पेश की. जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था और पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित जासूसी एवं विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने अपनी शुरूआती टिप्पणी में आईसीजे से कहा, ‘जाधव को उपयुक्त कानूनी सहायता और राजनयिक मदद पाने का अधिकार नहीं दिया गया. फैसला होने से पहले ही उन्हें फांसी दिए जाने का एक फौरी खतरा मंडरा रहा है’. भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे मुख्य वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ऐसे में जब यह न्यायालय अपील पर सुनवाई कर रहा है, मौत की सजा का क्रियान्वन नहीं किया जा सकता. नहीं तो, यह वियना समझौता का उल्लंघन होगा. भारत की दलील के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में अपनी दलील में कहा था कि जाधव पर भारत की अर्जी गैरजरूरी और गलत तरीके से व्याख्या वाली है तथा इसे अवश्य खारिज किया जाना चाहिए.
कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में भारत और पाकिस्तान के बीच जोरदार बहस हुई. भारत ने जाधव की मौत की सजा फौरन स्थगित करने की मांग की, जबकि पाकिस्तान ने भारत पर ‘मिथ्या विचार’ वाली एक अर्जी के जरिए इस वैश्विक संस्था का ‘राजनीतिक मंच’’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
पहले भी हो चुका है आमना-सामना
भारत जाधव के मामले को अंतराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया है और पाकिस्तान पर वियना समझौता का उल्लंघन करने तथा लेशमात्र सबूत के बगैर जाधव को दोषी ठहराने के लिए बेतुका मुकदमा चलाने का आरोप लगाया है.
दोनों पड़ोसी देशों का 18 साल पहले यहां आमना-सामना हुआ था, जब पाकिस्तान ने अपनी नौसेना के विमान को मार गिराने के मामले में इससे हस्तक्षेप की मांग की थी.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि वह अस्थायी उपाय के लिए भारत के अनुरोध पर यथाशीघ्र अपना आदेश जारी करेगा.
न्यायालय ने कहा, सार्वजनिक बैठक में जिस तारीख को आदेश जारी किया जाएगा, उस बारे में दोनों पक्षों को सूचना दे दी जाएगी. भारत ने जाधव की मौत की सजा को फौरन स्थगित करने की मांग करते हुए आशंका जताई है कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले ही उन्हें फांसी दे सकता है. नौसेना के 46 वर्षीय पूर्व अधिकारी के मामले में आईसीजे के सुनवाई शुरू करने पर भारत ने जोरदार दलील पेश की. जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था और पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी एवं विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी.
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने अपनी शुरूआती टिप्पणी में आईसीजे से कहा, जाधव को उपयुक्त कानूनी सहायता और राजनयिक मदद पाने का अधिकार नहीं दिया गया. फैसला होने से पहले ही उन्हें फांसी दिए जाने का एक फौरी खतरा मंडरा रहा है.
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे मुख्य वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ऐसे में जब यह न्यायालय अपील पर सुनवाई कर रहा है, मौत की सजा का क्रियान्वन नहीं किया जा सकता. नहीं तो, यह वियना समझौता का उल्लंघन होगा. भारत की दलील के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में अपनी दलील में कहा कि जाधव पर भारत की अर्जी गैरजरूरी और गलत तरीके से व्याख्या वाली है तथा इसे अवश्य खारिज किया जाना चाहिए.
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के मोहम्मद फैसल ने भारत की दलील के जवाब में अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा कि नई दिल्ली ने इसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के लिए एक उपयुक्त मामले के तौर पर देखा लेकिन हम नरमी से जवाब नहीं देंगे. आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव के कथित इकबालिया बयान वाला वीडियो यहां सार्वजनिक सुनवाई के दौरान चलाने की भी इजाजत नहीं दी. पाकिस्तान की तरफ से पेश हुए वकील खवार कुरैशी ने मामले को आईसीजे में लाने के भारत के प्रयास को खारिज करते हुए कहा कि विएना संधि के प्रावधान जासूसों, आतंकवादियों और जासूसी में संलिप्त लोगों के मामलों में लागू नहीं होते हैं.

कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत ने इस साल जनवरी में पाकिस्तान के उस संपर्क का कोई जवाब नहीं दिया, जिसमें जाधव से संबंधित मामले की जांच के लिए उससे सहयोग मांगा गया था.
पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील खवर कुरैशी ने कहा कि भारत ने इस अदालत को अपनी इस बात से सहमत करना चाहा कि पाकिस्तान चंद रोज में ही जाधव को फांसी के तख्त पर चढ़ाना चाहता है.
उन्होंने कहा कि कमांडर जाधव के पास दया याचिका की प्रक्रिया का अधिकार उपलब्ध है। इस सिलसिले में 150 दिन मुहैया किया जाता है जो यदि 10 अप्रैल 2017 को भी शुरू होता तो यह अगस्त 2017 से आगे चला जाता। अप्रैल की इसी तारीख को जाधव की दोषसिद्धि हुई थी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में रिट याचिका की भी संभावना है और हमें लगता है कि भारत इससे जरूर वाकिफ होगा। साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने राजनयिक मदद के लिए भारत के 16 अनुरोध को खारिज कर दिया. आरोप जितना अधिक गंभीर होगा वियना समझौता का अनुपालन करने की उतनी अधिक जरूरत होगी. जाधव अपने परिवार से किसी तरह के संपर्क के बगैर न्यायिक हिरासत में है.
साल्वे ने कहा कि राजनयिक संबंध पर वियना समझौता की धारा 36 का अधिकार पवित्र है. उन्होंने नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय नियम का जिक्र किया जो यह कहता है कि किसी को भी मनमाने ढंग से उसके जीवन से वंचित नहीं किया जाएगा.

# by www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND) Web & Print Media; publish at Dehradun & Haridwar. Mail; csjoshi_editor@yahoo.in

Avaible: FB, Twitter, Major News WebSites, whatsup Groups etc.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *