प्याज की कीमत में कोई राहत नहीं & Top National News 23 Oct. 20
23 अक्टूबर 20; #प्याज की कीमत में कोई राहत नहीं – दो तीन महीनें तक ऐसे ही भाव #नए संसद भवन अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना #40 साल तक बीजेपी की सेवा करने के बावजूद मुझे यह मिला ;किसने कहा # पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बेटे को प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को अवैध विदेशी धन मामले में तलब किया # :मासूम बच्चे प्रिंस की हत्या का राज बेपर्दा ; अफेयर में लिप्त जोड़े को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. #’उनके पास वोट मांगने के लिए दिखाने को कुछ नहीं है. महबूबा मुफ्ती # Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com
प्याज की कीमत में कोई राहत नहीं – दो तीन महीनें तक ऐसे ही भाव
नई दिल्ली: इन दिनों प्याज महंगाई की आंसू रुला रहा है. नवरात्री के दौरान भी प्याज की कीमत में कोई राहत नहीं क्योंकि ऐसा देखने को मिलता है कि लोग नवरात्री के दौरान प्याज का कम सेवन करते हैं, जिससे प्याज की मांग बाजर कम रहती है. मांग के कम होने की वजह प्याज के दाम में गिरावट देखी जाती है. मगर इन दिनों ऐसा दिल्ली के बाजारों में देखने को नहीं मिल रहा है.
बताया जा रहा है कि मौसम की मार के चलते फसलों की बर्बादी के कारण प्याज महंगा हुआ है. इसतरह सप्प्लाई कम होने के चलते उससे भी राहत नहीं मिलेगी. आने वाले दो महीनों तक राहत नहीं मिलेगी जब तक नासिक की नई फ़सल नहीं आ जाती.
बात करें दिल्ली के आज़ादपुर मार्केट में प्याज़ की क़ीमत की तो यहां 40-60 रुपए किलो प्याज बिक रहे हैं. प्याज के व्यापारी मानते हैं कि मौसम की वजह से प्याज की फसल ख़राब हुई है. नवंबर में राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन बारिश और ज़्यादा हो जाने के चलते फ़सल नई नहीं आई. अब दो तीन महीनें तक ऐसे ही भाव रहेंगे.
व्यापारियों का मनना है कि अलवर की फ़सल जो आने वाली है उससे कोई खास राहत नहीं मिलेगी. दिल्ली का बाज़ार सस्ता चल रहा है पहले जहां 50 ट्रक आते थें वहीं अब 20 ट्रक आ रहें हैं. दो महीनें के बाद नासिक की नई फ़सल आएगी तब राहत मिलने की उम्मीद है, इसका मतलब है के दिवाली-दशहरे में लोगों को प्याज़ के दाम रुलाने वाले हैं
इंटरनेशनल बाजार में अमेरिकी डॉलर से लेकर रुपये में चल रही उठा पटक का सीधा असर वैश्विक बाजार से लेकर घरेलू बाजार में (Gold and Silver) सोने-चांदी के भाव पर पड़ता है। इसका असर बुधवार को भी देखने को मिला। यही वजह रही कि आज घरेलू सर्राफा बाजार में सोने और चांदी के दामों में भारी तेजी आई है। जहां चांदी के दामों में 1448 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं (Gold Rate) सोने के भाव में भी 512 रुपये प्रति ग्राम बढ़े हैं। वहीं एक्सपर्ट्स का दावा है कि अक्टूबर के आखिरी से लेकर नवंबर माह तक त्योहारी सीजन और फिर शादी विवाह शुरू होने के चलते देश में (Gold Silver Price) सोने-चांदी की हाजिर मांग बढ़ी है। यह भी सोने और चांदी के भाव को प्रभावित करते हुए ऊपर की तरफ लेकर जा रहा है।
दरअसल, आज के सोने और चांदी की कीमतों की बात करें तो दिल्ली के सर्राफा बाजार में 10 ग्राम सोने का भाव 512 रुपये बढ़कर 51,415 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। जबकि चांदी के दाम बुधवार को 1448 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी के बाद 64,015 रुपये पर पहुंच गये हैं। इसके पहले यह 62,567 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुए थे। वहीं इंटरनेशनल बाजार की बातर करें तो यहां चांदी के दाम 2510 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गये हैं। एक्सपर्टस का दावा है कि इस समय (Gold and Silver) सोने चांदी के दाम कई जगहों से प्रभावित हो रहे हैं। इनमें अमेरिकी इलेक्शन से लेकर डॉलर और रुपये में चल रही तेजी और गिरावट से लेकर भारत में त्योहारी सीजन होना है। इसके साथ ही जल्द शादियों के चलते अचानक से सोने और चांदी की डिमांड में तेजी से इजाफा होना है। इसी को देखते हुए सोने और चांदी के दामों में लगातार अस्थितरता बनी रह सकती है। इतना ही नहीं (Gold and Silver Price) सोने और चांदी एक बाद फिर से 60 और 70 हजार रुपये प्रति किलोग्राम और 10 ग्राम के पार जा सकता है।
नए संसद भवन– अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना
नई दिल्ली: नए संसद भवन का निर्माण कार्य इस साल दिसंबर में शुरू होगा और इसके अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना है. लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. लोकसभा सचिवालय ने यह भी कहा है कि नए संसद भवन के निर्माण की अवधि के दौरान मौजूदा संसद भवन में ही संसद सत्र को निर्बाध रूप से कराने के लिये आवश्यक उपाय किए गए हैं.
नए संसद भवन का शिलान्यास समारोह दिसंबर में होने की संभावना है. इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा दोनों सदनों के पीठासीन पदाधिकारी सहित अन्य नेता तथा कई गणमान्य व्यक्ति शरीक हो सकते हैं.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता किये जाने के बाद सूत्रों ने बताया कि नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के, जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी. दोनों सदनों में भविष्य में सदस्यों की संख्या बढ़ने को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है. वर्तमान में संसद के निचले सदन (लोकसभा) में 543, जबकि उच्च सदन (राज्यसभा) में 245 सदस्यों की कुल संख्या आवंटित है.
अधिकारियों ने बताया कि नये संसद भवन के निर्माण कार्य के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं. नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिये अलग-अलग कार्यालय होंगे और उन्हें नवीनतम डिजिटल उपकरणों से लैस किया जाएगा. यह कदम कागज रहित कार्यालय सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है.
नए भवन में एक संविधान कक्ष (कॉंस्टीट्यूशन हॉल) भी होगा, जो भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा. इसके अलावा संसद सदस्यों के लिये एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के लिये कमरे, खान-पान के लिये स्थान और वाहन पार्किंग की जगह भी होगी.
मौजूदा भवन, ब्रिटिश काल है जिसका डिजाइन एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था. उन दोनों ने ही नयी दिल्ली का निर्माण किया था.
मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी 1921 को रखी गई थी और इसके निर्माण में छह साल लगे थे तथा उस वक्त 83 लाख रुपये की लागत आई थी. उदघाटन समारोह 18 जनवरी 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन के हाथों हुआ था.
बैठक में बिरला ने कहा कि गुणवत्ता के मामले में और नये संसद भवन के निर्माण से जुड़े कार्य समय पर पूरा करने में कोई समझौता नहीं होना चाहिए.
निर्माण कार्य की देखरेख करने के लिये एक एक निगरानी समिति गठित की जाएगी, जिसमें लोकसभा सचिवालय, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीब्डल्यूडी), नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के अधिकारी तथा परियोजना के वास्तुकार/ डिजाइनर शामिल होंगे.
पिछले महीने टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नया संसद भवन 861.90 करोड़ रुपये की लागत से बनाने की निविदा हासिल की थी. नये संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत मौजूदा संसद भवन के पास होगा.
एक बयान में लोकसभा सचिवालय ने कहा कि बिरला ने नये संसद भवन के निर्माण के सिलसिले में आज एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी शामिल हुए.
बैठक के दौरान बिरला को नए भवन के निर्माण के लिये प्रस्तावित क्षेत्र से बुनियादी ढांचों को दूसरी जगह ले जाने के बारे में हुई प्रगति से अवगत कराया गया.
बयान में कहा गया है, ‘‘निर्माण कार्य के दौरान अवरोधक लगाने की योजना और वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिये किये जाने वाले विभिन्न उपायों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई. आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बिरला को संसद सत्र के दौरान सहित इस अवधि के दौरान वीआईपी तथा अन्य कर्मचारियों की आवाजाही की प्रस्तावित योजना के बारे में भी बताया.’’
संविधान कक्ष में संविधान की मूल प्रति भी रखी जाएगी. भारत की लोकतांत्रिक धरोहर आदि को डिजिटल माध्यमों से दिखाया जाएगा. आगंतुकों को इस कक्ष में आने दिया जाएगा ताकि वे भारतीय संसदीय लोकतंत्र की यात्रा को समझ सकें.
सेंट्रल विस्टा-राष्ट्र के सत्ता के गलियारे-की पुनर्विकास परियोजना एक त्रिभुजाकार संसद भवन, एक साझा केंद्रीय सचिवालय की परिकल्पना करता है. साथ ही राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किमी लंबे राजपथ का कायाकल्प भी किया जााएगा.
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत प्रधानमंत्री आवास एवं कार्यालय भी साउथ ब्लॉक के पास आने की संभावना है. उप राष्ट्रपति का नया आवास नार्थ ब्लॉक के आसपास होगा.
सरकार द्वारा उद्योग भवन, कृषि भवन और शास्त्री भवन जैसी इमारतों को ध्वस्त कर देने की संभावना है ताकि नया केंद्रीय सचिवालय बन सके, जिसमें कई मंत्रालयों के कार्यालय होंगे.
40 साल तक बीजेपी की सेवा करने के बावजूद मुझे यह मिला ;किसने कहा
मुंबई, 23 अक्टूबर 2020, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे शुक्रवार को एनसीपी में शामिल हो गए. उन्होंने पार्टी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी का दामन थामा. एनसीपी से जुड़ने के बाद एकनाथ खडसे बीजेपी पर जमकर बरसे. एकनाथ खडसे ने कहा कि मुझे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की धमकी दी गई.
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि मुझे बीजेपी में कठिनाइयों से गुजरना पड़ा. मैं कभी पीछे नहीं हटता. मुझ पर आरोप लगाने के लिए कुछ महिलाओं को साथ लिया गया.
चंडीगढ़:पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बेटे को प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को अवैध विदेशी धन मामले में तलब किया है. रणिंदर सिंह को 2016 में पहले भी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम या फेमा का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए बुलाया गया था. फिर रणिंदर सिंह से स्विटज़रलैंड के लिए धन के कथित आंदोलन और एक ट्रस्ट के निर्माण और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स के टैक्स हेवन में कुछ सहायक कंपनियों को समझाने के लिए कहा गया था. कथित उल्लंघन की जांच पहले आयकर विभाग द्वारा की गई थी और पंजाब की एक अदालत में मामला दायर किया गया था.
एकनाथ खडसे ने कहा कि मुझे बताया गया कि अगर मैं पार्टी बदलता हूं तो वे ईडी को मेरे पीछे लगा देंगे. मैंने कहा अगर आप ईडी मेरे पीछे लगाते हैं, तो मैं आपकी सीडी चलाऊंगा. बीजेपी से नाराज खडसे ने कहा कि 40 साल तक पार्टी की सेवा करने के बावजूद मुझे जो मिला वह एसीबी की पूछताछ और छेड़छाड़ का मामला रहा. बीजेपी के पूर्व नेता ने कहा कि दिल्ली में मेरे कुछ वरिष्ठों ने मुझे एनसीपी में शामिल होने का सुझाव दिया था. बीजेपी में कई वरिष्ठ नेता हैं जो बोलना चाहते हैं, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकते. मुझे भूमि घोटाले के आरोपों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब मैं उजागर करूंगा कि कुछ लोगों ने कितनी भूमि का अधिग्रहण किया है. बस कुछ समय का इंतजार करें.
वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि एकनाथ खडसे ने वही किया जो वह चाहते थे. एकनाथ खडसे के महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल होने की संभावनाओं पर पवार ने कहा कि कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. साल 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद एकनाथ खडसे ने देवेंद्र फडणवीस की सरकार से इस्तीफा दिया था. उसी के बाद से ही खडसे का राजनीतिक करियर ढलान पर रहा है. एकनाथ खडसे के समर्थकों का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस के कारण ही उन्हें किनारे किया गया.
इसी के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ खडसे को टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद उन्होंने देवेंद्र फडणवीस पर सीधा हमला बोलना शुरू किया. हालांकि, उनकी बेटी रोहिणी को टिकट मिला था, जो कि चुनाव हार गई थीं.
मासूम बच्चे प्रिंस की हत्या का राज बेपर्दा ; अफेयर में लिप्त जोड़े को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था.
बांदा ; उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस ने मासूम बच्चे प्रिंस की हत्या का राज बेपर्दा कर दिया है. दरअसल, बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में लिप्त जोड़े को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. इसलिए आरोपियों ने पोल खुल जाने के डर से मासूम बच्चे का कत्ल कर दिया था. मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
कत्ल की ये वारदात बीती 20 अक्टूबर की है. बिसंडा थाना क्षेत्र के चौंसड गांव में 8 साल के मासूम ‘प्रिंस’ की हत्या कर दी गई थी. उसकी लाश को आरोपियों ने पुआल में छुपा दिया था. इस मामले खुलासा करते हुए पुलिस ने एक जोड़े समेत 3 लोगों को पकड़ा है. पुलिस ने बताया कि कातिल प्रेमी जोड़े को बच्चे ने आपत्तिजनक हालात में देख लिया था. जिससे घबराकर उन्होंने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. फिर उसकी लाश तालाब के पास पुआल के ढेर में छिपा दिया था.
पुलिस के मुताबिक घटना को अपहरण वाला एंगल देने की कोशिश में कातिलों ने कुछ गलतियां कर दी. जिससे वे पुलिस के रडार पर आ गए. बांदा के एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा ने बताया कि शादीशुदा महिला, उसके प्रेमी समेत और एक अन्य मददगार को इस मामले में जेल भेजा गया है. बता दें कि मामले में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सीएम योगी को आड़े हाथों लिया था और उन्हें लापरवाह ठहराया था.
कॉलेज टीचर राजेश कुशवाहा का 8 वर्षीय मासूम बेटा 19 तारीख को खेलते वक्त घर के बाहर से लापता हो गया था. अगले दिन उसकी लाश तालाब में पास पुआल के ढेर से मिली थी. इस केस को अपहरण के बाद हत्या माना जा रहा था. लेकिन घटना के खुलासे ने सबको हैरान कर दिया. मामला अवैध संबंध का निकला.
एसपी मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि कुशवाह परिवार के पड़ोस में रहने वाली शादीशुदा महिला के अंकित नामक व्यक्ति से अवैध संबंध थे. घटना के दिन बच्चा खेलते हुए जब महिला के घर पहुंचा, तो वे दोनों आपत्तिजनक अवस्था में थे. दोनों बच्चे को देखकर घबरा गए. उन्हें लगा कि बच्चा उनकी पोल खोल देगा. इसी बात से डर कर दोनों ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. इस काम में छोटा गुप्ता नामक व्यक्ति ने लाश को ठिकाने लगाने और अपहरण की कहानी गढ़ने में उन दोनों की मदद की थी. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
‘उनके पास वोट मांगने के लिए दिखाने को कुछ नहीं है. महबूबा मुफ्ती
नई दिल्ली:शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की बिहार के सासाराम में चुनावी रैली थी. अगले हफ्ते होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections 2020) से पहले ये उनकी पहली चुनावी रैली थी. पीएम ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर हमला करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का भी जिक्र किया था. उनके इस भाषण पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (PDP Chief Mehbooba Mufti) की प्रतिक्रिया आई है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाए कि बीजेपी और केंद्र के पास दिखाने को कुछ असली मुद्दा या काम नहीं है, इसलिए वो भाषणों में ऐसी बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘उनके पास वोट मांगने के लिए दिखाने को कुछ नहीं है. वो कहते हैं कि अब आप जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं, हमने आर्टिकल 370 हटा दिया है. फिर वो कहते हैं कि वो फ्री में वैक्सीन बांटेंगे. आज पीएम मोदी को वोट के लिए आर्टिकल 370 की बात करनी पड़ी. यह सरकार देश की समस्याएं दूर करने में बिल्कुल नाकाम रही है.’
पीडीपी नेता ने भारत की जीडीपी ग्रोथ बांग्लादेश से भी कम रहने के अनुमान को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘जब अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर आते हैं तो हम बांग्लादेश से भी पीछे हैं. चाहे बेरोजगारी हो या फिर कोई और मुद्दा, यह सरकार हर फ्रंट पर फेल हुई है. जब ये हर जगह फेल हो जाते हैं तो इन्हें कश्मीर और आर्टिकल 370 की याद आती है.’
बता दें कि पीएम मोदी ने सासाराम की अपनी रैली में शुक्रवार को विपक्ष पर हमला करते हुए कहा था कि ‘सबको आर्टिकल 370 हटाए जाने का इंतजार था लेकिन ये लोग कह रहे हैं कि अगर वो सत्ता में आते हैं तो वो इस फैसले को पलट देंगे.’ पीएम ने अपने भाषण में कहा, ‘एनडीए सरकार ने आर्टिकल 370 को हटा दिया. ये लोग कहते हैं कि अगर ये वापस सत्ता में आए तो इसे दोबारा ले आएंगे. ऐसे बयान देने के बाद ये लोग बिहार में वोट मांगने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं? क्या यह बिहार का अपमान नहीं है? ऐसा राज्य जो अपने बेटे-बेटियों को सीमा पर सुरक्षा करने के लिए भेजता है.’
वहीं इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बिहार के जमुई में चुनावी रैली संबोधित करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि पीएम मोदी और अमित शाह ने सबकुछ बदल दिया है. अब बिहार के लोग भी कश्मीर में जमीन के मालिक बन सकते हैं. पिछले साल अगस्त में केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाते हुए इसे मिला विशेष दर्जा वापस ले लिया था. इस दौरान महबूबा मुफ्ती सहित सभी बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. केंद्र ने इसके पीछे अस्थिरता फैलने का डर बताया था. महबूबा मुफ्ती को अभी पिछले हफ्ते ही 14 महीनों की नजरबंदी के बाद रिहा किया गया था.
उत्तराखण्ड में अब तक हर विधानसभा चुनाव में बदली है सत्ता उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के सियासी रण में कौन से मुददे भारी पडेगे’ ;; हिमालयायूके न्यूजपोर्टल तथा – पूरे देश के न्यूज पोर्टलो में एकसाथ प्रकाशित- चन्द्रशेखर जोशी की रिपोर्ट
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