राजस्‍थान,म0प्र0 को लेकर घबराहट & TOP National News 27 Nov. 18

HIGH LIGHT; 27 Nov. 2018; यह तमाम खबरे 24 घण्‍टे बाद अखबार में पढने को मिलेगी-

मध्यप्रदेश के सत्तर फीसदी किसानों को लेकर भाजपा के अंदरूनी खेमे में घबराहट है #”मिलिए मेरी करीबी दोस्त – मेरी पूर्व पत्नी # पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा- पेंशन कर्मचारियों का हक़ है- बडा ऐलान #पीएम मोदी के प्रस्तावक रहे जस्टिस गिरधर मालवीय  बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी का नया चांसलर #वह गले मिले थे न कि उन्होंने कोई राफेल डील किया था- नवजोत सिंह सिद्धू   # मध्य प्रदेश में कल यानी बुधवार 28 NOV. 2018 को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान # राहुल गांधी का पत्र- ‘आगे बढ़ाओ कदम, अच्छी सरकार देंगे हम’ #वित्त मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़े दूसरे विषयों पर कोई पोस्ट या ब्लॉग क्यों नहीं लिखते  #कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी ब्राह्मण कार्ड खेला #चुनाव से पहले सामने आए कई सर्वों में वसुंधरा राजे हारते हुए दिख रही हैं. यही कारण है कि बीजेपी इन चुनावों में पूरा जोर लगा रही है.#कई सर्वों में वसुंधरा राजे हारते हुए दिख रही हैं# मध्य प्रदेश में कल यानी बुधवार 28 NOV. 2018 को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान – भाजपा का बूथ मैनेजमेंट गड़बड़ा सकता है-सक्रिय कार्यकर्ताओं में रुचि कम  #हम सरकार के खिलाफ आदेश जारी करेंगे- सुप्रीम कोर्ट    # हिमालयायूके- हिमालय गौरव उत्तराखण्ड www.himalayauk.org##

ऋतिक रोशन और सुजैन खान के बीच सुलह को ले कर काफ़ी अटकलें लगाई जा रही है, ऐसे में ऋतिक रोशन ने सोशल मीडिया पर अपनी ‘करीबी दोस्त’ सुजैन के बारे में एक पोस्ट साझा कर के सभी अफवाहों पर पूर्ण विराम लगा दिया है. अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के साथ ऋतिक रोशन ने अपनी पूर्व पत्नी सुसैन खान के साथ अपने रिश्ते पर सफाई देते हुए कहा है कि वो दोनों सिर्फ दोस्त हैं.

साल 2014 में एक दूसरे से अलग हो चुके ऋतिक रोशन और सुजैन खान अब भी अच्छी बॉन्डिंग शेयर करते हैं. दोनों को अक्सर अपने बेटे रिदान और रियान के साथ डिनर, लंच या फिर हॉलीडे पर नज़र आते हैं. ऋतिक फिलहाल अपनी पहली बायोपिक ‘सुपर 30’ के साथ मनोरंजन करने के लिए तैयार है और इसके अलावा, वह टाइगर श्रॉफ के साथ एक एक्शन फ़िल्म में नज़र आएंगे.

सुजैन खान की एक तस्वीर शेयर करते हुए ऋतिक रोशन ने लिखा, “मिलिए मेरी करीबी दोस्त (मेरी पूर्व पत्नी) सुजैन से, जो मेरे और हमारे बच्चों के साथ इन खूबसूरत पलों को कैद कर रही हैं. यह अपने आप में एक पल है. यह हमारे बच्चों के लिए एक कहानी की तरह है कि इस दुनिया में विचारों से अलग होने के बावजूद है, एकजुट होना संभव है. और आप, लोगों के रूप में अलग-अलग चीजें चाहते हैं और फिर भी अविभाजित रह सकते हैं. यह सब एकजुट, टॉलरेंट, बहादुर और प्रेमपूर्ण दुनिया के लिए है. यह सब घर से ही शुरू होता है.

############

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच जारी तनातनी और बढ़ सकती है. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि वह इसके लिए गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखेंगे. आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए दिल्ली विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाएगा.

2004 में केंद्र ने नई पेंशन स्कीम पेश किया था. इसके तहत कर्मचारियों को अपने मासिक वेतन से पैसा पेंशन स्कीम में देना होता है और इतना ही सरकार भी स्कीम में पैसा देती है. इस पैसे का फिर विभिन्न निवेश योजनाओं में उपयोग किया जाता है. लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को पैसा नहीं देना होता था. अब कर्मचारियों को वेतन, महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत कटता है और 60 की उम्र में जमा राशि का 60 फीसदी मिलता है जो राशि मिलती है उस पर टैक्स लगता है. बाकी 40 फीसदी लंबी अवधि के निवेश में जाता है. पुरानी पेंशन में आधा वेतन मिलता था.

पुरानी पेंशन सरकार देती है. नई पेंशन बीमा कम्पनी देगी. नई पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है. पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी मिलता है. लेकिन नई पेंशन स्कीम में यह सुविधा नहीं है. पुरानी पेंशन स्कीम में ब्याज दर निश्चित है लेकिन नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है.

उन्होंने कल दिल्ली के रामलीला मैदान में ऑल टीचर्स इम्पलॉय वेलफेयर एसोसिएशन (ATEWA) को संबोधित करते हुए कहा, ”बिल को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. हम इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार से लड़ेंगे. हम पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखेंगे.” दरअसल, कई सरकारी अधिकारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए मांग उठायी है. उनका कहना है कि नई पेंशन स्कीम से फायदा कम और घाटा ज्यादा है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”सरकारी कर्मचारियों में यह शक्ति है कि वह देश की सरकार को बदल सकते हैं. मैं केंद्र सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर उसने तीन महीने के भीतर कर्मचारियों की मांगों को नहीं मानी तो ये उन्हें 2019 में उखाड़ फेकेंगे.”

इस मौके पर दिल्ली के आप नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर हमारे देश में 40 दिन तक विधायक, सांसद रहने वाले लोगों को ज़िन्दगी भर पेंशन मिलती है तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारी को क्यों नहीं? पेंशन कर्मचारियों का हक़ है, हम इसे दिलवाकर ही दम लेंगे.

########################

वह गले मिले थे न कि उन्होंने कोई राफेल डील किया था- नवजोत सिंह सिद्धू 

लाहौर: पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के लिए पाकिस्तान पहुंच गए हैं. यहां उन्होंने करतारपुर को ‘अनंत संभावनाओं वाला गलियारा’ बताया. साथ ही उन्होंने उनके पिछले पाकिस्तान दौरे के दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर हुई आलोचना को लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि वह गले मिले थे न कि उन्होंने कोई राफेल डील किया था.

The hug(with Pakistan Army Chief) was for hardly a second, it was not a #RafaleDeal . When two Punjabis meet they hug each other, its normal practice in Punjab.: Navjot Sidhu in Lahore

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ”पाकिस्तानी आर्मी चीफ से एक सेकेंड के लिए में गले लगा था, यह एक राफेल डील नहीं थी. जब दो पंजाबी मिलते हैं तो एक-दूसरे को गले लगाते हैं, यह पंजाब में काफी आम बात है.” उन्होंने आगे कहा कि ऐसी पहल से शांति को बढ़ावा मिलेगा और भारत और पाकिस्तान के बीच ‘शत्रुता’ मिटेगी.
सिद्धू भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ यहां आये हैं ताकि वह लाहौर से करीब 120 किलोमीटर दूर नारोवाल में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में शामिल हो सकें. वाघा सीमा पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
चार किलोमीटर लंबा यह गलियारा भारत के गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान में नारोवाल में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से जोड़ेगा. यह गलियारा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे तक वीजा मुक्त पहुंच मुहैया कराएगा.
प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को गलियारे की आधारशिला रखेंगे. सिद्धू ने इस गलियारे को संभव बनाने के लिए खान को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच शांति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘इससे दोनों देशों के बीच शत्रुता मिटेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इमरान खान ने तीन महीने पहले जो बीज बोये थे वह अब एक पेड़ बन गया है. सिख समुदाय के लिए यह खुशी का पल है कि बाबा गुरु नानक का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बिना किसी परेशानी के करतारपुर पहुंचने के लिए एक गलियारा मिल जाएगा.’’

दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध बहाली के बारे में पूछे जाने पर सिद्धू ने कहा, ‘‘दोनों देशों में ऐसे कई कलाकार और क्रिकेटर हैं जिन्हें सभी प्यार करते हैं और भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होने चाहिए.’’ उन्होंने कहा,‘‘इमरान खान, वसीम अकरम और जावेद मियांदाद के भारत में कई प्रशंसक हैं, इसी तरह से पाकिस्तान में शाहरुख और सलमान खान के काफी प्रशंसक हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘धर्म को राजनीति की आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए.’’

पाकिस्तान यात्रा करने के उनके निर्णय की आलोचना संबंधी सवाल पर सिद्धू ने कहा, ‘‘जो मेरी आलोचना करते हैं मैं उन लोगों को माफ करता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बचपन से ही इमरान खान का प्रशंसक रहा हूं.’’ करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित नारोवाल जिले के शकरगढ़ में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने वहां अपने जीवन के 18 वर्ष से अधिक समय बिताया था. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा रावी नदी के किनारे स्थित है. सोमवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और भारत के पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरदासपुर में गलियारे की आधारशिला रखी थी.
.#############################

मध्य प्रदेश में कल यानी बुधवार 28 NOV. 2018 को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान

मध्य प्रदेश में कल यानी बुधवार 28 NOV. 2018 को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. राज्य में पांच करोड़ से अधिक मतदाता 2,899 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे 16 उम्मीदवारों पर हत्या और 24 पर हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं तो 20 उम्मीदवार महिला उत्पीड़न के मामलों में नामजद हैं. यह आंकड़ा सोमवार को एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) और इलेक्शन वाच ने जारी किया. चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामांकन के साथ दिए गए हलफनामों का विश्लेषण किए जाने के बाद पाया गया है कि इस बार 417 उम्मीदवारों (17 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 295 (11 फीसदी) उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज हैं.

 भाजपा का बूथ मैनेजमेंट गड़बड़ा सकता है-  भारतीय जनता पार्टी ने नारा दिया था कि-अपना बूथ सबसे मजबूत। इस नारे को चरितार्थ करने वाले भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता अभी भी सक्रिय नहीं हुए हैं। यह कार्यकर्ता वोटर निकालने की तैयारी करने की बजाय अभी भी घर बैठे हुए हैं। ऐसे में भाजपा का बूथ मैनेजमेंट गड़बड़ा सकता है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की गुहार लगाने पार्टी संगठन ने संघ की शरण ली है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को वोटिंग होनी है.  दो ख़ास घटनाएं बता रही हैं कि मध्यप्रदेश के सत्तर फीसदी किसानों को लेकर भाजपा के अंदरूनी खेमे में घबराहट है. कांग्रेस के वचन पत्र में  किसानों की कर्जमाफी की घोषणा भाजपा को भारी पड़ रही है.  इस चुनाव को किसान ही तय करने वाला है. वो बुरे दौर में है. वो अपने जीवनयापन को लेकर संकट में है. जितना संस्थागत कर्ज़ में वो डूबा है उतना ही बड़ा आंकड़ा उसके गैर संस्थागत कर्ज़ का है. किसी भी राजनीतिक दल के पास किसानों को लेकर विजन डॉक्यूमेंट नहीं है. 
प्रदेश की मंडियों में धान आने का वक्त है. लेकिन पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक 80 फीसदी से भी कम आवक यहां हुई है. अलग- अलग जगहों पर पिछले सात दिन से मंडियां बंद पड़ी हैं.  माना जा रहा है कि प्रदेश का किसान नई सरकार की आस  में मंडी नहीं पहुंच रहा है.  इसे एक राजनीतिक संकेत भी माना जा रहा है कि किसान,  कांग्रेस की कर्ज़माफ़ी के इंतज़ार में है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए  अपनी आख़िरी चुनावी सभाओं में कांग्रेस की कर्ज़माफी की घोषणा पर खुला निशाना साधा और आनन- फानन में कुछ ऐलान भी किए हैं. उन्होंने दावा किया है कि वे अगले पांच साल में इतना  बांट देंगे कि कोई किसान कर्ज़दार नहीं रहेगा. इससे साफ महसूस हो रहा है कि मध्यप्रदेश का चुनाव किसान और कर्ज़माफी के इर्द- गिर्द टिक गया भाजपा के अंदरूनी खेमे से जुड़े नेता बताते हैं कि शिवराज सरकार भावांतर, समर्थन मूल्य जैसी लोकप्रिय योजनाएं किसानों को दे रही है. इसके बाद कर्ज़माफी की घोषणा हमारे एजेंडे से बाहर थी. एक चर्चा ये भी है कि भाजपा हाईकमान नहीं चाहता था कि किसानों की कर्ज़माफ़ी जैसी चुनावी घोषणाएं की जाएं.

मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 45,000 महिला कर्मचारियों की सेवायें ली जायेगी. इसके साथ ही मतदान के दिन 1.80 लाख सुरक्षाकर्मी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) वीएल कांता राव ने बताया कि प्रदेश में कुल 3,00,782 कर्मचारी चुनाव कार्य में लगेंगे. इनमें 45,904 महिला कर्मचारी शामिल हैं. प्रदेश में 65,367 मतदान केन्द्रों पर चुनाव कराया जा रहा है.

मध्य प्रदेश में बुधवार को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में पांच करोड़ से अधिक मतदाता 2,899 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. राज्य के 230 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है. हम आपको उन विधानसभा सीटों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके नतीजों पर सबकी निगाहें टिकी रहने वाली हैं.

राहुल गांधी का पत्र- ‘आगे बढ़ाओ कदम, अच्छी सरकार देंगे हम’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले मंगलवार को राज्य के लोगों से अपनी पार्टी के लिए समर्थन की अपील की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने सभी वचनों को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार बनने के साथ ही इन पर अमल शुरू कर देगी. राज्य की जनता के नाम लिखे पत्र में गांधी ने किसानों का कर्ज माफी करने, बिजली की दर आधा करने, युवाओं को नौकरी और महिला विरोधी हिंसा के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने जैसे कांग्रेस के वादों का उल्लेख किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश मेरे लिए मात्र एक राज्य का नाम नहीं है. मेरे लिए मध्यप्रदेश किसानों की इच्छाशक्ति, बेटियों का आत्मबल, युवाओं की उम्मीद और गरीबों की जीत का नाम है. पिछले 15 वर्षों में मध्यप्रदेश की इस पहचान को नुकसान पहुंचाया गया है. यहां फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने में गोलियां मार दी गईं, उनकी अपेक्षाओं को कुचला गया, युवाओं के अवसरों को अंधकार से भरा गया है, बेटियों के भविष्य में भय लिख दिया गया है.’’ राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘‘याद कीजिए, मध्यप्रदेश पिछले 10 -15 सालों में देश भर में चर्चा में किसलिए रहा है. लाखों युवाओं के भविष्य का घोटाला व्यापम, बेटियों के दुष्कर्म, सर्वाधिक कुपोषण, रेत माफिया, ई-टेंडर घोटाला, बुंदेलखंड पैकेज घोटाला इत्यादि.’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यहां किसान सड़कों पर हैं, बेरोजगार, युवा दरबदर की ठोकरें खा रहा है, बेटियों का घर से निकलना मुश्किल है. मध्यप्रदेश को गौरव हासिल है सर्वाधिक आदिवासियों की आबादी का, मगर उनके वनाधिकार और आजीविका को छीना जा रहा है. उन्हें वनों से निकाला जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन सब निराशाओं के बीच मध्यप्रदेश के नागरिकों को अब एक उम्मीद बंधी है कांग्रेस के वचन से.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मेरा सीधा मानना है कि किसानों को कर्ज से उबारने का मतलब है अर्थव्यवस्था को उबारना. किसान आर्थिक रूप से संपन्न होगा तो देश की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आएगी. मैं नहीं समझ पाता हूं कि बीजेपी इसका विरोध क्यों कर रही है? मुझे खुशी है कि कांग्रेस के प्रयासों से देश की राजनीति का रुख़ किसान केंद्रित हो गया है.’’राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अब उम्मीदों का नया सवेरा होने को है, मध्यप्रदेश तरक्की की नई उड़ान की तैयारी कर रहा है. प्रदेश के नागरिकों से अपील करना चाहता हूं. अब बढ़ाओ कदम ,मध्यप्रदेश को मिलकर, अच्छी सरकार देंगे हम.’’ गौरतलब है कि बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए मतदान होगा. नतीजे 11 दिसंबर को घोषित होंगे.

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 उम्मीदवारों पर हत्या, 24 पर हत्या के प्रयास, 6 उम्मीदवारों पर अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. 20 उम्मीदवारों पर महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज हैं.
राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि बीजेपी ने जिन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उनमें से 108 और कांग्रेस के 43 उम्मीदवारों के खिलाफ मामले दर्ज हैं. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवारों पर गंभीर अपराधों के मामले बीजेपी से कहीं ज्यादा हैं.
उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण कर बताया गया है कि चुनाव मैदान में उतरे 656 उम्मीदवार करोड़पति हैं. सबसे अमीर उम्मीदवार बीजेपी के संजय पाठक हैं, जिनकी संपत्ति 2 अरब 95 करोड़ रुपये से ज्यादा है. बीजेपी के 179 और कांग्रेस के 52 करोड़पति उम्मीदवार गरीबों का भला करने के दावे के साथ मैदान में उतरे हैं.

प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की तरफ से सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली. वहीं कांग्रेस की ओर से दिग्गज नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में डटे रहे.  बुधवार को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में पांच करोड़ से अधिक मतदाता 2,899 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद प्रदेश में कुल 5,04,95,251 मतदाता हैं. इनमें 2,63,01,300 पुरुष, 2,41,30,390 महिला और 1,389 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. इसके साथ ही इसमें 62,172 सेवारत मतदाता हैं जो कि डाक मतपत्र से मतदान कर सकते हैं.

मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. बीजेपी ने प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. वहीं कांग्रेस ने 229 प्रत्याशियों को टिकट दिया है, उसने जतारा विधानसभा सीट लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ दी. इन दोनों प्रमुख दलों के अलावा आम आदमी पार्टी ने 208, बीएसपी ने 227, जनाधिकार पार्टी ने 32, बहुजन मुक्ति पार्टी ने 34, समाजवादी पार्टी ने 52, सपाक्स ने 110, शिवसेना ने 81 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. इस बार के चुनाव में कुल 1094 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

सीटों पर नजर डालते हैं.

बुधनी
मध्य प्रदेश में सबसे दिलचस्प मुकाबला बुधनी विधानसभा सीट पर है. बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में अरुण यादव को राज्य का भविष्य बताया है. नाम घोषित होने के बाद से ही अरुण यादव बुधनी में जमे हुए हैं. बुधनी विधानसभा में ओबीसी वोटर्स निर्णायक हैं, इसी वजह से कांग्रेस की रणनीति यह थी कि सीएम शिवराज को ज्यादा से ज्यादा समय तक बुधनी सीट पर उलझाकर रखा जाए. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज के खिलाफ डॉ महेंद्र सिंह चौहान को उतारा था. चौहान बनाम चौहान की लड़ाई में सीएम शिवराज 84 हजार वोटों से जीते थे. शिवराज को 1,28,730 तो वहीं महेंद्र सिंह चौहान को 43,925 वोट मिले थे. बुधनी सीएम शिवराज सिंह चौहान की ना सिर्फ कर्मभूमि बल्कि जन्मभूमि भी है. वोटर्स ने राजनीतिक उलटफेर के बीच भी शिवराज का साथ कभी नहीं छोड़ा लेकिन समय-समय पर अपनी ताकत का एहसास जरुर कराया है. इस बार के चुनाव में उनकी पत्नी साधना सिंह और बेटे कार्तिकेय ने बुधनी में मोर्चा संभाला है.

खुरई
बुधनी के बाद मध्य प्रदेश के सागर जिले की खुरई विधानसभा सीट को भी हाई प्रोपाइल सीट माना जा रहा है. इस सीट से मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के अरुणोदय चौबे उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में भी मुकाबला इन दोनों के बीच ही था. 2013 में बीजेपी के भूपेंद्र सिंह को 62,127 तो वहीं कांग्रेस के अरुणोदय चौबे को 56,043 वोट मिले थे.

शिवपुरी
मध्य प्रदेश का शिवपुरी जिला कभी सिंधिया वंश की समर कैपिटल हुआ करता था. लेकिन आज ये जिला चुनावी समर का एक गढ़ बन चुका है. दोनों ही पार्टियां चुनावी रण में जीत का प्रण लेकर उतरी हैं और इस प्रण की परीक्षा का एक मोर्चा शिवपुरी सीट है. जहां सिंधिया परिवार की साख दांव पर लगी है. शिवपुरी से बीजेपी के टिकट पर यशोधरा राजे सिंधिया हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए इस जिले में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहे हैं. यशोधरा शिवराज सरकार में मंत्री भी हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर सिद्धार्थ लाडा चुनाव लड़ रहे हैं. चुनौती बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए होगी. इन सब के बीच आखिरी फैसला शिवपुरी की जनता को करना है कि आखिर बुआ यानी यशोधरा राजे सिंधिया या फिर भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया में उनका नेता कौन है.

भितरवार
मध्य प्रदेश में चुनाव विधानसभा का है लेकिन ग्वालियर में ये चुनाव तीन दिग्गज सांसदों के नाक की लड़ाई बन गया है. इस चुनाव में दांव पर इन सांसदों की सियासी साख है. सियासत के वो तीन चेहरे जिनके लिए इस बार ग्वालियर का विधानसभा चुनाव बेहद खास हो गया है उनमें एक तरफ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं तो दूसरी ओर राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया. चुनावी मैदान में अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा ग्वालियर की भितरवार सीट पर चुनाव मैदान में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के लखन सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं. 2013 में लखन सिंह यादव ने अनूप मिश्रा को 6,548 वोट से हराया था. मुरैना से बीजेपी सांसद अनूप मिश्रा संसद छोड़ विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. ग्वालियर में जिसका सिक्का चलेगा उसका सियासी भविष्य उतना ही मजबूत होगा. लेकिन इन सब के बीच आखिरी फैसला जनता की अदालत को सुनाना है. ग्वालियर में तीनों हाई प्रोफाइल सांसदों के बीच दिलचस्प राजनैतिक युद्ध देखने को मिला है और चुनावी नतीजे ही अब ये तय करेंगे कि ग्वालियर से किस सांसद की आखिरकार जीत होती है.

इंदौर-3
बीजेपी ने अपनी पार्टी के महासचिव और दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश को इंदौर-3 से उम्मीदवार बनाया है. विजयवर्गीय के 34 साल के पुत्र पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन जोशी (58) से है. जोशी इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके हैं.

दतिया
दतिया सीट से मध्य प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता और शिवराज सरकार के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा चुनाव मैदान में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र भारती चुनाव लड़ रहे हैं.

रहली
सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी नेता और शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव का कांग्रेस के कमलेश साहू से मुकाबला है. 2013 के चुनाव में भार्गव ने कांग्रेस के ब्रिजबिहारी पटेरिया को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

 

गोविंदपुरा
मध्य प्रदेश में भोपाल की गोविंदपुरा सीट बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. बाबूलाल गौर गोविंदपुरा से लगातार 10 बार चुनाव जीत चुके हैं. 89 साल के बाबूलाल गौर इस बार गोविंदपुरा से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. इसलिए, मुकाबला और ज्यादा रोचक हो गया है. बीजेपी की ओर बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को मैदान में उतारा गया है. वहीं, कांग्रेस ने इस बार युवा चेहरे गिरीश शर्मा को मैदान में उतारकर गोविंदपुरा में मुकाबला दिलचस्प बना दिया है.

बैतूल
बैतूल विधानसभा सीट से एक मिथक जुड़ा हुआ है कि इस सीट से जिस भी दल को मतदाता जीत दिलाते हैं, प्रदेश में वही दल सरकार बनाने में कामयाब होता है. अब इस बार यह मिथक कायम रह पाता है या नहीं, यह तो 11 दिसंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा. बीजेपी ने यहां से हेमंत खंडेलवाल तो वहीं कांग्रेस ने निलय डागा को अपना प्रत्याशी बनाया है.

इन सीटों में दांव पर है कांग्रेस की प्रतिष्ठा

चुरहट
मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अर्जुन सिंह चुरहट के ही रहने वाले थे. इसी सीट से अर्जुन सिंह के बेटे और मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के शरतेंदु तिवारी से है. बता दें कि शरतेंदु तिवारी, चंद्र प्रताप तिवारी के पोते हैं जिन्होंने 1967 में अर्जुन सिंह को चुरहट सीट से चुनाव हराया था.

झाबुआ
झाबुआ सीट से कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया चुनाव मैदान में हैं. कांतिलाल भूरिया मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. विक्रांत भूरिया का मुकाबला बीजेपी के गुमान सिंह दामोर से है.

राऊ
मध्य प्रदेश में इंदौर के पास राऊ विधानसभा सीट से कांग्रेस के जीतू पटवारी उम्मीदवार हैं. जीतू पटवारी को कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता है. वह अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं. बीते दिनों राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने जनसंपर्क अभियान के दौरान मतदाताओं से कहा था कि वो सिर्फ उनका ख्याल रखें, पार्टी गई तेल लेने. उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. बीजेपी ने उनके खिलाफ मधु वर्मा को टिकट दिया है

भोजपुर
मध्य प्रदेश की भोजपुर सीट पर भी कांग्रेस-बीजेपी के बीच दिलचस्प मुकाबला होगा. इस सीट पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बीजेपी ने उनके खिलाफ सुरेंद्र पटवा को उम्मीदवार बनाया है. सुरेंद्र पटवा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं.

############################

वित्त मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़े दूसरे विषयों पर कोई पोस्ट या ब्लॉग क्यों नहीं लिखते

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली के कांग्रेस को वंशवादी पार्टी करार दिए जाने पर पार्टी ने मंगलवार को उनपर निशाना साधते हुए सवाल किया है. कांग्रेस ने कहा है कि जेटली रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर हमले और अपने मंत्रालय से जुड़े दूसरे विषयों पर कोई पोस्ट या ब्लॉग क्यों नहीं लिखते हैं.

जेटली का यह पोस्ट ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवार के बारे में कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयानों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मीडिया से कहा, “वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि रुपए की कीमत इतनी क्यों गिर रही है? वित्त मंत्री इस पर भी ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि आरबीआई की स्वायत्तता पर क्यों हमला किया जा रहा है? वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि जब कच्चे तेल की कीमत नीचे आ रही है, फिर भी पेट्रोल और डीजल की कीमत आसमान छू रही है?”

कांग्रेस नेता ने आगे पूछा, “वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि देश में पिछले 53 महीनों से, जो निवेश है वो कम क्यों हो गया है? वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि करंट अकाउंट डेफिसिट क्यों बढ़ता जा रहा है?” उन्होंने कहा, “दिक्कत ये है कि वित्त मंत्री हर उस चीज के बारे में बात करते हैं जो उनके मंत्रालय से संबंधित नहीं है और उसका कारण साफ है कि वित्त मंत्री जी के देखरेख में देश की जो अर्थव्यवस्था है, वो पूरी तरह से चरमरा गई है.”

वही दूसरी ओर,  जेटली ने मंगलवार को कांग्रेस को वंशवादी पार्टी करार देते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर मुकाबला आधे ज्ञान वाले परिवार के पुत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अपने माता-पिता के कारण पहचान बनाने वाले किसी व्यक्ति के बीच होता है तो बीजेपी उस चुनौती को खुश के रुप में स्वीकार करेगी.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस के नेता विलासराव मुत्तेमवार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के बारे में सवाल पूछे जाने पर मोदी के बाद अब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया है कि क्या महात्मा गांधी और सरदार पटेल के पिता का नाम किसी को पता था?

अरुण जेटली ने सोशल साइट फेसबुक पर ब्लॉग में लिखा कि कांग्रेस पार्टी राजनीतिक ब्रांड के लिए सिर्फ महान उपनाम को ही मुनासिब समझती है. इसलिए सामान्य परिवार के आने वाले लाखों प्रतिभावान राजनीतिक कार्यकर्ता कांग्रेस में नेतृत्व की परिक्षा में फेल हो जाएंगे. जेटली ने कहा कि वे अपने जानकार दोस्तों से तीन सवाल पूछना चाहते हैं.

1. गांधी जी के पिता का नाम क्या था?

2. सरदार पटेल के पिता का नाम क्या था?

3. सरदार पटेल की माता का नाम क्या था?

उन्होंने कहा कि उनके बहुत सारे जानकार मित्र इसका सही उत्तर नहीं जानते होंगे. कांग्रेस की त्रासदी यही है और यही देश को प्रभावित करती है. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इस ब्लॉग के जरिए कांग्रेस नेता विलासराव मुत्तेमवार के उस बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने राजस्थान में प्रचार के दौरान कहा था कि पूरी दुनिया जानती है कि राहुल गांधी के पिता का नाम क्या था, उनके दादा-दादी का नाम क्या था. लेकिन यह कोई नहीं जानता कि मोदी के पिता कौन थे.
##################

पीएम मोदी के प्रस्तावक रहे जस्टिस गिरधर मालवीय  बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी का नया चांसलर

प्रयागराज: लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर पीएम मोदी के प्रस्तावक रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस गिरधर मालवीय को बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी का नया चांसलर नियुक्त किया गया है. जस्टिस गिरधर मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के संस्थापक रहे पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र हैं. उन्होंने बीएचयू की खोई हुई गरिमा को वापस दिलाने, इस यूनिवर्सिटी को देश की नंबर वन एजूकेशनल इंस्टीट्यूट बनाने और वहां ज़्यादा से ज़्यादा रिसर्च वर्क कराने को अपनी प्राथमिकता बनाया है. चांसलर बनने पर तमाम लोगों ने उन्हें बधाई दी है.

जस्टिस मालवीय को चांसलर चुनने का फैसला आज बीएचयू कोर्ट की बैठक में लिया गया और मंजूरी के लिए सिर्फ एक ही नाम को राष्ट्रपति भवन भेज दिया गया. सूत्रों के मुताबिक़ राष्ट्रपति भवन ने भी जस्टिस मालवीय के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है

जस्टिस मालवीय को चांसलर चुनने का फैसला आज बीएचयू कोर्ट की बैठक में लिया गया और मंजूरी के लिए सिर्फ एक ही नाम को राष्ट्रपति भवन भेज दिया गया. सूत्रों के मुताबिक़ राष्ट्रपति भवन ने भी जस्टिस मालवीय के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है. देश की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज में शुमार बीएचयू में इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री डा० कर्ण सिंह चांसलर थे. अपनी नियुक्ति के बाद जस्टिस मालवीय ने कहा है कि दादा महामना मालवीय द्वारा स्थापित यूनिवर्सिटी का चांसलर बनना उनके लिए ज़्यादा खुशी व गौरव की बात है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस गिरधर मालवीय को केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही गवर्नर बनाए जाने की चर्चा थी. महामना मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू की स्थापना 1916 में की थी. बता दें कि राम मंदिर निर्माण पर अपनी राय रखते हुए जस्टिस गिरधर मालवीय ने कहा था कि संसद मंदिर निर्माण के लिए क़ानून नहीं बना सकती. उसे ऐसा करने का अधिकार भी नहीं है, क्योंकि क़ानून बनाने के भी कुछ नियम हैं और उन नियमों के तहत कम से कम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून तो नहीं बनाया जा सकता.

जस्टिस गिरधर मालवीय का मानना है कि नई बेंच में सुनवाई शुरू होने के बावजूद केस का फैसला आने में ज़्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए, क्योंकि पिछली बेंच में हुई सुनवाई के रिकार्ड फाइलों में दर्ज रहते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर पक्षकारों ने इस मामले में बेवजह की तारीख नहीं ली तो फैसला लोकसभा चुनाव से पहले भी आ सकता है.

################

कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी ब्राह्मण कार्ड खेला

राजस्थान की राजनीति में ब्राह्मण नेताओं का एक लंबे समय तक दबदबा रहा है. प्रदेश में कभी कांग्रेस की राजनीतिक धुरी ब्राह्मणों के इर्द-गिर्द घूमती थी. कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी ब्राह्मण कार्ड खेला है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घोषणापत्र में भगवान परशुराम बोर्ड बनाने का ऐलान किया है. इसके अलावा राज्य में योग और वैदिक स्टडीज के लिए भी दावे और वादे किए हैं.

मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार थमने के बाद अब सभी राजनीतिक पार्टियां राजस्थान और तेलंगाना पर ध्यान लगा रही हैं. 7 दिसंबर को राजस्थान में मतदान होना है, इससे पहले आज भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में अपना घोषणापत्र जारी किया. इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौजूद रहे.

घोषणापत्र जारी करने से पहले वसुंधरा राजे ने अपने पांच साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा लोगों को बताया. उन्होंने कहा कि हमने पिछले घोषणापत्र में 665 वादे किए थे, जिनमें से 630 वादे पूरे किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि हमने राज्य में 7 मेडिकल कॉलेज खोले, लड़कियों को स्कूटी भी बांटी गई.

उन्होंने कहा कि जहां पर पीने का पानी भी नहीं था, हमने वहां पर भी पीने का पानी पहुंचाने का काम किया है. वसुंधरा बोलीं कि उनकी सरकार ने किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ किया. वसुंधरा बोलीं कि टिकट बांटने में भी हम कांग्रेस से आगे थे और अब घोषणा पत्र जारी करने में भी हम कांग्रेस से आगे हैं.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस दौरान कहा कि राजस्थान की बीजेपी सरकार ने राज्य को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकाला है. पहले बीमारू में र का मतलब राजस्थान होता था, केंद्र और राज्य की सरकार ने गरीबों के लिए काफी काम किया है.

राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर एक साथ 7 दिसंबर को मतदान होगा, राज्य के नतीजे 11 दिसंबर को अन्य राज्यों के साथ आएंगे.

जयपुर;
भारतीय जनता पार्टी अगर राजस्थान में फिर सत्ता में आई तो अनैतिक, बुरे और गलत कामों के लिए ‘गोरखधंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी। इतना ही नहीं इस शब्द के इस्तेमाल को दंडनीय अपराध भी बनाया जाएगा। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में मंगलवार को यह ऐलान किया। इसमें पार्टी की भावी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘अनैतिक बुरे कामों, गलत कामों के लिए गोरखधंधा शब्द को प्रतिबंधित कर दंडित किए जाने का कानून बनाया जाएगा।’  राजस्थान में बीजेपी का घोषणा पत्र मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, प्रकाश जावड़ेकर और राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जारी किया। घोषणा पत्र समिति के सदस्य ओंकार सिंह लखावत ने इसके पीछे का औचित्य समझाते हुए कहा, ‘गुरु गोरखनाथ एक संत थे और इस शब्द का इस्तेमाल उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।’

  राज्य में नाथ संप्रदाय के लोग अच्छी-खासी संख्या में हैं और उनके अनेक मठ, आसन राज्य में हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वह अगले पांच साल में नाथ समाज के मठों, आसनों का पुनरुद्धार और जीर्णोद्धार करेगी। गुरु गोरखनाथ के पुराने योग और तंत्र के अधिष्ठाता के साहित्यिक ग्रथों के लिए लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी। 

बीजेपी के घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि गुरु गोरखनाथ के बारे में एक पाठ राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल की किताबों में शामिल होगा और राज्य में गुरु गोरखनाथ का राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात भी इसमें की गई है। गोरखनाथ एक हिंदू योगी और संत थे, जिन्होंने देश में नाथ संप्रदाय की स्थापना की थी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े केंद्र गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। उनके सीएम बनने के बाद इन मंदिरों के प्रति पर्यटकों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है।

#####################

अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने एक बार फिर डील को लेकर कई बातें सामने रखी हैं. मिशेल इस समय दुबई की जेल में बंद है और उसका जेल से ये पहला इंटरव्यू है.

इंडिया टुडे से बात करते हुए क्रिश्चियन मिशेल ने कहा कि वह अपने पिछले बयान पर कायम है, इस डील में यूपीए सरकार की लीडरशिप शामिल नहीं थी. मिशेल ने कहा कि उसे एक डील साइन करने के लिए कहा गया था जिसमें कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बातें थीं, इस डील को उसने ठुकरा दिया.

मिशेल ने कहा कि इस डील को लेकर जो भी मुद्दा बनाया जा रहा है वह पूरी तरह से राजनीतिक है. इस डील में दो अन्य बिचौलिए भी थे, लेकिन भारत सरकार ने फिर क्यों एक व्यक्ति Guido Haschke से इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस हटवाया.

उसने दावा किया कि भारतीय प्रधानमंत्री ने इटली के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ डील की, जिसके बाद Guido Haschke का नाम रेड कॉर्नर नोटिस से हटाया गया. उसने कहा कि यहां पर उसे अपनी सुरक्षा की चिंता है, उसने इस बारे में ब्रिटिश एम्बेसी से बात भी की है.

मिशेल ने कहा कि वह जांच के लिए भारतीय एजेंसियों का सहयोग करने के लिए तैयार है, मैं किसी प्रकार का झूठ नहीं बोलूंगा. उम्मीद है कि मुझ पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा. उसने ये भी कहा कि वह भारत में किसी भी प्रकार के ट्रायल के लिए तैयार है. मेरे पास वापस इंग्लैंड जाने का मौका था, लेकिन मैं नहीं गया.

गौरतलब है कि ये डील अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी द्वारा खरीदे गए हेलिकॉप्टर से जुड़ी है. इसका खुलासा 2013-14 में हुआ था, जब कई नेता और अधिकारियों पर घूस लेने का आरोप लगा था.

##################

हम सरकार के खिलाफ आदेश जारी करेंगे- सुप्रीम कोर्ट 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में गलत एफआईआर दर्ज किए जाने पर बिहार सरकार को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को हुई सुनवाई में कहा- आप (बिहार सरकार) क्या कर रहे हैं? यह शर्मनाक है। अगर बच्चियों के साथ अप्राकृतिक कृत्य हुआ है तो आप कह रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ। आप यह कैसे कह सकते हैं? यह अमानवीय है। हमसे कहा गया था कि मामले को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा। यही है आपकी गंभीरता? जज ने कहा- हर बार जब मैं यह फाइल पढ़ता हूं तो दुख होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को एफआईआर में 377 (आईपीसी) और पाेक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया। कोर्ट ने कहा- अगर हमने पाया कि बच्चियों के साथ इन धाराओं में भी अपराध हुआ है तो हम सरकार के खिलाफ आदेश जारी करेंगे। कोर्ट ने एफआईआर में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीस) की रिपोर्ट का जिक्र करने का भी आदेश दिया।

यह मामला मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 लड़कियों से दुष्कर्म होने से जुड़ा है। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की बिहार के समाज कल्याण विभाग को भेजी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में लड़कियों से ज्यादती होने का खुलासा हुआ था। यह शेल्टर होम बृजेश ठाकुर चलाता था, जो पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू के पति चंद्रशेखर का दोस्त है। 31 मई को ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले के खुलासे के बाद मंजू ने बिहार की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था।

मंजू के पति के घर सीबीआई के छापे के दौरान 50 कारतूस मिले थे। इसके बाद मंजू और उनके पति चंद्रशेखर पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंजू की गिरफ्तारी नहीं होने पर बिहार पुलिस को फटकार लगाई थी। बाद में 20 नवंबर को मंजू ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

###################

पुष्कर.  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को पुष्कर पहुंचे। उनके सरोवर की पूजा-अर्चना करने के आने से पहले ही उनके तीर्थ पुरोहित ने अपनी बही (विजिटर बुक) में राहुल गांधी के विचार लिख दिए। राहुल गांधी पढ़कर मुस्कराए और साइन कर दिए। दरअसल पुष्कर यात्रा पर आने वाले अमूमन सभी श्रद्धालुओं के संबंधित तीर्थ पुरोहित अपनी बही अथवा रजिस्टर में उनके और परिवार के सदस्यों के नाम लिखते हैं। यह सिलसिला पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। पुरोहित विशिष्ट व्यक्तियों से बही या विजिटर बुक में पुष्कर यात्रा के अनुभव लिखाते हुए उनके तारीख सहित साइन कराते हैं।

बही में ये लिखा… 
“भारत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मैं राहुल गांधी पुत्र स्व. राजीव गांधी आज दिनांक 26-11-2018 सोमवार को राजी खुशी पुष्कर दर्शन व पूजा अर्चना करने आया। मेरे कुल पुरोहित दीनानाथ कौल व राजनाथ कौल द्वारा पूजन करके मन बहुत प्रसन्न हुआ। मैं भारत व विश्व में अमन चैन व शांति की कामना करता हूं।”

##################

नई दिल्ली  – केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच टकराव शायद अभी थमा नहीं है। आरबीआई बोर्ड की पिछली बैठक में हालांकि सुलह के संकेत मिले, लेकिन सरकार का रुख देखकर ऐसा लगता है कि अगली बैठक हंगामेदार हो सकती है।  केंद्र सरकार आरबीआई बोर्ड की अगले महीने होने वाली बैठक के दौरान कुछ कमजोर बैंकों के कर्ज देने पर लगी पाबंदियों में ढील देने के साथ ही केंद्रीय बैंक के कामकाज के संचालन के नियमों की समीक्षा का दबाव बना सकती है। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूूूूत्रो के अनुसार  RBI के बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा नामित सदस्यों के साथ ही अन्य सदस्य उन बैंकों को तथाकथित प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन की सूची से बाहर निकालने का दबाव बनाएंगे, जिनकी आर्थिक सेहत में सुधार हुआ है। इस सूची में सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 11 बैंक शामिल हैं, जिनके कर्ज देने पर आरबीआई ने रोक लगा रखी है।  सरकार के प्रस्तावों से यह साफ जाहिर होता है कि 14 दिसंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक हंगामेदार रह सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री और आरबीआई के बीच कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है। इन मुद्दों में आरबीआई से सरकार को सरप्लस फंड का ट्रांसफर, बैंकों के कर्ज देने के नियमों में ढील और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र में नकदी की मात्रा बढ़ाना शामिल हैं। इस महीने की शुरुआत में हुई आरबीआई बोर्ड की बैठक में हालांकि दोनों पक्षों ने सुलह के संकेत दिए थे।

सूत्रों ने कहा कि आरबीआई बैड लोन को लेकर केवल उनके कर्ज देने पर पाबंदी के बजाय इसे रोकने के लिए एक योजना भी लेकर आने वाली है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के सदस्य आरबीआई को मॉनिटरी पॉलिसी ट्रांसमिशन सहित कई मुद्दों पर सुपरवाइजरी कंट्रोल बढ़ाने के अलावा, एक प्रॉम्प्ट करेक्टिव प्लान लेकर आने के लिए भी कह सकते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी टकराव के बीच केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने महत्वपूर्ण सलाह दी है। उनका कहना है कि मौजूदा परिस्थिति में आरबीआई की भूमिका राहुल द्रविड़ की तरह धीर-गंभीर फैसले लेने वाले की होनी चाहिए न कि नवजोत सिंह सिद्धू की तरह बयानबाजी करने वाले की।

बीते 25 नवंबर को केंद्रीय आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि आरबीआई बोर्ड की आगामी बैठक में केंद्रीय बैंक के गवर्नेंस स्ट्रक्चर में बदलाव पर चर्चा करने की योजना है। गर्ग के बयान के बाद केंद्र और आरबीआई के बीच असंतोष साफ झलक रहा है। गर्ग आरबीआई के बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा नामित सदस्य हैं।

Presented by- हिमालयायूके- हिमालय गौरव उत्तराखण्ड www.himalayauk.org
Leading Digital Newsportal & DAILY NEWSPAPER)

उत्तराखण्ड का पहला वेब मीडिया-2005 से
CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR
Publish at Dehradun & Haridwar, Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media ;
Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us)
Mob. 9412932030; ;
H.O. NANDA DEVI ENCLAVE, BANJARAWALA, DEHRADUN (UTTRAKHAND)

हिमालयायूके एक गैर-लाभकारी मीडिया हैं. हमारी पत्रकारिता को दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक सहयोग करें.
Yr. Contribution:
HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND
A/C NO. 30023706551 STATE BANK OF INDIA; IFS Code; SBIN0003137

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *