29 Nov. सितारो की चाल में परिवर्तन & Top National News
HIGH LIGHT; ###जस्टिस के एम जोसफ ने फली नरीमन से पूछा कि अगर CBI निदेशक रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाएं तो क्या तब भी उसे हटाने से पहले कमेटी से पूछना होगा #नोटबंदी के समय देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने इस निर्णय ने असंगठित क्षेत्र को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. #स्टॉकहोम में एयर इंडिया का एक प्लेन एक बिल्डिंग से टकरा गया. #ऑनलाइन आवेदन में हर उम्मीदवार से पूछा जा रहा है कि वह क्या मुसलमान हैं? #देश भर के किसान दिल्ली में इकट्ठे हो रहे हैं #पुलिस मुख्यालय की 10वीं मंजिल की छत से कूदकर असिस्टेंट कमिशनर रैंक के अफसर ने खुदकुशी कर ली ##
सितारो की चाल में परिवर्तन का राशियो पर असर-
चंद्र ग्रह का गोचर 29 नवंबर 2018 यानी गुरूवार की सुबह 6:38 मिनट से कर्क राशि से सिंह राशि में हो रहा है और 1 दिसंबर 2018 यानी शनिवार को सुबह 10:05 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रजापितामह ब्रह्मा ने (चंद्र देवता) चंद्र ग्रह को जल तत्व, बीज, औषधि तथा ब्राह्मणों का राजा बनाया। चंद्रमा की महादशा 10 साल की होती है। चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त हैं। चंद्रमा नौकरी, शादी, लगन, सुख, यश, विवाह, संतान और तरक्की को प्रभावित करते हैं। चंद्र ग्रह ही सभी देवता, पितर, यक्ष, मनुष्य, भूत, पशु-पक्षी और वृक्ष आदि के प्राणों का आप्यायन करते हैं। इसलिए चंद्रमा को अनुकूल स्थिति में रखना अत्यंत आवश्यक है। चंद्र के सिंह राशि में गोचर करने पर 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है
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नई दिल्ली. आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय की 10वीं मंजिल की छत से कूदकर असिस्टेंट कमिशनर रैंक के अफसर ने खुदकुशी कर ली। घटना गुरुवार सुबह करीब 10 बजे की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एसीपी प्रेम वल्लभ (55 साल) स्थापना शाखा में तैनात थे। बिल्डिंग से छलांग लगाने के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने एसीपी को मृत घोषित कर दिया।
एसीपी वल्लभ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और ट्रैफिक यूनिट में भी तैनात रहे थे। उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए 2016 में पुलिस मेडल भी दिया गया था। उनके ऐसा कदम उठाने के पीछे क्या वजह रही। अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
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नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में जारी लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हो रही है. सुनवाई के दौरान जस्टिस के एम जोसफ ने फली नरीमन से पूछा कि अगर CBI निदेशक रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाएं तो क्या तब भी उसे हटाने से पहले कमेटी से पूछना होगा. सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस संबंध में कॉमन कॉज ने भी याचिका दाखिल की है.
आज सुनवाई के दौरान कॉमन कॉज के वकील दुष्यंत दवे ने नागेश्वर राव की नियुक्ति और उनके फैसलों पर दलील रखनी चाही. जिसपर कोर्ट ने कहा कि अभी मूल मुद्दे पर दलीलें दीजिए. फली नरीमन ने जो कहा है, उस पर बात रखिए. इससे पहले नरीमन ने कहा कि सीबीआई निदेशक का दो साल का तय कार्यकाल होता है. उससे पहले ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकता. लेकिन बिना नियुक्ति पैनल को जानकारी दिए निदेशक को छुट्टी पर भेज दिया गया. मकसद उन्हें काम करने से रोकना था.
उन्होंने कहा कि सरकार या CVC इस तरह से निदेशक को छुट्टी पर नहीं भेज सकते. उन्हें निदेशक की नियुक्ति करने वाली कमेटी से मंज़ूरी लेनी चाहिए थी. जिसपर जस्टिस जोसफ ने पूछा, ”अगर CBI निदेशक रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाएं तो क्या तब भी उसे हटाने से पहले कमिटी से पूछना होगा?”
आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ आलोक वर्मा के सील बंद लिफाफे में दिये गये जवाब पर विचार कर सकती है. अब तक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने पर सुनवाई हो रही थी. केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने वर्मा के खिलाफ प्रारंभिक जांच करके अपनी रिपोर्ट दी थी और वर्मा ने इसी पर जवाब दिया है.
पीठ को आलोक वर्मा द्वारा सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपे गये जवाब पर 20 नवंबर को ही विचार करना था. लेकिन उनके खिलाफ सीवीसी के निष्कर्ष कथित रूप से मीडिया में लीक होने और जांच एजेन्सी के उपमहानिरीक्षक मनीष कुमार सिन्हा द्वारा एक अलग अर्जी में लगाये गये आरोप मीडिया में प्रकाशित होने पर न्यायालय ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी.
पीठ द्वारा जांच एजेन्सी के कार्यवाहक डायरेक्टर एम नागेश्वर राव की रिपोर्ट पर भी विचार किये जाने की संभावना है. नागेश्वर राव ने 23 से 26 अक्टूबर के दौरान उनके द्वारा लिये गये फैसलों के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की है.
इसके अलावा, जांच एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर भी पीठ सुनवाई कर सकती है. गैर सरकारी संगठन कॉमन काज ने यह याचिका दाखिल की है.
कोर्ट ने 20 नवंबर को स्पष्ट किया था कि वह किसी भी पक्षकार को नहीं सुनेगी और यह उसके द्वारा उठाये गये मुद्दों तक ही सीमित रहेगी. सीवीसी के निष्कर्षो पर आलोक वर्मा का गोपनीय जवाब कथित रूप से लीक होने पर नाराज कोर्ट ने कहा था कि वह जांच एजेन्सी की गरिमा बनाये रखने के लिये एजेंसी के निदेशक के जवाब को गोपनीय रखना चाहता था.
उपमहानिरीक्षक सिन्हा ने 19 नवंबर को अपने आवेदन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केन्द्रीय मंत्री हरिभाई पी चौधरी, सीवीसी के वी चौधरी पर भी सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप करने के प्रयास करने के आरोप लगाये थे.
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नोटबंदी के समय देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने इस निर्णय ने असंगठित क्षेत्र को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है.
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने नोटबंदी पर पहली बार बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अपनी आनेवाली किताब में इस बारे में कहा कि यह एक बेहद सख्त फैसला था जिसने असंगठित क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया.
अरविंद सुब्रमण्यन इस साल के शुरुआत में मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद से हट गए थे. वो करीब चार साल तक इस पद पर रहे. सुब्रमण्यन की एक किताब आ रही है- “ऑफ काउंसल: द चैलेंज ऑफ द मोदी-जेटली इकॉनमी”, जिसमें उन्होंने नोटबंदी पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. इससे पहले 8 नवंबर, 2016 को लगाए गए नोटबंदी पर अभी तक वो कुछ नहीं बोले थे. वहीं, सरकार के आलोचक लगातार कहते रहे हैं कि इस निर्णय पर उनसे सलाह नहीं ली गई थी.
पूर्व सीईए ने कहा कि एक बार में 86 फीसदी से अधिक करेंशी का अर्थवव्यस्था से वापस ले लेना एक बड़ा बेरहम मौद्रिक सदमा था. उन्होंने कहा कि इस निर्णय के कारण पहले से धीमी अर्थवव्यस्था और तेजी से गिरने लगी. अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि नोटबंदी से पहले के छह तिमाही में आर्थिक वृद्धि का औसत 8 फीसदी के करीब था. नोटबंदी के बुरे प्रभाव का ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि इसके अगले ही तिमाही में विकास दर घटकर 6.8 पर आ गई. इस चीज का जिक्र उन्होंने अपनी किताब के द टू पज़ल ऑफ डिमोनेटाइजेशन – पॉलिटिकल और इकॉनमिक चैप्टर में किया है.
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि इस बात में किसी को कोई शंका नहीं होगी कि नोटबंदी ने ग्रोथ को कम किया. हां, लोग इस बात पर चर्चा कर सकते हैं कि इस फैसले का नुकसान कितना बड़ा है. उन्होंने कहा कि ग्रोथ को कम करने में और भी कई सारे फैक्टर ने काम किया जिसमें रियल इंट्रेस्ट रेट, जीएसटी का लागू करना और तेल की कीमतें प्रमुख हैं.
अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि नोटबंदी ने असंगठित क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया और इसका असर जीडीपी पर इसलिए कम देखने को मिला क्योंकि जीडीपी को आंकने में संगठित क्षेत्र के आंकड़ों पर भरोसा जताया जाता है. उन्होंने कहा कि हाल के इतिहास में नोटबंदी जैसा निर्णय किसी भी देश ने नहीं लिया है. पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि इस तरह के फैसले अत्यंत खराब स्थिति रहने पर ही लिए जाते हैं.
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स्टॉकहोम में एयर इंडिया का एक प्लेन एक बिल्डिंग से टकरा गया.
स्टॉकहोम: एक बेहद भयावह घटना में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एयर इंडिया का एक प्लेन एक बिल्डिंग से टकरा गया. ये डरावना इसलिए भी है कि इसमें 179 यात्री सवार थे जो इस संभावित हादसे से ठिठक कर रह गए. घटना आरलैंड एयरपोर्ट पर तब घटी जब प्लेन गेट की तरफ जा रहा था. राहत की बात ये है कि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
पुलिस ने एक बायन में कहा, “इसके बाद यात्रियों को मोबाइल सीढ़ी से नीचे उतारा गया जिसके बाद वो टर्मिनल की तरफ गए.” पुलिस के ही मुताबिक अभी तक घटना के कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है. ये घटना इंटरनेशनल टर्मिनल के पास शाम के वक्त घटी. घटना की तस्वीरें भी सामने आई हैं. इसमें रनवे पर लगा एक बोइंग विमान दिखाई दे रहा है. इसके बायें पंखे का सबसे किनारे का हिस्सा एक बिल्डिंग की साइड में फंसा हुआ है.
घटना के बाद तुरंत प्लेन के पास सैंकड़ों पुलिस कारें और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आ खड़ी हुईं. फ्लाइट ऑपरेटर की वेबसाइट के मुताबिक ये विमान दिल्ली के स्वीडन के लिए रवाना हुआ था.
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ऑनलाइन आवेदन में हर उम्मीदवार से पूछा जा रहा है कि वह क्या मुसलमान हैं?
अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार से एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने यह नोटिस राज्य सरकार को मुस्लिम उम्मीदवारों को ‘धर्म के आधार पर प्रोफाइलिंग करने’ के कारण जारी किया हैं. याचिकाकर्ता के. आर. कोश्ती ने दावा किया कि 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा 2019 बोर्ड परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन में हर उम्मीदवार से पूछा जा रहा है कि वह क्या मुसलमान हैं?
जनहित याचिका में ऑनलाइन फॉर्म स्वीकार करने के सरकार के निर्णय को भी चुनौती दी गई है और कहा गया है कि राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट सम्पर्क ठीक नहीं हैं. कार्यवाहक चीफ जस्टिस अनंत दवे और जस्टिस वीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने राज्य सरकार, गुजरात माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से इस विषय पर छह दिसम्बर तक जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता कोश्ती ने कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार सभी 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स से आधार नंबर मांग रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आधार कार्ड की जानकारी सिर्फ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, एलपीजी सिलेंडर और इनकम टैक्स रिटर्न में ही इस्तेमाल किया जा सकता है. याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम कोर्ट के आ
कोश्ती ने यह भी कहा कि छात्रों के लिए फॉर्म ऑनलाइन कर दिया गया है. इससे पिछड़े इलाके के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कच्छ क्षेत्र में इंटरनेट की स्थिति काफी खराब है.
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देश भर के किसान दिल्ली में इकट्ठे हो रहे हैं
देश भर के किसान आज अपनी कई मांगों को लेकर 2 दिन के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दिल्ली में इकट्ठे हो रहे हैं। यहां पहुंच रहे किसानों ने रामलीला मैदान के पास विरोध प्रदर्शन किया। किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर लगभग 200 किसान संगठनों के आह्वान पर गुरुवार से आयोजित आंदोलन के लिये किसानों का दिल्ली का पहुंचने शुरू हो गए हैं।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा 29 और 30 नवंबर को आहूत संसद मार्च को वाम दलों सहित 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है।
अखिल भारतीय
किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान-मजदूर संगठन दो दिनों तक देश की राजधानी दिल्ली में जुट रहे हैं. प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक, ‘किसान मुक्ति यात्रा’ नाम से किए जा रहे इस विशाल प्रदर्शन में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर जुटेंगे और फिर वहां से संसद के लिए मार्च करेंगे.
किसानों की तादाद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एडवाइजरी जारी करते हुए बड़ी संख्या में जंतर मंतर पर न जुटने के निर्देश दिए हैं.
किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर लगभग 200 किसान संगठनों के आह्वान पर गुरुवार से आयोजित आंदोलन के लिये किसानों का दिल्ली का पहुंचना शुरू हो गया है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा बुलाए गए संसद मार्च को वाम दलों सहित 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है. मेघालय, जम्मू कश्मीर, गुजरात और केरल सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसानों के समूह सड़क और रेल मार्ग से दिल्ली और आसपास के इलाकों में इकट्ठा होने लगे हैं. समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने इसे अब तक का सबसे बड़ा किसान आंदोलन होने का दावा करते हुए कहा कि गुरुवार को रामलीला मैदान में किसान सभा के आयोजन के बाद शुक्रवार को किसानों का हुजूम रामलीला मैदान से संसद मार्च करेगा.
समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने बुधवार को यहां बताया कि गुरुवार को रामलीला मैदान में एकत्र होने के लिये किसानों के समूह दिल्ली पहुंचने लगे हैं।
उन्होंने बताया कि मेघालय, जम्मू कश्मीर, गुजरात और केरल सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसानों के समूह सड़क और रेल मार्ग से दिल्ली और आसपास के इलाकों में एकत्र होने लगे हैं।
देश भर के किसान एक बार फिर राजधानी दिल्ली कूच कर रहे हैं. पूरे देश में पदयात्रा के बाद बड़ी संख्या में किसान 29 और 30 नवंबर को दिल्ली आने वाले आठ प्रमुख रास्तों से दाखिल होने वाले हैं, जिसे लेकर दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है. इस वक्त ये किसान दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर बिजवासन इलाके में ठहरे हुए हैं. सुबह 9:00 बजे यहां से निकलेंगे और तकरीबन 25 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए रामलीला मैदान पहुंचेंगे. योगेंद्र यादव इस मार्च की अगुवाई कर रहे हैं.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले यह किसान इकट्ठा हुए हैं. पूर्ण ऋण माफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजे की मांग और एमएस स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने की मांग को लेकर किसान जुटे हैं.
हालांकि पिछले आंदोलन से ये आंदोलन काफी हद तक अलग है. एक तरफ किसानों की संख्या कम नजर रही है तो वहीं दूसरी ओर ये किसान बेहद व्यवस्थित हैं. पिछली बार सड़कों पर जमे किसान इस बार सामुदायिक भवन में ठहरे हुए हैं. इस बार इनका नेतृत्व योगेंद्र यादव कर रहे हैं.
दिल्ली पुलिस ने किसानों के कूच को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें साफ कहा है कि जंतर-मंतर पर एक हजार से ज्यादा लोगों का जमा होना प्रतिबंधित है. ऐसे में अगर किसानों की संख्या इससे ज्यादा जाती है तो उन्हें रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन करना होगा.
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नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते हैं? 5 से 1000 रुपये में मिल सकता है मौका
- नमो ऐप पर बीजेपी को 5 रुपये से लेकर 1000 रुपये डोनेट करने पर मिलेगा रेफरल कोड
- रेफरल कोड को कॉन्टैक्ट्स में शामिल लोगों तक ई-मेल, SMS या वॉट्सऐप के जरिए भेजना होगा
- जिसके रेफरल कोड का इस्तेमाल कर 100 लोगों ने डोनेट किया, उसके पास मोदी से मिलने का मौका
- अगर किसी के रेफरल कोड का इस्तेमाल कर कम से कम 10 लोगों ने डोनेट किया तो मिलेगी टी-शर्ट
- ई-कॉमर्स या ट्रैवल वेबसाइटों पर आपको रेफरल कोड के जरिए बड़ी डिस्काउंट मिल जाती है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के निजी मोबाइल ऐप्लिकेशन से जेनरेट हुए रेफरल कोड से आपके पास खुद प्रधानमंत्री से फेस-टु-फेस मुलाकात का मौका मिल सकता है!
नरेंद्र मोदी ऐप (नमो ऐप) पर एक नया फीचर जोड़ा गया है जिसके जरिए कोई भी रेफरल कोड पाने के लिए 5 रुपये से लेकर 1,000 रुपये बीजेपी को डोनेट कर सकता है। रेफरल कोड पाने के बाद शख्स को अपने कॉन्टैक्ट्स के पास ई-मेल, एसएमएस या वॉट्सऐप के जरिए इसे भेजना होगा। अगर किसी शख्स द्वारा भेजे गए रेफरल कोड या ऐप के जरिए फंड डोनेट करने वाले लिंक का इस्तेमाल 100 लोगों ने कर लिया तो उस शख्स को प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिल सकता है। अगर किसी भी शख्स के रेफरल कोड का इस्तेमाल करते हुए कम से कम 10 लोगों ने बीजेपी को डोनेट किया तो उस शख्स को नमो टी-शर्ट, कॉफी मग जैसे सामान मिलेंगे।
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