मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी & संजय दत्त का ऐलान- स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय से किए ब्रेक;अटकलें & Top News 11 August 20
11 August 20# Himalayauk Newsportal Bureau # High Light # पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी #अगर इन राज्यों में कोरोना को हराने में सफल हो जाते हैं तो देश भी जीत जाएगा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी # कोरोना मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ी खुशखबरी दी है। #संजय दत्त ऐलान- स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय से किए ब्रेक #अशोक गहलोत उनके नेता हैं- सचिन पायलट कैंप में गए तीनों निर्दलीय विधायक बोले:# उर्दू अदब के इस हरफनमौला शायर राहत इंदौरी के इंतेकाल की खबर ने पूरे साहित्य जगत को हिलाकर रख दिया # भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया # केंद्र ने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर 14 राज्यों को जारी किए करीब 6200 करोड़
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनकी ब्रेन सर्जरी हुई है. ये सर्जरी खून के थक्के को हटाने के लिए की गई है. आर्मी अस्पताल ने मंगलवार को जारी बुलेटिन में बताया कि उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. वह अभी वेंटिलेटर पर हैं.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ही सोमवार को बताया था कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं. मगर बाद में जानकारी मिली कि पूर्व राष्ट्रपति दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति एक छोटी सी ब्रेन सर्जरी करवाने अस्पताल गए थे. जब कोरोना टेस्ट किया गया तो वह पॉजिटिव पाए गए.
ब्रेन सर्जरी के बाद प्रणब मुखर्जी की तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ है, अस्पताल सूत्रों के मुताबिक उनकी स्थिति और बिगड़ गई है. पूर्व राष्ट्रपति अभी भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. दिल्ली के आर्मी अस्पताल ने कहा कि उनकी स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है.
बुलेटिन के मुताबिक प्रणव मुखर्जी को गंभीर हालत में 10 अगस्त 2020 को दिन में 12.07 बजे दिल्ली कैंट स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच में पता चला कि उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमा हुआ है. इमर्जेंसी में सर्जरी की गई. सर्जरी के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. मेडिकल जांच में वह कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए थे.
प्रणब मुखर्जी के कोरोना पॉजिटिव होने पर तमाम वरिष्ठ लोगों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की. इनमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल हैं.
कोरोना मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ी खुशखबरी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार कोरोना मृत्यू-दर घटकर दो प्रतिशत से भी कम हो गई है।
पिछले कई दिनों की तुलना में आज भारत में कोरोना वायरस के 60 हजार से कम मामले दर्ज किए गए हैं। भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 53 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 53,601 मामले सामने आये हैं और 871 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 22,68,676 हो गई है। जिसमें 6,68,929 एक्टिव केस हैं। जबकि, 15,83,490 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। जबकि, कोरोना वायरस के कारण भारत में अब तक 45,257 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब, भारत में 28.21 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं। जबकि, 69.80 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए हैं और 1.99 प्रतिशत मौत का आंकड़ा है।
अगर इन राज्यों में कोरोना को हराने में सफल हो जाते हैं तो देश भी जीत जाएगा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:Coronavirus Pandemic: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की और कहा कि इस लड़ाई में देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इस बैठक में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से जमीनी स्थिति का जायजा लेने के बाद प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अगर सभी मिलकर इन राज्यों में कोरोना को हराने में सफल हो जाते हैं तो देश भी जीत जाएगा. बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आप सभी से बात करके जमीनी वस्तु-स्थिति की भी जानकारी और व्यापक होती है और ये भी पता चलता है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.” पीएम ने कहा कि आज 80 प्रतिशत सक्रिय मामले इन 10 राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है. मोदी ने कहा कि आज की बैठक का एक भाव यह निकलकर आया है कि सभी मिलकर अपने इन दस राज्यों में कोरोना को हरा देते हैं, तो देश भी जीत जाएगा. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन सात लाख तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ भी रही है.
पीएम ने कहा, ‘‘आज देश में सक्रिय मामले छह लाख से ज्यादा हो चुके हैं, जिनमें से ज़्यादातर मामले हमारे इन दस राज्यों में ही हैं. इसीलिए ये आवश्यकता थी कि ये दस राज्य एक साथ बैठकर समीक्षा करें, चर्चा करें. आज की इस चर्चा से हमें एक दूसरे के अनुभवों से काफी कुछ सीखने समझने को मिला भी है.” प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि जहां सक्रिय मामले कम हो रहे हैं वहीं ठीक होने की दर भी बढ़ी है. इससे होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आई है.उन्होंने कहा कि देश में मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुक़ाबले काफी कम थी और संतोष की बात है कि ये लगातार और कम हो रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि हमारे प्रयास कारगर सिद्ध हो रहे हैं.सबसे अहम बात है, कि इससे लोगों के बीच भी एक भरोसा बढ़ा है, आत्मविश्वास बढ़ा है, और डर भी कुछ कम हुआ है.”उन्होंने बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया।बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे. कोरोना महामारी ने जब से भारत में कदम रखा है तब से लेकर राज्यों के साथ प्रधानमंत्री की यह सातवीं बैठक है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बैठक में अधिकतर मुख्यमंत्रियों ने कोविड महामारी के मद्देनजर अपने-अपने राज्यों की अर्थव्यवस्था की हालत का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की.बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आर्थिक पैकेज की मांग की.
संजय दत्त ऐलान- स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय से किए ब्रेक
अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटे संजय दत्त ने ऐलान किया है कि वो वर्क फ्रंट से स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय से किए ब्रेक ले रहे हैं. हालांकि उन्होंने सभी के किसी भी तरह की अफवाह ना फैलाने का अनुरोध भी किया है. संजय दत्त ने अपना बयान पोस्ट करते हुए लिखा, “हैलो दोस्तो, मैं मेडिकल ट्रीटमेंट के चलते अपने काम से कुछ समय का ब्रेक ले रहा हूं. मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ हैं. मैं अपने शुभचिंतकों से कहना चाहता हूं कि वो परेशान ना हो और कुछ भी फालतू का अंदाजा ना लगाएं. आपके प्यार और दुआओं से मैं जल्द लौटूंगा.”
इसके साथ ही कमेंट बॉक्स में फैंस अब उनके जल्द स्वस्थ होने और कमबैक करने के लिए दुआएं कर रहे हैं. आपको बता दें कि बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त कल यानि 10 अगस्त को मुंबई के लीलावती अस्पताल से आज डिस्चार्ज हुए थे. 8 अगस्त को संजय दत्त को सांस लेने में तकलीफ के चलते मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अस्पताल में दाखिल कराते ही 61 वर्षीय संजय दत्त का कोविड-19 एंटीजेन टेस्ट किया गया था, जो नेगेटिव रहा था. उनका स्वैब टेस्ट भी लिया गया था, जिससे पता चलेगा कि वो कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हैं या नहीं.
संजय दत्त को कैंसर होने की अटकलें लगाई जा रहीं हैं.
इसी शनिवार को यानि 8 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के चलते संजय दत्त मुम्बई के लीलावती अस्पताल में दाखिल हुए थे, लेकिन दो दिन बाद ही यानि सोमवार की दोपहर को संजय दत्त को अस्पताल को छुट्टी मिल गयी थी. लेकिन अपने पाली हिल के घर में पहुंचने के अगले दिन ही संजय दत्त ने अब मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए छुट्टी पर जाने का बड़ा ऐलान कर दिया है. संजय दत्त ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लिखा- “हाय दोस्तों, मैं मेडिकल ट्रीटमेंट के चलते काम से छोटा सा ब्रेक ले रहा हूं. मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ हैं और मैं अपने शुभचिंतकों से गुजारिश करता हूं कि मेरी तबीयत को लेकर गैर-जरूरी अनुमान न लगाएं जाएं. आप सभी के प्यार और शुभकामनों की वजह से मैं जल्द ही वापसी करूंगा.”
उल्लेखनीय है कि फिल्म इंडस्ट्री में संजय दत्त को कैंसर होने की अटकलें लगाई जा रहीं हैं. हालांकि अभी तक किसी ने भी संजय दत्त को कैंसर होने की पुष्टि नहीं की है. गौरतलब है कि कैंसर की इन्हीं अटकलों के चलते संजय दत्त ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए छुट्टी पर जाने का ऐलान किया है.
शोक गहलोत उनके नेता हैं- सचिन पायलट कैंप में गए तीनों निर्दलीय विधायक बोले:
राजस्थान में सचिन पायलट कैंप में गए तीनों निर्दलीय विधायक जयपुर आने के बाद सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे और कहा कि उनकी आस्था अशोक गहलोत में है. निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश ढोला, सुरेश टांक और खुशवीर सिंह जोजावर पिछले 1 महीने से पायलट कैंप में दिल्ली में थे. मगर अब इन्होंने अपनी निष्ठा बदल ली है और कह रहे हैं कि सचिन पायलट से उनकी पिछले 1 महीने से कोई बातचीत नहीं हुई है. जयपुर लौटे इन विधायकों ने कहा कि पता नहीं है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक दिल्ली में क्या कर रहे थे. इन तीनों विधायकों पर सरकारी मुख्य सचेतक ने एंटी करप्शन ब्यूरो में पैसे लेकर बीजेपी के लिए बांसवाड़ा जैसे आदिवासी इलाकों में विधायकों के खरीद-फरोख्त करने का मुकदमा दर्ज करवाया है.
जयपुर पहुंचे सचिन पायलट ने आज कहा कि पार्टी के भीतर अपनी बातों को उठाना विद्रोह नहीं, कोई मांग नहीं की. सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि मेरे बारे में जो शब्दावली का इस्तेमाल किया गया उसे सुनकर मुझे दुख भी हुआ और तक़लीफ़ भी हुई. राजनीति में शालीनता ज़रूरी है. ख़ून का घंट पीना पड़ता है. पर इसका मतलब ये नहीं कि हम इंसान नहीं हैं. पायलट ने कहा कि कल हमारी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल और प्रियंका जी से मुलाक़ात हुई थी. चर्चा निर्णायक और सार्थक रही. पुलिस के केस, निलंबन, कोर्ट कचहरी हुई जो मुझे लगा सकारात्मक नहीं है. हमने पहले दिन जाकर बोला था कि हम अपनी बात पार्टी के सामने रखना चाहते हैं. हमने या हमारे विधायकों ने पार्टी और पार्टी आलाकमान के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कहा.
महुआ से निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश होडला ने कहा, “आज ही सुबह वे जयपुर लौटे हैं और मुख्यमंत्री निवास से फोन आया कि मुख्यमंत्री मिलना चाहते हैं तो इसलिए मिलने के लिए चले गए.”
होडला ने आगे कहा, “हमने कहा कि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और एंटी करप्शन ब्यूरो ने हम पर मुकदमा दर्ज कर लिया था, इसलिए हम नहीं आ रहे थे. हमने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना पक्ष बताया तो उन्होंने कहा कि पहले बताना चाहिए था. अगर कोई कंफ्यूजन हुआ है तो उसे दूर किया जाएगा.”
होडला ने बताया कि अशोक गहलोत उनके नेता हैं और लिखित में उनको समर्थन दिया है. सचिन पायलट से पिछले 1 महीने में दिल्ली में कोई बातचीत नहीं की और दिल्ली में वे अपने बच्चों के घर पर रह रहे थे. होडला ने कहा, हमें तो यह भी पता नहीं है कि सचिन पायलट का क्या प्लान था. उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई अस्थाई दोस्त और दुश्मन नहीं होता है और वक्त के साथ नेता भी अपनी निष्ठा बदलते हैं. ऐसे में इसमें कुछ नया नहीं है कि आज हम इसके साथ हैं तो कल किसी के साथ नहीं जाएंगे. हमारे क्षेत्र में जो काम करवाएगा, हम उसके साथ जाएंगे.
किशनगढ़ से निर्दलीय विधायक सुरेश टांक ने कहा, “हमारे खिलाफ कंफ्यूजन हो गया था और सरकार ने मुकदमा दर्ज करा लिया था. इसी डर से हम जयपुर नहीं आ रहे थे. हमने किसी भी तरह से विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की कोशिश नहीं की है और हमारे नेता अशोक गहलोत हैं. इस दौरान रोज हमारी कांग्रेस के नेताओं से बातचीत हो रही थी और वे हमें आश्वासन दे रहे थे. इसलिए हम अशोक गहलोत का हाथ मजबूत करने के लिए आए हैं.”
सचिन पायलट ने कहा कि ”मैं धन्यवाद करना चाहता हूं सोनिया जी का जिन्होंने एक कमेटी बनाई है, इंसाफ़ होगा. मेरा व्यक्तिगत किसी से कोई इश्यू नहीं है. मैं पांच साल से ज़्यादा यहां रहा. जो मेरे साथ लोग थे उनका ध्यान रखना ज़रूरी था. जिन लोगों ने लाठी खाई, पसीना बहाया उनको सत्ता में भागीदारी दिलाना मेरा कर्तव्य है. मैंने कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं हो सकता.”
टांक ने सचिन पायलट के बारे में कहा, “मैं नहीं जानता वे कहां हैं और क्या कर रहे हैं. मुझे याद नहीं है कि कभी उनसे मैं मिला होऊंगा.” तीसरे निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह जोजावर ने कहा, “हमारी सचिन पायलट से न अभी बात हुई है न कभी पहले बात हुई थी. हमारी कुछ समस्याएं थीं जिसे हम उठा रहे थे.” खुशवीर सिंह ने कहा कि गुजरात में हमारा प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज चल रहा था. हमें 3 दिन बाद आना था मगर बाकी के दो निर्दलीय विधायकों ने जयपुर आने के लिए कहा तो मैं चला आया. मैं राजस्थान सरकार के साथ हूं और सचिन पायलट के साथ नहीं हूं. गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस कैंप से एक और विधायक भंवरलाल शर्मा सीधे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे और कहा था कि अशोक गहलोत उनके नेता हैं.
उन्होंने कहा कि ”मैंने अपने लिए कोई पद नहीं मांगा. मैंने बस यही कहा कि विधायकों के ख़िलाफ़ बदले की भावना से काम नहीं होना चाहिए. हम सब कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. पार्टी ने बहुत पद दिए. सरकार में विपक्ष में जो पद दिया, मैंने पूरा दायित्व निभाया. पार्टी के मुखिया और नेता के तौर पर सबको साथ में लेकर मिलकर चलना पड़ता है. मेरे अंदर किसी को लेकर कोई इगो नहीं है. मेरे दिल में किसी के लिए कोई ग़ुस्सा नहीं है.”
कवि, गीतकार, शायर राहत इंदौरी के इंतेकाल की खबर ने पूरे साहित्य जगत को हिलाकर रख दिया
मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार को निधन हो गया. वे कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे, जिसके उपचार के लिए उन्हें मध्य प्रदेश के इंदौर में 10 अगस्त की देर रात अरविंदो अस्तपाल में भर्ती कराया गया था. राहत इंदौरी के बेटे सतलज ने इस बात की जानकारी दी थी मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का असर काफी तेजी से फैल रहा है. इंदौर भी शुरुआत में कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था.
राहत इंदौरी ने खुद भी ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा था, ‘कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है. ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं, दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं. एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी.’
कवि, गीतकार, शायर राहत इंदौरी मंगलवार को दुनिया को अलविदा कह गए. उनके इंतेकाल की खबर ने पूरे साहित्य जगत को हिलाकर रख दिया है. रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल उनके शेर उन्हें लोगों के बीच स्थापित कर गए हैं. एक जनवरी 1950 को जन्मे राहत इंदाैरी 70 साल के थे. सुबह ही उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये बताया था कि वो कोरोना पीड़ित हैं. इसके बाद से ही उनके चाहने वाले उनकी खैरियत की दुआएं करने लगे थे, लेकिन हालत गंभीर होने के चलते उनकी जान नहीं बच सकी. इंदौर मध्यप्रदेश में जन्मे राहत इंदौरी ने अपने शहर को मानो अपने भीतर ही बसा लिया था. उनके नाम के साथ उनका शहर एक पहचान की तरह जुड़ा रहा. उन्होंने इंदौर के ही नूतन स्कूल से प्राथमिक शिक्षा हासिल की थी. इसके बाद इंदौर के इस्लामिया करीमीया कॉलेज (ikdc) और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश और भोज विश्वविद्यालय से तालीम हासिल की. उन्होंने साल 1975 में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश से उर्दू साहित्य में परास्नातक करने के बाद वर्ष 1985 में, भोज विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि ली. उनके पिता राफतुल्लाह कुरैशी एक कपड़ा मिल कर्मचारी थे और मां मकबूल उन निशा बेगम गृहणी थीं. राहत इंदौरी तीन भाई-बहन थे.
राहत इंदौरी मशहूर शायर हैं, साथ ही वह बॉलीवुड के लिए भी कई गाने लिखते आए हैं. राहत की उम्र 70 साल थी, ऐसे में उन्हें डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
स्कूल और कॉलेज के दौरान वह काफी प्रतिभाशाली स्टूडेंट थे, साथ ही वो हॉकी और फुटबॉल टीम के कप्तान भी थे. साल 1973 में स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद,अगले दस वर्ष उन्होंने आवारगी में बिताए क्योंकि वो ये तय नहीं कर पा रहे थे कि जीवन में क्या किया जाए. बस पूरा दिन यहां-वहां घूमने और महफिलों में बीत जाता था. इसके बाद अपने दोस्तों से प्रोत्साहित होने के बाद, उन्होंने उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर करने का मन बनाया और जिसे स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया.
उन्हें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में टीचर के तौर पर ज्वाइन करने प्रस्ताव मिला था. चूंकि शिक्षण के लिए पीएचडी की डिग्री अनिवार्य थी, इसलिए उन्होंने उर्दू साहित्य में पीएचडी की और उर्दू साहित्य के प्रोफेसर के रूप में वहां अध्यापन करना शुरू कर दिया. उन्होंने वहां 16 वर्षों तक शिक्षण कार्य किया. इसके बाद उनके मार्गदर्शन में कई छात्रों ने पीएचडी की.
कविता क्षेत्र में आने से पहले, वह एक चित्रकार बनना चाहते थे और जिसके लिए उन्होंने व्यावसायिक स्तर पर पेंटिंग करना भी शुरू कर दिया था. इस दौरान वह बॉलीवुड फिल्म के पोस्टर और बैनर को चित्रित करते थे. यही नहीं, वह आज भी पुस्तकों के कवर को डिजाइन करते थे. उनके गीतों को 11 से अधिक ब्लॉकबस्टर बॉलीवुड फिल्मों में इस्तेमाल किया गया जिसमें से मुन्ना भाई एमबीबीएस भी एक है. वह अपनी शायरी की नज़्मों को एक खास शैली में प्रस्तुत करके पूरी महफिल में वाहवाही बटोर लेते थे.
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया — बिहार की सियासत में आजाद समाज पार्टी की एंट्री
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मैदान में किस्मत आजमाने उतरेगी. चंद्रशेखर आजाद ने पटना में मंगलवार को इसकी घोषणा की.
बिहार के राजनीतिक समीकरण को देखते हुए विधानसभा चुनाव के मैदान में चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के ताल ठोकने को अहम माना जा रहा है. हालांकि चंद्रशेखर आजाद इससे पहले आधिकारिक तौर पर कोई चुनाव नहीं लड़े हैं लेकिन बिहार विधानसभा में उनकी पार्टी के प्रत्याशी दूसरे दलों के उम्मीदवारों के सामने चुनौती पेश करेंगे.
बिहार के चुनावी मैदान में जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस जैसी मुख्य पार्टियां मैदान में होंगी. लेकिन अब बिहार की सियासत में आजाद समाज पार्टी की एंट्री भी होने जा रही है.
अगले कुछ महीने में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आजतक के साथ बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा था कि बिहार में विधानसभा चुनाव तय समय के मुताबिक ही होंगे. चुनाव के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाए इसके लिए एक बूथ पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1000 फिक्स कर दी गई हैं.