देश के छह प्रमुख शहर कोरोना वायरस के सबसे बड़े हॉटस्पॉट Top News 22 April 20
22 April 20# High Light# गन्ना खरीद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना अहम फैसला सुनाया # भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। भारत में आज पिछले 24 घंटों में 1,486 नए मामले सामने आए हैं और 49 मौतें हुई हैं। बुधवार को यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी है। # देश में कोरोनावायरस का मामला 20 हजार पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 20,471 हो गई है. #स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ अध्यादेश पास #स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की जेल #कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक उपचार की संभावना – वैज्ञानिक फीफाट्रोल से कोरोना वायरस के इलाज की खोज # केंद्र सरकार राष्ट्रव्यापी सर्वे कराने जा रही है # महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा है कि आरोपियों में कोई भी मुस्लिम नहीं है # वह लॉकडाउन पर केंद्र सरकार के सभी आदेशों का पालन करेगी. ; ममता बनर्जी #कोरोना वायरस संक्रमितों के 21 अप्रैल को रिकॉर्ड मामले सामने आए # अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘चीन को लेकर मैं जितना सख्त हूं, और कोई नहीं है.”
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गन्ना खरीद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना अहम फैसला सुनाया
गन्ना खरीद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक, अब राज्य अपने यहां गन्ने की न्यूनतम खरीद कीमत तय कर सकते हैं, लेकिन किसी भी कीमत में यह केंद्र की तरफ से तय मूल्य से कम नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने साल 2005 में दायर वेस्ट उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति एम आर शाह एवं न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की संविधान पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें गन्ने की न्यूनतम खुदरा कीमत तय कर सकती हैं और वह केंद्र द्वारा निर्धारित कीमत से ज्यादा है तो उसमें कोई दिक्कत नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने वेस्ट उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएश उत्तर प्रदेश सरकार मामले में यह निर्णय दिया है। यह याचिका 2005 में दायर की गयी थी। संविधान पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को भी न्यूनतम दाम तय करने का पूरा अधिकार है, लेकिन उसने यह स्पष्ट किया कि राज्य को केंद्र सरकार की ओर से तय की गई कीमत से ज्यादा दाम तय करने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से तय किया हुआ दाम ही मान्य होगा, लेकिन यदि राज्य सरकार केंद्र से ज्यादा कीमत देने की सलाह देती है तो फिर बात अलग है। दायर याचिका में मिल मालिकों का कहना था कि कीमत तय करने का हक सिर्फ केंद्र को है।
Coronavirus India Update 22 April 20# भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता जा रहा है. देश में जारी लॉकडाउन (COVID-19 Lockdown) के बावजूद इसके मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बीच देश में कोरोनावायरस का मामला 20 हजार पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 20,471 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,486 नए मामले सामने आए हैं और 49 लोगों की मौत हुई है. वहीं, देश में कोरोना से अब तक 652 लोगों की जान जा चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 3960 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं. : देश के छह प्रमुख शहर कोरोना वायरस के सबसे बड़े हॉटस्पॉट – मुंबई दिल्ली अहमदाबाद इंदौर पुणे जयपुर सरकारी आंकड़ों पर नजर डाले तो वायरस से संक्रमित जिलों की संख्या इस माह दो अप्रैल को 211 थी जब आज यानी बुधवार 21 अप्रैल तक 430 तक जा पहुंची है. देश के छह प्रमुख शहर कोरोना वायरस के सबसे बड़े हॉटस्पॉट बनकर उभरे हैं. देशभर में कोरोना संक्रमण के अब तक जितने मामले हैं, उरनके से करीब 45 फीसदी इन छह महानगरों से ही हैं. महाराष्ट्र का मुंबई शहर इस मामले में सबसे ऊपर है, जहां कोरोना के 3000 से अधिक मामले सामने आए हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के केसों की संख्या बढ़ते हुए 2081 तक पहुंच गई है.
स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की जेल
पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश (Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance) 2020 प्रत्येक स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता की सुरक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जोकि COVID-19 महामारी के सामने आकर बहादुरी लड़ रहे हैं। यह हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। उनकी सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता है!
मोदी सरकार (Modi Govt) एक ऐसा अध्यादेश लाई है जिसके मुताबिक मेडिकल टीम (Medical Team) पर हमला करने के दोषियों को 3 महीने से 5 साल की सजा होगी. यही नहीं अगर मेडिकल टीम पर गंभीर किस्म का हमला हुआ तो 6 महीने से 7 साल तक की सजा होगी. सरकार ने साफ कर दिया गया है अगर किसी डॉक्टर की गाड़ी या क्लीनिक पर हमला होता है तो नुकसान के बाजार भाव से दोगुना हर्जाना वसूला जाएगा.
केंद्र सरकार बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लेकर आई है। इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की जेल काटनी पड़ सकती है। यह अध्यादेश एक दशक पुराने महामारी क़ानून में संशोधन कर लाया गया है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अध्यादेश के तहत स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करना संज्ञेय और ग़ैर-जमानती अपराध माना जाएगा। अध्यादेश के मुताबिक़, स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के मामलों में 30 दिन के भीतर जांच पूरी होनी चाहिए और ऐसे मामलों में एक साल के अंदर फ़ैसला आ जाना चाहिए।
अध्यादेश के तहत हमलों के सामान्य मामलों में 3 महीने से 5 साल तक की जेल और 50 हज़ार से लेकर 2 लाख़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। जबकि गंभीर मामलों में 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये से 7 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
इसी तरह वाहन और क्लीनिक में तोड़फोड़ के मामलों में संपत्ति के नुक़सान के बाज़ार मूल्य का दुगना पैसा देना होगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने एक दिन पहले ही केंद्र सरकार से स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द क़ानून लाने की मांग की थी। हाल ही में कई जगहों पर डॉक्टर्स व नर्सों पर हमले हुए थे जिसके बाद डॉक्टर्स ने 23 अप्रैल को काला दिवस मनाने और सांकेतिक विरोध करने की चेतावनी दी थी। लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आईएमए के प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा का भरोसा देने के बाद डॉक्टर्स ने विरोध करने का फ़ैसला वापस ले लिया था।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही हैं, सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी. सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है. जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी. 1 साल के अंदर फैसला लाया जाएगा, जबकि 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है. गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई की जाएगी. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि देश में अब 723 कोविड अस्पताल हैं, जिसमें लगभग 2 लाख बैड तैयार हैं. इनमें 24 हजार आईसीयू बेड हैं और 12 हजार 190 वेंटिलेटर हैं. जबकि 25 लाख से अधिक N95 मास्क भी हैं. जबकि 2.5 करोड़ के ऑर्डर दिए जा चुके हैं.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से फर्टिलाइज़र के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाया गया है, इसे बढ़ाकर 22 हजार करोड़ से अधिक किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर मंत्री ने बताया कि अब सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. बुधवार को कैबिनेट की ब्रीफिंग की जाएगी और शनिवार, रविवार को प्रेस रिलीज़ जारी की जाएगी. प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस के मौजूदा असर और लॉकडाउन की समीक्षा की गई. इसके अलावा आर्थिक हालात पर भी चर्चा हुई. केंद्र सरकार की ओर से पहले भी राहत के तौर पर 1 लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था.
कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक उपचार की संभावना – वैज्ञानिक फीफाट्रोल से कोरोना वायरस के इलाज की खोज
फीफाट्रोल से 13 जड़ी बूटियों से तैयार एंटी- माइक्रोबियल एक औषधीय फार्मूला है, जिसमें शामिल पांच प्रमुख बूटियों में सुदर्शन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिपुवन कीर्ति रस और मृृत्युंजय रस शामिल है. जबकि आठ औषधियोंं के अंश तुलसी, कुटकी, चिरयात्रा, मोथा गिलोय, दारुहल्दी, करंज के अलावा अप्पामार्ग मिलाए गए हैं. फीफाट्रोल पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी अध्ययन कर चुका है, जिसमें यह दवा आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक के रूप में साबित हुई है. शोध के दौरान बैक्टीरिया संक्रमण रोकने में यह कारगर मिली. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने में यह सहायक है.
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केएन द्विवेदी का कहना है कि आज दुनिया कोविड 19 का इलाज तलाश रही है. हमें भी अपने परंपरागत चिकित्सा का इस्तेमाल करना चाहिए. इसलिए इंसानों पर फीफाट्रोल का ट्रायल करके कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक उपचार की संभावना पर काम करने की योजना है. उन्होंने बताया कि एमिल फॉर्मास्युटिकल के सहयोग से उन्होंने इस रिसर्च का प्रस्ताव टास्क फोर्स को भेजा है.
आयुष मंत्रालय ने एक आंतरिक टास्क फोर्स भी गठित की है, जो देशी उपचार पद्धतियों की उन महत्वपूर्ण दवाओं का अध्ययन कर रही है. इन्हें कोविड 19 के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस आंतरिक टास्क फोर्स ने ऐसी दवाओं के ब्यौरे एकत्र करने भी शुरू कर दिए हैं.
शोधकर्ताओं, प्रमुख दवा निर्माताओं एवं शोध संस्थानों से आगे शोध और क्लिनिकल ट्रायल के लिए ऐसी दवाओं के प्रस्ताव मांगे गए हैं, जो कोरोना वायरस से निपटने में कारगर हो सकती हैं. अब तक कई प्रस्ताव मिल चुके हैं. जिनमें से एक फीफाट्रोल भी है. सरकार ने इंटर डिसिप्लेनरी कमेटी बनाई है ताकि उसमें आधुनिक मेडिसिन के चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद से दवाओं के आधुनिक चिकित्सा के मानकों पर परखा जा सके.
केंद्र सरकार राष्ट्रव्यापी सर्वे कराने जा रही है
नई दिल्ली:कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की रोकथाम और जांच के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रव्यापी सर्वे कराने जा रही है. इन दिनों फेक कॉल से होने वाले फ्रॉड के बीच केंद्र सरकार ने जनता को सूचित किया है कि जब आपके पास 1921 नंबर से कॉल आए तो इसका जवाब देना जरूरी है.
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि सरकार की तरफ से 1921 से कॉल के आने के बाद आपसे आपके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जाएगी. इसके बाद आपका नाम और पता भी पूछा जाएगा. इसके अलावा आपसे आपके विदेश यात्रा के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है. साथ ही ये भी पूछा जा सकता है कि क्या आपके परिवार या फिर कोई रिश्तेदार कोरोना का शिकार तो नहीं हुआ. जानकारी जमा करने के बाद कोरोना से लड़ने में सरकार को मदद मिलेगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के कम्युनिटी में फैलने की बात कही जा रही है. हालांकि आधिकारिक आंकड़ो के लिहाज से ये कहना मुश्किल है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कम्युनिटी में फैल चुका है. लेकिन इस रैंडम कॉल से सरकार जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर वायरस कहां तक पहुंच चुका है.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी नहीं आ रही है. लॉकडाउन लागू होने के बावजूद रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं. अब तक भारत में 19,984 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से लगभग 3870 की ठीक हो चुके हैं. लेकिन अब तक इस वायरस से लगभग 640 लोग दम तोड़ चुके हैं.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा है कि आरोपियों में कोई भी मुस्लिम नहीं है
पालघर: पालघर में साधुओं की हत्या के मामले (Palghar Mob Lynching Case) में महाराष्ट्र गृह मंत्रालय ने 101 आरोपियों की सूची जारी की है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा है कि आरोपियों में कोई भी मुस्लिम नहीं है. 16 अप्रैल को दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या मामले की जांच अब CID को सौंप दी गई है. पालघर की घटना पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने कहा कि CID के एक विशेष IG स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं. पुलिस ने अपराध के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया. हम आज व्हाट्सएप के जरिए आरोपियों के नाम जारी कर रहे हैं. उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है.
उन्होंने साफ किया कि वीडियो में एक आवाज सुनाई दी है ‘ओये बास’, लोगों ने इसे ऑनलाइन प्रसारित किया और कुछ लोगों ने इसे ‘शोएब बस’ कहा. सभी राज्य तंत्र महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की.
उधर, पालघर में हुई इस दिलदहला देने वाली घटना के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र पुलिस के डीजीपी को नोटिस भेजकर 4 हफ्ते के भीतर घटना की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. क्या कार्रवाई की गई, और कितनी सहायता की गई, इसे लेकर भी जानकारी मांगी गई है.
इससे पहले उद्धव ठाकरे भी कह चुके हैं कि इस मामले को मजहबी रंग देने की कोशिश न करें. गलतफहमी में साधुओं पर हमला हुआ. ठाकरे ने सोमवार को कहा कि जो लोग भी इस पूरे मामले में गलतफहमी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा न करें. उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना को लेकर मेरी गृहमंत्री अमित शाह से बात हुई है. इस मामले पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि गृहमंत्री ने मुझपर भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आप कोरोना से लड़ रहे हैं उसी तरह गुंडों से लड़िए.
वह लॉकडाउन पर केंद्र सरकार के सभी आदेशों का पालन करेगी. ; ममता बनर्जी
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह ‘सच नहीं है’ कि राज्य में COVID-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए तैनात केंद्रीय टीम का सहयोग नहीं किया गया. ममता सरकार ने आश्वासन दिया कि वह लॉकडाउन पर केंद्र सरकार के सभी आदेशों का पालन करेगी. बता दें कि यह आश्वासन तब दिया गया जब केंद्र ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना वायरस के जमीनी हालात का आकलन करने के लिए तैनात केंद्रीय टीम के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि यह सच नहीं है कि राज्य सरकार ने दो अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) को कोई सहयोग नहीं दिया. उन्होंने एक टीम के साथ दो बैठकें की थी और दूसरी के साथ संपर्क में थे. राज्य के मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से कहा, “मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के साथ-साथ आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी केंद्र सरकार के आदेशों को लागू किया जाएगा.”
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दो केंद्रीय टीमों के काम में बाधा न डालने का निर्देश दिया था, जिसके कुछ घंटों बाद मंगलवार रात को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने पत्र भेजा.
केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार पर केंद्रीय दलों के साथ सहयोग न करने का भी आरोप लगाया था और कहा कि राज्य सरकार टीमों को खासतौर से स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बातचीत करने और प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक रही है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने लिखा, “यह सच नहीं है कि आईएमसीटी ने राज्य सरकार को कोई सहयोग नहीं दिया.” उन्होंने कहा, “बल्कि टीमें हमसे पूर्व परामर्श किए बगैर पहुंची थीं और इसीलिए उन्हें 19 अप्रैल के आदेश में शामिल कोई साजोसामान संबंधी सहयोग मुहैया कराने का मौका नहीं मिला और न ही टीम ने किसी मदद के लिए कहा.” मुख्य सचिव ने कहा कि कोलकाता और पास के जिलों का दौरा कर रही टीम कोलकाता में बीएसएफ के अतिथि गृह में ठहरी है. इसके अलावा जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग तथा कलिम्पोंग का दौरा कर रही टीम खुद ही सिलीगुड़ी में एसएसबी के अतिथि गृह में ठहरी है.
सिन्हा ने कहा, “इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि अपूर्वा चंद्रा के नेतृत्व में कोलकाता में आईएमसीटी ने 20 अप्रैल को मुझसे मेरे कार्यालय में मुलाकात की और कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार के लॉकडाउन संबंधी कदमों तथा अन्य प्रयायों को लागू करने के बारे में बातचीत की.” उन्होंने कहा, “मैं सिलीगुड़ी में आईएमसीटी के विनीत जोशी के संपर्क में भी हूं और उन्हें मेल पर हमारी रिपोर्टें साझा करने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में अवगत कराया.”
सिन्हा ने यह भी कहा कि उन्होंने 21 अप्रैल को कोलकाता में टीम से बीएसएफ मेस में मुलाकात की, जहां वह ठहरी हुई थी और रिपोर्टें साझा कीं. मुख्य सचिव ने कहा, “वे लॉकडाउन कदमों के क्रियान्वयन के जमीनी आकलन के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं.” सिन्हा ने 21 अप्रैल को भल्ला के साथ फोन पर हुई बातचीत का भी जिक्र किया और कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन संबंधी कदमों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए राज्य सरकार के सक्रिय कदमों के बारे में भी जानकारी दी. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में जमीनी हालात का आकलन करने के बाद लॉकडाउन संबंधी कदमों को लागू करने की समीक्षा करने के वास्ते आईएमसीटी की कुल छह टीमों को तैनात किया गया है.
इनमें से दो टीमों को पश्चिम बंगाल भेजा गया है. एक टीम को कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना तथा पूर्व मेदिनीपुर तथा दूसरी टीम को जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग तथा कलिम्पोंग का दौरा करना है. पहली टीम का नेतृत्व चंद्रा जबकि दूसरी का जोशी कर रहे हैं. दोनों केंद्र सरकार में अतिरिक्त सचिव रैंक के अधिकारी हैं. भल्ला ने मंगलवार के अपने पत्र में उच्चतम न्यायालय की हाल की टिप्पणी का भी जिक्र किया कि राज्य सरकार जन सुरक्षा के हित में केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों और आदेशों का पूरी तरह पालन करेगी. गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 हालात मुंबई, पुणे, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल में कुछ अन्य स्थानों पर खासतौर से गंभीर हैं और लॉकडाउन संबंधी कदमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस फैलने का खतरा है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि केंद्रीय टीमों के दौरे को एडवेंचर टूरिज्म बताया था और पूछा था कि ऐसे प्रतिनिधिमंडलों को उन राज्यों में क्यों नहीं भेजा गया जहां संक्रमण के अधिक मामले हैं.
देश के छह प्रमुख शहर कोरोना वायरस के सबसे बड़े हॉटस्पॉट – मुंबई दिल्ली अहमदाबाद इंदौर पुणे जयपुर
Coronavirus India Update : बुधवार 21 अप्रैल तक 430 तक जा पहुंची है. देश के छह प्रमुख शहर कोरोना वायरस के सबसे बड़े हॉटस्पॉट बनकर उभरे हैं. देशभर में कोरोना संक्रमण के अब तक जितने मामले हैं, उरनके से करीब 45 फीसदी इन छह महानगरों से ही हैं. महाराष्ट्र का मुंबई शहर इस मामले में सबसे ऊपर है, जहां कोरोना के 3000 से अधिक मामले सामने आए हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के केसों की संख्या बढ़ते हुए 2081 तक पहुंच गई है. इसके बाद गुजरात का अहमदाबाद शहर हैं, जहां कोरोना के केस 1298 तक जा पहुंचे हैं. मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना के 915, महाराष्ट्र के पुणे में 660 और राजस्थान की राजधानी जयपुर में 537 के आसपास मामले अब तक रिपोर्ट हुए हैं. इन छह शहरों में अब तक आए कोरोना के मामले को जोड़ें तो यह टोटल 8520 आता है जो देश में कुल कोरोना केसों की संख्या (19,984) का 42.63 प्रतिशत है. हालांकि देश में कोरोना संक्रमण के मामले में इजाफा हो रहा है, इस बीच सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से ट्रांसमिशन की गति कम हो रही है. लॉकडाउन 25 मार्च से शुरू हुआ था और अगले माह तीन मई तक जारी रहेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, कोरोना संक्रमण के मामले अब औसत 7.5 दिनों में दोगुने हो रहे हैं जबकि लॉकडाउन के पहले यह आंकड़ा 3.4 दिनों का था. उन्होंने इसे कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ देश की जंग में पॉजिटिव ट्रेंड बताया. भारत में कोरोनावायरस के कुल संक्रमितों की संख्या 19,984 है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,383 नए मामले सामने आए हैं और 50 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बीमारी से अब तक मरीज 3,870 ठीक हो चुके हैं. राज्यवार बात करें तो देश के अब तक कोरोना संक्रमण के कुल केसों में से 60 फीसदी पांच राज्यों- महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान और तमिलनाडु से हैं. सरकार ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के इस ‘असमान प्रसार’ से स्वास्थ्य अधिकारी वायरस के शीर्ष प्रभावित क्षेत्रों या दिल्ली और मुंबई जैसे रेड जोन्स पर खास ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
कोरोना वायरस संक्रमितों के 21 अप्रैल को रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं। दूसरी बार एक दिन में डेढ़ हजार से अधिक संक्रमित मिले हैं। जिसके बाद देशभर में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 20482 हो गई है। लेकिन तमाम बुरी खबरों की बीच अच्छी खबर है कि पहली बार रिकार्ड एक दिन में 702 मरीज ठीक हुए हैं। देशभर में कोरोना वायरस के पिछले 24 गंटे में 1537 मरीज सामने आए हैं। दूसरी बार ऐसा हुआ है जब देश में एक दिन में 1500 से अधिक मामले आए हैं। इससे पहले 19 अप्रैल को 1580 मामले दर्ज किए थे। पिछले 24 घंटे में डेढ़ हजार से अधिक मामले आने के बाद संक्रमितों की संख्या 20482 हो गई है। इनमें से 15757 संक्रमितों का उपचार अस्पतालों में चल रहा है। जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित 4072 लोग ठीक हो चुके हैं। अभी तक कोरोना वायरस बीमारी से 653 लोगों की मौत हुई है। 50 फीसदी मरीज हुए ठीक कोरोना वायरस महामारी के तेजी से बढ़ने के बीच राहत की खबर है। पिछले 24 घंटे में आए कुल मामलों के करीब 50 फीसदी मरीज ठीक हो गए हैं। 21 अप्रैल को 1537 संक्रमित मिले। जबकि 702 मरीज ठीक हो गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक चार दिन के भीतर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ढ़ाई गुना तक की बढ़ोतरी हुई है। 17 अप्रैल को 273 मरीज ठीक हुए थे। लेकिन चार दिन बाद संक्रमितों के ठीक होने का आंकड़ा 702 पर आ गया है।
कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है. पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1383 नए केस सामने आए हैं. वहीं 50 लोगों की मौत हुई है. मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के 35 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 1587 हो गई है. मध्य प्रदेश में कोरोना से अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है. कर्नाटक में कोरोना वायरस के 9 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 427 हो गई है. कर्नाटक में कोरोना से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. राजस्थान में कोरोना वायरस से एक और मौत हो गई है. 55 साल की एक महिला ने दम तोड़ दिया. राजस्थान में कोरोना वायरस से ये 27वीं मौत है. राजस्थान में कोरोना के 69 और नए मामले सामने आए हैं. आज सामने आने वाले मरीजों की संख्या 133 हो गई है. वहीं, पूरे राज्य में कुछ मरीजों की संख्या 1868 हो गई है, जिसमें 25 लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार में कोरोना के 5 नए मामले सामने आए हैं. अब प्रदेश में मरीजों की संख्या 131 हो गई है. गुजरात में कोरोना के 94 नए मामले सामने आए हैं. अब राज्य में मरीजों की संख्या 2272 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बुधवार सुबह अहमदाबाद में 61, सूरत में 17, वडोदरा में 8, राजकोट में 1, अरवल्ली में 5 और बोटाद में 2 नए मामले सामने आए हैं. पांच लोगों की मौत भी हुई है. प्रदेश में मरने वालों का आंकड़ा 95 हो गया है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना के 12 नए मामले सामने आए हैं. कल जांच किए गए 704 सैंपल में से 12 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है. सभी मरीजों का इलाज आगरा में चल रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने दी अब यह धमकी…
Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी के बीच अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन (China) के साथ व्यापार समझौता (Trade deal) तोड़ने की मंगलवार को धमकी दी क्योंकि उन्हें लगता है कि कोराना वायरस महामारी के संकट में चीन इस समझौते का पालन नहीं कर रहा है. ट्रंप ने कोरोना वायरस पर नई जानकारियां देने के लिये होने वाले नियमित दैनिक व्हाइट हाउस संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि चीन ने समझौते के प्रावधानों का सम्मान नहीं किया तो हम उसके साथ हुए व्यापार समझौते को समाप्त कर देंगे.
गौरतलब है कि चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोरोना वायरस महामारी के कारण अमेरिका में अब तक करीब सवा आठ लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 45 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. यह संक्रमण और इस वायरस के कारण होने वाली मौतों का दुनिया का सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं चीन में इससे 82,788 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4,632 लोगों की मौत हुई है. चीन और अमेरिका ने इस साल जनवरी में दो साल से अधिक समय से जारी शुल्क युद्ध को समाप्त करते हुए व्यापार समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर किये थे. इस समझौते के पहले चरण के तहत चीन को अमेरिका से 200 अरब डॉलर के सामानों की खरीद करने की बाध्यता है. इसके योजना के हिसाब से आगे चलते रहने के अनुमान हैं. हालांकि अमेरिका-चीन आर्थिक एवं सुरक्षा समीक्षा आयोग ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन प्राकृतिक आपदा (कोरोना वायरस महामारी) अथवा किसी अन्य आकस्मिक घटना की स्थिति में व्यापार समझौते में एक नया प्रावधान जोड़ सकता है जिससे दोनों देशों के बीच नये सिरे से बातचीत की जरूरत पड़ सकती है. ट्रंप ने कहा, ‘‘यदि ऐसा हुआ तो हम समझौते को समाप्त कर देंगे और हम यह किसी भी अन्य की तुलना में बेहतर तरीके से करेंगे.” ट्रंप से पूछा गया था कि वह इस बात को लेकर भरोसे में हैं कि चीन प्राकृतिक आपदा के उस प्रावधान का इस्तेमाल नहीं करेगा, जिसका जिक्र व्यापार समझौते में किया गया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘चीन को लेकर मैं जितना सख्त हूं, और कोई नहीं है.” उन्होंने फिर से दोहराया कि चीन कई साल से अमेरिका का फायदा उठाता आ रहा था और जब तक वह राष्ट्रपति नहीं बने, यह होता रहा. उन्होंने कहा, ‘‘एक बार गौर करिये, एक साल में 200 डॉलर, 300 डॉलर, 400 डॉलर, 500 डॉलर. कोई भी इस तरीके से कैसे होने दे सकता है? अब यदि आप पिछले साल के आंकड़े देखेंगे तो व्यापार घाटा कम हो गया है.” ट्रंप ने 2017 में चीन के साथ 375.6 अरब डॉलर के अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने की मांग के साथ 2018 में चीन के साथ व्यापार युद्ध की शुरुआत की थी.
बाल मजदूरी लाखों बच्चों के लिए सच्चाई है, जिससे निपटने में हमारी सरकारें विफल
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बीच 12 साल की बच्ची अपने परिवार का पेट भरने के लिए बीजापुर के आदेड गांव से रोजगार की तलाश में तेलंगाना के पेरूर गांव गयी हुई थी, जिससे रास्ते में ही डिहाइड्रेशन का शिकार होकर उस बच्ची की मौत हो गई. इस मामले को लेकर हाल ही में बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर ओनिर (Onir) ने ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. अपने ट्वीट में ओनिर ने कहा कि बाल मजदूरी लाखों बच्चों के लिए सच्चाई है, जिससे निपटने में हमारी सरकारें विफल रही हैं. इसके साथ ही ओनिर ने अपने ट्वीट में कहा कि यह शर्म की बात है एक 12 साल की बच्ची को अपने घर से 100 किलोमीटर दूर काम करना पड़ रहा है.
ओनिर (Onir) का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है, साथ ही लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “यह शर्म की बात है कि उसे घर से चलने की कोशिश करनी पड़ी, यह उसने 3 दिन तक किया, लेकिन नहीं कर पाई. यह शर्म क बात है कि एक 12 साल की बच्ची को मजदूरों की तरह अपने घर से 100 किलोमीटर की दूरी पर काम करना पड़ा. बाल मजदूरी उन लाखों बच्चों के लिए वास्तविकता है, जिससे निपटने में सरकारें विफल रही हैं.”
बता दें कि बॉलीवुड डायरेक्टर ओनिर (Onir) अपने विचारों को लेकर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वह समसामयिक मुद्दों पर अपनी खूब राय पेश भी करते हैं. वहीं, जमलो मडकामी की बात करें तो वह अपने ही गांव के कुछ लोगों के साथ रोजगार की तलाश में आज से 2 महीने पहले मिर्ची तोड़ने तेलंगाना के पेरूर गांव गयी हुई थी. लॉकडाउन-2 लगने के बाद 16 अप्रैल को तेलंगाना से वापस ये मासूम बच्ची अपने साथियों के साथ बीजापुर के लिए पैदल ही रवाना हुई. करीब 100 किमी का सफर पैदल ही तय कर 12 प्रवासी मजदूरों का दल 18 अप्रैल को बीजापुर के मोदकपाल तक किसी तरह पहुंच ही पाया था लेकिन घर से 14 किलोमीटर पहले ही बच्ची की मौत हो गई.
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