राजस्थान और उत्तराखंड सरकार में सहमति & प्रार्थना स्थल भी खुले- ट्रंप & Top News 23 May 20
23 MAY 20# High Light# National News# Himalayauk Newsportal Bureau # भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा ; महाराष्ट्र सरकार का कोरोना नियमों को लेकर बड़ा फैसला # मुंबई से गोरखपुर जाने के लिए निकली श्रमिक स्पेशल ट्रेन के ओडिशा के राउरकेला पहुंचने का मामला # रेल मंत्रालय 1 जून से पूरे देश में करीब 200 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू # सभी प्रार्थना स्थलों को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल अन्य स्थलों की तरह खोलने की अनुमति दी जाए – जिसमें मेडिकल स्टोर, रेस्तरां, सुपरमार्केट, अस्पताल और क्लीनिक के साथ ही शराब की दुकानें आती हैं. ;; अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप #अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने अब बिहार की लड़की ज्योति कुमारी को लेकर ट्वीट किया है #सरकार जल्द ही पूरी तरह से अंतरर्राष्ट्रीय हवाई सेवा को शुरू कर सकती है# एयरपोर्ट टर्मिनल व लाउंज में अखबार और मैगजीन रखने की इजाजत नही # लद्दाख और सिक्किम सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी # राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा # केरल के 60 छात्रो की राहुल गांधी ने घर पहुंचने में की मदद
राजस्थान और उत्तराखंड सरकार में सहमति
दिवंगत हुए लोगों की अस्थि विसर्जन के लिए राजस्थान सरकार ने मानवीय पहल की है। अस्थियों के विसर्जन के लिए चलाई जाने वाली विशेष बसों को लेकर राजस्थान और उत्तराखंड सरकार में सहमति बन गई है। रिपोर्ट की मानें तो राजस्थान सरकार ने इन विशेष बसों को नि:शुल्क चलाने का ऐलान किया है। अधिकारियों के मुताबिक, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के आग्रह पर उत्तराखंड सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के प्रवेश को अनुमति दे दी है। इससे शोक संतप्त परिजन अस्थि विसर्जन स्थलों पर जा सकेंगे। अधिकारी इस संबंध में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से भी सहमति लेने की कोशिश कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अस्थि विसर्जन के लिए किसी भी परिवार के तीन सदस्य इन विशेष बसों में फ्री में यात्रा कर सकते हैं। सीएम अशोक गहलोत द्वारा शुक्रवार को की गई समीक्षा बैठक में इस बात की जानकारी दी गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) सुबोध अग्रवाल ने इस बैठक के दौरान कहा कि अब राजस्थान से हरिद्वार (उत्तराखंड) और अन्य अस्थि विसर्जन स्थलों के लिए प्रतिदिन चार या पांच बसें चलेंगी। ये बसें शुरू में राज्य के सम्भागीय मुख्यालयों से और उसके बाद आवश्यकतानुसार जिला मुख्यालयों से चलाई जाएंगी। इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने इस तरह की विशेष बसें चलाने का ऐलान किया था।
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा ; महाराष्ट्र सरकार का कोरोना नियमों को लेकर बड़ा फैसला
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। देश में रोजाना औसतन 6 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। पहली बार पिछले 24 घंटे में 6570 मरीजों में कोविड 19 की पुष्टि हुई है। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या 125121 हो गई है। कोरोना वायरस के लिहाज से महाराष्ट्र का मुंबई, वुहान बन गया है। हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र में 22 मई को रिकॉर्ड 2940 मामले सामने आए। इनमें से सिर्फ मुंबई में 1751 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा तमिलनाडु में 786, दिल्ली में 660, गुजरात में 363, राजस्थान में 267, उत्तर प्रदेश में 220, मध्यप्रदेश में 189, बिहार में 179, कर्नाटक में 138 और पश्चिमी बंगाल में 135 मामले आए हैं। दूसरी तरफ भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सवा लाख के पार पहुंच गया है। भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1,25,121 हो गई है। इनमें से 69550 मरीज सक्रिय हैं, जिनका उपचार अस्पतालों में चल रहा है। इसके अलावा 51,836 मरीज महामारी से ठीक हो चुके हैं। देश में अभी तक 3728 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई है।
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित बढ़ने के साथ ही मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। देश में पिछले 24 घंटे यानि 22 मई को 142 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 63 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके अलावा गुजरात में 29 लोगों की मौत हुई है।
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना नियमों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि लॉक डाउन के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने फैसला किया है कि लॉक डाउन के नियम में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में एक कोरोना से राहत की खबर है कि यहां पर मृत्यु दर 4.76 फीसदी से गिरकर अब 3.49 फीसदी तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले महीने में महाराष्ट्र में कोरोना से मरने वालों की मृत्यु दर 4.76 फीसदी से गिरकर अब 3.49 फीसदी पहुंच गई है। ऐसे में महाराष्ट्र में कोरोना के मामले अभी मिल रहे हैं। राज्य में कोविड -19 मामलों की कुल संख्या 5,649 थी। तब मृत्यु दर 4.76 फीसदी थी। 21 मई को राज्य में कुल मामलों की संख्या 41,642 थी। महाराष्ट्र स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार तक राज्य में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 44582 तक पहुंच चुकी थी ।
वहीं राज्य में 63 और मौतें दर्ज होने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,517 हो गई। इन चौंका देने वाली संख्याओं में से अकेले मुंबई ने पिछले 24 घंटों में 1,751 नए पुष्ट मामले और 27 अधिक मृत्यु हो चुकी है। नगर निगम मुंबई के मुताबिक, शहर में मौत का आंकड़ा बढ़कर 909 हो गया है। हालांकि, कल 329 कोरोना मरीजों को छुट्टी दे दी गई। कुल रोगियों की संख्या 7,080 हो गई। इन मामलों में से मुंबई के धारावी इलाके में आज 53 नए कोविड 19 सकारात्मक मामले सामने आए। बीएमसी ने कहा कि धारावी में कुल सकारात्मक मामले बढ़कर 1478 और 57 मौतें हुई हैं। वर्तमान में राज्य में 30,474 सक्रिय रोगी हैं जबकि 12,583 रोगियों को अत्यधिक संक्रामक बीमारी से मुक्त या ठीक किया गया है। राज्य में अब तक 3,32,777 लोगों का परीक्षण किया गया है।
मुंबई से गोरखपुर जाने के लिए निकली श्रमिक स्पेशल ट्रेन के ओडिशा के राउरकेला पहुंचने का मामला
मुंबई: उत्तर प्रदेश के लिए 21 मई को रवाना हुई वसई रोड- गोरखपुर श्रमिक विशेष ट्रेन शनिवार सुबह ओडिशा के राउरकेला पहुंची. यात्री भ्रम में पड़ गए और उन्हें शक होने लगा कि कहीं ड्राइवर रास्ता तो नहीं भटक गया. सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी हल्ला मचा हुआ है. अब इस पर रेलवे की सफाई है. पश्चिम रेलवे का कहना है कि ड्राइवर रास्ता नहीं भटका, बल्कि रूट पर भारी ट्रैफिक की वजह से इस ट्रेन के रूट में परिवर्तन करके उसे ओडिशा के रास्ते भेजा गया है.
देश में लागू लॉकडाउन के बीच स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में यात्रियों को लेकर महाराष्ट्र के वसई से गोरखपुर के लिए निकली ट्रेन ओडिशा पहुंच गई। ट्रेन के ओडिशा पहुंचने पर यात्रियों में हंगामा मच गया। जिसके बाद रेलवे ने इस मामले पर सफाई पेश की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रमिक स्पेशल ट्रेन 21 मई को वसई से गोरखपुर के लिए निकली थी लेकिन रूट डाइवर्ट हो गया। जिसको लेकर अब रेलवे ने सफाई दी है। रेलवे का कहना है कि बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने की वजह से जलगांव- भुसावल – खंडवा- इटारसी – जबलपुर रुट पर काफी ट्रैफिक था, इसलिए बिलासपुर रुट से गोरखपुर जाने के लिए ट्रेन को डाइवर्ट करना पड़ा। रेलवे ने यह भी कहा कि वसई – गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो 21 मई 2020 को रवाना हुई थी उसे कल्याण – जलगांव – भुसावल – खंडवा – इटारसी – जबलपुर – मानिकपुर रूट पर चलाया जाना था।
मुंबई से गोरखपुर जाने के लिए निकली श्रमिक स्पेशल ट्रेन के ओडिशा के राउरकेला पहुंचने का मामला सामने आया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि मुंबई से गोरखपुर जाने के लिए निकली श्रमिक स्पेशल ट्रेन ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई है क्योंकि ड्राइवर रास्ता भूल गया. अब इस पूरे मामले में रेलवे का बयान सामने आया है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि कुछ ट्रेनों को अलग रूट पर डायवर्ट कर दिया गया था. ऐसा रूट पर कंजेशन के कारण किया गया.
पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी रवींद्र भाकर ने बताया कि इस ट्रेन का मार्ग बदलकर उसे बिलासपुर, झारसुगुडा, राउरकेला, आद्रा और आसनसोल स्टेशनों के रास्ते गोरखपुर किया गया है. ट्रेन 21 मई को मुम्बई के वसई रोड स्टेशन से गोरखपुर के लिए रवाना हुई थी.
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश जाने वाली इस ट्रेन का मूल मार्ग कल्याण, जलगांव, भुसावल, खंडवा, इटारसी, जबलपुर और माणिकपुर से होकर गोरखपुर जाने का था लेकिन इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक होने के कारण ट्रेन का मार्ग परिवर्तित किया गया.
शेयर किए गए वीडियो में एक यात्री बता रहा है कि मुंबई से हमलोग गाड़ी पकड़े थे यूपी के गोरखपुर जाने के लिए और हमें ओडिशा में लाकर खड़ा कर दिया गया है. अभी हमलोग कैसे जाएंगे? क्या करेंगे हमलोग, बहुत परेशानी में हैं हमलोग. रास्ता ही भूल गए ड्राइवर. ट्विटर पर इस घटना को लेकर खूब मजाक भी बना. एक यूजर ने लिखा कि जाना था जापान, पहुंच गए चीन समझ गए ना.
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि भारी यातायात का संज्ञान लेते हुए रेलवे बोर्ड ने उसे पश्चिम रेलवे के उधना, सूरत, वलसाड, अंकलेश्वर, कोंकण रेलवे के कुछ स्टेशनों ओर ओडिशा में मध्य रेलवे के मार्ग के रास्ते अस्थायी रूप से चलाने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि इटारसी-जबलपुर-पंडित दीनदयाल नगर मार्ग पर भारी यातायात होने की वजह से ट्रेनें अब बिलासपुर, झारसुगुडा और ओडिशा के राउरकेला स्टेशनों के रास्ते चलेंगी. रेलवे कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार की तरफ ट्रेनों की अधिक संख्या रहती है, ऐसे में इन मार्गों पर भीड़ अधिक होती है. इसी वजह से हमने कुछ ट्रेनों को दूसरे रूट से ले जाने का फैसला किया है और ये अक्सर होता रहता है. उन्होंने कहा, इस नेटवर्क पर ट्रैफिक जाम हो जाता है, तो उस पर खड़े रहने से अच्छा होता है कि थोड़ा लंबा रूट लेकर तेजी से पहुंच जाएं. ये हमारा एक प्रोटोकॉल होता है. कुछ ट्रेन को हमने डायवर्ट किया है. हमने पाया कि एक ही रूट पर ट्रेन चलाते रहें तो कोई भी ट्रेन नहीं पहुंच पाएगी.
विनोद कुमार यादव ने कहा कि इसलिए हमने उस ट्रेन को दूसरे रूट पर डाला. यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे आम दिनों में भी अपनाया जाता है. उन्होंने कहा कि थोड़ा लंबा रूट है, लेकिन ट्रेन अपने गंतव्य पर जरूर पहुंचेगी और यात्रियों को पहुंचाएगी. हम आपको इस बात का भरोसा दिलाते हैं.
रेल मंत्रालय 1 जून से पूरे देश में करीब 200 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू
नई दिल्लीः रेल मंत्रालय 1 जून से पूरे देश में करीब 200 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू करने जा रहा है. इसके अलावा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए 36 लाख लोगों को यात्रा कराई जाएगी, ताकि ये लोग अपने घर सुरक्षित पहुंच सकें. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें गई हैं.
यादव ने कहा कि श्रमिकों की पूरी मदद करने के लिए राज्य सरकारों से कहा गया है। वहीं सभी राज्य सरकारों के सहयोग से 2000 से अधिक ट्रेनें चल चुकी हैं, जिनसे 35 लाख से अधिक लोग अपने घर पहुंच चुके हैं.
रेलवे बोर्ड ने कहा कि रेलवे ने प्रत्येक स्टेशन पर जिला प्रशासन के सहयोग से सामाजिक दूरी का पालन किया गया है.प्रवासी श्रमिकों को लेकर करीब 80 प्रतिशत ट्रेनें यूपी और बिहार गई हैं. अगले दस दिनों में 2600 ट्रेनों से 36 लाख यात्रियों को यात्रा करवाने की तैयारी हो चुकी है. एक मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई थी. इनमें जाने वाले सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है.
प्रवासी श्रमिकों के लिए जो ट्रेनें चलाई जा रही हैं वे राज्य सरकार के समन्वय के साथ चलाई जा रही हैं। अगर जरूरत पड़ी तो 10 दिन के बाद भी ट्रेनें शेड्यूल की जाएंगी.स्पेशल ट्रेनों को चलाने की लागत का 85 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन कर रह रही है और 15 प्रतिशत राज्य सरकारें किराए के रूप में वहन कर रही हैं.
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि टिकट के लिए 1000 काउंटर खोले गए हैं और आगे कई और काउंटर खोले जाएंगे. शिकायत थी कि श्रमिक भाई बुकिंग नहीं कर पा रहे हैं इसलिए टिकट काउंटर खोलने का भी फैसला किया गया. प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य सरकारों के समन्वय से स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. जरूरत पड़ी तो 10 दिन के बाद भी ट्रेनें शेड्यूल की जाएंगी.
पश्चिम बंगाल में तूफान की वजह से नुकसान हुआ है। चीफ सेक्रटरी ने कहा है कि जब रीस्टोरेशन का काम हो जाएगा तो जानकारी देंगे और इसके बाद ट्रेनें चलाई जाएंगी. कोविड केयर सेंटर के लिए 5 हजार कोच तैयार किए गए हैं। इसमें लगभग 80 हजार बेड हैं। अभी 50 प्रतिशत ये कोच श्रमिक स्पेशल में इस्तेमाल हो रहे हैं. अगर किसी भी स्टेशन से ज्यादा संख्या में प्रवासी अपने घर जाना चाहेंगे तो उनके लिए भी ट्रेन सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी.
सभी प्रार्थना स्थलों को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल अन्य स्थलों की तरह खोलने की अनुमति दी जाए – जिसमें मेडिकल स्टोर, रेस्तरां, सुपरमार्केट, अस्पताल और क्लीनिक के साथ ही शराब की दुकानें आती हैं. ;; अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
वॉशिंगटन: कोरोना (Coronavirus) की रफ्तार को नियंत्रित करने में अब तक असफल साबित हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को लगता है कि प्रार्थना के बल पर वह इस जंग को जीत सकते हैं. शायद यही वजह है कि उन्होंने सभी राज्यों के गवर्नरों को जल्द से जल्द प्रार्थना स्थल खोलने को कहा है. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक न्यूज कांफ्रेंस में कहा, ‘आज मैं सभी चर्च, सिनगॉग (यहूदी प्रार्थनास्थल) और मस्जिदों की अत्यावश्यक स्थलों के रूप में पहचान कर रहा हूं, जो अत्यावश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं’.
उन्होंने आगे कहा कि सभी राज्यपालों को इस दिशा में काम करने की जरूरत है और उन्हें इन बेहद महत्वपूर्ण अत्यावश्यक स्थलों को जल्द खोलने की अनुमति देनी चाहिए. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि गवर्नर कुछ नहीं करते, तो फिर उन्हें कोई फैसला लेना होगा. राष्ट्रपति ने कहा, ‘गवर्नर जल्द निर्णय लें, अगर वे कुछ नहीं करते तो फिर मुझे उनके खिलाफ जाना होगा. अमेरिका में हमें कम नहीं, बल्कि ज्यादा प्रार्थना की जरूरत है’.
अमेरिका में अत्यावश्यक सेवाओं का निर्धारण संघीय सरकार के बजाय राज्य और स्थानीय अधिकारियों का विशेषाधिकार है. कई राज्यों में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया है. यहां समूहों में प्रार्थना करने पर प्रतिबंध है. कुछ क्षेत्रों में सख्त सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के तहत चर्च खुले हैं. लेकिन ट्रंप चाहते हैं कि सभी प्रार्थना स्थलों को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल अन्य स्थलों की तरह खोलने की अनुमति दी जाए – जिसमें मेडिकल स्टोर, रेस्तरां, सुपरमार्केट, अस्पताल और क्लीनिक के साथ ही शराब की दुकानें आती हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘कुछ गवर्नरों ने शराब की दुकानों और गर्भपात क्लीनिकों को अत्यावश्यक सेवा माना है, लेकिन चर्च और अन्य प्रार्थना स्थलों को छोड़ दिया है, यह सही नहीं है’. गौरतलब है कि कोरोना काल में गर्भपात क्लीनिक खोलने के फैसले को लेकर काफी बहस हो चुकी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने अब बिहार की लड़की ज्योति कुमारी को लेकर ट्वीट किया है
भारत में कोरोनावायरस की वजह से जारी लॉक डाउन के बीच देश के अलग-अलग राज्यों से लोग पलायन कर रहे हैं। देश में लागू लॉकडाउन के बीच अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा जाने वाली ज्योति कुमारी इन दिनों सुर्खियों में है। ज्योति कुमारी की चर्चा सात समंदर पार भी होने लगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने अब बिहार की लड़की ज्योति कुमारी को लेकर ट्वीट किया है। इवांका ट्रंप ने अपने ट्विटर एकाउंट से ज्योति कुमारी की खबर को शेयर किया है साथ ही उन्होंने भारतीयों की सहनशीलता को भी सराहा है। इवांका ट्रंप ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 15 साल की ज्योति कुमारी अपने बीमार पिता को साइकिल से 7 दिनों में 1200 किलोमीटर का सफर तय करके अपने गांव ले आई। सहनशक्ति और प्यार की इस वीरगाथा ने भारतीय लोगों और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
सरकार जल्द ही पूरी तरह से अंतरर्राष्ट्रीय हवाई सेवा को शुरू कर सकती है,
नई दिल्लीः सरकार जल्द ही पूरी तरह से अंतरर्राष्ट्रीय हवाई सेवा को शुरू कर सकती है, अगर कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार में जून तक कमी आ जाती है. इसके लिए सरकार ने अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी है. गौरतलब है कि सरकार ने 25 मई से हवाई सेवाओं को शुरू करने की इजाजत दे दी है.
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार ने फिलहाल घरेलू हवाई सेवा को शुरू करने के लिए 25 मई की तारीख तय की है. हालांकि अभी कुछ चुनिंदा रूटों पर हवाई सेवा चालू होगी. वहीं इंटरनेशनल फ्लाइट को शुरू करने के लिए भी विमानन मंत्री ने संकेत दे दिया है.
पुरी ने कहा कि हम अगस्त-सितंबर तक का क्यों इंतजार करेंगे? अगर वायरस की रफ्तार कम हुई तो हमें इसके साथ रहने की आदत डालनी होगी. हम कोशिश करेंगे कि जून के मध्य या फिर जुलाई के पहले हफ्ते में इंटरनेशनल फ्लाइट्स को शुरू कर देंगे.
कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये केंद्र ने 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया था और तब से सरकार ने सभी वाणिज्यिक यात्री उड़ान सेवाएं स्थगित कर दी थी. पुरी ने एक फेसबुक लाइव सत्र के दौरान कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि अगस्त या सितंबर से पहले हम पूर्ण रूप से ना सही, लेकिन अच्छी-खासी संख्या में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन को फिर से शुरू करने की कोशिश करेंगे.”
उन्होंने कहा, “मैं इसकी तारीख (अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की) नहीं बता सकता लेकिन यदि कोई व्यक्ति कहता है कि क्या यह अगस्त या सितंबर तक हो सकता है, तो मेरा जवाब होगा कि इससे पहले क्यों नहीं और यह यह स्थिति पर निर्भर करता है.”
अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लाइव बोलते हुए सिंह ने कहा कि अंतरर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी व एयरलाइंस कंपनियां पूरी तरह से तैयार हैं. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सभी एयरपोर्ट और एयरलाइंस को 25 मई से क्रमिक रूप से घरेलू उड़ानें शुरू करने के बारे में सूचित किया गया है. हालांकि मंत्रालय यात्रियों की आवाजाही के लिए गाइडलाइंस अलग से जारी करेगा. उसमें स्पेशल ऑपरेटिंग प्रॉसीजर (SOP) यानी यात्रा के लिए अनिवार्य शर्तों और मानकों के बारे में जानकारी दी जाएगी.
कोरोना के चलते एयरपोर्ट, एयरलाइन, हवाई मुसाफिरों और सुरक्षा एजेंसियों को स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर ( SOP) का पालन करना होगा. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग सबसे ज़रूरी है. इस संबंध में नागर विमानन मंत्री ने कहा कि घरेलू उड़ानों का परिचालन 25 मई से क्रमिक तरीके से शुरू किया जाएगा. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जब 25 मार्च को पहला लॉकडाउन लागू हुआ था, उसके बाद से ही कमर्शियल उड़ानों पर भी रोक लगा दी गई थी.
इन गाइडलाइंस का करना होगा पालन
एयरपोर्ट में ये चीजें होंगे जरूरी…
– एयरपोर्ट में प्रवेश के लिए आरोग्य सेतु ऐप अनिवार्य, बिना आरोग्य सेतु ऐप के एंट्री नहीं होगी
– 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए आरोग्य सेतु ऐप अनिवार्य नहीं
– एयरपोर्ट टर्मिनल में प्रवेश से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी
– आरोग्य सेतु ऐप में जिन यात्रियों का Green Signal नहीं दिखेगा, उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा
वो सर्विस जो अब नहीं मिलेंगे एयरपोर्ट में
– प्रस्थान और आगमन पर ट्रॉली का इस्तेमाल कम से कम किया जाएगा
– सिर्फ जिन्हें बहुत ज्यादा जरूरत होगी वही ट्रॉली का इस्तेमाल कर सकेंगे
– एयरपोर्ट टर्मिनल व लाउंज में अखबार और मैगजीन रखने की इजाजत नही
लद्दाख और सिक्किम सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी — लद्दाख में चीन के साथ भारतीय सेना के साथ तीन जगहों पर टकराव
लद्दाख और सिक्किम सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच शनिवार को भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे दौरा करने पहुंचे। अभी हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमा पर टकराव की स्थिति पैदा हुई थी और वहीं दूसरी तरफ पैंगोंग त्सो झील के पास भारत के सड़क निर्माण से चीन आपत्ति जता रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक , सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को लद्दाख का दौरा किया। यहां उन्होंने टॉप फील्ड कमांडरों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया। वहीं दूसरी तरफ भारत चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना को अलर्ट कर दिया गया है। बीती 5 मई को दोनों देशों के बीच टकराव हुआ था। जिसमें 12 सैनिक घायल हो गए थे। जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने मिलकर टकराव को कम करने की कोशिश की। लेकिन इसी बीच सेना प्रमुख ने सीमा का दौरा किया।
लद्दाख में चीन के साथ भारतीय सेना के साथ तीन जगहों पर टकराव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लद्दाख में चीन के साथ भारतीय सेना के साथ तीन जगहों पर टकराव हुआ। जिसमें 300 सैनिक आमने-सामने आ गए थे। चीन अपना दावा कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ कुछ दिन पहले ही चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर अपने टेंट लगाए थे। जिसके बाद सेना ने चेतावनी दी थी और इसके बाद भारतीय सेना ने अलर्ट जारी करते हुए अपनी गश्ती बढ़ा दी थी। इस बढ़ते तनाव के बीच भारत और चीन दोनों के अधिकारियों ने इस मसले का हल निकालने की कोशिश की। लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है।टकराव के बाद भारत और चीन दोनों ने अपने सैनिकों की तादाद इन इलाकों में बढ़ा दी है। यहां पिछले दो हफ्ते से टकराव बना हुआ है। इसे लेकर ब्रिगेड कमांडरों की फ्लैग मीटिंग भी हुई, लेकिन बेनतीजा रही। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने भी भारत की सीमा विवाद पर चीन का समर्थन नहीं किया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। तो वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की गिरफ्तारी निंदनीय है। मैं पीएम और गृह मंत्रालय से इस मामले में रिहाई के लिए हस्तक्षेप करें। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय अल्लू की गिरफ्तारी को लेकर पीएमओ, अमित शाह और जेपी नड्डा से रिहाई की मांग की है।
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि बिना किसी वजह के अजय अल्लू की गिरफ्तारी बहुत ही निंदनीय है। आम आदमी की आवाज उठाना अपराध नहीं है। ऐसे में मैं सरकार से मांग करता हूं कि यूपी कांग्रेस अध्यक्ष को तुरंत रिहा किया जाए। जानकारी के लिए बता दें कि बीते जिलों यूपी में बस विवाद के दौरान आगरा में राजस्थान बॉर्डर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। इस दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय डूबी वहां मौजूद थे जो सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई जिसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया
केरल के 60 छात्रो की राहुल गांधी ने घर पहुंचने में की मदद
भोपाल: देश में लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है. पिछले तकरीबन दो महीनों से लॉकडाउन के चलते देश के अलग-अलग राज्यों में मजदूर और छात्र फंसे हुए हैं. केरल के तकरीबन 60 छात्र भोपाल में फंसे हुए थे, तमाम कोशिशों के बावजूद भी यह छात्र अपने घर वापस नहीं जा पा रहे थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इन छात्रों की मदद के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी से संपर्क करने को कहा.
केरल के छात्रों ने तुरंत जीतू पटवारी से संपर्क किया. जिसके बाद जीतू पटवारी और मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भोपाल में लॉकडाउन की वजह से फंसे छात्रों के लिए बस की व्यवस्था थी. इस दौरान जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी ने 25 से ज्यादा छात्रों की पहली टुकड़ी को शुक्रवार को भोपाल से एक बस से केरल के लिए रवाना कर दिया. वहीं दोनों नेताओं ने बताया है कि अब जल्द ही दूसरी टुकड़ी में बस के माध्यम से वह बाकी के बचे छात्रों को वापस घर पहुचाएंगे.
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा पहले ही पार्टी के सभी नेताओं को निर्देश दिया गया था कि उन्हें अपने-अपने प्रदेशों से लोगों को उनके घर पहुंचने का जिम्मा संभालना है. इसी कड़ी में जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ऑफिस से इन बच्चों के बारे में जानकारी मिली तो प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ इन बच्चों को घर पहुंचाने की जिम्मेदारी पूरी की.
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब कुणाल चौधरी या जीतू पटवारी द्वारा ऐसा काम किया गया है हो, इससे पहले कुणाल चौधरी ने राजस्थान के भीलवाड़ा में फंसे काला पीपल और सतना समेत अन्य जिलों के मजदूरों को वापस लाने का काम किया था.
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