देश का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री? मोदी कन्याकुमारी से चुनाव लड़ सकते हैं? बड़ी वजह- दक्षिण में कांग्रेस का बढ़ता जनाधार & 3 राशियों का अखण्ड साम्राज्य राजयोग & अमरिंदर सिंह महाराष्ट्र के अगले गवर्नर- कयास
27 JAN 2024 HIGH LIGHT #’पठान’ की आंधी आई, सारे रिकॉर्ड धाराशायी #देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री #दक्षिण में कांग्रेस का बढता जनाधार रोकने के लिए मोदी कन्याकुमारी से चुनाव लडेगे# Himalayauk #नेपाल के डिप्टी PM रवि लामिछाने की संसद सदस्यता शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी। कोर्ट ने उन्हें दोहरी नागरिकता का दोषी माना है। कोर्ट ने सांसद के तौर पर उनका चुनाव भी रद्द करने की घोषणा की है। अब उन्हें उप प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। लामिछाने पर विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उनके पास अमेरिका और नेपाल की दोहरी सदस्यता है।# केरल कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी पर बनी BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग # भारत में चल रहे BBC डॉक्यूमेंट्री पर विवाद में अमेरिका ने 48 घंटे में अपना स्टैंड बदल दिया। उसने प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला देकर BBC डॉक्यूमेंट्री का साथ देने की कोशिश की।
पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह महाराष्ट्र के अगले गवर्नर बन सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं
3 राशियों का अखण्ड साम्राज्य राजयोग
अखण्ड साम्राज्य राजयोग – योग से किन तीन राशियों का भाग्य बदलने वाला है। जब कुंडली में कोई ग्रह लंबे समय तक धन भाव यानी दूसरे एवं ग्यारहवें घर में गोचर करता है, तो अखंड साम्राज्य राजयोग बनता है। वर्तमान में यह दुर्लभ योग बृहस्पति और शनि ग्रह के प्रभाव से बनने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में इस योग को अत्यधिक फलदायी और अनुकूल माना गया है। इसके प्रभाव से जातक को आर्थिक उन्नति एवं संपन्नता की प्राप्ति होती है और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति की वृद्धि होती है।
शनि देव 17 जनवरी 2023 को शाम 05 बजकर 04 बजे मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं। बृहस्पति देव मीन राशि को छोड़कर 22 अप्रैल 2023 को सुबह 03 बजकर 33 मिनट पर अपनी मित्र राशि मेष में गोचर करेंगे।
31 जनवरी को शनि देव कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे। ठीक 35 दिन बाद उदय होंगे। शनि के इस गोचर का प्रभाव न्याय, नौकरी, राजयोग से जुड़े सभी सेक्टर पर व्यापक स्तर पर देखने को मिलेगा। जनवरी माह में सूर्य, शनि, मंगल, सहित कई बड़े ग्रहों का गोचर हुआ है। अब इसी क्रम में एक और अंतिम गोचर 31 जनवरी को होने जा रहा है। इस दिन न्याय के देवता शनि ग्रह कुंभ राशि में अस्त होंगे। इस घटना को शनि का डूबना भी कहा जाता है। शनि के इस गोचर का सभी राशियों पर न्यूनाधिक असर होगा।
मेष राशि- बृहस्पति देव के गोचर से बनने वाले अखंड साम्राज्य योग से मेष राशि के जातकों के लिए यह समय अनुकूल और फायदेमंद है। बड़ा फायदा होने की प्रबल संभावना है।
मिथुन राशि – बृहस्पति के गोचर एवं शनि के प्रभाव से बनने वाले अखंड साम्राज्य योग से मिथुन राशि के जातक 17 जनवरी को इस राशि के जातक शनि की ढैय्या से मुक्त हो चुके हैं। वहीं, 22 अप्रैल को गुरु का गोचर होगा और इसके साथ ही मिथुन राशि के जातकों को लाभ होने के योग बन रहे हैं। अप्रैल महीना नौकरी बदलने के लिए अनुकूल है। नौकरी में पदोन्नति की संभावना भी है।
मकर राशि – अखंड साम्राज्य योग मकर राशि के लिए समृद्धशाली रहेगा। शनि आपके धन भाव में विराजमान होगा परिवार और रिश्तेदारों से संबंध मुधर होंगे। समाज में पद प्रतिष्ठा मिलेगी।
By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030
कोलकाता का गरियाहाट बाजार बंगाली साड़ियों के लिए जाना जाता है. यह मार्केट साड़ी के लिए पूरे भारत में काफी प्रसिद्ध है.
कोलकाता में एक मार्केट है जिसका नाम है गरियाहाट बाजार.बता दें कि कोलकाता का गरियाहाट बाजार सस्ते कपड़ों के लिए बहुत ही फेमस है. कोलकाता का होलसेल मार्केट कपड़े के लिए बहुत ही फेमस है. इस मार्केट में आपको सस्ते कपड़े मिल जाएंगे. कोलकाता की गलियों में एक से बढ़कर एक कपड़े का आइटम मिलता है. कोलकाता में सबसे सस्ते कपड़े मिलते है. कोलकाता शहर में ऐसी मार्केट है, जहां कपड़े सस्ते ही नहीं काफी अच्छे भी मिलते हैं.
कोलकाता का बड़ा बाजार सबसे पुराना थोक बाजार है. यह मार्केट थोक कपड़ों के लिए जाना जाता है. इस मार्केट में एक से बढ़कर एक कपड़े आपको मिलेंगे. इस मार्केट का रेट भी काफी कम हैं. कम रुपये में बेहतर कपड़े ले सकते हैं. इस मार्केट को बड़ा बाजार और बोरा बाजार के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि कोलकाता का यह मार्केट ब्रिटिश काल के समय का है. उस समय से यह मार्केट अपनी पहचान बनाने में कामयाब है.
कोलकाता से ही नहीं बहुत दूर-दूर से लोग इस मार्केट में आकर अपनी पसंद के सस्ते कपड़े खरीदते हैं. बड़ा बाजार होलसेल मार्केट और अच्छी क्वालिटी के कपड़ों के लिए जाना जाता है. आपको इस मार्केट में कपड़े की एक बहुत ही बड़ी रेंज मिल जाती हैं. जिसके वजह से लोग यहां से कपड़े खरीदना पसंद करते हैं. इस मार्केट में आपको कपड़े की फैब्रिक्स भी काफी उच्च क्वालिटी के मिल जायेंगे. कोलकाता के बड़ा बाजार में महिला और पुरुष दोनों के लिए कपड़े मिल जायेंगे. यह मार्केट भारत के सबसे बड़े होलसेल मार्केट में से एक है.
गरियाहाट बाजार कोलकाता में ही मौजूद है. कोलकाता के यह एक प्रसिद्ध मार्केट है. इस मार्केट में बहुत से कपड़े आपको थोक के रेट में मिल जाते हैं. यह मार्केट होलसेल के लिए जाना जाता है. इस मार्केट में शॉपिंग मॉल, स्ट्रीट वेंडर और साथ ही छोटी दुकानें भी आपको मिल जाती है. इस मार्केट में बहुत सारे आइटम मिलता है. इस मार्केट में कपड़े काफी सस्ते मिलते हैं. कोलकाता के इस मार्केट को होलसेल और अच्छी क्वालिटी के लिए जाना जाता है.
कोलकाता का न्यू मार्केट काफी बड़ा और सस्ता मार्केट है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मार्केट में लगभग 2000 से अधिक दुकानें हैं. सभी दुकानें एक ही छत के नीचे चलती हैं. कोलकाता का न्यू मार्केट का नाम सर स्टुअर्ट हॉग मार्केट था. 20वीं सदी में इस मार्केट का नाम बदलकर न्यू मार्केट रख दिया गया.इस मार्केट में आपको प्रीमियम गुणवत्ता वाले कपड़े और कच्चे माल मिल जाएंगे.
कोलकाता का जब्बार हाट मार्केट एशिया का सबसे बड़ा रेडीमेड गारमेंट होलसेल मार्केट है. इस मार्केट में सबसे ज्यादा होलसेल के दुकान है. इस मार्केट में वह लोग ज्यादा खरीदारी करते हैं जिन लोगों को थोक में कपड़े खरीदने होते है. कोलकाता का यह मार्केट भी बहुत सस्ता है. इस मार्केट में आपको हर जगह थोक विक्रेता के दुकान मिलेंगे. बता दें कि इस बाजार में काफी भीड़ होती है. लेकिन इस मार्केट में रेडीमेड गारमेंट्स के दुकान मिल जाएंगे.
देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री
अपने राज्य में लोकप्रियता की बात करें तो ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक नंबर वन हैं. अपने राज्य में नवीन पटनायक सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री रहे हैं. लेकिन खास बात ये है कि देश के 30 मुख्यमंत्रियों में सबसे ज्यादा लोकप्रियता की बात करें तो, इसमें योगी आदित्यनाथ सबसे आगे हैं. सीएम योगी सर्वे में जनता की सबसे अच्छी पसंद बने हैं. इस सर्वे में सबसे ज्यादा 39.1 फीसदी लोगों ने सीएम योगी के नाम पर मुहर लगाई है. लोगों का मानना है कि वो सबसे अच्छा काम कर रहे हैं.
इंडिया टुडे और सी-वोटर्स के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में ये आंकड़ा सामने आया है. जबकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता केवल 16 फीसदी है. इनके बाद नंबर आता है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का. सर्वे के आंकड़ों पर गौर करें तो उन्हें लोगों ने तीसरा सबसे बेहतर विकल्प माना है. उन्हें देश के 7.9 फीसदी लोगों ने सबसे अच्छा मुख्यमंत्री माना है.
यूपी में बीजेपी टारगेट से दूर — पीएम मोदी के उत्तराधिकारी बनने के लिए जिन नेताओं में रेस है, उनमें पहले नंबर पर अमित शाह हैं. वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें कांटे की टक्कर दे रहे हैं. नितिन गडकरी राजनाथ सिंह भी लोगों की पसंद हैं.
इंडिया टुडे सी-वोटर मूड ऑफ नेशन सर्वे ने लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में सर्वे किया है. लेकिन अगर सर्वे की रिपोर्ट पर गौर करें तो यूपी में बीजेपी के लिए राहत भरी खबर जरूर है. इसके बावजूद भी पार्टी अपने टारगेट से दूर दिख रही है. इस वजह से इस बीजेपी के लिए यूपी में झटका माना जा रहा है. दरअसल, यूपी में बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए टारगेट-80 पर काम कर रही है. जबकि सर्वे के नतीजे बता रहे हैं कि पार्टी अपने टारगेट से अभी दूर है. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को यूपी में 64 सीट पर जीत मिली थी. तब बीजेपी गठबंधन की सहयोगी अपना दल ने भी दो लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. जिसके बाद अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने 80 में 80 सीट पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा था. हालांकि लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने आजमगढ़ और रामपुर सीट पर जीत के अपनी राहत की सांस जरूर ली. लेकिन अब फिर एक बार पार्टी के लिए चुनौती बढ़ती नजर आ रही है.
दक्षिण में कांग्रेस का बढता जनाधार रोकने के लिए मोदी कन्याकुमारी से चुनाव लडेगे# Himalayauk
2024 लोकसभा चुनाव में अभी 390 दिन का वक्त- तमिलनाडु बीजेपी के प्रमुख के अन्नामल्लाई ने पीएम के तमिलनाडु से चुनाव लड़ने की बात उठाकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. के. अन्नामल्लाई ने समाचार एजेंसी एएनआई से एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहा कि तमिलनाडु में कुछ लोग नरेंद्र मोदी को बाहरी कह कर प्रचारित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने क्षेत्रीय बाधा को पार कर लिया है और तमिलनाडु में उनके चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 2024 का चुनाव एक अलग तरह का लोकसभा चुनाव होगा. तमिलनाडु से पीएम मोदी चुनाव लड़ भी सकते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह दक्षिण में कांग्रेस का बढ़ता जनाधार और तमिलनाडु में अलग द्रविनाड़ु की मांग है. द्रविड़ आंदोलन के नेता तमिलनाडु को अलग देश बनाने की मांग को लेकर सालों से विरोध करते रहे हैं.
तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि राज्य के रामनाथपुरम लोकसभा सीट के लोगों में भी पीएम के चुनाव लड़ने चर्चा चल रही है, लेकिन यह अफवाह है. 2019 में तमिलनाडु की 39 में से एक भी सीट बीजेपी नहीं जीत पाई थी. 2014 में बीजेपी को कन्याकुमारी सीट पर जीत मिली थी. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर पीएम मोदी चुनाव लड़ते हैं तो कन्याकुमारी सीट बीजेपी चुन सकती है. हालांकि अभी ये सिर्फ अटकलें हैं. 2019 में तमिलनाडु की 5 सीटों पर बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी, उनमें कोयंबटूर, शिवगंगा, रामनाथपुरम, कन्याकुमारी और थुटीकुड्डी सीट शामिल हैं. कन्याकुमारी के अलावा इन चारों में से भी किसी सीट से प्रधानमंत्री चुनाव लड़ सकते हैं. दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में लोकसभा की कुल 129 सीटें हैं. केंद्रशासित पुडुचेरी में भी एक सीट है. ऐसे में कुल सीटों की संख्या 130 हो जाती है. 2019 में 303 सीट जीतने वाली बीजेपी को इन 130 में से सिर्फ 29 सीटें ही मिली थी, जिसमें कर्नाटक की 25 सीट शामिल हैं. दक्षिण के 3 राज्यों (तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश) में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला. C-वोटर सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए तो बीजेपी को महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों में झटका लग सकता है. ऐसे में पार्टी इन राज्यों में कम होने वाली सीटों की भरपाई दक्षिण के अन्य राज्यों में मजबूती से लड़कर कर सकती है. तमिलनाडु की सीमा दक्षिण भारत की 3 राज्यों की सीमा से लगी हुई है. इनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल शामिल हैं. 1980 में सत्ता वापसी की कोशिश में जुटी इंदिरा गांधी ने आंध्र प्रदेश के मेदक सीट से लोकसभा चुनाव लड़ी. उन्होंने इस चुनाव में भारी मार्जिन से जीत हासिल की. सास की राह पर चलते हुए 1999 में कर्नाटक के बेल्लारी से सोनिया गांधी भी चुनाव मैदान में उतरीं. उनके मुकाबले बीजेपी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं सुषमा स्वराज को बेल्लारी सीट से उतारा. इस चुनाव में सुषमा की हार हुई. 2019 के चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी केरल के वायनाड सीट से चुनावी मैदान में उतरे. वे यूपी की अमेठी सीट से भी कैंडिडेट थे,
केरल कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी पर बनी BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग—
केरल कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी पर बनी BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग की। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) यह स्क्रीनिंग तिरुवनंतपुरम में शंकुमुघम बीच पर की। पार्टी ने कहा- ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह डॉक्यूमेंट्री दिखाई जा सके इसलिए बीच पर इसकी स्क्रीनिंग की गई है।
अपनी रिलीज के साथ ही यह डॉक्यूमेंट्री विवादों में घिर गई थी। इसमें 2002 में गुजरात में हुए दंगों में पीएम मोदी की भूमिका होने का दावा किया गया था। भारत सरकार ने इसे बीबीसी का प्रोपेगैंडा बताया था। डॉक्यूमेंट्री का पहला पार्ट 17 जनवरी को जारी हुआ था, जिसे यूट्यूब पर ब्लॉक कर दिया गया था। वहीं, सरकार ने ट्विटर और अन्य साइट्स पर भी इसे डॉक्यूमेंट्री की शेयरिंग पर रोक लगा दी थी।
इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी विवाद हुआ। जेएनयू में छात्र डॉक्यूमेंट्री ने देख पाएं इसलिए प्रशासन ने बिजली गुल कर दी और इंटरनेट कनेक्शन भी काट दिया। इसके बाद भी छात्र नहीं माने और उन्होंने डॉक्यूमेंट्री को मोबाइल पर डाउनलोड करने का क्यूआर कोड शेयर किया। विवाद इतना बढ़ गया कि डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर देर रात पथराव किया गया। पथराव किसने किया, यह पता नहीं चल पाया है। अंधेरे का फायदा उठाकर हमलावर भाग गए।
जामिया में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रिनिंग को लेकर अब तक 7 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप है। SFI ने छात्रों की रिहाई तक स्क्रिनिंग टाल दी है। यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर इन्हें हिरासत में लिया गया है। जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने बताया कि विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रिनिंग को लेकर छात्र संगठन SFI यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहा है। हम ऐसी किसी भी काम की अनुमति नहीं देंगे। छात्रों की किसी भी गैरजरूरी हरकत पर कार्रवाई होगी।
पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में भी स्टूडेंट सेंटर में विवादित डॉक्यूमेंट्री चलाने पर हंगामा हो गया। NSUI ने यह डॉक्यूमेंट्री चलाई। जिसे देखने कई स्टूडेंट्स जुट गए। इतने में यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को इसकी भनक लग गई और प्रोजेक्टर पर चलाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को तुरंत बंद करवा दिया गया। इससे पहले लगभग आधी डॉक्यूमेंट्री चल चुकी थी।
BC ने 17 जनवरी को द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था। पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव पर नजर डालती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है। बता दें कि गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी।
भारत में चल रहे BBC डॉक्यूमेंट्री पर विवाद में अमेरिका ने 48 घंटे में अपना स्टैंड बदल दिया। उसने प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला देकर BBC डॉक्यूमेंट्री का साथ देने की कोशिश की।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने को प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में फ्रीडम ऑफ स्पीच के महत्व को हाइलाइट्स करने का यह सही समय है और ऐसा भारत में भी लागू होता है।