HIGH LIGHT; 1 DEC. 2018′ TOP UK NEWS हरकी पौड़ी के वातावरण को भव्य रूप प्रदान किये जाने को लेकर सांसद हरिद्वार श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने की बैठक # उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार कार्यशाला का आयोजन # विश्व दिव्यांग दिवस पर विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रम, गोष्ठी का आयोजन # चमोली – निःशुल्क कोचिंग सेन्टर शुरू # प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र की जान है- अध्यक्ष विधानसभा उत्तराखंड #
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युवाओं व उनकी क्षमता पर विश्वास करना होगा
देहरादून 01 दिसम्बर, 2018 (सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं व छात्र-छात्राओं की नीति-निर्माण में रचनात्मक भागीदारी चाहती है। उन्होंने कहा कि अपने युवाओं व उनकी क्षमता पर विश्वास करना होगा। हमारे युवा ही देश का भविष्य व ताकत है।
उन्होंने कहा कि बेहतर सामंजस्य व संवाद द्वारा नई पीढ़ी के साथ जेनरेशन गैप को कम किया जा सकता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में अच्छे भौतिक संसाधनों, वल्र्डक्लास क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी की कमी को अच्छे शिक्षक पूरा कर सकते है परन्तु अच्छे शिक्षकों की कमी को बेहतर से बेहतर सुविधाएं पूरी नही कर सकती।
मुख्यमंत्री ने राज्य के युवाओं को प्रयासों में निरन्तरता व निरन्तर सुधार की कार्यशैली अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि परिर्वतन व समय के साथ परिवर्तन को अपनाना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने छात्र-छात्राओं से समाजिक जिम्मेदारी व राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की भावना के साथ शिक्षा ग्रहण करने का आहवाहन किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को देहरादून में डीआईटी यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं की नीति-निर्माण में सक्रिय सहभागिता के लिए तत्पर है। हाल ही में ऐतिहासिक इन्वेस्टर्स समिट में राज्य के 150 छात्र-छात्राओं को प्रतिभाग करने का अवसर दिया गया, ताकि युवाओं को महत्वपूर्ण मंचों पर अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर मिले तथा युवाओं की भावनाओं व विचारों को समझा जा सके। राज्य सरकार द्वारा बजट निर्माण के दौरान छात्र-छात्राओं से चर्चा की गई व उनके सुझाव मांगे गए। इसके साथ ही महिलाओं, किसानों, सैनिकों सहित समाज के सभी वर्गो से भी सुझाव मांगे गए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मैनेजमेन्ट गुरू के रूप में बजरंग बली हनुमान एक आदर्श चरित्र है। हनुमान जी को किसी भी कार्य में असफलता नही मिली। उन्होंने प्रत्येक कार्य परमार्थ व कल्याण के लिए किया न कि निजी स्वार्थ के लिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राएं भी अपनी शिक्षा का प्रयोग समाज हित व राष्ट्र निर्माण में करे, ऐसी कामना है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रसन्नता व्यक्त की कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री द्वारा दीक्षांत समारोह के लिए स्वदेशी परिधान तैयार करने के सुझाव व चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया तथा आज राज्य के आईआईटी रूड़की सहित सभी विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा दीक्षांत समारोह में स्वदेशी परिधान को पहना जा रहा है। इसके साथ ही देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा भी इसे अपनाया गया है। मुख्यमंत्री ने विज्ञान, तकनीकी व इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को पाइन नीडल्स पर शोध व उत्पादक कार्यो में उसके प्रयोग की दिशा में कार्य करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विज्ञान व तकनीकी के छात्र रिस्पना पुनर्जीवीकरण व पानी की कमी को दूर करने जैसी समस्याओं की समाधान हेतु तकनीकी का किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है, इस पर विचार करे। राज्य में मलेथा स्थित वीर माधो सिंह भण्डारी द्वारा निर्मित लगभग 400 साल पुरानी ऐतिहासिक टनल का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आज के तकनीकी विशेषज्ञो व इंजीनियरों को इसका अध्ययन करना चाहिए, यह एक इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण है। यह टनल किस प्रकार 400 वर्ष बाद भी सिंचाई में सहायता कर रही है, यह अध्ययन का विषय है। उन्होंने कहा कि विज्ञान, तकनीकी व इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं मात्र भवनों के निर्माता नहीं है बल्कि राष्ट्र निर्माता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणवता सुधार हेतु निरन्तर प्रयासरत है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विश्वविद्यालयों के 40 विद्यार्थियों को विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ संवाद व अध्ययन भ्रमण का अवसर देने का निर्णय लिया गया है। सरकारी काॅलेजों में सौ प्रतिशत फैकल्टी सुनिश्चित की जा रही है। जल्द ही अम्बै्रला एक्ट के तहत उच्च शिक्षा की गुणवता में और अधिक सुधार होगा।
डीआईटी यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह में 11 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की डिग्री, 136 छात्र-छात्राओं को 2016-18 वर्ष के लिए परास्नातक, 68 छात्र-छात्राओं को वर्ष 2013-2017 के लिए परास्नातक, 1309 छात्र-छात्राओं को 2014-18 वर्ष के लिए स्नातक की उपाधि प्रदान की गई। इसके साथ ही 16 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत, चैयरमेन डीआईटी यूनिवर्सिटी श्री अनुज अग्रवाल, चांसलर श्री एन0 रविशंकर, वाइस चांसलर डा0 कुलदीप के रैना, छात्र-छात्राएं व अभिभावक उपस्थित थे।
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हरकी पौड़ी के वातावरण को भव्य रूप प्रदान किये जाने को लेकर सांसद हरिद्वार श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने की बैठक
हरिद्वार – हिमालयायूके । माननीय सांसद हरिद्वार श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज सीसीआर सभागार में हरकी पौड़ी के सौन्दर्यीकरण व सम्पूर्ण हरकी पौड़ी के वातावरण को भव्य रूप प्रदान किये जाने को लेकर एक बैठक जिलाधिकारी श्री दीपक रावत एवं इंडियन आॅयल कार्पोरेशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विनय मिश्रा की उपस्थिति में ली। श्री निशंक ने लम्बे समय से प्रस्तावित योजना में देरी के कारण भी कार्यदायी संस्था व समन्वयक संस्था एचआरडीए से पूछे।
हरकी पौड़ी के वातावरण को भव्य रूप प्रदान किये जाने को लेकर सांसद हरिद्वार श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने की बैठक- श्री निशंक ने लम्बे समय से प्रस्तावित योजना में देरी के कारण भी कार्यदायी संस्था व समन्वयक संस्था एचआरडीए से पूछे।
सचिव एचआरडीए श्री बीके मिश्र ने बताया कि कार्यदायी संस्था वेपकोस ने सौन्दर्यीकरण के प्रस्ताव में प्रशासन, गंगा सभा व वक्र्स डिपार्टमेंट के सुझावों के बाद कोई संवाद स्थापित नहीं किया न ही प्रस्ताव की कोई डीपीआर तैयार की। सांसद श्री निशंक ने कार्यदायी संस्था वेपकोस के परियोजना प्रबंधक ए0 क0े गहलौत को जिला प्रशासन, फण्डिंग संस्था हिन्दुजा तथा आईओसी, गंगा सभा एवं व्यपार मण्डल से आये सुझावों को कार्य प्रस्ताव में शामिल करते हुए तीन सप्ताह के भीतर डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
हरकी पौड़ी पर होने वाले सौन्दर्यीकरण के कार्यों में मंत्रोच्चरण का गुणवत्ता युक्त और विस्तारित क्षेत्र तक श्रव्य प्रसारण, सजीव आरती प्रसारण, लेजर शो के माध्यम से गंगा अवतरण, हरकी पौड़ी को वाहन मुक्त करते हुए पार्किंग निर्माण, यहां तक पहुंचने के निश्चित प्रवेश तथा निकास द्वार, प्लांटेशन, धार्मिक अनुष्ठानों हेतु निर्धारित प्लेटफोर्म, सभी घाटों पर सीसीटीवी कैमरा, पूरे क्षेत्र में 300 शौचालय, 100 चेंजिंग रूम रोड़ीबेलवाला तथा पंतद्वीप को ग्रीन बेल्ट के रूप् में विकसित करना आदि कार्यो को शामिल किया गया है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री विनीत तोमर, नगर आयुक्त श्री ललित नारायण मिश्र, सिटी मजिस्टेªेट नुपूर वर्मा, सीएमओ डाॅ प्रेमलाल, सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।
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प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र की जान है- अध्यक्ष विधानसभा उत्तराखंड
हरिद्वार। भारत सेवाश्रम संघ, हरिद्वार में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया के तत्वाधान में आयोजित पत्रकार सम्मेलन का शुभारंभ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर पतंजलि योग पीठ के आचार्य बालकृष्ण जी मौजूद थे।
इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया द्वारा आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में देश भर से आए पत्रकारों एवं सम्मानित जनों का उत्तराखंड देव भूमि में स्वागत एवं अभिनंदन किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में मिडिया एक प्रहरी के रूप में कार्य करता है तथा स्वतंत्र एवं सकारात्मक पत्रिकारिता सदैव स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। उन्होने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र की जान है। मीडिया के माध्यम से हमें विश्व में क्या घट रहा है उसका पता चलता है। पत्रकारिता समाज में ऊर्जा भरने का एक आक्रामक साधन है।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि पत्रकारिता एक पेशा नहीं है बल्कि यह तो जनता की सेवा का माध्यम है । पत्रकारों को केवल घटनाओं का विवरण ही पेश नहीं करना चाहिए, आम जनता के सामने उसका विश्लेषण भी करना चाहिए । श्री अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारों पर लोकतांत्रिक परम्पराओं की रक्षा करने और शांति एवं भाईचारा बनाए रखने की भी जिम्मेदारी आती है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी जी, नगर निगम हरिद्वार की महापौर अनीता शर्मा जी, प्रज्ञान, आनंद चैधरी जी राष्ट्रीय अध्यक्ष के न्यूज, राष्ट्रीय महामंत्री शिवकुमार, उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मदत्त शर्मा, रामचंद्र कनौजिया, देवेंद्र शर्मा, धर्मेंद्र चैधरी, विकास तिवारी, प्रदीप चैधरी, राजेश शर्मा, राहुल वर्मा, रास बिहारी जी, प्रदीप त्यागी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अंकित शर्मा ने किया।
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विकास कार्यों के संबंध में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक
ऋषिकेश 1 दिसंबर – हिमालयायूके । उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषिकेश स्थित कैंप कार्यालय में ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की।
समीक्षा बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की ओर से निर्माणाधीन सड़कों में धीमी गति से कार्य होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता बलराम मिश्रा को निर्देश दिये कि धीमी गति वाले क्षेत्रों में टीम बनाकर लगातार अनुश्रवण का कार्य किया जाय।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों से छिद्दरवाल, खदरी चोपडा फ़ार्म, रायवाला, बापू ग्राम, मीरा नगर, मनसा देवी, बीस बीघा, भरत बिहार, गौहरी माफ़ी, शिवाजी नगर,सुमन बिहार एवं अन्य क्षेत्रों में निर्माणाधीन सड़कों में अभी तक हुए कार्यों की समीक्षा की। साथ ही श्री अग्रवाल ने भट्टोवाला, बीस फूटी, हरिपुर कला एवं गुमानीवाला में जल्द ही टेंडर लगाकर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
श्री अग्रवाल ने अधिशासी अभियन्ता बलराम मिश्रा को अगली बैठक तक कार्यों में तेजी लाने के साथ ही कार्यों को समय से पूरा कराने को कहा। निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा करते हुए विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए की सड़क कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा।विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और गुणवत्ता के साथ करने को कहा।
इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता आर सी कैलखुरा, सहायक अभियन्ता अविनाश चंद्र, अवर सहायक अभियन्ता सतीश कुमार, अवर सहायक अभियंता सी डी सैनी एवं अवर सहायक अभियन्ता लक्ष्मीकांत गुप्ता मौजूद थे।
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देहरादून, 01 दिसम्बर 2018, हिमालयायूके ’’ विजन-नागरिक-केन्द्रित सेवाओं को प्रभावशाली एवं समयोचित तरीके से प्रदान करने हेतु सुशासन सुनिश्चित करना’’ और ‘‘मिशन-नागरिकों को नागरिक केन्द्रित सेवाओं को अधिकार के रूप में माग करने हेतु प्रेरित करना तथा सेवा प्रदाता तंत्र को नागरिकों के प्रति उत्तरदायी एवं जवाबदेयी बनाना’’ विषय पर केन्द्रित उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम-2011 की जनपद स्तरीय 10 वीं कार्यशाला का आयोजन ई.सी रोड स्थित आईआरडीटी आॅडिटोरियम में मुख्य आयुक्त उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
मुख्य आयुक्त उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग आलोक कुमार जैन ने अपने उद्घाटन संबोधन में नागरिक केन्द्रित प्रशासन की सोच विकसित करने और नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग, उसी अनुसार पूरे तंत्र को ढालने और गुणवत्तापूर्ण सेवा के मार्ग में आने वाले अवरोधों की ओर ध्यान दिलाते हुए उनको दूर करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सेवा प्रदाता के रूप में हमारा तन्त्र और हमारी नियत में बड़े स्तर पर बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने सुनवाई के दौरान प्राप्त हुए अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि फिल्ड के कार्मिकों (तहसील/विकासखण्ड स्तर पर ) बहुत सी खाॅमियां विद्यमान हैं। नागरिकों को सेवा प्राप्त करने में लम्बा समय लग रहा है और अनावश्यक खर्च भी हो़ रहा है और सेवा का यह स्तर ग्रामीण क्षेत्रों में और बद्तर है। विभागों और फिल्ड के कार्मिकों के स्तर पर अनेक कमियाॅं उजागर हुई हैं, जिसके अन्तर्गत विभिन्न नियमावली और जीओ की अवधारणा की सही समझ न होना पुरानी प्रक्रिया को बरकरार बनाये हुए है, अपने सेवाग्राही की फिल्ड में विजिट न करने के कारण सही पहचान न होना, खराब रिकार्ड किपिंग, सेवाग्रही को सेवा के सम्बन्ध में स्पष्ट जानकारी देने के लिए मैकेनिज्म का अभाव नजर आता है।
उन्होंने निर्देश दिये कि गुड गवर्नेंस को चरितार्थ करने के लिए वर्तमान तन्त्र और हमारी प्राथमिकता दोनो स्तर पर व्यापक बदलाव करने की जरूरत है। सेवा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए आवेदन प्राप्ति से लेकर विभिन्न चैनल तक गुजरने का प्राॅपर रिकार्ड और समय सीमा निर्धारित हो, डीजी लाॅकर और इन्टरनेट के आधुनिक उपयोगी साॅफ्टवेयर को नागरिकों सेवाओं की सुलभ उपलब्धता के लिए उसमें आवश्यकतानुसार बदलाव हो और फिल्ड में कार्मिकों का तकनीक और नये प्रोसेज को फाॅलो करने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जाय। उन्होंने उदाहरण दिया कि वर्तमान समय में बहुत सी सेवाओं हेतु आय प्रमाण पत्र का प्रयोग होता है, जिसकी अवधि 6 माह होती है और कई कारणों के चलते जब तक प्रमाण पत्र लक्षित सेवा लेने के लिए पदभिहीत अधिकारी के कार्यालय तक पंहुचता है तो तब तक उसकी मियाद ही समाप्त हो जाती है।
अतः उन्होनें आय प्रमाण-पत्र की अवधि 6 माह से बढाये जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने इस दौरान विभिन्न पदाधिकारियों और सामान्यजन द्वारा उठाये गये प्रश्नों का जवाब देते हुए संतुष्ट किया और सभी विभागीय अधिकारियों और उपस्थित पदाधिकारियों से नागरिकों को सेवा की गुणवत्ता और सुलभता सुनिश्चित करने के लिए समग्रता, पारदर्शिता, निष्पक्षता, वैधानिकता और जवाबदेही से कार्य करने की अपील की। आयुक्त/सदस्य उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग डी.एस गब्र्यालय ने अपने सम्बोधन में कहा कि आयोग वर्तमान में 23 विभागों की कुल 217 सेवाएं अधिसूचित है और आयोग का प्रयास अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं को भी अधिूचित करने का है और समय-समय पर आयोग को प्राप्त होने वाले सुझावों पर भी संज्ञान लेते हुए आयोग कार्य करता है। इसी क्रम में आयोग ने शासन को बहुत सी अनुकरणीण सिफारिशें भी प्रेषित की हैं, जिनका नागरिक सेवाओं के सुधारीकरण में बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आयोग वीसी की सुविधा भी उपलब्ध करा रहा है और पेन्डिंग मामलों पर प्राथमिकता से सुनवाई करते हुए जनता को त्वरित सेवा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने कहा कि हमें यह देखने की जरूरत है कि वर्तमान समय में नागरिक सेवायें प्रदान करने के लिए आईटी (तकनीक) का कितना प्रयोग हो रहा हैऔर उसका क्या स्तर है। हमें यह कोशिश करनी है कि हम आईटी को नागरिक सेवाओं के क्रम में कैसे अधिक उपयोगी बना सकते हैं। हमारा अभी तक का जो अनुभव है उसमें आवेदक को सेवा प्राप्त करने मे ंपूरे डाउन से अप और अप से डाउन तक जाने में बहुत समय लग रहा है। आईटी हमें उसके समय व खर्च को बचा सकता है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि विभिन्न साॅफ्टवेयर में जो संशोधन की जरूरत है, उसमें आवश्यकता अनुसार संशोधन किया जाना चाहिए और विभिन्न विभागों को भी आपसी समन्वय को और अच्छा करना होगा तथा संवेदनशील रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें उन देशों और राज्यों की कार्यप्रणाली को भी अपनाना चाहिए जहां नागरिक सेवाओं को प्रदान करने का तन्त्र अधिक दुरूस्त है और हमें उसी अनुसार अपना माइन्ड सैट चैन्ज करने की भी जरूरत है। नई तकनीक और नियमांे से तालमेल बैठाने के लिए हमें व्यक्तिगत स्तर पर तथा सामूहिक दोनों स्तर पर लगातार नया सीखते रहाना होगा और नई तकनीक से अपडेट रहकर कुशल प्रशासन में भागीदारी करनी होगी। उन्होंने आयोग को आश्वाासन दिया कि जनपद में सभी विभागीय स्तर पर और क्षेत्र में आज कार्यशाला में सामने आये बिन्दुओं को गम्भीरता से लेते हुए सुधार के प्रयास किये जायेंगे।
शासन से प्रतिनिधि अपर सचिव अररूणेन्द्र चैहान ने कहा कि हमारी प्राथमिकता उस व्यक्ति की समस्या के समाधान की होनी चाहिए, जो हम तक नही पंहुच पाता। दुर्भाग्य से हम उन्हें प्राथमिकता देते हैं जो किसी माध्यम से हम पर दबाव डालकर कार्य करवाता है और हमारी मानसिकता भी वही ब्रिटिश टाइम वाली हो चली है कि जो दबाव डालने में सक्षम होगा उसी को वरीयता देंगे। सेवा की गुणवत्ता सुधारने में ‘स्व सत्यापन’ बड़ा सहायक सिद्ध हो सकता है और जब भारत सरकार द्वारा भी लगभग सभी तरह के आवेदनों में स्व सत्यापन मान्य किया जा चुका है, ऐसे में प्रदेश में स्व सत्यापन की प्रक्रिया को उस स्तर तक मान्यता ना मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अनेक अवसरों पर आवेदन बहुत छोटी सी औपचारिकताओं की बदौलत पेन्डिंग में अथवा अस्वीकृत किया जाता है जो थोड़ा व्यवहारिक व विवेकशील अप्रोच के माध्यम से भी निस्तारित हो सकता है। उन्होंने सर्विस डिलिवरी मैकेनिज्म सुलभता हेतु वर्तमान कार्यप्रणाली में सुधार करते हुए तकनीक का उपयोग करते हुए कार्य करने पर बल दिया।
इस अवसर पर आयोग के सचिव पंकज नैथानी ने आयोग द्वारा पूर्व में निस्तारित किये गये प्रकरणों, जनता को जागरूक करने के लिए किये गये प्रयासों, सेवा की गुणवत्ता सुधारने हेतु लिए गये इनीशिएटिव के साथ ही विभिन्न विभागों के प्रकरणों के निस्तारण के दौरान आयोग के सामने आये प्रमुख बिन्दुओं /अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि पदाभिहित अधिकारी (सेवा प्रदाता कार्यालयों) में अनिवार्य रूप से नोटिस बोर्ड चस्पा हो जिस पर समस्त अधिसूचित सेवाएं, सेवावार आवश्यक कागजात, फीस, समय-सीमा आदि सभी का अंकन हो। आवेदक को निर्धारित प्रारूप में पावती दी जाय, रिकार्ड किपिंग व्यवस्थित व नियमित रहे। कार्यालयों में मध्यस्थों/एजेंटो/दलालों आदि से मुक्त करने के प्रयास हों, सेवा प्रदाता से सौहार्दपूर्ण, सहायोगी, सहायताकारी व्यवहार किया जाय और आवेदन को रिजैक्ट करने की स्थिति में आवेदक को औपचारिकताएं पूरी करने का पर्याप्त अवसर और उसे सूचना देने का माध्यम दुरूस्त करने पर बल दिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, नगर मजिस्टेªट मनुज गोयल, डीडी एनआईसी के.आर नारायण, अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुदियाल एवं अरविन्द पाण्डेय सहित जनपद के उच्चस्थ व अधीनस्थ अधिकारी, कार्मिक, गैर सरकारी संगठन के सदस्य मीडिया और अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित थे।
—0— विश्व दिव्यांग दिवस पर विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रम, गोष्ठी का आयोजन
देहरादून, 01 दिसम्बर 2018, जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने अवगत कराया है कि विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर 3 दिसम्बर 2018 को राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्था (एनआईवीएच) राजपुर रोड देहरादून एवं समाज कल्याण विभाग के सहयोग से विश्व दिव्यांग दिवस पर विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रम, गोष्ठी का आयोजन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी एवं स्टाल लगाते हुए योजनाओं के आवेदन पत्र वितरित किये जायेंगे। निर्वाचन विभाग द्वारा आगामी लोकसभा निर्वाचन में दिव्यांगो को वोट देने हेतु प्रदत् की जाने वाली सुविधाओं/अधिकारों की विस्तृत जानकारी प्रदान की जायेगी।
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चमोली – निःशुल्क कोचिंग सेन्टर शुरू
चमोली 01 दिसंबर 2018 (सू0वि0)
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में प्रेरणा निःशुल्क कोचिंग सेन्टर शुरू हो गया है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शनिवार को काॅलेज में प्रेरणा निःशुल्क कोचिंग सेन्टर का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभांरभ किया। कोचिंग सेन्टर में स्नातक पास मेधावी छात्र-छात्राओं को आईएएस, पीसीएस, बैंकिग तथा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए प्रोफेशनल टीचरों द्वारा निःशुल्क ट्रेनिंग दी जायेगी। इनकी पढाई का खर्चा जिला प्रशासन वहन करेगा। जिलाधिकारी की खास पहल पर पहली बार जिले में प्रतिभाशाली युवाओं को उभारने के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई है। कोचिंग सेन्टर में रूड़की के विषय विशेषज्ञ पंकज कुमार द्वारा सामान्य अध्ययन एवं राकेश रावत द्वारा गणित व रिजंनिग विषयों में कोचिंग दी जायेगी। जबकि हरिद्वार के विषय विशेषज्ञ जैनेन्द्र कुमार द्वारा अंग्रेजी विषय में कोचिंग दी जायेगी।
प्रेरणा कोचिंग सेन्टर का शुभारंभ के अवसर पर जिलाधिकारी ने कोचिंग के लिए प्रवेश परीक्षा पास कर चुके युवक एवं युवतियों को आत्म विश्वास व पूरी लगन के साथ तैयारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा को पास करने के लिए 18-18 घण्टे पढना जरूरी नही है, बल्कि जितनी देर भी पढे पूरी क्षमता के साथ पढाई करें। उन्होंने युवाओं को पढाई के दौरान मोबाइल फोन से दूरी रखने की सलाह भी दी। जिलाधिकारी ने कहा कि कोंचिग क्लासेस में जिले के आईएएस व पीसीएस अधिकारियों के माध्यम से भी समय-समय पर लेक्चर दिये जायेंगे। उन्होंने युवाओं को अपने सभी शंकाओं का कोचिंग के दौरान हल करने तथा कोचिंग के संबध में समय-समय पर जिला प्रशासन को फीडबैक देने को कहा।
विदित हो कि पीजी काॅलेज गोपेश्वर में संचालित प्ररेणा निःशुल्क कोचिंग सेन्टर में दाखिले के लिए 19 नवंबर को 100 अंकों की प्रवेश परीक्षा करायी गई थी, जिसमें 400 से अधिक युवाओं ने परीक्षा दी। परीक्षा में सबसे अधिक अंक हासिल करने वाले 100 युवाओं को कोचिंग के लिए चयन किया गया। चयनित सभी युवाओं की कोचिंग 01 दिसंबर से शुरू हो चुकी है।
प्रेरणा कोचिंग सेन्टर के शुभारंभ के अवसर पर पीजी काॅलेज गोपेश्वर के प्राचार्य डा0 केएल मालगुडी, कोचिंग काॅडिनेटर भागचन्द्र सिंह नेगी, अपर जिलाधिकारी एमएस बर्निया, डिप्टी क्लेक्टर बुसरा अंसारी, महाप्रबन्धक डा0 एसएस सजवाण, समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र योगेश धस्माना, सहायक कृषि अधिकारी जीतेन्द्र भाष्कर आदि सहित कोचिंग ले रहे युवक व युवतियां मौजूद थे।
चमोली 01 दिसंबर 2018 (सू0वि0/हिमालयायूके- )
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिला पंचायत सभागार में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षा रमवती देवी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षा ने अपना पदभार ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से जनपद में विकास कार्यो को आगे बढाया जायेगा। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पूर्व डिप्टी स्पीकर अनसूया प्रसाद मैखुरी, उपाध्यक्ष जिला पंचायत लखपत सिंह बुटोला, पूर्व ब्लाक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र लिंगवाल सहित जिला पंचायत सदस्य दर्शन सिंह, राजेन्द्र दानू, माहेश्वरी कन्याल, शकुन्तला नेगी, राजेन्द्र रावत, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत एमएस राणा आदि उपस्थित थे।
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उप जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार को जांच अधिकारी नामित किया
हरिद्वार। जिला कारागार हरिद्वार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दी बबलू पुत्र चमननाथ निवासी सपेरा बस्ती, थाना पथरी, जिला हरिद्वार की दिनांक 26.10.2018 को तबियत खराब होने पर दिनांक 02.11.2018 को एच0एम0एच0टी0 जौलीग्रान्ट देहरादून में रात्रि में उपचार के दौरान मृत्यु होने के फलस्वरूप जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार ने बन्दी की मृत्यु की मजिस्ट्रेट जांच हेतु उप जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार को जांच अधिकारी नामित किया है।
उक्त घटना के संबंध में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का मौखिक अथवा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहता है या लिखित बयान दर्ज कराना चाहता है, तो वह 10 दिनों के अन्दर किसी भी कार्य दिवस में कलेक्ट्रेट भवन रोशनाबाद में स्थित उप जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार के कार्यालय में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज करा सकता है।
हरिद्वार। जनपद हरिद्वार के नदी तल उप खनिज क्षेत्रों में खनन/चुगान कार्य, जो वर्षाकाल में बाढ़, अतिवृष्टि, वर्षा ऋतु में गंगा एवं सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने एवं जान-माल की होने वाली क्षति को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी हरिद्वार के आदेशानुसार दिनांक 15 जून 2018 के पश्चात् स्थगित किया गया था।
जिलाधिकारी हरिद्वार श्री दीपक रावत द्वारा जनपद हरिद्वार की तहसील हरिद्वार क्षेत्रान्तर्गत स्थित खनन पट्टों को छोड़कर राजस्व भूमि, वन भमि एवं निजी भूमि में स्वीकृत समस्त खनन पट्टों से चुगान कार्य वर्षाकाल की समाप्ति उपरान्त पुनः खनन/चुगान कार्य आरम्भ किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है।
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हरिद्वार। उपजिलाधिकारी लक्सर श्री कौस्तुभ मिश्र ने अवगत कराया कि प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को तहसील दिवस आयोजन के अंतर्गत तहसील लक्सर परिसर मंे दिनांक 04 दिसम्बर 2018 को प्रातः 10 बजे से तहसील दिवस का आयोजन किया जाना है। सभी संबंधित अधिकारियों को तहसील दिवस में ससमय उपस्थित होने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि तहसील दिवस में आने वाली जनसमस्याओं का समाधान किया जा सके।
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