उत्तराखंड वन विभाग का करोडो पौधे लगाने का दावा-धरातल में अता-पता नहीं & कोरोना मामलों में इजाफा & Top UK News 6 August 20
6 August 20# Himalayauk Web & Print Media Bureau# उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा 102 #मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना – मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ गठन # उत्तराखंड वन विभाग की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट – उत्तराखंड वन विभाग का करोडो पौधे लगाने का दावा-धरातल में उनका अब कहीं अता-पता नहीं # देहरादून कोरोना वारियर्स को सम्मानित किया# हाईकोर्ट ने बदहाल क्वारंटाइन सेंटर और कोरोना अस्पतालों की बदहाली के मामले को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की # जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करते हुए माना है कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में # बिहार की बालिका को संस्था के गेट के पास निर्मित आइसोलेशन कक्ष में रखा गया था #विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा# पुलिस कार्यालय गोपेश्वर चमोली — बोलीदाताओं से कोटेशन आमंत्रित # जनपद चमोली में गुरूवार को भी कोरोना संक्रमण के 8 नए मामले सामने आए Presents by Himalayauk Newsportal
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना – मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ गठन
देहरादून 06 अगस्त 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन के उपायों को सुझाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ गठन किया गया है। इस प्रकोष्ठ में अध्यक्ष के रूप में पलायन आयोग, उत्तराखण्ड के उपाध्यक्ष श्री एस.एस.नेगी, सदस्य के रूप में हार्क ( HARC ) संस्था से श्री महेन्द्र सिंह कुँवर एवं मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री आलोक भट्ट शामिल हैं।
ज्ञातव्य हो कि प्रदेश के अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने एवं उत्तराखण्ड लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसमें निर्माण और सेवा क्षेत्र में अपना काम करने के लिए ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए एमएसएमई के तहत बनाई गई है। योजना में विनिर्माण में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख तक की लागत की परियोजना पर स्वरोजगार के लिए ऋण ले सकेंगे। इसमें 25 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था है। मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत इससे सम्बन्धित लगभग सभी विभागों की योजनाओं को शामिल किया गया है। राज्य स्तर पर सभी विभागों के समन्वय के लिए यह प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। अन्य विभागों में संचालित स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लाते हुए उद्यान, कृषि, माइक्रो फूड प्रोसेसिंग, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय, पोल्ट्री, जैविक कृषि आदि पर विशेष महत्व दिया जा रहा है। योजना में 150 से अधिक कार्य शामिल किए गए हैं।
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री एस.एस. नेगी ने बताया कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपदों में स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिये प्रयास किये जायेंगे, ताकि युवा स्वरोजगार अपनाने के साथ ही अन्य के लिये भी रोजगार देने वाले बन सकें। विभिन्न विभागों के स्तर पर स्वरोजगार के जो कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, उनसे भी समन्वय किया जायेगा ताकि अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार का लाभ मिल सके।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा 102
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि उत्तरप्रदेश के नजीबाबाद निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति जो कि बीती एक अगस्त को बुखार, कोविड निमोनिया व सांस लेने में लकलीफ की शिकायत के साथ मैक्सवेल हॉस्पिटल हरिद्वार से रेफर होकर एम्स ऋषिकेश की इमरजेंसी में आया था। जिसका हरिद्वार में कोविड टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। संस्थान में मरीज की दोबारा कोविड जांच की गई व उसे कोविड वार्ड आइसीयू में भर्ती कर दिया गया। गुरुवार को मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई।
बुधवार सुबह से सुशीला तिवारी अस्पताल से गायब कोरोना पॉजीटिव मरीज का शव गुरुवार सुबह अस्पताल के ही प्राइवेट वार्ड में मिला। इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया। मृतक के परिजनों ने इस मामले में अस्पताल के कर्मचारियों पर डयूटी में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांगी की है। रामनगर निवासी रईस अहमद (60) एक अगस्त को कोरोना पॉजीटिव मिले थे। जिसके बाद उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बने सी वार्ड में भर्ती किया गया था। पर बुधवार तड़के सुबह मरीज मौका देखकर वार्ड से भाग निकला। जांच करने पर पता चला कि उनकी मृत्यु हो गई है। अस्पताल पहुंचे रईस अहमद के बेटे सरफराज ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि डयूटी पर तैनात कर्मचारियों के होते हुए कैसे उनके पिता वार्ड से गायब हो गए यह बड़ा सवाल है।
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती दो मरीजों की मौत हो गई। इसमें चंदन नगर निवासी 76 वर्षिय व्यक्ति और 63 वर्षीय महिला की मौत हो गई। वहीं, एम्स ऋषिकेश में भी एक मरीज की मौत हुई। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित 101 मरीजों की मौत हो गई है।
ऋषिकेश एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि गुरुवार को 20 लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है। गंगानगर, ऋषिकेश निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति जो कि बीती चार अगस्त को इमरजेंसी में आया था, जो पॉजिटिव पाया गया, मरीज का कोविड वार्ड में उपचार चल रहा है। एम्स परिसर निवासी 2015 बैच की 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्रा का सेंपल पॉजिटिव पाया गया है। गंगानगर निवासी 49 वर्षीय महिला का 4 अगस्त को एम्स में कोविड सेंपल लिया गया, जो पॉजिटिव पाया गया है। रेलवे रोड वाल्मीकिनगर ऋषिकेश निवासी 22 वर्षीय युवक, पनियाला रुड़की, हरिद्वार निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति का सेंपल पॉजिटिव पाया गया। डिफेंस कॉलोनी सहारनपुर निवासी 74 वर्षीय व्यक्ति को कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। सोनालीपुरम, रुड़की हरिद्वार निवासी 53 वर्षीय व्यक्ति, रुड़की हरिद्वार निवासी 26 वर्षीय युवक, रामकुटी भैरवमंदिर, हरिद्वार निवासी 76 वर्षीय पुरुष, बहादराबाद, हरिद्वार निवासी 24 वर्षीय युवक, नहटौर, बिजनौर निवासी 70 वर्षीय महिला, बहादराबाद, हरिद्वार निवासी 43 वर्षीय महिला, सोनालीपुरम, रुड़की हरिद्वार निवासी 26 वर्षीय युवक, बिजनौर के चंपारण निवासी 25 वर्षीय महिला, रुड़की के सोलानीपुरम निवासी 22 वर्षीय युवक, सुभाषनगर ज्वालापुर, हरिद्वार निवासी 50 वर्षीय पुरुष, कनखल, हरिद्वार निवासी 43 वर्षीय पुरुष, हरियाणा निवासी 60 वर्षीय पुरुष का इलाज चल रहा है। इसके अलावा प्रभात इंक्लेव, देहरादून निवासी 61 वर्षीय पुरुष, बागपत, उत्तरप्रदेश निवासी 60 वर्षीय व्यक्ति का सैंपल पॉजिटिव आने पर उसे कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।
नैनीताल जिले में स्वास्थ्य विभाग अब तक 45 हजार लोगों को होम क्वारंटाइन और स्क्रीनिंग कर चुका है। वर्तमान में दो हजार लोग क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर रहे हैं। नौ हजार से अधिक लोग होटल क्वारंटाइन में रखा गया है। कोविड पॉजिटिव की बढ़ती संख्या के कारण कोविड केयर सेंटर में जगह कम पड़ रही है। डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ, नैनीताल नेे मीडियाा को बताया सुशीला तिवारी अस्पताल में भी मरीजों की संख्या काफी अधिक हो गई है। इसे देखते हुए नए कोविड केयर बनाए गए हैं।
देहरादून कोरोना वारियर्स को सम्मानित किया
देहरादून दिनांक 06 अगस्त 2020 (जि.सू.का), राजपुर रोड अवस्थित एक स्थानीय होटल में जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा ‘दिव्य हिमगिरि’ संस्थान की ओर से आयोजित कोरोना वारियर्स बधाई सेरेमनी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए कोरोना वारियर्स को सम्मानित किया तथा कोविड-19 में विभिन्न पृष्ठभूमि के सरकारी-गैर सरकारी व्यक्तियों द्वारा किये गये महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद देते हुए भविष्य में भी महामारी से लड़ाई में सक्रिय सहयोग देने की प्ररेणा दी गयी।
जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कोरोना वारियर्स को सम्मानित करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी बड़े और पवित्र उद्देश्य की सफलता के पीछे एक बेहतर टीम का हाथ होता है। जनपद देहरादून में कोरोना से जूझने के लिए किये जाने वाले पूर्वोपायों, आपदा के दौरान और वर्तमान समय तक जारी राहत एवं सुधारात्मक प्रयासों में सभी लोगों सरकारी और गैर सरकारी दोनों की प्रशंसनीय भूमिका रही है, इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। बधाई के पात्र न केवल सभी कोरोना वारियर्स हैं बल्कि कोविड-19 में बेहतर प्रसास करने वाले व कोरोना वाॅरियर्स को समय-समय पर प्रेरित और प्रोत्साहन करने वाले दिव्य हिमगिरि पत्रिका के सम्पादक कुंवर राज अस्थाना और उनकी टीम भी अपने आप में कोरोना वाॅरियर्स हैं, जिन्होंने समय-समय पर सरकारी और गैर सरकारी दोनों पृष्ठभूमि के लोगों का लगातार कोविड-19 से जुझने के लिए प्रोत्साहित किया और दोनों मशीनरी को कोरोना महामारी से निपटने हेतु ं सहयोग करने के लिए एकत्रित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूॅ कि मैं जनपद में ऐसी टीम का नेतृत्व कर रहा हॅू जो अपने कार्यों के प्रति समर्पित सेवाभाव से लगातार कार्य कर रहे हैं, जिस कारण अभी तक जनपद में हम कोरोना के मामलों को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाये। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने कहा कि अभी कोरोना से निपटने की यह लड़ाई समाप्त नही हुई है, इसलिए सभी लोगों को न केवल स्वयं सजग और उर्जावान बने रहना है बल्कि इसके लिए लोगों को अपने आस-पड़ोसियों को भी लगातार प्रेरित करते रहना है और जरूरत मंदो की हर प्रकार से सहायता करते रहना है। जिलाधिकारी ने कोविड-19 महामारी से निपटने में सूचना विभाग और मीडिया द्वारा किया जाने वाला सूचना का व्यापक, त्वरित प्रमाणिक, स्पष्ट और संक्षिप्त विवरण लोगों को नियमित प्रसारित करने और जागरूक करने की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल ने कहा कि जनपद में जिस तरीके से कोविड-19 से निपटने के लिए सरकारी और व्यक्तिगत स्तर पर लागों की एक चैन सी बन गयी इसके पीछे जिलाधिकारी महोदय की बेहतर लीडरशिप रही, जिन्होंने अपने बेहतर निर्देशन और मार्गदर्शन से जनपद में बेहतर मैनेजमेंट, टीम लीडर और पूर्वापायों के चलते कोरोना से निपटने में बेहतर सफलता हासिल की और इसमें सभी सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर लोगों की भूूमिका भी सराहनीय रही।
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल ने कहा कि जनपद में कोरोना को बेहतर तरीके से हैण्डिल करने के पीछे जिलाधिकारी महोदय की प्रभावी और सक्रिय लीडरशिप रही। उन्होंने कहा कि हमें आगे भी जिलाधिकारी को कोविड-19 से लड़ने के लिए अपना और बेहतर सहयोग प्रदान करते रहना होगा।
इसके पूर्व दिव्य हिमगिरि पत्रिका के सम्पादन और कोरोना वाॅरियर्स बधाई सेरेमनी के आयोजक कुंवर राज अस्थाना ने सभी कोरोना वारियर्स का स्वागत और सम्मान करते हुए कहा कि जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के बेहतर मार्गदर्शन और कुशल नेतृत्व में जनपद में कोविड-19 से निपटने के लिए पहले से ही एक कुशल और कारगर रणनीति बन पायी, जिससे कोरोना महामारी से निपटने को लेकर अन्य जनपदों द्वारा भी देहरादून जनपद से समय-समय पर अनुसरण किया गया और जनपद रोल माॅडल के तौर पर उभरा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी महोदय की जीवटता और प्रयासों से ही उनको और उनकी टीम को भी प्रेरणा मिली कि जनपद में कोरोना से निपटने के लिए जिन लोगों द्वारा अपना बेहतर सहयोग दिया जा रहा है उनको सम्मानित करने अथवा उनका उत्साहवर्धन किया जाय। इसी कड़ी में हमारी टीम समय -समय पर सोशल मीडिया और विभिन्न तरीकों से कोरोना वाॅरियर्स का उत्साहवर्धन कर पायी।
इस दौरान समारोह में कोरोना वाॅरियर्स सहायक निदेशक सूचना मनोज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली, जिला सूचना अधिकारी प्रकाश सिंह भण्डारी, डाॅ गीता खन्ना निदेशक कृष्णा मेडिकल सेन्टर हाॅस्पिटल देहरादून, नेशनल कमिशन फार माइनोरिटी एजूकेशन से हरपाल सिंह सेठी सहित सरकारी और गैर सरकारी सदस्य जो कोरोना वाॅरियर्स के रूप में उपस्थित थे।
न्यूज 18 उत्तराखंड वन विभाग की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट – उत्तराखंड वन विभाग का करोडो पौधे लगाने का दावा-धरातल में उनका अब कहीं अता-पता नहीं
देहरादून. उत्तराखंड वन विभाग (Forest Dept) हर साल लाखों की संख्या में पौधे लगाता है लेकिन तमाम आलोचनाओं के बाद भी उसका हिसाब-किताब पब्लिक फोरम पर क्यों नहीं रखा जाता? इसका सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण है जितने पेड़ लगाए (Plantation) जाते हैं और इन पर जो करोड़ों रुपये खर्च होते हैं उनका आउटपुट देखने के बाद आप सिर पीट लेंगे. न्यूज 18 के हाथ लगी विभाग की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट बताती है कि बाद के सालों में इनमें से नाममात्र के पेड़ ही जीवित रह पाते हैं. यही कारण है कि वन विभाग कभी इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं होने देता.
उत्तराखंड वन विभाग के प्लांटेशन अभियान (Forest dept Plantation) के बाद पौधों की सर्वाइवल-रेट की रिपोर्ट से हुआ चौंकाने वाला खुलासा. 3659 हेक्टेयर में पौधरोपण के बाद सिर्फ 40% पौधे ही पाए गए.
वन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 2017 से 2019 के बीच तीन साल में पूरे उत्तराखंड में साढ़े सात करोड़ पेड़ लगाए गए. इस साल भी एक करोड़ 80 लाख पेड़ लगाने का टारगेट रखा गया है. सवाल उठता है कि क्या वास्तव में इतने पेड़ लगाए गए? इनमें से आधे से भी कम यदि पेड़ जीवित रहते तो तीन करोड़ पेड़ों से उत्तराखंड में हर खाली जगह भर चुकी होती. अब आपको बताते हैं क्या है ज़मीनी हकीकत…
न्यूज़ 18 के पास मौजूद एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के अनुसार वन विभाग ने साल 2015-16 में किए गए कुल प्लांटेशन के तीस फीसदी हिस्से में और साल 18-19 में नमामि गंगे के तहत लगाए गए लाखों पौधों के 25 फ़ीसदी हिस्से का जब ग्राउंड वेरीफिकेशन कराया तो जो हकीकत सामने आई वह चौंकाने वाली थी.
इस रिपोर्ट के अनुसार विभाग ने कुल 3659 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किए गए प्लांटेशन का आकलन कराया. मात्र 98 क्षेत्र ही ऐसे निकले जहां विभागीय मानकों के अनुरूप 40 फीसदी पेड़ जिंदा थे. 40 प्लांटेशन एरिया ऐसे थे, जहां पेडों का सक्सेस रेट 11 फीसदी था. 58 प्लांटेशन एरिया ऐसे थे, जहां सक्सेस रेट 13 फीसदी रही. इसके अलावा 53 क्षेत्रों में 12 फीसदी और 92 क्षेत्रों में 24 फीसदी पेड़ ही जिंदा रहे.
यही हाल नमामि गंगे के तहत में किए गए प्लांटेशन का रहा. नमामि गंगे के तहत मात्र 56 हेक्टेयर क्षेत्र में ही मानकों के अनुरूप पेड़ जिंदा रहे. 96 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तो पेड़ों की सफलता डी श्रेणी की थी यानी कि यहां मानकों से 30 फीसदी से भी कम पेड़ जिंदा रहे.
ताज्जुब की बात ये है कि वन विभाग ने इसकी समीक्षा तो की लेकिन इसके लिए किसी की भी ज़िम्मेदारी तय नहीं की गई. इसके लिए प्राकृतिक कारणों को जिम्मेदार ठहरा दिया गया. यह निष्कर्ष निकाला गया कि अत्यधिक जैविक दबाव, कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, बारिश का अभाव और सिंचाई की कोई व्यवस्था न होने के कारण ऐसा हुआ. समीक्षा बैठक में जो निकलकर आया उसमें एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी था कि स्थान विशेष को ध्यान में रखकर लगाए जाने वाले पेड़ों की प्रजातियों का चयन नहीं किया जाता. सवाल उठता है कि क्या वन विभाग सालों तक इसी तरह बिना प्रजातियों के चयन के यहां वहां कुछ भी प्लांटेशन करता रहा है?
ताज्जुब यह भी है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में अगर विषम भौगोलिक परिस्थतियां मान भी ली जाएं, तो राजधानी देहरादून का क्या. इस रैंडम सैंपलिंग में जहां-जहां के प्लांटेशन एरिया लिए गए, उनमें से दो एरिया देहरादून वन प्रभाग के भी थे. देहरादून के दोनों क्षेत्रों में सफलता डी श्रेणी की रही यानी कि साल 2015-16 में जो पेड़ लगाए गए उनका अब कहीं अता-पता नहीं है. नियमानुसार प्लांटेशन के इस निराशाजनक परिणाम पर संबंधित रेंज अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन वन विभाग ने आज तक किसी अफसर का जवाब तलब नहीं किया.
बिहार की बालिका को संस्था के गेट के पास निर्मित आइसोलेशन कक्ष में रखा गया था
देहरादून दिनांक 06 अगस्त 2020 (जि.सू.का), डिप्टी कलक्टर मुख्यालय संगीता कन्नौजिया ने अवगत कराया कि बालिका मुस्कान उर्फ शाहिना आयु 16 वर्ष पुत्री शहनवाज निवासी शहनगांव थाना अमार वाया जलालगढ जिला पूर्णिया, बिहार का बालिका निकेतन में प्रवेश चाईल्ड हेल्प लाईन देहरादून के माध्यम से बाल कल्याण समिति देहरादून द्वारा 01 जुलाई 2020 को हुआ था। कोविड-19 के मानकों के दृष्टिगत बालिका को संस्था के गेट के पास निर्मित आइसोलेशन कक्ष में एक केयर टेकर मीना की ड्यूटी में रखा गया था केयर टेकर मीना के कक्ष में ही निर्मित शौचालय जाने के दौरान बालिका द्वारा कुण्डा खोलकर पलायन किया गया। केयर टेकर मीना द्वारा बताया गया कि कुण्डा कक्ष के भीतर से बन्द किया हुआ था, जिस पर ताला नही लगा हुआ था। उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी द्वारा डिप्टी कलक्टर मुख्यालय को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
उक्त के क्रम में डिप्टी कलक्टर मुख्यालय ने अवगत कराया है कि उक्त घटना के सम्बन्ध में जिस किसी भी व्यक्ति को कुछ कहना है अथवा साक्ष्य प्रस्तुत करना है तो वह 15 दिन के भीतर डिप्टी कलक्टर मुख्यालय देहरादून के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में उपस्थित होकर अपना साक्ष्य/पक्ष प्रस्तुत कर सकता है।
उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में खासा इजाफा
उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में खासा इजाफा देखा जा रहा है. साथ ही बीजेपी नेताओं के भी कोरोना संक्रमित होने का सिलसिला लगातार जारी है. कोरोना संक्रमण की ताजा लिस्ट में उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) की सितारगंज विधानसभा से बीजेपी विधायक सौरभ बहुगुणा (Saurabh Bahuguna MLA) भी दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाए गए. सितारगंज विधायक ने अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये साझा की है.
सौरभ बहुगुणा के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. बताया जा रहा है कि उनके टच में आए लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि सौरभ बहुगुणा ने अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये साझा की है. सौरभ में लिखा है कि “सितारगंज से 1 अगस्त को बुख़ार आने पर दिल्ली आने के बाद मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. मेरा अनुरोध है कि सितारगंज विधानसभा में जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं. विधायक सौरभ बहुगुणा की दी गई जानकारी से पिछले एक हफ्ते में उनके टच में आए कई नेता खुद को आइसोलेट कर रहे हैं. बता दें कि सौरभ के संपर्क में रहे उनके करीबी और सितारगंज मंडी समिति के अध्यक्ष अमरजीत सिंह कटवाल भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. विधायक सौरभ बहुगुणा के संपर्क में आए सितारगंज मंडी समिति के अध्यक्ष अमरजीत सिंह कटवाल भी कोरोना पॉजिटिव हैं. उन्हें रुद्रपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कटवाल ने News 18 से फोन पर बातचीत में बताया कि वो विधायक सौरभ बहुगुणा के साथ दौरे पर थे. घर आने पर उन्हें बुखार महसूस हुआ. जांच कराने पर कोरोना की पुष्टि हुई जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया.
सौरभ बहुगुणा से पहले कई बीजेपी नेता व उनके परिजन भी कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं. रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल के छोटे भाई संजय ठुकराल और उनकी पत्नी भी कोरोना संक्रमित हो कर स्वस्थ हो चुके हैं. इनके अलावा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उनकी पत्नी और पूर्व मंत्री अमृता रावत, उनकी बहू और बेटा भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. पुरोला से विधायक राजकुमार, लैंसडाउन से विधायक दलीप रावत के भाई की पत्नी और कई सगे-संबंधी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, नैनीताल के बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप रावत और उनकी जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इसके अलावा देहरादून से लेकर अल्मोड़ा तक सेना के कई जवान भी कोरोना वायरस के संक्रमण की जद में आ चुके हैं.
हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से कोरोना मरीजों के फ़रार होने के मामले नहीं रुक रहे हैं. रामनगर से लाया गया एक कोरोना मरीज़ अस्पताल के फ़रार हो गया जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप है. पुलिस की कई टीमें इस मरीज़ की तलाश में जुटी हैं लेकिन उसका कोई सुराग पुलिस को नहीं लग सका है. सीसीटीवी से भी कोई खास मदद नहीं मिल सकी है. मेडिकल चौकी इंचार्ज मनबर सिंह के मुताबिक अस्पताल से फ़रार हुए कोरोना मरीज़ के ख़िलाफ़ मुकदमा लिखा गया है और पकड़ने के प्रयास हो रहे हैं. रामनगर के गुलरघट्टी का रहने वाला रहीस अहमद (56) मंगलवार को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया था. इसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी. रहीस अहमद अस्पताल के सी-वार्ड में भर्ती था जहां से यह बुधवार को अचानक गायब हो गया. मरीज़ों की गिनती करने के दौरान पता चला कि एक मरीज़ कम है. जैसे ही यह खबर अस्पताल मैनेजमेंट को लगी, तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई. इसके बाद पुलिस की टीमें इस कोरोना संक्रमित मरीज़ की तलाश में जुट गईं. कोरोना हॉस्पिटल हों या कोविड केयर सेंटर वहां से कई मरीज़ भागने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसा करने वाले ज़्यादातर कम पढ़े-लिखे मरीज़ हैं. कुछ मरीज़ तो पीपीई किट पहनकर ही फ़रार हो जा रहे हैं जिससे अस्पताल के बाहर बैठे सुरक्षाकर्मी भी चकमा खा रहे हैं. अप्रैल महीने में सुशीला तिवारी अस्पताल से एक मरीज़ ऐसे ही फऱार हो गया था. सुशीला तिवारी अस्पताल के सीएमएस डॉ. अरुण जोशी कहते हैं कि मरीजों के अचानक फ़रार होने की खबर कोई नई बात नहीं हैं. कोविड से पहले भी मरीज़ कभी-कभी फ़रार हो जाया करते थे लेकिन कोरोना संक्रमित मरीज़ का फ़रार होना चिंता बढ़ा देता है. यह संक्रमित व्यक्ति अपनी बीमारी को छिपाकर कई और लोगों को कोरोना मरीज़ बना सकता है. डॉक्टर जोशी के मुताबिक मरीजों को घबराने की ज़रूरत नहीं है. अस्पताल के डॉक्टर अपना बेहतर से बेहतर मरीजों की केयर के लिए दे रहे हैं.
सुशीला तिवारी अस्पताल कुमाऊं के छह ज़िलों नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर और ऊधम सिंह नगर का सबसे बड़ा कोविड-19 हॉस्पिटल है. इससे पहले 6 जुलाई को एक हत्या के एक मामले में ऊधम सिंह नगर से कोरोना जांच के लिए अस्पताल लाया गया कैदी भी फ़रार हो गया था. साथ ही एक नेपाली युवक भी फ़रार हो गया था. उन्हें अब तक पकड़ा नहीं जा सका है.
रुद्रप्रयाग. कोरोना संक्रमण के चलते लंबे लॉकडाउन के खत्म होने के बाद जैसे-जैसे आवाजाही में छूट मिलने लगी संक्रमण बढ़ने की आशंका भी जताई जाने लगी थी. चार धाम के तीर्थ पुरोहित तो लगातार चार धाम यात्रा खोलने का विरोध कर रहे हैं. बाबा केदार की भूमि रुद्रप्रयाग में भी कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और बीते 15 दिन में ही 21 नए मामले सामने आए हैं. गुरुवार को ज़िले मे एक और कोरोना संक्रमित मरीज़ की पुष्टि होने के साथ ही कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 88 हो गए हैं.
सीमांत जनपद उत्तरकाशी में कोरोना सीमांत क्षेत्र तक पहुंच चुका है। गुरुवार को 41 की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जनपद में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 346 पहुंच चुकी है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने बौन इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन सहित गढ़वाल मंडल विकास निगम के मनेरी और उत्तरकाशी के अतिथि गृह को आइसोलेशन में तब्दील कर दिया है।
जनपद टिहरी गढ़वाल के थाना मुनिकीरेती क्षेत्र में स्थित शीशमझाड़ी इलाके में कोरोना संक्रमण के मामले अचानक बढ़ गए हैं। यहां एक साथ 18 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दो दिन पूर्व सात व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। तीन दिन के भीतर 25 मामले सामने आने के बाद पूरे शीशम झाड़ी क्षेत्र को कंटेनमेंट बनाने की सिफारिश पुलिस प्रशासन ने जिला प्रशासन को की है। पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नगर प्रमोद कुमार शाह ने बताया कि शीशम झाड़ी का इलाका घनी बस्ती इलाका है। यहां चार गलियों में 18 मामले सामने आए हैं। जांच होने के बाद और भी मामले बढ़ने की आशंका है। उन्होंने बताया कि यहां 300 व्यक्तियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट आनी अभी शेष है।
हाईकोर्ट ने बदहाल क्वारंटाइन सेंटर और कोरोना अस्पतालों की बदहाली के मामले को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की
नैनीताल, : जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करते हुए माना है कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हाईकोर्ट ने बदहाल क्वारंटाइन सेंटर और कोरोना अस्पतालों की बदहाली के मामले को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि कोविड मरीजों के इलाज में डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों का कितना अनुपालन किया जा रहा है। उसकी विस्तृत रिपोर्ट 17 सितंबर तक कोर्ट में शपथपत्र के माध्यम से पेश की जाए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के छह अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है। लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है। जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करते हुए माना है कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। न ही ग्राम प्रधानों के पास कोई फंड उपलब्ध है।
चमोली 06 अगस्त – विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा
चमोली 06 अगस्त,2020 (सू0वि0)
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना, राज्य सैक्टर, केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा करते हुए विकास कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि रेखीय विभागों की स्वरोजगारपरक योजनाओं के तहत यथाशीघ्र अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार योजनाओं का लाभ पहुॅचान सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी ने सभी निर्माणदायी विभागों को जिला योजना के तहत प्रस्तावित कार्यो के जल्द से जल्द टेण्डर प्रक्रिया पूरी कर कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दिए। लोनिवि एवं राजकीय सिंचाई को पिछले वित्तीय वर्ष के अवशेष कार्यो को एक माह के भीतर गुणवत्ता के साथ पूरा करते हुए शत प्रतिशत व्यय सुनिश्चित करने को कहा। कतिपय सड़कों पर क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों एवं भूमि का मुआवजा न मिलने संबधी शिकायतों को देखते हुए जिलाधिकारी ने सभी लंबित प्रकरणों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश लोनिवि को दिए। कहा कि सड़क निर्माण में किसी भी व्यक्ति की परिसंपत्ति को नुकसान होता है तो तत्काल उसका मुआवजा देना सुनिश्चित करें। कहा कि अगर नुकसान की भरपाई नही की गई तो संबधित विभाग के खिलाफ आरसी काट कर वसूली की जाएगी। शिक्षा विभाग को विकास योजनाओं की यूसी, एमबी तथा फोटो सहित पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
कृषि, उद्यान, उद्योग, डेयरी, पशुपालन आदि रेखीय विभागों को स्वरोजगारपरक योजनाओं के तहत जल्द से जल्द बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। कहा कि विभागीय योजनाओं से हटकर भी अगर कोई बेरोजगार काम करना चाहता है तो उसको मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोडकर लाभान्वित करना सुनिश्चित किया जाए। कहा कि जनपद में लौटे प्रवासी एवं बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभागीय योजनाओं के अतिरिक्त भी अगर कोई ठोस योजना है तो उसका प्रस्ताव उपलब्ध करें। इस दौरान जिला योजना के तहत विभागों द्वारा संचालित कार्यो की गहनता से समीक्षा की गई और समय से कार्यो को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थाओं को जल जीवन मिशन के तहत पेयजल कनेक्शन दिया जाना है। उन्होंने शिक्षा विभाग पेयजल कनेक्शन से वंचित शिक्षण संस्थाओं की सूची जल जीवन मिशन के नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा।
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 जिला योजना के तहत शासन से 1933.92 लाख धनराशि अवमुक्त की गई है। जिसमें से 1402.77 लाख धनराशि विभागों को आवंटित की जा चुकी है। इसके सापेक्ष अभी तक विभागों ने 23.01 प्रतिशत व्यय कर लिया गया है। राज्य सैक्टर के अन्तर्गत अवमुक्त धनराशि 5271.35 लाख के सापेक्ष 55.01 प्रतिशत, केन्द्र पोषित के तहत अवमुक्त धनराशि 7426.65 लाख के सापेक्ष 73.02 प्रतिशत विभागों द्वारा व्यय किया गया है। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, सीएमओ डा0 जीएस राणा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
पुलिस कार्यालय गोपेश्वर चमोली — बोलीदाताओं से कोटेशन आमंत्रित
चमोली 06 अगस्त,2020 (सू0वि0)
पुलिस कार्यालय गोपेश्वर चमोली के रिकार्ड रूम में दाखिल किए गए बीडआउट अभिलेखों, पत्रावलियों, रोजनामचाआम व अन्य प्रपत्रों (रद्दी कागजों) के निस्तारण हेतु बोलीदाताओं से कोटेशन आमंत्रित की गई है। पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान ने बताया कि 28 अगस्त तक कोटेशन जमा किया जा सकता है। इच्छुक बोलीदाता निर्धारित तिथि को प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक कोटेशन पुलिस कार्यालय गोपेश्वर में दे सकते है। कोटेशन दाता को पुलिस विभाग के अधिकृत अधिकारी के पास 2 हजार रुपये धरोहर राशि के रूप में भी जमा कराना आवश्यक है। बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा निर्धारित मूल्यों के आधार पर ही कोटेशन स्वीकृत किए जाएगे। नियमानुसार सबसे ऊॅचे कोटेशन देने वाले को ही स्वीकृति दी जायेगी। कोटेशन को अस्वीकृत करने का पूर्ण अधिकार पुलिस अधीक्षक के पास सुरक्षित होगा।
जनपद चमोली में गुरूवार को भी कोरोना संक्रमण के 8 नए मामले सामने आए
चमोली 06 अगस्त,2020 जनपद चमोली में गुरूवार को भी कोरोना संक्रमण के 8 नए मामले सामने आए है। ये लोग मुंबई, पूना, दिल्ली व देहराूदन से यहाॅ पहुॅचे थे। जिला प्रशासन ने इनको गौचर तथा भराडीसैंण में क्वारेंटीन किया था। इसके साथ ही जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढकर 115 हो गई है। हालांकि इसमे से 83 लोग स्वस्थ भी हो चुके है। जिले में 32 एक्टिव केसों में से 13 आर्मी एवं आईटीबीपी के जवान भी शामिल है जो हाल ही में अपनी ड्यूटी पर यहाॅ पहुॅचे थे।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशानुसार संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल नियमित रूप से टेस्ट के लिए भेजे जा रहे है। गुरूवार को 211 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए। जिले से अभी तक 6414 व्यक्तियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा चुके है जिसमें से 5452 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव तथा 115 की रिपोर्ट पाॅजिटिव मिली है। जबकि 636 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। बाहर से आने वाले व्यक्तियों का बाॅडर पर ही ट्रू-नेट मशीन टेस्ट एवं एन्टिजन टेस्ट भी किया जा रहा है।
कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 106 प्रवासी अभी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की प्रतिदिन जाॅच कर रही है। इसके अलावा 478 प्रवासी अभी होम क्वारंन्टीन में चल रहे है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने 04 गांवों में घर-घर जाकर होम क्वारेंटीन में रह रहे लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण की जानकारी जुटाने के लिए 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीम निरंतर कार्य कर रही है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सभी प्रवासियों को क्वारेंटाइन नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। वही शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारेंटीन लोगों पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही भी की जा रही है।
जिले में लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 35 ए फआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 319, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 02, सीआरपीसी-151 के तहत 66, डीएम एक्ट के तहत गिरफ्तारियां 62, महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तरियां 9, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर गिरफ्तारियां 1, पुलिस एक्ट के तहत 1778 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 2661 चालान और 95 वाहनों को सीज किया गया है।
जिले में आवश्यक सेवाओं के तहत खाद्यन्न की आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 4123.30 कुन्तल, चावल 5851.09 कुन्तल, मसूर दाल 96.28 कुन्तल, चना दाल 102.15 कुन्तल, चीनी 24.02 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 101.88 कुन्तल व दाल 87.32 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 3908 गैस सिलेण्डर अवशेष है।
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