मनरेगा के संचालन में चमोली जिले ने उत्तराखंड राज्य में पहला स्थान & Top UK News 6 June 20
6 JUNE 20 # Himalayauk Newsportal & Print Media Burau# कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय #कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय #‘‘डेंगू मलेरिया के सक्रिय सीजन को देखते हुए इसके उन्मूलन के सभी व्यापक पूर्वोपाय किये जायें # कोविड केयर सेंटर भराडीसैंण में 710 बैड तैयार #चमोली जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढकर 33 हुई #मनरेगा के संचालन में चमोली जिले ने उत्तराखंड राज्य में पहला स्थान Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com
कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय
देहरादून 06 जून, 2020 (सू.ब्यूरो Himalayauk Newsportal मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन की दृष्टिगत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाय। ग्राम सभा में भी समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए । स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की व्यवस्था हो। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक करना जरूरी है । आगजनी घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी कराई जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं उनको और प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है उनके माध्यम से सभी स्कूलों के अध्यापकों को भी ट्रेनिंग दी जाए आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत संचार तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाए।
मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली जाय। आपदा कि दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाय। आपदा रिस्पांस टाइम को कम से कम करने का प्रयास किया जाय। लोगों को कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय।
बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि मौसम से संबंधित सटीक जानकारियों के लिए मुक्तेश्वर एवं सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 12321 युवक मंगल दल एवं 10908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया । संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए तहसील स्तर पर 184 सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं। 2012 से अब तक 27 आपदा से संवेदनशील ग्रामों के 699 परिवारों का पुनर्वास किया गया है । गढ़वाल मंडल में 84 एवं कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित किए गए हैं। गंगा नदी पर कोटेश्वर से लेकर ऋषिकेश तक 8 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित किए गए हैं। राज्य एवं जिला स्तर पर कार्मिकों को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य आपदा मोचन निधि के तहत प्रदेश के सभी जनपदों को कुल 98 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 20 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 30 करोड़ रुपए, पेयजल संस्थान को 20 करोड़ रुपए एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को 16 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, सचिव श्री शैलेष बगोली, श्री एस. ए. मुरुगेशन, आईजी एसडीआरएफ श्री संजय गुंज्याल, एसीओ यूकेएसडीएमए श्रीमती रिधिम अग्रवाल, निदेशक आपदा प्रबंधन श्री पीयूष रोतेला आदि उपस्थित थे।
कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय
DEHRADUN () मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन की दृष्टिगत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाय। ग्राम सभा में भी समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए । स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की व्यवस्था हो। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक करना जरूरी है । आगजनी घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी कराई जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं उनको और प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है उनके माध्यम से सभी स्कूलों के अध्यापकों को भी ट्रेनिंग दी जाए आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत संचार तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाए।
मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली जाय। आपदा कि दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाय। आपदा रिस्पांस टाइम को कम से कम करने का प्रयास किया जाय। लोगों को कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय।
बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि मौसम से संबंधित सटीक जानकारियों के लिए मुक्तेश्वर एवं सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 12321 युवक मंगल दल एवं 10908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया । संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए तहसील स्तर पर 184 सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं। 2012 से अब तक 27 आपदा से संवेदनशील ग्रामों के 699 परिवारों का पुनर्वास किया गया है । गढ़वाल मंडल में 84 एवं कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित किए गए हैं। गंगा नदी पर कोटेश्वर से लेकर ऋषिकेश तक 8 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित किए गए हैं। राज्य एवं जिला स्तर पर कार्मिकों को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य आपदा मोचन निधि के तहत प्रदेश के सभी जनपदों को कुल 98 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 20 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 30 करोड़ रुपए, पेयजल संस्थान को 20 करोड़ रुपए एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को 16 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, सचिव श्री शैलेष बगोली, श्री एस. ए. मुरुगेशन, आईजी एसडीआरएफ श्री संजय गुंज्याल, एसीओ यूकेएसडीएमए श्रीमती रिधिम अग्रवाल, निदेशक आपदा प्रबंधन श्री पीयूष रोतेला आदि उपस्थित थे।
‘डेंगू मलेरिया के सक्रिय सीजन को देखते हुए इसके उन्मूलन के सभी व्यापक पूर्वोपाय किये जायें
देहरादून दिनांक 06 जून 2020 (जि.सू.का), Himalayauk Newsportal ‘‘डेंगू मलेरिया के सक्रिय सीजन को देखते हुए इसके उन्मूलन के सभी व्यापक पूर्वोपाय किये जायें’’ यह निर्देश जिलाधिकारी डाॅ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा वीडियो कन्फे्रंसिंग के माध्यम से कनेक्टेड सभी उप जिलाधिकारियों, नगर निकायों, स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को दिये।
राजपुर रोड कैम्प कार्यालय में आयोेजित वीडियो कान्फे्रसिंग से उन्होंने डेंगू-मलेरिया उन्मूलन हेतु आगामी बुधवार से पूरे सीजन तक प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार, दो दिन लगातार व्यापक पैमाने पर प्रातः 08ः30 बजे 09ः30 बजे तक अभियान चलाते हुए जलभराव क्षेत्रों में पानी की सुगम निकासी करने, नालियों-नालों की नियमित सफाई करने, चूने का छिड़काव, फाॅगिंग, पानी की टंकी के जल शुद्धीकरण जैसे कार्यों को लगातार करते रहने के निर्देश दिये तथा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले वर्ष सामने आये डेंगू के हाॅट-स्पाॅट क्षेत्रों , टायरों की दुकानों व वर्कशाॅप, नर्सरी, होटल्स, शासकीय भवनों, वेडिंग प्वांईट्स, कन्स्ट्रक्शन्स साईट्स, गमलों, टूटे-फूटे टायरों-डब्बों, कूलर इत्यादि की चैकिंग करते हुए रूके पानी को हटाने तथा लोंगों को इसके लिए व्यापक जागरूक करने तथा उसके पश्चात उल्लंघन करने वाले संस्थानों/फर्मों/दुकानों पर सुसंगत कानून के तहत् सख्त वैधानिक कार्यवाही करने के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि डेंगू उन्मूलन और सेनेटाइजेशन अभियान में सम्बन्धित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियांे मा0 विधायकगण, मा0 अध्यक्ष जिला पंचायत, मा0 मेयर नगर निगम, मा0 सदस्य जिला पंचायत, मा0 पार्षदगण, सभासदजन का भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सहयोग लें और उनको अपने आसपास किसी भी तरह के जलभराव को हटाने और सेनिटाइजेशन करवाने ंहेतु प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि शनिवार के अवकाश के दिन एन्टी लार्वा अभियान और सेनेटाइजेशन हेतु सघन चैकिंग करने को सचिवालय और विधानसभा में भी शनिवार के दिन अभियान चलाने का प्रयास किया जायेगा और इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से भी अपील की जाय कि वे भी इस अभियान का सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए हिस्सा बनें।
जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्रत्येक क्षेत्रों में डेंगू वार्ड बैड बढाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करें, विशेषकर उन्होंने विकासनगर सामुदायिक केन्द्र और कालसी के क्षेत्र में डेंगू वार्ड में बैड बढाने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ताकि यदि पछवादून में डेंगू मरीज सामने आते हैं तो मरीजों को देहरादून स्थानान्तरित न करना पड़े। उन्होंनें यह भी निर्देश दिये कि स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से ब्लड डोनर्स की सूची अपडेट की जाय, ताकि आवश्यकता पड़ने पर असानी से ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिये कि जनपद में स्थित सभी तालाबों में गम्बूजिया मछली छोड़ी जाय ताकि मच्छरों के लार्वा का खात्मा हो सके। उन्होंने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को निर्देशित किया कि उप जिलाधिकारी सदर और नगर निगम के समन्वय से रायपुर क्षेत्र में जलभराव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करें तथा स्थानीय पाषर्दों से समन्वय करते हुए डेंगू-मलेरिया के जोखिम की किसी भी स्थिति का पूर्व निधान करें। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में केन्टोंमेंट बोर्ड से भी बात कर ली जाय और उनको भी डेंगू उन्मूलन और कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए प्रेरित किया जाय। इसी तरह ऋषिकेश में भी चन्द्रेश्वर, मायाकुण्ड जैसे पिछले डेंगू हाॅट-स्पाॅट क्षेत्रों पर भी विशेष फोकस करते हुए अभियान चलायें और लोगों को इसके लिए व्यापक जागरूक भी करें।
इसी दौरान जिलाधिकारी ने कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाव एवं इसकी रोकथाम के सम्बन्ध में सभी अधिकारियों को ब्रिफ करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कोविड-19 के सर्विलांस, और सैम्पलिंग से जुड़ा विवरण लगातार अपडेट करते रहें। कोरोना की रोकथाम के लिए फ्रण्टलाइन में कार्य कर रहे विभागों और कार्मिक किसी भी दशा में स्वयं संक्रमित ना होने पाय इसके लिए कोरोना मरीज, क्वारेंटीन सेंन्टर्स, आईसोलेशन वार्ड इत्यादि में मरीज को अटेण्ड करते समय बचाव का निर्धारित प्रोटोकाॅल का पूरा पालन किया जाय साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाय कि संक्रमित मरीजों की किसी भी तरह मिक्सिंग न होने पाय।
जिलाधिकारी ने अधीनस्थ अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि यदि किसी मेडिकल स्टोर अथवा प्राईवेट क्लीनिक पर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति दवा लेता है तो उसकी सूचना तत्काल कन्ट्रोलरूम को वाट्सएप्प अथवा दूरभाष से देंगे ताकि उस व्यक्ति को तत्काल ट्रेक किया जा सके। साथ ही Co Morbidity अवस्था (किसी असाघ्य व अन्य गंभीर रोग से पीड़ित) के व्यक्ति 65 वर्ष से अधिक तथा गर्भवती महिला की सूची अपडेट कर लें साथ ही कोरोना के संक्रमण के अधिक बढने की दशा में इनके सुरक्षित बचाव के लिए किये जाने वाले प्रयासों को व्यापक होमवर्क करते हुए किया जाय तथा ऐसे व्यक्तियों को घरों में ही रहने तथा जरूरी एहतियात बरतने को जागरूक किया जाय।
अन्त में जिलाधिकारी ने कोविड-19 से निपटने हेतु इसमें लगे अधिकारियों और विभागों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सभी विभाग और अधिकारी वर्तमान डेंगू मलेरिया सीजन में भी डेंगू और कोरोना रोकथाम की दोहरी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करेंगे। इसके लिए सभी एक टीम के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने नगर निगम और नगर पालिकाओं के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को विशेष रूप से सक्रियता बरतने को कहा कि इन दोनों विभाग की भूमिका बहुत निर्णायक है। सभी नगर निकाय अपने-अपने क्षेत्रों में साफ-सफाई और सेनिटाइजेशन कार्य को लगातार जारी रखें।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में बनाये गये क्वारेंटीन सेन्टर्स हेतु ग्राम प्रधानों को पर्याप्त वित्तीय धनराशि निर्गत करें साथ ही ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अथवा पटवारी जैसे स्थानीय कार्मिकों के माध्यम से क्वोंरटीन सेन्टर्स की निगरानी करते रहें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वि/रा बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी मसूरी वरूण चैधरी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी डाॅ जे.एल फिरमाॅल, डाॅ0 सुभाष जोशी, सम्बन्धित अधिकारी कैम्प कार्यालय में तथा विभिन्न क्षेत्रों के उप जिलाधिकारी
चमोली जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढकर 33 हुई
Himalayauk Newsportal जनपद चमोली। जिले में शनिवार को 22 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव और 6 सैंपल की रिपोर्ट कोरोना पाॅजेटिव आई है। इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढकर 33 हुई है। इनमें से 15 लोगों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया गया है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर सभी संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल जाॅच के लिए भेजे जा रहे है। अब तक कुल 956 सैंपल जाॅच के लिए जा चुके है, जिसमें से 662 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव तथा 33 सैंपल की रिपोर्ट पाॅजेटिव मिली है। जबकि 261 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव के लिए जिला प्रशासन पूरी सक्रियता के साथ दिन-रात जुटा हुआ है और इससे निपटने के लिए हर आवश्यक कदम भी उठाए जा रहे है।
कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 410 प्रवासी अभी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। जिला प्रशासन ने इन प्रवासियों को गौचर, कर्णप्रयाग, मंडल, गैरसैण, ग्वालदम, जोशीमठ भराडीसैंण, पीपलकोटी इत्यादि स्थानों पर फेसलिटी क्वारंन्टाइन किया है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की रेग्यूलर जाॅच कर रही है। जबकि 12011 प्रवासियों अभी होम क्वारंन्टीन में चल रहे है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने शुक्रवार को 59 गांवों में घर-घर जाकर 714 क्वारेंटीन व्यक्तियों की स्वास्थ्य जाॅच की। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण की जानकारी जुटाने के लिए 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीम निरंतर कार्य कर रही है।
जिलाधिकारी
स्वाति एस भदौरिया ने क्वारेंटीन किए गए सभी प्रवासियों को नियमों का पूरी तरह से
पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारेंटीन
लोगों पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के
विरूद्व सख्त कार्यवाही भी की जा रही है।
जिले में
लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 35 एफआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 4, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 02, सीआरपीसी-151 के तहत 62, डीएम एक्ट के तहत गिरफ्तारियां 59, महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तरियां 8, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर गिरफ्तारियां
1, पुलिस एक्ट के तहत 509 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 790 चालान और 80 वाहनों को सीज किया गया है।
जिले में
खाद्यन्न आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 2806.65 कुन्तल, चावल 6745.92 कुन्तल, मसूर दाल 694.20
कुन्तल, चना दाल 124.36 कुन्तल, चीनी 155.76
कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 1137.37 कुन्तल व दाल 491.98
कुन्तल, एसएफवाई का अतिरिक्त गेहूॅ 1475.55 कुन्तल, चावल 2309.29
कुन्तल तथा
घरेलू गैस के 3316 गैस सिलेण्डर है।
जिलाधिकारी
स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से मोबाइल फिश आउटलेट वैन के माध्यम से हर रोज
जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क भोजन खिलाया जा रहा है। अब तक 6904 लोगों को भोजन कराया गया है जबकि गरीब, मजदूर एवं जरूरतमंद लोगों में अभी तक 6213 ड्राई राशन किट का वितरण कराया गया है। पुरानी गम्भीर बीमारियों का उपचार करा
रहे लोगों को जिला अस्पताल के माध्यम से जीवन रक्षक दवा उपलब्ध कराने में मदद की
जा रही है।
कोविड केयर सेंटर भराडीसैंण में 710 बैड तैयार
चमोली 06 जून,2020 (सू0वि0) Himalayauk Newsportal Himalayauk Newsportal & Print Media Burau #
कोविड-19 वायरस के बिना लक्षण ¼Asymptomatic½ और हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए भराडीसैंण में कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) का संचालन शुरू हो चुका है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर कोविड केयर सेंटर भराडीसैंण में 710 बैड तैयार किए गए है और इसके संचालन हेतु मेडिकल आॅफिसर, फेसलिटी मैनेजर, डाॅक्टर, स्टाफ नर्स, वार्ड वाॅय, स्वीपर, इत्यादि स्टाॅफ की तैनाती भी की गई है।
कोविड केयर सेंटर के नोडल अधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने शुक्रवार को भराडीसैंण में सीसीसी संचालन को लेकर विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया गया। कोविड केयर सेंटर में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए मेडिकल टीम एवं अन्य कार्मिकों की तैनाती करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने सभी कार्मिकों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कोविड केयर सेंटर में बिजली, पानी, शौचायल एवं अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए नियमित साफ सफाई एवं परिसर को सेनेटाइज्ड रखने को कहा। सुरक्षा के लिए प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग कराई गई। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार कोरोना के बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अब अस्पताल में भर्ती नही किया जाएगा। ऐसे मरीजों को अब कोविड केयर सेंटर में ही उपचार किया जाएगा। इस दौरान अपर जिलाधिकारी एमएस बर्निया, फेसलिटी मैनेजर राकेश पल्लव एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
ऋण आवंटित कर लाभान्वित करना सुनिश्चित करें
चमोली 06 जून,2020 (सू0वि0 Himalayauk Newsportal )
बैकर्स और रेखीय विभाग आपसी समन्वय बनाकर जनपद में अधिक से अधिक लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत ऋण आवंटित कर लाभान्वित करना सुनिश्चित करें यह निर्देश मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने शनिवार को विकास भवन सभागार में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की बैठक लेते हुए बैकर्स एवं रेखीय विभागों के अधिकारियों को दिए।
जिले में किसान क्रेडिट कार्ड बनाने पर जोर देते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि केसीसी होने से जहाॅ किसानों को 4 प्रतिशत से कम ब्याज दर पर बैकों से ऋण मिलने की सुविधा मिलती है। वही केसीसी से अपने आप फसलों का बीमा भी हो जाता है। उन्होंने कृषि, उद्यान, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी सहित समस्त रेखीय विभागों को जनपद में किसानों को केसीसी की जानकारी देकर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 15 जुलाई तक खरीफ फसलों का बीमा कराने की बात कही।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते बडी संख्या में प्रवासी अपने गांव लौटे है। उनको स्वरोजगार से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना एवं रेखीय विभागों द्वारा संचालित अन्य योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। बताया कि उत्पादन को बढाने के लिए पूरे जिले को 72 क्लस्टर में बांटा गया है। प्रत्येक क्लस्टर में 10 से 12 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इसके अलावा जनपद में 15 ग्रोथ सेंटर भी स्थापित किए जा चुके है। उन्होंने बैकर्स एवं सभी रेखीय विभागों को बेहतर समन्वय कायम करते हुए स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत ऋण आवंटित कर लाभान्वित करने को कहा तथा रेखीय विभागों एवं बैकों को शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए।
लीड बैंक प्रबंधक जीएस रावत ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में जनपद चमोली पूरे प्रदेश में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पहले स्थान पर रहा है। सरकारी योजनाओं के तहत जो भी लक्ष्य दिए गए थे उनको हासिल किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल तथा मई में 1037 व्यक्तियों को 34.72 करो़ड़ के ऋण प्रदान किए गए। जिसमें पीएमएमवाई के तहत 82 व्यक्तियों को 6.95 करोड़, एमएसएमई में 29 व्यक्तियों को 1.50 करोड, 514 व्यक्तियों को पर्सनल लोन के तहत 10.26 करोड़, केसीसी के तहत 175 व्यक्तियों को 0.80 करोड़ आदि शामिल है। इस वित्तीय वर्ष में एनआरएलएम के तहत 772, एनयूएलएम के तहत 42, पीएमएवाई के तहत 75, वीरचन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार के तहत 27, होम स्टे के तहत 194, पीएमईजीपी के तहत 95, एससीपी के तहत अनुसूचित जाति हेतु 60, अनुसूचित जनजाति हेतु 4, अल्पसंख्यक के लिए 12 तथा स्टैडंअप के तहत 59 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर डीडीएम नाबार्ड अभिनव कापडी, एसबीआई प्रबंधक पीएस राणा, एपीडी सुमन बिष्ट, महाप्रबंधक जीएमडीआईसी डा0 एमएस सजवाण सभी बैंकों के शाखा प्रबन्धक सहित उद्यान, उद्योग कृषि, पर्यटन, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, आजीविका, नगर पालिका आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मनरेगा के संचालन में चमोली जिले ने उत्तराखंड राज्य में पहला स्थान
चमोली 06 जून,2020 (सू0वि0)
भारत सरकार
की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के संचालन में चमोली जिले ने उत्तराखंड राज्य में
पहला स्थान हासिल किया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में बागवानी, उद्यानीकरण, चैकडैम, तालब, सिंचाई नहर, कृषि एवं अन्य निर्माण कार्यो में
लक्ष्य से अधिक कार्य करते हुए बडी संख्या में मनरेगा श्रमिकों को रोजगार देने का
काम किया है।
मुख्य विकास
अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20
में जनपद
चमोली में 72677 जाॅब कार्ड धारक परिवारों के सापेक्ष 58949 परिवारों को रोजगार दिया गया। जो कि सम्मपूर्ण प्रदेश में सर्वाधिक 81.11 प्रतिशत है। इसके साथ ही जनपद में 23.28
लाख मानव
दिवस सृजन किए जाने के लक्ष्य के सापेक्ष जनपद में श्रमिकों को उनकी मांग पर 25.96 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन कर 111.47
प्रतिशत
पूर्ति के साथ प्रदेश में रोजगार सृजन करने के परिपेक्ष्य में पहला स्थान हासिल
किया गया है।
पिछले
वित्तीय वर्ष की तर्ज चालू वित्तीय वर्ष में भी मनेरगा कार्य जोर शोर से संचालित
है। अब तक 23821 पंजीकृत परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार
दिया जा चुका है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते बडी
संख्या में जनपद के प्रवासी अपने घर गांव लौटे है। ऐसे में इन लोगों पर भी विशेष
फोकस किया जा रहा है। जिले में अब तक 957 प्रवासियों को मनरेगा योजना के अन्तर्गत
पंजीकृत कर उनके मांग के आधार पर मनरेगा के तहत कार्य दिया जा चुका है। कार्य की
मांग करने वाले जिन प्रवासी परिवारों के पास जाॅब कार्ड उपलब्ध नही थे ऐसे 474 परिवारों को नए जाब कार्ड भी जारी किए गए है। विदित हो कि केन्द्र सरकार ने
मनरेगा मजदूरी 182 रुपये प्रतिदिन से बढाकर 201 रुपया कर दी है। जिससे श्रमिकों को अच्छी
आजीविका भी मिल रही है।
जिले में
संचालित मनरेगा कार्यो को समय से गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए मुख्य विकास
अधिकारी हंसादत्त पांडे स्वयं क्षेत्र भ्रमण कर कार्यो का निरीक्षण भी कर रहे है।
शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी ने कर्णप्रयाग विकासखंड के देवलीबगड में संचालित
विभिन्न कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया गया। देवलीबगड में 1 लाख लागत से खेल मैदान की मरम्मत कार्यो को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने
पर मुख्य विकास अधिकारी ने मनरेगा टीम को प्रोत्साहित करते हुए शबासी भी दी।