UK कांग्रेस का संगीन आरोप & 21 नव. से कोचिग संस्थान खुलेगे & विकास का पहिया थम गया था…- आयुक्त & Top News 19 Nov. 20
19 Nov. 20; # विकास का पहिया थम गया था उसको पूरे मनोबल के साथ गति देनी है – आयुक्त कुमाऊ एवं सचिव माननीय मुख्यमंत्री #सभी कोचिग संस्थान 21 नवम्बर से खोले जायेंगे # वाहन पार्किग हेतु आन लाईन निविदा #चमोली 19 नवबंर,2020 ; धनराशि को शतप्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करें- जिलाधिकारी # हरिद्वार – 52 शक्ति पीठ के सम्बन्ध में बैठक आयोजित # हरिद्वार – सिडकुल द्वारा सीएसआर मद के अन्तर्गत ग्रीन टेम्पल पहल के सम्बन्ध में बैठक आयोजित #मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति समीक्षा # भू माफियाओं के हाथ की कठपुतली बनी उत्तराखण्ड सरकार- गरिमा महरा दसौनी# # नेरोलैक कलर माय स्पेस ऐप’ डाउनलोड करें और अपने घर को एक क्लिक में नया बनाएं IS
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विकास का पहिया थम गया था उसको पूरे मनोबल के साथ गति देनी है – आयुक्त कुमाऊ एवं सचिव माननीय मुख्यमंत्री
हल्द्वानी 19 नवम्बर (सूचना) – कोरोना के साये में अपने को सुरक्षित रखते हुये विकास कार्यो को धरातल पर उतारना जरूरी है। क्योंकि विकास आम जनमानस की आवश्यकता होती है। यह बात आयुक्त कुमाऊ एवं सचिव माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविन्द सिह हृयांकी ने मण्डलीय विकास कार्यो की समीक्षा करते हुये कही। वीडियो कांफे्रसिंग के जरिये हुई समीक्षा में उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर एव लाकडाउन अवधि मे जो विकास का पहिया थम गया था उसको पूरे मनोबल के साथ गति देनी है। लिहाजा सभी अधिकारी समय का उपयोग करते हुये आवंटित लक्ष्यों को पूरा करते हुये निर्माण एवं विकास कार्यो को धरातल पर उतारें। उन्होने अधिकारियो से कहा इस समय मौसम भी माकूल है। विकास कार्यो के लिए शासन द्वारा बडी मात्रा मे विभिन्न कार्यो के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी है, लिहाजा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि अवमुक्त धनराशि का शतप्रतिशत उपयोग करते हुये विकास कार्यो को जनप्रतिनिधियों के समन्वय से उचित दिशा मे ले जायें।
श्री हृयांकी ने जिलाधिकारियों से कहा कि कोर्ट केसों के निस्तारण में तेजी लायें क्योंकि लाकडाउन के चलते कोर्ट केसों के निस्तारण की गति ठहर गई थी, लिहाजा कोर्ट केसों के निस्तारण को अपनी प्राथमिकता मे शामिल करते हुये अधिक से अधिक संख्या मे लम्बित केसों का निस्तारण करें। उन्होनेे कहा कि वादो के निस्तारण होने से वादकारियों को राहत होती है। उन्होने कहा कि कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वार्षिक प्रविृष्टि भी विशेष अभियान चलाकर निर्गत की जांए क्योकि बिना वार्षिक प्रविृष्टि के पदोन्नति मामलों मे सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी को डीपीसी में बाहर कर दिया जाता है जिससे उनके अन्दर कुंठा होती जिसका प्रतिकूल प्रभाव शासकीय कार्यो पर पडता है।
कार्यो मे लापरवाही बरतने तथा आवंटित धनराशि का लम्बे समय से सदुपयोग ना करने वाले स्वजल पिथौरागढ के अधिकारी का वेतन तत्काल प्रभाव से रोके जाने के आदेश जिलाधिकारी पिथौरागढ डा0 विजय कुमार जोगदंडे को दिये। उन्होने कहा कि स्वजल के अधिकारी यदि नवम्बर माह के अन्त तक कार्य पूरा नही करते है तो उनकी सेवाये समाप्त कर दी जांए। श्री हृयांकी ने जिला योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारियो से कहा शासन से जिला योजना के माध्यम से विकास कार्यो के लिए जो धनराशि अवमुक्त की गई है को तत्काल शतप्रतिशत स्वीकृत परिव्यय के आधार पर विभागों को निर्गत करें ताकि विभाग तत्परता के साथ कार्यो को पूरा कर सकें।
समीक्षा के दौरान उन्होने जिलाधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार येाजना का लाभ शतप्रतिशत लाभार्थियो को दिया जाए। एलडीएम बैकों से समन्वय कर लाभार्थियों को तत्काल ऋण उपलब्ध कराने मे अपनी सकारात्मक भूमि का निर्वहन करें। इसके साथ ही बैकांे व लाभार्थियो के मध्य लोनिंग मे होेने वाले गतिरोध को दूर करने के लिए उपजिलाधिकारी के स्तर पर गठित बैंकर्स कमेटियों को सक्रिय किया जाए। उन्होने कहा कि पर्यटन को बढावा देेने तथा स्थानीय लोगों के रोजगार उपलब्ध कराने मे होमस्टे योजना काफी कारगर एव ंलोकप्रिय है। इस योजना के लिए अधिक से अधिक लोगो को प्रेरित किया जाए। सुदूर पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रो मे होमस्टे विकसित किये जाए ताकि लोगो को रोजगार मिले और वही पर्यटक प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही कुमाऊ की संस्कृति हस्तशिल्प एवं उत्पादो से रूबरू हो सके। उन्होेने वीरचन्द्र गढवाली योजना, हर घर नल-नल मे जल, पिरूल योजना, सेवा का अधिकार, 13 जिले 13 डेस्टिनेशन, रेनवाटर हार्वेसिंटिग, कोविड 19 सक्रमण बचाओ, के अलावा कई योजनाओ की समीक्षा की।
बैठक मे जानकारी देते हुये जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने बताया कि जनपद के जिला योजना के स्वीकृत परिव्यय 40 करोड के सापेक्ष 38 करोड की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है जिसमे से विकास कार्यो पर विभिन्न विभागो द्वारा 21 करोड की धनराशि व्यय की जा चुकी है शेष धनराशि के आवंटन की प्रकिया गतिमान है। उन्होने कहा कि इस धनराशि का कुछ अंश कोविड 19 जनस्वास्थ्य, रोजगार परक योजनाओं, हिलांस किचन,हस्तशिल्प, वूडन हट्स, ग्रोथ सेन्टर पर व्यय किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत प्रवासियों तथा दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओ को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के कई योजनायें बनाई जा रही है। उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत कुल लक्ष्य 250 के सापेक्ष 389 लाभार्थियो के आवेदन स्वीकृत कर बैकों को भेजे गये जिनमे मे 60 लाभार्थियो को वित्तपोषित किया जा चुका है। इसके साथ ही वीरचन्द्र गढवाली योजना मेे 30 के लक्ष्य के सापेक्ष 32 आवेदको के आवेदन बैको को भेजे गये है जिसमे से 10 लाभार्थियो को बैकोे ंद्वारा वित्तपोषित किया जा चुका है। जनपद मे 325 होम स्टे कार्यरत है तथा शेष 70 नये होम स्टे स्थापित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक मे के जिलाधिकारी श्री सविन बंसल, श्रीमती रंजना राजगुरू, श्री नितिन सिह भदौरिया,डा. विजय कुमार जोगदंडे, श्री सुरेन्द्र नाथ पाण्डे, श्री विनीत कुमार के अलावा अपर आयुक्त संजय कुमार खेतवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेन्द्र सिह भण्डारी, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, उपनिदेशक अर्थसंख्या राजेन्द्र तिवारी के अन्य मण्डलीय अधिकारी मौजूद थे।
हरिद्वार – सिडकुल द्वारा सीएसआर मद के अन्तर्गत ग्रीन टेम्पल पहल के सम्बन्ध में बैठक आयोजित
हरिद्वार – सिडकुल द्वारा सीएसआर मद के अन्तर्गत ग्रीन टेम्पल पहल के सम्बन्ध में बैठक आयोजित
हरिद्वार । जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में कल जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में आई0टी0सी0 प्रा0 लि0 सिडकुल द्वारा सीएसआर मद के अन्तर्गत ग्रीन टेम्पल पहल के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी को आई0टी0सी0 प्रा0 लि0 सिडकुल के अधिकारियों ने ग्रीन टेम्पल की क्या अवधारणा है, खासतौर पर माॅं मनसा देवी एवं माॅं चण्डीदेवी को ग्रीन टेम्पल माॅडल के रूप में प्रस्तुत करने के सम्बन्ध में वीडियो एवं एनीमेशन फिल्म के माध्यम से विस्तार से बताया कि माॅ मनसा देवी एवं माॅं चण्डी देवी में 15 से 20 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन, लगभग एक लाख के करीब नवरात्रों व अन्य विशेष पर्वों के अवसर पर दर्शन करने आते हैं। दोनों शक्तिपीठों का रास्ता काफी लम्बा है। रास्तों में ही ज्यादा कूड़ा होता है। यह लगभग 390 किलो प्रतिदिन निकलता है, जिसका निस्तारण आंशिक रूप से ही हो पाता है। इसके अतिरिक्त मन्दिरों के आसपास पूजा सामग्री, खाद्य सामग्री आदि की कई दुकानें हैं, जो कई प्रकार का कूड़ा मन्दिर परिसर अथवा आसपास बिखेरते रहते हैं, जिससे आसपास का वातावरण दूषित होने के साथ ही जैव विविधता का भी खतरा है तथा कूड़े से आकर्षित होकर जंगली पशु आदि भी आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं।
आई0टी0सी0 के अधिकारियों ने ग्रीन टेम्पल माॅडल के सम्बन्ध में बताया कि हम सर्वप्रथम कमेटी गठित करेंगे, मन्दिर से प्राप्त फूलों-जैसे गुलाब, गैंदा आदि को अलग-अलग करके धूप व अगरबत्ती व हवन सामग्री बनायेंगे, जिसका प्लांट सबसे पहले लगायेंगे तथा इसकी मार्केटिंग का खास ध्यान रखा जायेगा, अवयव से खाद बनायेंगे, जो खेती में इस्तेमाल होगा तथा बायोगैस मन्दिर में, प्रसाद आदि बनाने में इस्तेमाल किया जायेगा। यहां से निकलने वाली प्रत्येक वस्तु के निस्तारण के लिये अलग-अलग योजना बनाई जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि 52 किलो कूड़ा प्रतिदिन ऐसा निकलता है, जिसे रिसाइकिल किया जा सकता है, प्लास्टिक-नायलाॅन कैरी बैग, कप आदि को प्रतिबन्धित करके रोका जा सकता है, सम्बन्धित को ग्रीन टेम्पल अवधारणा के अनुसार प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जायेगा, व्यापारियों को जागरूक किया जायेगा, ग्रीन टेम्पल की अवधारणा के अनुसार प्रचार-प्रसार किया जायेगा, रूचि रखने वाले एन0जी0ओ को भी इसमें शामिल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आई0टी0सी0 तमिलनाडू में मदूरै सहित तीन मन्दिरों को ग्रीन टैम्पल के रूप में विकसित कर चुकी है, जहां व्यवस्थित ढंग से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि यहां हम इसे यहां के मन्दिरों के अनुसार डिजायन बनायेंगे।
बैठक में दोनों मन्दिरों के परिसरों को टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बाहर करने के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित वन एवं वन्य जीव विभाग के अधिकारियों से इस सम्बन्ध में पूछा तो उन्होंने बताया कि दोनों मन्दिरों के परिसर को टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बाहर करने में कोई दिक्कत नहीं है।
बैठक में दोनों मन्दिर परिसरों में वेंडिंग जोन विकसित करने, ग्रीन टेम्पल का लोगो तैयार करने, इकट्टा होने वाले कूड़े के निस्तारण, मन्दिरों के रास्तों पर अलग-अलग रंगों के कूड़ेदान लगाने आदि के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर कि कब तक आप ये योजना प्रस्तुत कर देंगे, के जवाब में आई0टी0सी0 के अधिकारियों ने बताया कि दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में ग्रीन टेम्पल का माॅडल प्रस्तुत कर देंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रीन टेम्पल प्रोजेक्ट में काफी कार्य हो चुका है। अब आप आपसी समन्वय से इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने में पूरी लगन एवं मेहनत से लग जाइये। आपको सभी का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। बैठक में अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व)श्री के0के0 मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट श्री जगदीश लाल, आई0टी0सी0 के अधिकारीगण, माॅं मनसा देवी एवं माॅं चण्डी देवी मन्दिर समितियों के पदाधिकारीगण व अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
सभी कोचिग संस्थान 21 नवम्बर से खोले जायेंगे — शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार
हल्द्वानी 19 नवम्बर (सूचना) – शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार जिले के सभी कोचिग संस्थान 21 नवम्बर से खोले जायेंगे। जिसकी स्वीकृति जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने दिशा निर्देशो के साथ प्रदान कर दी है। जानकारी देते हुये श्री बंसल ने बताया कि लाकडाउन के कारण कोरोना संक्रमण को रोकने के उददेश्य से जिलेभर के कोचिंग सेन्टर बन्द थे अब यह कोचिंग सेन्टर 21 नवम्बर से विधिवत अपना कार्य प्रारभ्भ कर सकेंगे। श्री बंसल ने कहा सभी कोचिंग सेन्टरों में कोविड 19 की गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश दिये हैै। उन्होने कहा कोचिंग सेंटरों में मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग और दो गज की दूरी आदि नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने कहा कि कक्षा 10वीं या अधिक की कक्षा, 16 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों को उनके माता-पिता की लिखित सहमति पर ही कोचिंग संस्थानों मे अध्ययन हेतु जाने की अनुमति होगी। उन्होने कहा कोचिंग सेंटर खोलने से पूर्व सेनेटाइज किया जाए साथ ही किसी विद्यार्थी या शिक्षक को खांसी, बुखार या जुकाम के लक्षण होतो संस्थान मे प्रवेश की अनुमति ना दी जाए। उन्होने कहा कोचिंग सेन्टरो में दो बैचों के बीच 30 मिनट का अन्तराल रखा जाए तथा विद्यार्थियों को 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होने कहा विद्यार्थियो की संख्या व सामाजिक दूरी दृष्टिगत कोचिंग सेन्टरो की उपलब्ध क्षमता के 50 प्रतिशत विद्यार्थियो को एक दिन पाली मे बुलाया जाए तथा अवशेष 50 प्रतिशत विद्यार्थियोें को अगले दिन की पाली में बुलाया जाए। श्री बंसल ने संक्रमण व उसके बचाव के उपायों के सम्बन्ध में कोचिंग सेंटर मे आने वाले सभी विद्यार्थियों को जागरूक किया जाए तथा कोविड 19 के संक्रमण से बचाव हेतु सुरक्षा एवं सामाजिक दूरी बनाये रखने हेतु भारत भारत सरकार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने कहा कि दिशा निर्देशों का अनुपालन न करने पर कोचिंग संस्थान, संचालक/प्रबन्धक के विरूद्व आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005, ऐपिडमिक डिजीज एक्ट 1987 तथा आईपीसी की सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। श्री बंसल ने बताया कि कोचिंग संस्थानों मे कोविड 19 के दिशा निर्देशों का अनुश्रवण सम्बन्धित पुलिस अधिकारी, मजिस्टेट तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जायेगा। जिलाधिकारी श्री बंसल ने निर्देश दिये है कि कोविड 19 के दिशा निर्देशों का अनुपालन नही करने पर कोचिंग संस्थान संचालक/प्रबन्धक के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी। जिसके उत्तरदायी स्वयं संस्थान के संचालक होगे।
हरिद्वार – 52 शक्ति पीठ के सम्बन्ध में बैठक आयोजित
हरिद्वार । जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में कल जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में 52 शक्ति पीठ के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी को अधिकारियों ने 52 शक्ति पीठ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में एन0जी0टी0 के नियमों का हवाला देते हुये बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को प्रतिषिद्ध क्षेत्र, जिसमें जल क्रीड़ा, जल परिवहन जैसी गतिविधियां ही हो सकती हैं एवं निर्बन्धित क्षेत्र, जिसमें सामान्य गतिविधियांे एवं स्थायी निर्माण की अनुमति नहीं है, के रूप में चिह्नित किया गया है, के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से 52 शक्तिपीठ में एन0जी0टी0 के नियमों के तहत स्थायी व अन्य निर्माण नहीं किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से अन्य विकल्पों के सम्बन्ध में पूछा तो अधिकारियों ने सुझाव दिया कि अगर कांगड़ी में राजस्व की भूमि उपलब्ध हो जाती है, तो कांगड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे यथाशीघ्र भूमि की उपलब्धता आदि के सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बैठक में पर्यटन, सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार वाहन पार्किग हेतु आन लाईन निविदा
हरिद्वार। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए तहसील परिसर में वाहन पार्किग हेतु आन लाईन निविदा आमंत्रित की गई हैं।
वेबसाईट www.uktenders.gov.in पर निविदा प्रकाशित होने की तिथि 20.11.2020 प्रातः09.00 बजे से, निविदा आनलाईन डाउनलोड/अपलोड करने की प्रारम्भिक तिथि 21.11.2020 प्रातः 09.00 बजे से, निविदा आनलाईन डाउनलोड /अपलोड करने की अंंितम तिथि 30.11.2020 सायं 05.00 बजे तक।
तहसील हरिद्धार में निविदा खोले जाने की तिथि 01.12.2020 अपरान्ह 12.30 बजे। उक्त निविदा से सम्बधित सभी शर्ते व विवरण वेबसाईट पर उपलब्ध है। यह जानकारी तहसीलदार हरिद्वार द्वारा दी गयी।
चमोली 19 नवबंर,2020 ; धनराशि को शतप्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करें- जिलाधिकारी
चमोली 19 नवबंर,2020(सू0वि0) जिला योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यो को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करते हुए अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना, राज्य सैक्टर, केन्द्र पोषित एवं बीससूत्री योजनाओं के अन्तर्गत विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को दिए। इस दौरान सीएम हेल्पलाइन, जिला शिकायत प्रकोष्ठ एवं विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का भी त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने सभी निर्माणदायी विभागों को जिला योजना के अन्तर्गत संचालित विकास कार्यो में तेजी लाते हुए गुणवत्ता के साथ शीघ्र कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि विकास कार्यो की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार से समझौता नही किया जाएगा। साथ ही सभी विभागों को सोमवार तक जिला योजना के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यो की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में विधानसभावार उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि जो योजनाए पूर्ण हो चुकी है उनकी यूसी, एमबी तथा फोटो सहित पूरी आख्या उपलब्ध करें। कहा कि विकास योजनाओं का धरातल पर भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा।
जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि को अवमुक्त 181.09 लाख धनराशि में से अभी तक कुछ भी धनराशि व्यय न किए जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते फटकार लगाई। कहा कि कार्य पूर्ण होने के बावजूद भी भुगतान में अनावश्य देरी करना विभागीय लापरवाही है। पेयजल निगम, जल संस्थान, वैकल्पिक ऊर्जा, एलोपैथिक, कृषि, मत्स्य विभागों को अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 50 प्रतिशत से भी कम व्यय पाए जाने पर कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और केवल 4 माह ही शेष रह गए है। इसलिए विभागों को जो भी वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य दिए गए है उनको गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय स्तर पर योजनाओं की रेग्यूलर माॅनिटरिंग करने की बात भी कही। कृषि, उद्यान, उद्योग, पशुपालन, रेशम, मत्स्य आदि रेखीय विभागों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किए गए लाभार्थियों की संख्या भी उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा किसी कारण से अगर कोई भी विभाग जिला योजना में अवमुक्त धनराशि खर्च नही कर पा रहे है तो वे धनराशि सरेण्डर करें। ताकि इस धनराशि को जरूरतमंद विभागों को आवंटित किया जा सके। इस दौरान सभी विभागों को 30 नवंबर तक जिला योजना के कार्यो की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया।
इस दौरान राज्य सैक्टर, केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा करते हुए पिछले वर्ष के अवशेष कार्यो को प्राथमिकता पर पूर्ण कराते हुए शत प्रतिशत धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए गए। बीससूत्री कार्यो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागों को समय से निर्धारित लक्ष्य पूरा करते हुए जिले को हर हाल में ‘ए’ श्रेणी में रखने को कहा। साथ ही सभी अधिकारियों को बीस सूत्री कार्यो के भौतिक सत्यापन हेतु आवंटित लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए।
सीएम हेल्प लाईन, जिला शिकायत प्रकोष्ठ एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर विभिन्न विभागों की 29 शिकायतो लंबित है। जिला शिकायत प्रकोष्ठ पर दर्ज 68 शिकायतों में से 56 निस्तारित है जबकि 12 लंबित है और विभिन्न माध्यमों से प्राप्त 600 शिकायतें विभागों को निस्तारण हेतु भेजी गई है जिसमें से कतिपय शिकायतों के निस्तारण की आख्या विभागों से उपलब्ध नही कराई गई है। जिलाधिकारी ने अगले तीन दिन के भीतर सीएम हेल्प लाईन पर दर्ज सभी शिकायतों तथा अगले 10 दिनों के भीतर जिला प्रकोष्ठ एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण करते हुए आख्या उपलब्ध कराने के कडे निर्देश भी अधिकारियों को दिए। कहा कि जनता की शिकायतों के निस्तारण में कोई लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि जिला योजना के अन्तर्गत अनुमोदित परिव्यय 4943.00 लाख के सापेक्ष 2990.64 लाख धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है। जिसमें से विभागों ने अभी तक 45.89 प्रतिशत धनराशि विभागों ने व्यय कर ली है। राज्य सैक्टर में अवमुक्त धनराशि 9789.02 लाख के सापेक्ष 72.82 प्रतिशत, केन्द्र पोषित में अवमुक्त धनराशि 16812.99 लाख के सापेक्ष 85.36 प्रतिशत तथा बाह्य सहायतित योजना में अवमुक्त 343.62 लाख के सापेक्ष 70.64 प्रतिशत धनराशि विभागों द्वारा व्यय किया गया है। जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि ने अवमुक्त धनराशि 181.09 लाख के सापेक्ष शून्य प्रतिशत, जल निगम ने 311.15 लाख के सापेक्ष 175.44 लाख, जल संस्थान ने 305 लाख के सापेक्ष 135.46 लाख, वैकल्पिक ऊर्जा ने 98.72 लाख के सापेक्ष 30.25 लाख, एलोपैथिक ने 87.56 लाख के सापेक्ष 8.43 लाख, कृषि ने 250 लाख के सापेक्ष 167.07 लाख, उद्यान ने 237.62 लाख के सापेक्ष 97.01, पशुपालन ने 150.43 लाख के सापेक्ष 60.44 लाख, मत्स्य ने 50 लाख के सापेक्ष 18.59 लाख व्यय किया गया है। जबकि अन्य विभागों ने 70 प्रतिशत से अधिक धनराशि व्यय की जा चुकी है।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, पीडी प्रकाश रावत, डीडीओ सुमन बिष्ट, सीएमओ डा0 जीएस राणा, अर्थ एवं संख्याधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी सहित कृषि, उद्यान, उद्योग, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, रेशम, जल निगम, जल संस्थान, एनएच, लोनिवि आदि सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति समीक्षा
चमोली 19 नवंबर,2020 (सू0वि0) जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने सभी निर्माणदायी विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं को मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। विभिन्न विकास योजनाओं को लेकर जिले में मुख्यमंत्री ने 166 घोषणाएं की है जिसमें से 61 घोषणाएं पूरी हो चुकी है तथा 105 पर कार्य प्रगति पर है। इसमें सबसे अधिक 56 में से 49 घोषणाएं लोक निर्माण विभाग के पास लंबित है। जबकि शहरी विकास विभाग में 7, सिंचाई की 6, शिक्षा की 6, पर्यटन की 3, जिला पंचायत की 4 घोषणाएं प्रगति पर है। वही अधिकांश घोषणाएं शासन स्तर पर भी लंबित है।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, पर्यटन, उद्यान, युवा कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, जिला पंचायत, ग्रामीण निर्माण आदि विभागों से सम्बन्धित सीएम घोषणाओं की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन विकास योजनाओं का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है उसकी आख्या तत्काल उपलब्ध करें और जिन नई घोषणाओं की डीपीआर अभी तक नही बनी है उनकी डीपीआर शीघ्र शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों के लिए जिलाधिकारी ने अनुस्मारक प्रेषित करने और प्राथमिकता, समयबद्व एवं गुणवत्ता के साथ घोषणाओं पूरा करने पर जोर दिया। कहा कि मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की शिथिलता को गम्भीरता से लिया जाएगा। उन्हांेने कहा कि सड़कों के वन विभाग से सम्बन्धित वन भूमि हस्तान्तरण के जो मामले है उसकी भी सूचना अद्यतन रखें साथ ही जो मामले निस्तारित किए जाने है उनमें तेजी लाए।
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत संचालित कार्यो की भौतिक प्रगति संबधी अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए है। कहा कि जिन योजनाओं की डीपीआर नही बनाई गई है उनकी शीघ्र डीपीआर बनाकर शासन को भेजें। यदि कोई घोषणा विवादित है तो उनका निस्तारण करें। जिन घोषाणाओं की डीपीआर भेजी जा चुकी है और शासन से धनराशि नही मिली है उसके लिए अनुस्मारक भेंजे और जिन घोषणाओं में धनराशि अवमुक्त हो चुकी है उन योजनाओं की भौतिक प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिए कि जो भी निर्माण कार्य कराए जा रहे है उसमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें और साथ ही निर्धारित समय में निर्माण कार्यो को पूरा करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पाण्डे सहित संबधित विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित थे।
भू माफियाओं के हाथ की कठपुतली बनी उत्तराखण्ड सरकार- गरिमा महरा दसौनी
HIGH LIGHT# उत्तराखण्ड सरकार ने जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए बद्रीनाथ हैलीपैड़ के बगल में 20 नाली भूमि उत्तर प्रदेश के पर्यटन गृह के निर्माण हेतु दे दी# योगी ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच परिसम्पत्तियों के सारे विवाद निपटा लिये गये # योगी आदित्यनाथ के इतने बड़े झूठ पर भी वह मौन धारण कर आपत्ति तक दर्ज नही करा पाये # उत्तर प्रदेश का उत्तराखण्ड के सिंचाई विभाग के 13 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि एवं 4 हजार से अधिक भवनों पर कब्जा # हरिद्वार का कुंभ मेला क्षेत्र जहाॅ कावड़ मेला लगता है वहाॅ की 697.05 हेक्टेयर मेला भूमि पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का कब्जा है # रिद्वार का भीमगौड़ा बैराज, बनबसा का लोहिया हेड बैराज, कालागढ़ का रामगंगा बैराज अभी भी उत्तर प्रदेश के कब्जे में है # टिहरी डैम के जिस हिस्से का मालिक उत्तराखण्ड को होने चाहिए था उत्तर प्रदेश अभी भी उसका मालिक # और करीब 1 हजार करोड़ सालाना राजस्व ले रहा है # 11 विभागों की भूमि, भवन तथा उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर कई अन्य परिसम्पत्तियों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा # उत्तराखण्ड परिवहन विभाग की 7 सौ करोड़ की देनदारी उत्तर प्रदेश पर है # हैलीपेड़ के नजदीक प्राईम लोकेरूशन पर 6 नाली स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने और 6 नाली राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने खरीद ली। #
उत्तराखण्ड कांगे्रस की नेत्री श्रीमती गरिमा महरा दसौनी ने त्रिवेन्द्र सरकार पर उत्तराखण्ड की भोलीभाली जनता को ठगने का आरोप लगाया है। श्रीमती दसौनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले दिनों बद्रीनाथ केदारनाथ आये थे और इसी दौरान उत्तराखण्ड सरकार ने जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए बद्रीनाथ हैलीपैड़ के बगल में 20 नाली भूमि उत्तर प्रदेश के पर्यटन गृह के निर्माण हेतु दे दी। हद तो तब हो गई जब इस पर्यटन गृह के शीलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच परिसम्पत्तियों के सारे विवाद निपटा लिये गये हैं। हैरतअंगेज बात यह है कि उस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत भी वहाॅ मौजूद थ,े योगी आदित्यनाथ के इतने बड़े झूठ पर भी वह मौन धारण कर आपत्ति तक दर्ज नही करा पाये। जबकि असलियत यह है कि उत्तर प्रदेश का उत्तराखण्ड के सिंचाई विभाग के 13 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि एवं 4 हजार से अधिक भवनों पर कब्जा है।
हरिद्वार का कुंभ मेला क्षेत्र जहाॅ कावड़ मेला लगता है वहाॅ की 697.05 हेक्टेयर मेला भूमि पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का कब्जा है जिसे लौटाने पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग साफ इंकार कर चुका है। उत्तराखण्ड की आवास-विकास की भूमि को लौटाने के बजाय उत्तर प्रदेश खुद उस भूमि का मालिक बने रहना चाहता है। दसौनी ने कहा कि हरिद्वार का भीमगौड़ा बैराज, बनबसा का लोहिया हेड बैराज, कालागढ़ का रामगंगा बैराज अभी भी उत्तर प्रदेश के कब्जे में है। टिहरी डैम के जिस हिस्से का मालिक उत्तराखण्ड को होने चाहिए था उत्तर प्रदेश अभी भी उसका मालिक बना हुआ है और करीब 1 हजार करोड़ सालाना राजस्व ले रहा है। इतना ही नही 11 विभागों की भूमि, भवन तथा उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर कई अन्य परिसम्पत्तियों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा है।
इतना ही नही उत्तराखण्ड परिवहन विभाग की 7 सौ करोड़ की देनदारी उत्तर प्रदेश पर है जिस कारण उत्तराखण्ड परिवहन विभाग गर्त में जा चुका है और भारी कर्जे में है। आज अपने कर्मचारियोें की तन्खाह नही दे पा रहा है तथा अपनी सम्पत्तियां बेचने को मजबूर हो रहा है। दसौनी ने उत्तराखण्ड की त्रिवेन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के रवैये को देखते हुए लगता है कि उसने उत्तराखण्ड को भू माफियाआंे के तहत गिरवी रखने की कसम खाई है। पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बाहरी लोगों के जमीन खरीद पर जो रोक लगाई गई थी उस कानून पर ़ित्रवेन्द्र सरकार ने सत्ता पर काबिज होते ही ढिलाई कर दी।
सच्चाई यह है कि त्रिवेन्द्र सरकार ने भू कानून में संशोधन करके जमीन की खरीद फरोक्त पर लगी बंदीशें हटाकर पहाडियों की जमीन हडपने की खूली छूट दे दी है। यही नही धारा 143 के तहत कृषि भूमि का भू उपयोग को बदलने की जो बंदिशें थी उन्हें भी समाप्त कर दिया गया है। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के साथ ही हैलीपेड़ के नजदीक प्राईम लोकेरूशन पर 6 नाली स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने और 6 नाली राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने खरीद ली। इससे साफ पता चलता है कि त्रिवेन्द्र सरकार का पूरा फोकस विकास पर ना होकर उत्तराखण्ड की भूमि पर है। गरिमा दसौनी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने कार्यकाल में ना सिर्फ उत्तराखण्ड सरकार ने भू माफियाओं को संरक्षण दिया है बल्कि सही मायने में कहा जाय तो सरकार उनके हाथों की कठपुली बन गई है।
नेरोलैक कलर माय स्पेस ऐप’ डाउनलोड करें और अपने घर को एक क्लिक में नया बनाएं
देहरादून, 19 नवंबर 2020- देश के प्रमुख पेंट ब्राण्ड्स में से एक कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड ने अपने शताब्दी वर्ष में अपने कंज्यूमर मोबाइल ऐप नेरोलैक कलर माय स्पेस को लॉन्च किया है। यह घरों के मालिकों के लिये तल्लीन करने वाला एक संपूर्ण प्लेटफॉर्म है जिसमें पेंटिंग से जुड़ी उनकी सारी जरूरतों के समाधान मिलेंगे। यह ऐप अंग्रेजी और नौ अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है और ग्राहकों के लिये रंगों से जुड़ी आकांक्षाओं की खोज करने के एक बाधारहित और सुखद अनुभव की पेशकश करता है। नेरोलैक कलर माय स्पेस ऐप गूगल प्लेस्टोर और एंड्रॉइड ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।
इस ऐप के साथ कंसाई नेरोलैक पेंट्स का लक्ष्य अपने ग्राहकों को पेंटिंग शुरू करने से पहले वर्चुअल तरीके से उनके पसंदीदा रंगों, टेक्सचर्स, कॉम्बिनेशंस और डिजाइनों में अपने घर, ऑफिस या दूसरी जगहों को देखने का मौका देना है। ग्राहक इंटीरियर और एक्सटीरियर उत्पादों की नेरोलैक की व्यापक वैरायटी से चयन भी कर सकते हैं।
इस अवसर पर कंसाई नेरोलैक पेंट्स लि. के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अनुज जैन ने कहा, ‘‘हम नेरोलैक कलर माय स्पेस ऐप पेश करके उत्साहित हैं। यह ऐप 9 भारतीय भाषाओं मे विभिन्न फीचर्स के साथ उपलब्ध है, जैसे एक एक्सक्लूसिव कलर पिकर टूल, पेंट बजट कैल्कुलेटर, कलर विजुअलाइजर और नेरोलैक के उत्पादों का विवरण, ताकि ग्राहक को फैसला करने में सहयोग मिले, वह भी घर बैठे। हमें विश्वास है कि इस ऐप को हमारे ग्राहक पसंद करेंगे और इससे मिलने वाले अनुभव की प्रशंसा करेंगे।’’
इस ऐप का ‘कलर एंड टेक्सचर पैलेट’ टूल ग्राहकों को 1500 से ज्यादा विकल्पों की एक श्रृंखला प्रदान करता है और आप अपने कस्टमाइज्ड पैलेट्स बना सकते हैं। अनूठा और विविधतापूर्ण ‘कलर पिकर’ टूल किसी को भी अपनी दीवारों पर अपने आस-पास का कोई भी रंग देखने में समर्थ बनाता है। ऐप के प्रीव्यूज फीचर की सहायता से आप अपनी दीवार का फोटो क्लिक कर सकते हैं और उसे 1500 से ज्यादा शेड्स और टेक्सचर्स में देख सकते हैं, जिससे रंग का चयन करना आसान होगा।
इस ऐप में ‘इंस्पिरेशन’ टूल भी है, जिसमें कई वीडियोज, लेख, वाल आर्ट आइडियाज, ट्रेंड्स और टेस्टिमोनियल्स मौजूद हैं, जो ग्राहकों को प्रेरित होकर बनाई गई जगहों की एक वैरायटी ब्राउज करने का मौका देते हैं।
इस ऐप पर एक महत्वपूर्ण टूल है ‘पेंट बजट कैल्कुलेटर’। इस टूल की सहायता से ग्राहक पेंटिंग से सम्बंधित खास आवश्यकताओं के लिये पेंट की जरूरत का आकलन कर सकते हैं। इसके अलावा यह ऐप ‘डीलर एंड पेंटर लोकेटर’ टूल की पेशकश करता है, जिसकी सहायता से ग्राहक अपनी लोकैलिटी में सबसे नजदीकी पेंटर और डीलर का पता लगा सकते हैं।
कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड के पास 100 वर्षों की विरासत है और यह पेंट टेक्नोलॉजी के कई क्षेत्रों में उद्योग के लिये एक ट्रेंडसेटर और महत्वपूर्ण मापदंड रहा है। देश के अग्रणी पेंट ब्राण्ड्स में से एक होने के नाते नेरोलैक कलर माय स्पेस ऐप को कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड का भरोसा और नवाचार मिला है।
नेरोलैक कलर माय स्पेस ऐप यहाँ से डाउनलोड करें-
एंड्रॉइडः https://bit.ly/318CJSK
आईओएसः https://apple.co/340anwc
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