उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद की पहली बैठक
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सचिव एवं महानिदेशक सूचना विनोद शर्मा ने फिल्म विकास परिषद से संबंधित कार्ययोजना व प्रदेश की फिल्म नीति के महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों की फिल्म नीतियों का अध्ययन कर प्रदेश की फिल्म नीति तैयार की गई
देहरादून 14 सितम्बर, 2016 (सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिये समेकित प्रयासो पर बल दिया है। उन्होंने प्रदेश में फिल्मकारों को तकनीकि मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिये इंजिनियरिंग काॅलेज व पाॅलिटेक्निक को चिन्हित करने के साथ ही फिल्म प्रशिक्षण के लिये दिल्ली आदि की भांति अल्मोड़ा में स्थापित होने वाले आवासीय विश्वविद्यालय में एक विभाग संचालित करने पर बल दिया है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में बंद सिनेमा हाॅलो के पुनर्निर्माण आदि के लिये टैक्स में छूट प्रदान करने की भी बात कही है।
बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि परिषद के माध्यम से आंचालिक फिल्मों के निर्माण व प्रदर्शन आदि को बढ़ावा देने से संबंधी नीति तैयार की जाय। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण व क्रियेटिव आर्ट के क्षेत्र में कार्य करने वालो को एमएसएमई नीति के तहत इस क्षेत्र के लिये भी सब्सिडी के लिये नीति तैयार की जायेगी। इसके लिये वित्त, पर्यटन व सूचना सचिव की तीन सदस्यीय समिति गठित करने के भी निर्देश उन्होंने दिये। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि फिल्म निर्माण से जुड़े लोग आर्थिक अभाव में इससे विमुख न हों। इसके लिये रास्ते तलाशे जायेंगे। इसके लिये अनुदान आधारित धनराशि उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के फिल्म कलाकारो को भी लोक कलाकारों, पत्रकारों की भांति अंशदायी सामुहिक बीमा योजना का लाभ दिया जायेगा।
उन्होंने फिल्म विकास परिषद के कार्यालय भवन की व्यवस्था शीघ्र करने तथा सूचना भवन में एक कक्ष की भी व्यवस्था करने को कहा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कि बड़ी फिल्में भी प्रदेश में बने, इसके लिये स्थलीय सुविधायें उपलब्ध कराने का भी हमारा प्रयास होना चाहिए। उन्होंने अगले वर्ष से परिषद के लिये नियमित रूप से बजट व्यवस्था किये जाने पर बल देते कहा कि परिषद स्वायत्शासी संस्था के रूप में कार्य करेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत परिषद के सदस्यों से यह भी अपेक्षा की कि व अपने सुझाव समिति को उपलब्ध कराये। उनके सकारात्मक सुझावों का समावेश फिल्म नीति में किया जायेगा।
फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष हेमंत पाण्डे ने कहा कि सिनेमा दिल से जुड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि परिषद के सदस्यों को उनके अनुभवों के आधार पर परिषद की समितियों में भी नामित किया जायेगा ताकि परिषद अपना कार्य और अधिक व्यापकता के साथ कर सके। उन्होंने परिषद का फेसबुक पेज बनाने, प्रदेश के विभिन्न रमणीय स्थलों का विवरण तैयार करने तथा फिल्म नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया। उन्होंने परिषद की तकनीकि संबर्धन से संबंधित वर्कशाॅप आयोजित करने व सभी जनपदों में फिल्म फेस्टिवल के आयोजन पर बल दिया।
बैठक में सचिव एवं महानिदेशक सूचना विनोद शर्मा ने फिल्म विकास परिषद से संबंधित कार्ययोजना व प्रदेश की फिल्म नीति के महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों की फिल्म नीतियों का अध्ययन कर प्रदेश की फिल्म नीति तैयार की गई है। इसमें यदि ओर कोई महत्वपूर्ण सुझाव होगा, तो उसका भी समावेश किया जायेगा।
बैठक में परिषद के जिन सदस्यों द्वारा अपने सुझाव व विचार रखे गये, उनमें मधवानंद भट्ट, हीरा सिंह राणा, सुश्री मीना राणा, सतीश शर्मा, जयप्रकाश पंवार, शिव पेन्यूली, एसपीएस नेगी, सुदर्शन शाह, विक्की योगी, फिल्म विकास परिषद मुल्यांकन समिति के अध्यक्ष सुदर्शन जुयाल, चन्द्रवीर, गायत्री आदि शामिल हैं।
बैठक में कैबिनेट मंत्री नवप्रभात, विधायक मदन बिष्ट, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव आर राजेश कुमार, अपर निदेशक सूचना डाॅ. अनिल चन्दोला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।