मौसम का कहर, नदी का रौद्र रूप, भारी बारिश से तबाही
27 JULY 2024 & बालगंगा ने लिया विकराल रूप, बूढ़ाकेदार में भूस्खलन से मां-बेटी जिंदा दफन & भिलगंना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में बादल फटने से बाल गंगा नदी में भारी बाढ़ & महाराष्ट्र के नवी मुंबई में शनिवार सुबह भीषण बारिश के बीच हादसा & एनएच-31 पर स्कूली बच्चों से भरी पिकअप सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराई
हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान के करीब है।रुद्रप्रयाग जनपद में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां अपने रौद्र रूप में बह रही हैं। बदरीनाथ हाईवे गुलबकोटी में बंद पड़ा है। मार्ग खोलने का काम जारी है। जोशीमठ-नीति-मलारी हाईवे तमक नाला के पास मलबा आने के कारण यातायात हेतु अवरुद्ध हो गया है।सोनप्रयाग से गौरीकुंड की ओर लगभग एक किलोमीटर आगे सटल सेवा पुल के समीप हाईवे अवरुद्ध हो गया है & गेंवाली,तोली, जखाणा, विसन, तिनगढ, और बूढ़ाकेदार तक ग्रामीणों की सैकड़ों नाली कृषि भूमि बह गई।
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मसूरी चकराता एनएच 707ए कैम्पटी फाल से आगे सैंजी ढांग में तथा जीवन आश्रम के समीप पूरी रात बंद रहा। शनिवार सुबह जेसीबी ने मलबा हटाकर मार्ग खुलवाया। एनएच 507, दिल्ली यमुनोत्री एनएच मसूरी बैंड के समीप अभी भी बंद है, दो जेसीबी मलबा हटाने में लगी हैं।
उत्तराखंड में, जहां बादल फटने से सैलाब ने भारी तबाही मचाई है। मौसम ने मानो बगावत कर दी है उत्तरखंड के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गईं। पानी के तेज बहाव के कारण छोटी पुलिया और रास्ते बह गए। घरों और दफ्तरों में पानी घुस गया है और बादलों ने अपनी पूरी शक्ति से बरसकर क्षेत्र को बाढ़ की चपेट में ले लिया है।उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, वे इस संकट की भयावहता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। रुद्रप्रयाग के गौंडार गांव में बृहस्पतिवार रात को हुई मूसलाधार बारिश से सरस्वती (मोरकुंडा) नदी पर बना अस्थायी पुल बह गया पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के बाद से नदियां उफान पर हैं। गंगोत्री धाम में अचानक भागीरथी का जलस्तर बढ़ने से अफरा तफरी मच गई।
टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में भूस्खलन की चपेट में आए एक मकान के अंदर मां और बेटी दब गईं। जिससे दोनों की मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने देर रात किसी तरह बाहर भाग कर जान बचाई। तिनगढ़ गांव का जूनियर हाई स्कूल भवन भी भूस्खलन से पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है। विशन गांव दला गांव को जोड़ने वाला पैदल पुलिया भी बह गई है। टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के थत्यूड़ में 33 केवी विद्युत सब स्टेशन में भारी मलबा भर गया है। जिससे ट्रांसफार्मर दब गए हैं। लम्बगांव मोटर मार्ग आयरखाल के पास मलबा व पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित होने की सूचना है। वहीं घनसाली-बालगंगा घाटी में विद्युत आपूर्ति ठप है। कई जगह बिजली के पोल बह गए हैं।
पिंडर नदी उफान पर है। नारायणबगड़ का पंती कस्बा मलबे से अटा है। पंती में बिजली विभाग के ट्रांसफर और तारों के बंडल मलबे में दब गए हैं और हाईवे तथा पंती-विनायक-हंसकोटी मार्ग बंद है। यहां अतिवृष्टि होने से बारिश के पानी के साथ मलबा आया। कर्णप्रयाग-ग्वालदम-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग नारायणबगड़ के पंती मे बंद है। बीआरओ सड़क खोलने में जुटा है। कर्णप्रयाग मे पिंडर उफान पर है।
मूसलधार बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है और इन नदियों ने उफान पर आकर आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। भारी बारिश और बादल फटने के कारण बाढ़ के पानी ने गांवों, सड़कों, और खेतों को ढक लिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल लोगों की ज़िंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि इनकी दैनिक गतिविधियाँ भी प्रभावित की हैं।
भूस्खलन और यमुना का जल स्तर बढ़ने से यमुनोत्री मंदिर परिसर सहित अस्थायी पुल, सुरक्षा दीवार, रसोई और पुरोहित सभा कक्ष को नुकसान पहुंचा है। जानकीचट्टी बस पार्किंग में पानी व मलबा घुसने से तीन खच्चर बह गए, जबकि एक बाइक मलबे में दब गई। यमुनोत्री धाम से जानकीचट्टी तक आते-आते यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया था।
यमुनोत्री पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया, नदी के उफान पर आने से भोग बनाने के लिए बनाया गया रसोई घर भी क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, एसडीआरएफ के जिला प्रभारी निरीक्षक जगदंबा प्रसाद बिजल्वाण ने बताया, यमुनोत्री क्षेत्र में एसडीआरएफ की टीम तैनात है, जिसने बृहस्पतिवार रात को ही खतरे वाली जगहों से लोगों को हटा दिया था।
भारत-चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान दुर्गा चौक भानियावाला निवासी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के निरीक्षक चंद्रमोहन सिंह नेगी बलिदान हो गए। हिमाचल प्रदेश में अस्थायी पुल बनाकर साथियों को नाला पार कराते समय पांव फिसलने से गिर गए और नाले के तेज बहाव में आकर बोल्डर की चपेट में आ गए। बलिदान की सूचना मिलने के बाद जौलीग्रांट में शोक की लहर दौड़ गई है।
अतिवृष्टि से गोपेश्वर के समीप बुराली गांव में नाले का मलबा घुस गया। जिससे रातभर गांव में अफरा-तफरी का माहौल रहा। प्रभावित परिवार रात को ही नाले में आए पत्थरों को हटाने में जुटे रहे। नाले में पानी का बहाव इतना तेज था कि वह दो मकानों की दीवारों को तोड़कर निकल गया।
गांव में चार आवासीय मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि तीन मकानों के आंगन को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने गांव के पांच परिवारों को होटल के कमरों में शिफ्ट कर दिया है। नाले के उफान पर आने से गांव की पेयजल लाइनें और पैदल रास्ते ही तहस-नहस हो गए हैं।
बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। पातालगंगा, पागलनाला, भनेरपाणी और गुलाबकोटी में थोड़ी बारिश होने पर भी हाईवे बंद हो रहा है। शुक्रवार को भी जगह-जगह पर हाईवे बाधित होने से करीब पांच घंटे तक वाहनों की आवाजाही थमी रही।
ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया ने कहा कि सुबह से आपदा प्रबंधन कार्यालय से सूचना मिली थी कि टिहरी डैम व श्रीनगर डैम से पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण दोपहर तक ऋषिकेश में गंगा का जल स्तर बढ़ने की संभावना है।
भिलगंना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में शुक्रवार को बादल फटने से बाल गंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई। जिससे ग्राम गेंवाली,तोली, जखाणा, विसन, तिनगढ, और बूढ़ाकेदार तक ग्रामीणों की सैकड़ों नाली कृषि भूमि बह गई
गुजरात में पिछले 24 घंटे के दौरान हुई भारी बरसात से बाढ़ जैसे हालात
दक्षिण गुजरात में पिछले 24 घंटे के दौरान हुई भारी बरसात से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नवसारी जिले से गुजरने वाली पूर्णा नदी खतरे के निशान 23 फुट से पांच फुट ऊपर बह रही है। पड़ोसी तापी जिले से भी 500 लोगों को जलभराव वाले इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। नवसारी में 70 आंतरिक और चार मुख्य सड़कों को पानी भर जाने से बंद करना पड़ा है। दोनों जिलों के कुछ इलाकों में 173 एमएम तक बारिश हुई है। गुजरात में मूसलाधार बारिश के बीच नवसारी जिले में काफी जलभराव हो गया है। जिससे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को जिले के बाढ़ वाले इलाकों से लोगों को निकालने का काम सौंपा गया है। जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने यहां जलमग्न इलाकों में 30 लोगों को बाहर निकाला। इसमें एक बीमार महिला और एक बच्चा भी शामिल है। एनडीआरएफ की टीम अभी भी बचाव काम में जुटी हुई है।
महाराष्ट्र के नवी मुंबई में शनिवार सुबह भीषण बारिश के बीच हादसा
महाराष्ट्र के नवी मुंबई में शनिवार सुबह भीषण बारिश के बीच हादसा हो गया। यहां शहबाज गांव में एक तीन मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इस घटना के बाद इमारत के मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। मौके पर ही पुलिस, दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम पहुंच गईं। फिलहाल लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। नवी मुंबई नगरपालिका आयुक्त कैलाश शिंदे ने बताया कि इमारत करीब सुबह 5 बजे ढही। यह जी+3 इमारत है।
एनएच-31 पर स्कूली बच्चों से भरी पिकअप सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराई
बलिया जिले के फेफना थाना के कपूरी के पास एनएच-31 पर स्कूली बच्चों से भरी पिकअप सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि हादसे में 10 से ज्यादा स्कूली बच्चे घायल हो गए। इसमें एक बच्चे की मौत हो गई। टक्कर की आवाज सुन आसपास के लोगों ने दौड़कर सभी बच्चों को बाहर निकालकर उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा।