UK; मंत्री, विधायक, नौकरशाह नहीं देते सम्पत्ति विवरण
उत्तराखंड में विधायक मंत्री नहीं देते सम्पत्ति विवरण #www.himalayauk.org (Web Media)
उत्तराखंड गठन से लेकर नवम्बर २०१६ तक के विधान सभा के अभिलेख बताते हैं कि बडी संख्या में मंत्री विधायक पद सभालने के बाद अपना कोई सम्पत्ति विवरण नहीं देते। उत्तराखंड की वर्तमान विधानसभा में ७० में से ३६ विधायकों तथा ५ मंत्रियों ने अपना सम्पत्ति विवरण विधानसभा सचिवालय को नहीं दिया है। वहीं पिछली विधानसभा मं दो मंत्रियों तथा ३३ विधायकों ने सम्पत्ति विवरण नहीं दिया था। इसके अतिरिक्त २००२ की प्रथम निर्वाचित विधानसभा के तीन मंत्रियों तथा २० विधायकों ने सम्पत्ति विवरण नहीं दिया था। इतना ही नहीं प्रथम अंतरिम विधानसभा के सात सदस्यों ने अपना सम्पत्ति विवरण नहीं दिया था। विधानसभा सचिवालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह खुलासा हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड की विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी से विधायकों के सम्पत्ति विवरणों सम्बन्धी सूचना मांगी थी। दिसम्बर २०१६ में प्राप्त पत्रांक ६५९ दिनांक १६ नवम्बर २०१६ से विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी/उपसचिव मनोज कुमार द्वारा विधायकों मंत्रियों के सम्पत्ति विवरण सम्बन्धी गजट अधिसूचनाओं की सत्यापित फोटो प्रतियां श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी है।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी उत्तरांचल की पहली अन्तरिम विधानसभा कार्यकाल में प्रकाशित सम्पत्ति विवरण अन्तिम गजट अधिसूचना दिनांक १८ मई २००१ के अनुसार सात विधानसभा सदस्यों ने इस तिथि तक अपना कोई सम्पत्ति विवरण नहीं दिया है। इसमें तत्कालीन विधायक तिलक राज बेहड, काजी मौहम्मद मोइउद्दीन, अम्बरीश कुमार, मुन्ना सिंह चौहान, राम सिंह सैनी, श्रीमति इन्दिरा ह्रदयेश तथा ईशम सिंह शामिल थे।
उत्तरांचल की पहली निर्वाचित विधानसभा के कार्यकाल में प्रकाशित सम्पत्ति विवरण अन्तिम गजट अधिसूचना दिनांक ३ अगस्त २००५ के अनुसार इस तिथि तक वर्ष २००१-०२ के सम्पत्ति दायित्वों का विवरण तत्कालीन तीन मंत्रियों गोविन्द सिंह कुंजवाल तथा महेन्द्र सिंह महरा व राज्य मंत्री साधू सिंह ने नहीं दिया था। इसके अतिरिक्त २० विधायकों ने भी यह विवरण नहीं दिया था। इसमें तत्कालीन विधायक किशोर उपाध्याय, गणेश गोदियाल, दिनेश अग्रवाल, डा० प्रताप बिष्ट, रणजीत सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सुरेन्द्र सिंह नेगी, अरविन्द पाण्डे, कैलाश शर्मा, गोविन्द लाल शाह, चन्द्रशेखर, अजय भट्ट, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, काजी निजामुद्दीन, मदन कौशिक, चौ० यशवीर सिंह, हरिदास, काशी सिंह ऐरी, नारायण सिंह जन्तवाल तथा पुष्पेश त्रिपाठी शामिल थे।
दूसरी निर्वाचित विधानसभा के कार्यकाल में प्रकाशित सम्पत्ति विवरण अन्तिम गजट अधिसूचना दिनांक २६ दिसम्बर २०११ के अनुसार इस तिथि तक कोई भी सम्पत्ति विवरण न देने वाले २ मंत्री तथा ३३ विधायक थे। तत्कालीन कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत व गोविन्द सिंह बिश्ट के अतिरिक्त ३३ विधायकों में किशोर उपाध्याय, ओम गोपाल, प्रीतम सिंह, राजकुमार, दिनेश अग्रवाल, गणेश जोशी, प्रेम चन्द्र अग्रवाल, सुरेन्द्र राकेश, कुंवर प्रणव सिंह ‘चैम्पियन‘, शहजाद, हाजी तसलीम अहमद, अनिल नौटियाल, गोविन्द लाल, चन्दन राम दास, रणजीत सिहं रावत, मनोज तिवारी, गोविन्द सिंह कुंजवाल, अजय टम्टा, वीना महराना, खडक सिंह बोहरा, हरभजन सिंह चीमा, अरविन्द पाण्डे, प्रेमानन्द महाजन, नारायण पाल, महेन्द्र सिंह महरा ‘महूं भाई‘, जोगा राम अम्टा, गगन सिंह, सुश्री कैरन मेयर, राजेश उर्फ राजेश जुंवाडा, केदार सिंह रावत, विजय सिंह (गुड्डू पंवार), करन महरा, शेर सिंह शामिल थे।
श्री नदीम को उपलब्ध कराये गये सम्पत्ति सम्बन्धी नवीनतम गजट अधिसूचना १७ फरवरी २०१६ के अनुसार वर्तमान विधानसभा में ५ मंत्रियों तथा ३६ विधायकों ने अपना सम्पत्ति दायित्वों का विवरण नहीं दिया है। इन मंत्रियों में दिनेश अग्रवाल, सुरेन्द्र सिंह नेगी, श्रीमति इन्दिरा ह्रदयेश, दिनेश धनै तथा यशपाल आर्य शामिल है। सम्पत्ति विवरण न देने वाले विधायकों में माल चन्द्र, विजयपाल सिंह सजवाण, राजेन्द्र सिंह भंडारी, सुबोध उनियाल, विक्रम सिंह, महावीर सिंह, प्रेमचन्द्र अग्रवाल, आदेश चौहान, चन्द्र शेखर, हरिदास, फुरकान अहमद, प्रदीप बत्रा, कुवर प्रणव सिंह चैम्पियन, सरवत करीम अंसारी, यतीश्वरानन्द, गणेश गोदियाल, तीरथ सिंह रावत, दलीप सिंह रावत, मयूख सिंह, नारायणराम आर्य, ललित फर्स्वाण, चन्दन राम दास, मनोत तिवारी, हेमेश खर्कवाल, श्रीमति सरिता आर्या, शैलेन्द्र मोहन सिंघल, अरविन्द पाण्डे, राजकुमार ठुकराल, प्रेम सिंह, पुष्कर सिंह धामी, राजकुमार, हरबन्स कपूर, श्रीमति रेखा आर्य, हीरा सिंह बिष्ट, श्रीमति ममता राकेश शामिल है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में लागू उ०प्र० मंत्री तथा विधायक (आस्तियों तथा दायित्वों का प्रकाशन) अधिनियम १९७५ की धारा ३ के अन्तर्गत नियुक्ति के तीन माह के अन्दर विधायक व मंत्रियों को अपनी तथा अपने परिवार की सम्पत्ति तथा दायित्वों का विवरण विधानसभा में देना होता है। इसके अतिरिक्त हर वित्तीय वर्ष का सम्पत्ति प्राप्ति तथा खर्च का वार्षिक विवरण ३० जून तक देना होता है। धारा ६ के अन्तर्गत इन्हें गजट में विवरण न देने वालों के नामों सहित विधानसभा द्वारा गजट में सर्व साधारण की जानकारी हेतु प्रकाशित कराया जाता है।