मंत्री पर राजाजी पार्क की ५० बीघा जमीन कब्जाने का आरोप लगा था
धर्मपुर विधान सभा दून में ग्राम समाज की जमीन पर पोलीहाउस बनाने के बाद नाटकीय तरीके से ५० बीघा जमीन कब्जाने का काबीना मंत्री दिनेश अग्रवाल पर मोथरोवाला ग्राम सभा के ग्राम प्रधान नवीन क्षेत्री ने तथाकथित आरोप लगाया था- राजाजी नेशनल पार्क की जमीन से जुडी जमीन पर विधायक निधि से न सिर्फ नाले के आर पार लगभग ५ किमी जमीन पर बौंडरी वाल डाली बल्कि उसे भी कब्जा लिया. जिलाधिकारी देहरादून को शिकायत दर्ज हुई थी-
अवैध बस्तियों के रक्षक बने खेल मंत्री – अमर उजाला, देहरादून शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2014
बस्ती अवैध, लेकिन पानी और बिजली कनेक्शन वैध। इतना ही नहीं इन बस्तियों में सुविधाएं जुटाने के लिए विधायक निधि भी खर्च होती है।
ग्राम समाज की जमीन पर पोलीहाउस बनाने के बाद अब्दे ही नाटकीय तरीके से ५० बीघा जमीन कब्जाने वाले काबीना मंत्री दिनेश अग्रवाल पर मोथरोवाला ग्राम सभा के ग्राम प्रधान नवीन क्षेत्री ने आरोप लगाया था- मंत्री अपने रुत्वे का गलत इस्तेमाल करके इसमें पोली हाउस से सरकारी सब्सिडी का भी लाभ ले रहे हैं.
मीडिया में प्रकाशित तत्कालीन रिपोर्ट
जमीन कब्जा मामले में यूँ तो प्रदेश के कई काबीना मंत्री बर्षों से नामित होते रहे हैं लेकिन जैसा प्रकरण कैनिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल का सामने आया वह हतप्रभ कर देने वाला है. ग्राम समाज की जमीन पर पोलीहाउस बनाने के बाद नाटकीय तरीके से ५० बीघा जमीन कब्जाने वाले काबीना मंत्री दिनेश अग्रवाल पर मोथरोवाला ग्राम सभा के ग्राम प्रधान नवीन क्षेत्री ने आरोप लगाया है कि अपने राजनीतिज्ञ रसुक के चलते इन्होने राजाजी नेशनल पार्क की जमीन से जुडी जमीन पर विधायक निधि से न सिर्फ नाले के आर पार लगभग ५ किमी जमीन पर बौंडरी वाल डाली बल्कि उसे भी कब्जा लिया.
ज्ञात हो कि उत्तराखण्ड सरकार के कैबिेनट मंत्री दिनेश अग्रवाल धर्मपुर विधान सभा सीट से कांग्रेस विधायक है और मोथरोवाला क्षेत्र उन्हीं का विधान सभा क्षेत्र है.
ग्राम प्रधान नवीन क्षेत्री ने मीडिया को जानकारी कारी देते हुए बताया था कि ग्रामवासियों के साथ मिलकर विगत २१ फरवरी २०१५ को वे इस सम्बन्ध में सम्बन्धित दस्तावेजों सहित जिलाधिकारी देहरादून को शिकायत दर्ज करवा चुके हैं लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है. ज्ञात हो कि मोथरोवाला की रामगढ़ दूधली की यह ग्राम समाज की जमीन राजा जी नेशनल पार्क से लगी हुई है. जिसमें लगभग ०.८४७० हेक्टेअर भूमि जो लगभग ११.२६ बीघा जमीन है मंत्री जी की पत्नी के नाम से दर्ज है. जबकि बाकी सारी जमीन कब्जाई गयी है.
ग्राम प्रधान ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री अपने रुत्वे का गलत इस्तेमाल करके इसमें पोली हाउस से सरकारी सब्सिडी का भी लाभ ले रहे हैं. जबकि यह योजना किसानों को लाभान्वित करने के लिए बनाई गयी है. ज्ञात हो कि मंत्री ने यह जमीन अपनी पत्नी के नाम बर्ष २०११ में खरीदी है जिस पर पोली हाउस का निर्माण हुआ है बाकी की जमीन अभी कुछ महीनो पूर्व ही हथियाई गयी बतायी जा रही है. ग्राम प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री ने न सिर्फ जमीन ही कब्जाई बल्कि विधायक निधि का गलत इस्तेमाल कर कब्जाई हुयी जमीन के पास नाले के दोनों छोर पर विधायक निधि का गलत इस्तेमाल कर ५ किमी० पुस्ता डाल दिया है जबकि ग्राम समाज के ऐसे परिवार आज भी इस सुरक्षा के मोहताज हैं जहाँ बरसात में बाढ़ का पानी भर जाता है एवं निकासी का कोई रास्ता तक नहीं होता. जिलाधिकारी को लिखे पात्र में उन्होंने स्पष्ट किया है कि विधायक निधि व जिला योजना तथा अन्य सरकारी योजनाओं के तहत जितने भी कार्य सडक निर्माण इत्यादि से जुड़े हुए है जिनपर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाईं जाती हैं वे भी सब मंत्री के कारखाने से बनकर ही आ रही हैं और उसका कच्चा माल सुसुवा नदी से अवैध रूप से निकाला जा रहा है. ग्रामीणों व ग्राम प्रधान ने पात्र लिखकर यह मांग दोहराई है कि सम्पूर्ण प्रकरण की सी.बी. आई जांच हो ताकि ग्राम समाज को न्याय मिल सके. लेकिन लगभग एक माह गुजरने पर भी ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन के और कुछ नहीं मिला.
मीडिया में प्रकाशित तत्कालीन रिपोर्ट साभार