मुख्यमंत्री द्वारा हरक सिंह रावत के विभागों की समीक्षा
‘‘कागजों में हरियाली और मौके पर कोई काम नहीं’’ #मुख्यमंत्री ने सवालों की झडी लगायी #ग्लेशियर और हिमनद खतरे में www.himalayauk.org (Web & Print Media)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में गुरूवार को कैबिनेट मंत्री श्री हरक सिंह रावत के साथ उनके विभागों, वन विभाग, श्रम एवं सेवायोजन, औद्योगिक प्रशिक्षण तथा आयुष की समीक्षा की। बैठक से पहले मुख्यमंत्री और वन मन्त्री ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री अनिल माधव दवे के निधन पर दो मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि दी।
देहरादून 18 मई, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश सरकार के सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ उनकों आवंटित विभागों की समीक्षा करेंगे। इसका प्रारम्भ आज गुरूवार को सचिवालय में कैबिनेट मंत्री डाॅ.हरक सिंह रावत के विभागों की समीक्षा से हुआ।
सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा शुक्रवार 19 मई को कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक के शहरी विकास एवं आवास, मंगलवार 23 मई को कैबिनेट मंत्री श्री यशपाल आर्य के परिवहन एवं समाज कल्याण, बुधवार 24 मई को कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रस्संकरण एंव उद्यान विभाग, शुक्रवार 26 मई राज्यमंत्री(स्वत्रंत प्रभार) श्रीमती रेखा आर्या के महिला कल्याण एवं बाल विकास, शनिवार 27 मई को राज्यमंत्री(स्वत्रंत प्रभार) डाॅ.धनसिंह रावत के सहकारिता एवं उच्च शिक्षा विभाग, सोमवार 29 मई कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज के सिंचाई, लघु सिंचाई, जल प्रबंधन एवं पर्यटन, मंगलवार 30 मई को कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत के पेयजल एवं स्वच्छता तथा गन्ना विकास विभाग और बुधवार 31 मई को कैबिनेट मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय के विद्यालय शिक्षा, खेल, युवा कल्याण विभागों की समीक्षा की जायेगी।
उन्होंने बताया कि विभागों को निर्देश दिये गये कि प्राथमिकताओं और योजनाओं का पाॅवर पांइट प्रेजेटेशन तैयार कर लें। माहवार लक्ष्यों को निर्धारित किया जाय। भारत सरकार के प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों पर कार्यवाही और विवरण तैयार रखा जाय। विभागों का यदि कोई रिफार्म एजेंडा हो तो उसे भी प्रस्तुत किया जाय।
वन विभागः-
वन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा चरागाह विकास, वृक्षारोपण की योजनाओं को मॉनिटर कैसे किया जा रहा है ? ‘‘कागजों में हरियाली और मौके पर कोई काम नहीं’’ ये स्थिति स्वीकार नहीं की जाएगी। वन विभाग सभी वृक्षारोपण योजनाओं का आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए लगातार अनुश्रवण करें। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से पूछा कि मानव वन्य जीव संघर्ष के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए क्या कार्य योजना है ? उन्होंने कहा कि बंदरों और जंगली सुअरों से खेती को होने वाले नुकसान को रोकने के लिये ठोस प्रयास किये जाएं।
वन राजस्व की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने लीसा चोरी के मामलों पर सख्ती दिखाते हुए पूछा कि यदि वन विभाग के डिपो से बिक्री नहीं हो रही तो लीसा की 100 से अधिक फैक्टरियां कैसे चल रही है। उनके द्वारा किये जाने वाला उत्पादन और वहां खपत हो रहे लीसे को को कौन क्रॉस चेक कर रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वन विभाग के सभी डिपों में एकत्र लीसे को पारदर्शी तरीके से नीलाम किया जाय। नीलामी प्रक्रिया को एक उच्च स्तरीय अधिकारियों की समिति द्वारा माॅनिटर किया जाय। बताया गया कि प्रदेश में वन विभाग कुल चार डिपों में 02.85 लाख कुन्तल लीसा नीलाम किया जाना है। इसी प्रकार वन विभाग द्वारा वर्तमान ट्रांजिट फीस 15 रुपए/टन को बेहद कम बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसको 50 रूपए/टन करने लिये कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिये सीमावर्ती प्रदेशों की शुल्क व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन करने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन संयुक्त टास्क फोर्स बना कर नियमित रूप में छोपमारी करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि जल्द ही वन, खनन, परिवहन और पुलिस की बैठक कर अवैध खनन पर रोक लगाने के लिये और अधिक मजबूत पारदर्शी प्रवर्तन(इन्फोर्समेंट) व्यवस्था बनाई जाय। सीमावर्ती इलाकों में छापेमारी करने के लिये यदि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ संयुक्त टीमें भी बनानी पड़े तो उसकी भी कार्यवाही की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि से निपटने के लिये फायर लाईन के रखरखाव के साथ ही स्थानीय समुदाय के साथ भी सहभागिता की जाय। प्री-फायर अलर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाय। उन्होंने कहा कि उरेडा द्वारा पिरूल से बिजली बनाने की, जो नीति बनाई गई है उसे प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने कहा कि पिरूल के अन्य उपयोगों के लिए भी नीति बनाई जाय और पिरूल का उठान प्रोत्साहित किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के लिये वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया तेज की जाय।
बैठक में कोटद्वार-रामनगर कंडी मार्ग पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मार्ग को प्रारम्भ करने के लिये प्रतिबद्ध है और इसके लिये सभी सम्भव विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। यदि इसके लिये एलिवेटेड रोड बनानी हो अथवा ग्रीन रोड बनानी हो तो भी विचार किया जायेगा। यदि उत्तर प्रदेश कि सीमा में आने वाली भूमि के हस्तांतरण की जरूरत होगी तो उसका भी प्रयास किया जायेगा। उन्होंने वन मंत्री, मुख्य सचिव और वन विभाग के अधिकारियों को कंडी मार्ग हेतु सभी विकल्पों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 मई को जल संचय दिवस मनाया जायेगा और इसमें वन विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।
श्रम एवं सेवायोजन विभागः-
श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नये कौशल विकास मंत्रालय की स्थापना की जायेगी, जिसके लिये सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को स्किल डेवलपमेंट आॅफिसर(कौशल विकास अधिकारी) की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सेवायोजन विभाग को सिर्फ कैरीयर काउन्सलिंग तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि प्लेसमंेट के कार्य के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास और रोजगारपरक ट्रेनिंग में भी आगे आना चाहिए। बैठक में बताया गया कि देहरादून में कूडा बीनने वाले 400 बच्चे चिन्हित किये गये हैं जिनके पुनर्वास हेतु कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में श्रम निरीक्षकों के कार्य करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा रहा है। श्रम विभाग के द्वारा पंजीकृत की जाने वाली दुकानों के लिये भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या निर्धारित करने हेतु शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल श्रम रोकने के लिये कानून का सख्ती से पालन कराया जाय। व्यापारी संघों और होटल एसोसियेशनों को भी जागरूक किया जाय।
आयुष विभागः-
आयुष विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश में वृहद कार्यक्रम आयोजित किये जाय। जनपदों में प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किये जाय। बैठक में आयुष विभाग से सम्बंधित कई मुद्दों, जैसे चिकित्सकों की उपलब्धता, फार्मेेसियों का पुनरोद्धार, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति और शिक्षण स्टाॅफ की अधिवर्षता आयु 65 वर्ष करने की मांग पर भी विचार-विमर्श हुआ।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव मा.मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा, सचिव आयुष श्री हरवंश चुघ सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून 18 मई, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री श्री अनिल माधव दवे के निधन पर गहरा दुखः व्यक्त किया है। उन्होंने दिवगंत आत्मा की शांति एवं दुखः की इस घडी में शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। उन्होंने कहा कि श्री दवे जी एक समर्पित जन सेवक के रूप में याद किये जायेंगे। वह पर्यावरण सरंक्षण हेतु अत्यन्त उत्साही एवं समर्पित थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनैतिक दोनों ही रूपों में राष्ट्र को अपूरणीय क्षति हुयी है।
श्री माधव के निधन पर उनकों श्रद्धांजली देते हुए उनके सम्मान में गुरूवार को राज्य मुख्यालय पर, जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वहां ध्वज को आधा झुका रखने का निर्णय लिया गया है।
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हरिद्वार ;जिलाधिकारी दीपक रावत ने निर्देश देते हुए कहा कि कतिपय जनपदस्तरीय अधिकारियों द्वारा जिला मुख्यालय, हरिद्वार पर निवास न करके विभागीय वाहन के माध्यम से देहरादून अथवा अन्य जनपदों में निवास किया जा रहा है जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी तेल एवं शासकीय वाहन का दुरूपयोग हो रहा है वहीं शासकीय/विभागीय कार्यों के विषय में अधिकारियों के साथ चर्चा की जानी अनिवार्य होती है, तो वह मुख्यालय पर उपस्थित नहीं रहते हैं। जिससे मालूम होता है कि उक्त अधिकारी जिला मुख्यालय पर निवास ही नहीं कर रहा है।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा है कि जिन अधिकारियों द्वारा जिला मुख्यालय, हरिद्वार पर निवास नहीं किया जाता है, वे अधिकारीगण आज से ही अपने मुख्यालय पर निवास करना सुनिश्चित करेंगे। यदि किसी अधिकारी द्वारा मुख्यालय पर निवास नहीं किया जाता है या आदेशों की अवहेलना की जाती है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार प्रतिकूल संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट संबंधित विभागाध्यक्ष को प्रेषित कर दी जाएगी। जिसके लिए वे अधिकारी स्वयं उत्तरदायी होंगे। आदेशांे का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी अधिकारी द्वारा अपरिहार्य कारणों से मुख्यालय से प्रस्थान किया जाता है तो वह अधिकारी जिलाधिकारी से लिखित अनुमति के उपरांत ही मुख्यालय छोडेंगे।
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चमोली 18 मई,2017(सू.वि.)
पर्यटन, सिंचाई/जनपद प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज दो दिवसीय जनपद भ्रमण पहॅुच रहे हैं। पर्यटन मंत्री 23 मई को प्रातः 10.00 बजे हैलीकाप्टर द्वारा द्रोणागिरी हैलीपैड पहॅुचकर द्रोणागिरी ट्रैक कार्यक्रम का शुभ्भारम्भ करेंगे। द्रोणागिरी हैलीपैड से 11ः45 बजे भविष्यबद्री हैलीपैड पहुॅच कर भविष्यबद्री में दर्शन एवं पूजा करेंगे। भविष्यबद्री से 14ः10 बजे निरीक्षण भवन जोशीमठ में अल्प विश्राम एवं कार्यकर्ताओं से भेंट वार्ता करेंगे तथा रात्रि विश्राम जे0पी0 गेस्ट हाउस जोशीमठ में करेंगे। अगले दिन 24 मई को जोशीमठ से प्रातः 9ः00 बजे गोविन्दघाट पहुॅचकर हेमकुण्ड साहिब यात्रा का शुभारम्भ करेंगे। पर्यटन मंत्री कार द्वारा 12ः00 बजे निरीक्षण भवन गोपेश्वर पहुॅचकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे तथा 14ः00 बजे जिला योजना की समीक्षा करेंगे। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी आशीष जोशी ने सभी संबधितों को पर्यटन मंत्री के भ्रमण कार्यक्रम में आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने तथा जिला योजना की समीक्षा बैठक में अद्यतन सूचनाओं के साथ स्वयं उपस्थित रहने के निर्देश दिये है।
चमोली 18 मई,2017 (सू0वि0 )
बद्रीनाथ तथा हेमकुण्ड यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर नवनियुक्त जिलाधिकारी आषीश जोषी ने आला अधिकारियों की बैठक लेते हुए यात्राकाल में सभी व्यवस्थाओं को चुस्त दूरस्त रखने के निर्देष दिये। हमारा प्रयास सभी तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाऐं उपलब्ध कराना है। उन्होंने यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य, सुरक्षा, खाद्यान्न, पेयजल, षौचालय, बिजली, वाहन पार्किग आदि व्यवस्थाओं की संबधित अधिकारियों से जानकारी लेते हुए किसी भी दैवीय आपदा के दौरान आवष्यक व्यवस्थाओं को वहाल रखने को कहा।
जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग में चिन्हित संवदेनषील स्थलों पर पार्याप्त संख्या में मैन पावल, जेसीबी मषीनें तैनात करने के निर्देष एनएच, लोनिवि एवं बीआरओ को दिये। चिन्हित स्थलों में तैनात जेसीबी चालकों एवं सहायक अभियंताओं के मोबाइल नम्बर रखने तथा सुरक्षित स्थानों की मैपिंग करने के निर्देष आपदा प्रबन्धन अधिकारी को दिये। यात्रा मार्ग के अवरूद्व होने पर समय से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को कहा ताकि यात्रियों को सही समय पर सरुक्षित स्थनों पर रोका जा सके। उन्होंने निरन्तर मौसम विभाग के संपर्क में रहने के भी निर्देष दिये। उन्होंने यात्रा मार्ग में सुरक्षा को लेकर तैनात पुलिस बल, होमगार्ड, पीआरडी जवानों की जानकारी ली। यात्रा रूट पर वाहनों की नियमित चैंकिग, ओवर लोडिंग वाहनों पर निगरानी रखने तथा प्रतिदिन बद्रीनाथ धाम को जाने वाले वाहनों का डाटबेस रखने के निर्देष परिवहन अधिकारी को दिये। बद्रीनाथ धाम में 24 घण्टे स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध रहे, इसके लिए सीएमओ को नियमित चैंकिग करने के निर्देष दिये। उन्होंने बायोमैंट्रिक रजिस्ट्रेषन सेन्टर में यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु प्रस्ताव तैयार करने को कहा। यात्रा मार्ग अवरूद्व होने पर यात्रियों के लिए रिलीफ सेन्टर में बिजली, पानी, खाद्यान्न, षौचालय आदि व्यवस्थायें सुनिष्चित करने के निर्देष उपजिलाधिकारी जोषीमठ को दिये। यात्रा मार्ग में षौचालयों की साफ-सफाई तथा पानी की व्यवस्था सुनिष्चित करने को कहा। उन्होंने बद्रीनाथ धाम में प्रतिदिन खपत होने वाले व्यावसायिक एवं घरेलू गैस सिलेण्डरों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देष पूर्ति अधिकारी को दिये।
25 मई से शुरू होने जा रही हेमकुण्ड यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी ने सभी घोड़े-खच्चर, डंडी, कण्डी, मजदूरों का रजिस्ट्रेषन सुनिष्चित करने तथा रेट लिस्ट को डिस्प्ले करने के साथ-साथ बेवसाइट पर भी अपलोड करने के निर्देष दिये। विगत वर्श हेमकुण्ड यात्रा में आये यात्रियों की संख्या, पंजीकृत घोडे-खच्चरों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देष दिये ताकि अगामी हेमकुण्ड यात्रा हेतु सही प्लानिंग की जा सके। गोविन्द घाट से पुलना तक यातायात व्यवस्था दुरस्त रखने हेतु प्राइवेट वाहनों को गोविन्द घाट में ही पार्किंग करने को कहा तथा गोविन्द घाट से पुलना तक निर्धारित दर पर टैक्सी व्यवस्था सुनिष्चित करने के निर्देष दिये। उन्होंने आपदा के दृश्टिगत चिन्हित सभी हैलीपैडों को भी चालू स्थिति में रखने के निर्देष दिये।
बैठक में सीओ ने जानकारी दी कि यात्रा मार्ग में 9-थाने, 28-स्थाई तथा 6-अस्थाई चैकियां, 7-चैकपोस्ट, 5-वैरियर तथा पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया है। सीएमओ ने बताया कि यात्रा रूट पर 20 अस्पताल है, जिनमें डाक्टर, फार्मेसिस्टों की तैनाती की गयी है तथा पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध हैं। बद्रीनाथ धाम में हृदयघात से हुई मौतों को देखते हुए सीएमओ ने धाम में कार्डिया एम्बुलेंस सहित कार्डियोलाॅजिस्ट नियुक्त करने की बात कही।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, एसडीएम योगेन्द्र सिंह, सीएमओ डा. विराज षाह सहित पुलिस, बीआरओ, लोनिवि, पेयजल, जल निगम, पर्यटन, आपदा, खाद्यान आदि विभगों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक से पूर्व सभी जिला स्तरीय अधिकारियों ने नवनियुक्त जिलाधिकारी को अपना परिचय दिया।
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हिमालयी क्षेत्रों में चलेगा जागरूकता अभियान
ग्लेशियर और हिमनद खतरे में
हिमालय क्षेत्र के विकास के लिए बने अलग नीति
सोच संस्था की गर्वनिंगवॉडी की बैठक
पिथौरागढ, १८ मई। सामाजिक सस्था सोसायटी फार एक्सन इन हिमालया (सोच) ने उत्तराखण्ड के हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियरों एवं हिमनदों को हो रहे खतरे के प्रति हिमालय वासियों को जागरूक करने का निर्णय लिया। सोच संस्था ने राज्य एवं केन्द्र सरकार से हिमालय क्षेत्र के विकास के लिए अलग नीति बनाये जाने की मांग भी की। हिमालय क्षेत्र में हो रहे अत्यधिक मानव दखल को वैज्ञानिक पद्धति से किये जाने पर जोर दिया।
सोच संस्था के गर्वरनिंगवाडी की स्थानीय कार्यालय में हुई बैठक में उक्त फैसला लिया गया। सोच संस्था के अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों के विकास के लिए नये सिरे से सोचे जाने की आवश्यकता है। इसके लिए हमारी संस्था उत्तरकाशी, टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ जिले के भीतर जागरूकता अभियान चलायेगी। इसके तहत आम ग्रामीणों को हिमालयी पर्यावरण के बारे में जानकारी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर एवं हिमनदों की स्थिति बेहद सोचनीय हो गयी है। उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ तक के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम परिवर्तन के कारण ग्लेशियर तथा हिमालय से निकलने वाली नदियों पर इसका असर दिख रहा है। हिमनदों एवं ग्लेशियरों को बचाना हिमालय ही नहीं देश के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज भी हम विकास के पुराने मॉडल को ही हिमालय क्षेत्रों में लागू कर रहे है। पेयजल, जडीबूटी सहित समस्त खेती, विद्युतीकरण, सडक एवं पैदल मार्ग निर्माण, भवन निर्माण आदि क्षेत्रों में जो निर्माण चल रहा है वह तराई से लेकर अन्य भू-भागों में एक जैसा है। जबकि दुनिया के कई देशों ने हिमालयी क्षेत्रों के लिए अलग विकास मॉडल बनाया है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्य सचिव डॉ. आरएस टोलिया द्वारा क्षेत्र में किये गये शोध को आधार मानते हुए उत्तराखण्ड को भी हिमालयी क्षेत्र के लिए अलग विकास नीति बनानी चाहिए। इसके लिए संस्था की बैठक में तय किया गया कि हिमालयी क्षेत्रों से लगे जिलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा और जन मानस को एकजुट करने के लिए प्रत्येक गांव में हिमालय सेवा मंच बनाया जायेगा। बैठक में संस्था के गर्वनिंगवॉडी के सदस्य डॉ. दीप्ती धामी, मुकेश चन्द, कुन्दन सिंह भण्डारी, रेखा चन्द, सुनीता चन्द, पुष्पा मर्तोलिया आदि मौजूद थे।
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