किशोर उपाध्याय ने क्यों कहा- भविष्य में गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे
किशोर ने कहा- दिल्ली में राष्ट्रभाषा हिन्दी के लिए कोई स्थान नहीं है, इसीलिए मेरे पत्रों का कोई उत्तर नहीं मिला। भविष्य में गम्भीर परिणाम देश को भुगतने पड़ेंगे समर्पित भाव से काम करने का प्रयास करता हूं,
महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान ने कहा -भाजपा को इन 9 विधायकों का भ्रष्टाचार नजर नहीं आता 9 विधायक भाजपा के गले का हार सबसे अधिक भ्रष्टाचार के मामले भाजपा शासनकाल में सामने आये हैं जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री रामेश पोखरियाल निशंक के शासनकाल में सामने आये थे। इन घोटालों में कुम्भ घोटाला, स्टर्डिया घोटाला, ढैंचा बीज घोटाला प्रमुख थे। जग जाहिर है कि पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूरी के शासनकाल में उनके प्रिय निजी सचिव पी.के. सारंगी को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण हटना पड़ा coverage by; www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
देहरादून 21 अगस्तः
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गड़करी को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड के जन सरोकारों से सम्बन्धित तीन मांगों को केन्द्र सरकार से पूरा करवाये जाने की मांग की है।
श्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में कंाग्रेस अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने कहा कि मुझे हाल ही में भगवान विश्वनाथ जी एवं सत्यावादी हरिश्चन्द्र की धरती काशी जाने का मौका मिला जहां से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘‘गंगा ने मुझे बुलाया है’’ का आह्रवान किया था और वहां पर समाचार पत्रों के माध्यम से मुझे ज्ञात हुआ कि आप भी उसी दिन 13 अगस्त को काशी में गंगा में ‘‘जल परिवहन’’ का उद्घाटन करने वाले हैं। यह एक प्रसन्नता की बात है कि अपनी जल सम्पदा का उपयोग जनहित में कर सकें। आप तो जानते ही हैं कि मैं स्वयं समाज के सरोकारों के प्रति यथा संभव समर्पित भाव से काम करने का प्रयास करता हूं, तब चाहे मध्य हिमालय के सरोकार हांे, पर्यावरण के सरोकार हों, जल-जंगल आदि से सम्बन्धित विषय हांे अथवा कृषकों की समस्याओं की बात हो। दिल्ली में चौधरी अनिल सिंह जी जो कि किसानों की दशा को लेकर अत्यंत चिन्तित रहते हैं और उन्होोने किसानों से सम्बन्धित विभिन्न संगठनों को एक मंच पर लाने का यथा संभव प्रयास भी किया है, के सहयोग से मुझे आपके साथ कुछ कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला और मैं विभिन्न विषयों पर आपकी सकारात्मक विचारशीलता के लिए धन्यवाद भी देना चाहता हूं।
–भाजपा को इन 9 विधायकों का भ्रष्टाचार नजर नहीं आता ; महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान ने कहा
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि भ्रष्टाचार का राग अलापने वाली भाजपा अपने गिरेवान में झांक कर देखे। सबसे अधिक भ्रष्टाचार के मामले भाजपा शासनकाल में सामने आये हैं जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री रामेश पोखरियाल निशंक के शासनकाल में सामने आये थे। इन घोटालों में कुम्भ घोटाला, स्टर्डिया घोटाला, ढैंचा बीज घोटाला प्रमुख थे। जग जाहिर है कि पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूरी के शासनकाल में उनके प्रिय निजी सचिव पी.के. सारंगी को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण हटना पड़ा था।
18 मार्च की घटना उत्तराखण्ड के इतिहास के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है जिसने प्रदेश को काफी पीछे धकेल दिया है। जिसमें भाजपा ने खरीद-फरोख्त कर कांग्रेस के 9 विधायकों को झूठा प्रलोभन देकर सत्ता पर काबिज होना चाहा। साढे चार साल सत्ता का सुख भोगने के बाद आज ये 9 विधायक भाजपा के गले का हार बन गये है। आज भाजपा को इन विधायकों का भ्रष्टाचार नजर नहीं आता है।
नगर निगम में भाजपा के महापौर हैं, जिन्होंने देहरादून शहर की स्थिति बद से बदतर की है। जगह-जगह कूडे के ढेर हैं, चारों तरफ बदबू व गन्दगी का साम्राज्य है। नालियां गंदगी से भरी पड़ी हेैं, महानगर कंाग्रेस ने नगर निगम को वर्षात से पहले सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए कहा था तथा बीमारियों के खतरों से अगाह किया था। अतः भाजपा को नगर निगम के कारनामों का पर्दाफास करना चाहिए। आज महानगर में डेंगू, टाईफाइड जैसी बीमारियों से जनता परेशान है। झूठे वायदे देकर केन्द्र की सत्ता में आई भाजपा के उत्तराखण्ड से पांच सांसद जीत कर आये परन्तु वे भी जनता की आवाज सरकार तक नहीं पहुंचा पाये। केन्द्र द्वारा वित्त पोषित योजनाएं जिनमें निर्धन छात्रों, एस.सी. एस.टी. के छात्र-छात्राओं की छात्र वृत्ति केन्द्र ने बन्द कर दी है। केन्द्र लगातार उत्तराखण्ड का शोषण कर रहा है और हमारे पांचों सांसदगण मौन हैं। भाजपा लगातार नकारात्मक राजनीति कर रही है। कंाग्रेस के बागी विधायक जो साढ़े चार साल सत्ता में रहे उन्हें आज इन्हें कांग्रेस सरकार का भ्रष्टाचार दिखाई देने लगा है। उत्तराखण्ड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत की सरकार ने कई कीर्तिमान हांसिल किये हंै। आज हरेला, झुमैलो जैसे कार्यक्रमों से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखण्ड को पहचान मिली है। आज पहाड़ी उत्पादों, कोदा, झंगोरा, काला भट्ट, तुअर गहत की दाल को अच्छी कीमत व बाजार मिला है। सरकार की योजनाएं हिटो पहाड़ जैसी योजनाएं पलायन रोकने की दृष्टि से कारगर साबित हो रही हैं। केदारनाथ आपदा के बाद किसी तरह उत्तराखण्ड प्रदेश अपने निजी संसाधनों द्वारा विकास कार्य कर रही है लेकिन भाजपा लगातार नकारात्मक राजनीति कर रही है। राज्य सरकार के कामों से आज चारधाम यात्रा सुगम तथा ऐतिहासिक हुई है। भाजपा में सत्ता के लिए छटपटाहट साफ दिखाई दे रही है।
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वही दूसरी ओर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम मध्य हिमालयवासी यहां की सदानीरा नदियों, गाड़-गधेरांे के साथ पले और बड़े हुए हैं तथा उसके स्वभाव को काफी हद तक जानते हैं। गंगा जी में जल परिवहन हो मैं उसके पक्ष में हूं, किन्तु मैं आपके संज्ञान में यह विनम्रता पूर्वक लाना चाहता हूं कि नदियों में प्रदूषण को दूर करने, जल परिवहन की निरंतरता तथा नदियों को आपस में जोड़कर उनके बेहतर उपयोग करने के लिए यह नितांत आवश्यक है उनमें जल प्रवाह की निरंतरता बनी रहे। यदि उनमें जल होगा तभी तो प्रदूषण हो सकता है, तभी उन्हें आपस में जोड़ा जा सकता है और तभी नदियों में जल परिवहन की गतिविधियां भी सम्पन्न होंगी। उन्होेंने कहा कि मैं पिछले लगभग साढ़े तीन दशकों से इन चुनौतियों की ओर देश के प्रबुद्धजनों का ध्यान आकृष्ट करता आ रहा हूं। जम्मू-कश्मीर से लेकर अरूणाचल प्रदेश तथा हिमालय एवं गंगा बचाओ अभियान का भी अदना सा कार्यकर्ता रहा हूं। इस बारे में मैंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है तथा केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती जी को भी अपनी चिन्ताओं से अवगत करा चुका हूं। लेकिन यह चिन्ता का विषय है कि संभवतः देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रभाषा हिन्दी के लिए कोई स्थान नहीं है, इसीलिए मेरे पत्रों का कोई उत्तर नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी एवं पं0 जवाहर लाल नेहरू जी ने गंगा जी के बारे में जो कहा है उससे आप भलीभांति अवगत होंगे। पतित पावनी मां गंगा हमारे इहलोक और परलोक को सुधारने का काम करती है। गंगा में निरंतर अमृत रूपी जल का प्रवाह बना रहे इसके लिए हमें उसकी सभी सहायक नदियों की सेवा का प्रण लेना पड़ेगा।
श्री उपाध्याय ने कहा कि मैंने इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती जी को तीन सुझाव दिये थे, जो मैं आपको भी दे रहा हूं। इनमें 1-उत्तराखण्ड के निवासियों की जीवनशैली हिमालयी क्षेत्र के अन्य आदिवासियों की तरह रही है। हो सकता है कुछ परम्पराओं में भेद रहा हो। क्योंकि यहां की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं भौगोलिक परिस्थितियां तथा रस्मो-रिवाज ठीक उन्हीं क्षेत्रों की तरह हैं जिनको केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण की सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। अतः सम्पूर्ण उत्तराखण्ड वासियों को केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण की परिधि में लाया जाय ताकि यहां के युवा वर्ग की कुण्ठा दूर हो सके। 2-मध्य हिमालय क्षेत्र में उत्तराखण्ड में आज भी शांन्ति का वातावरण है। सबसे अधिक चिंता का विषय उत्तराखण्ड के सीमावर्ती गांवों का पलायन है। आज राज्य के सीमावर्ती गांव खाली हो रहे हैं, खेत-खलिहान बंजर होते जा रहे हैं। युवा पीढ़ी में असंतोष और कुण्ठा व्याप्त न हो, गांवों को बसाये रखने के लिए जो खेत खाली हो गये हैं, उनमें ऐसे वृक्षों की खेती को प्रोत्साहन दिया जाय जो पर्यावरण, जल संरक्षण एवं संवर्द्धन का काम कर सकें तथा इसके लिए कृषकों को प्रति वृक्ष 2 हजार रूपये का बोनस दिया जाय ताकि लोग गांवों में रूके रहें। 3-उत्तराखण्ड को ग्रीन बोनस के रूप में प्रति वर्ष केन्द्र सरकार कम से कम 10 हजार करोड़ रूपये प्रदान करे और ग्रीन बोनस को प्रदेश सरकार सीधे-सीधे रसोई गैस एवं घरेलू बिजली उपभोक्ता को सब्सिडी के रूप में प्रदान करे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने कहा कि मुझे आशा है कि आप मेरे सुझावों पर ध्यान देने के साथ ही मेरे पत्र का उत्तर देंगे और केन्द्र सरकार को इन सब मांगों के लिए राजी करने का कष्ट भी करंेंगे। उन्होने कहा कि आज सबसे बड़ी चिन्ता का विषय है कि हम पानी को मान्यता नहीं दे रहे हैं जिसके भविष्य में गम्भीर परिणाम देश को भुगतने पड़ेंगे।