बीजेपी को नुकसान होना तय-आर0एस0एस0 का सर्वे
UP चुनाव में भाजपा तो गयी# शुरुआत में तो खुश, अब गुस्सा और निराश # पहले जो लोग फैसले के समर्थन में थे अब लंबी लाइनों को देखकर परेशान # सरकार ने काले धन की जानकारी सीधे भेजने के लिए खास ईमेल blackmoneyinfo@incometax.gov.in # www.himalayauk.org (Web & Print Media)
नोटबंदी के बाद हो रही परेशानियों से बीजेपी समर्थकों का सब्र भी अब टूट रहा है। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े कुछ संगठनों ने पार्टी के नेतृत्व से कहा है कि या तो नोट की कमी की परेशनी को जल्द से जल्द खत्म कर लिया जाए वर्ना यूपी चुनाव की तारीख को आगे करवा दिया जाए। RSS और बीजेपी से जुड़े कई लोकल लेवल के संगठनों ने कहा है कि नोटबंदी की वजह से अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान होना तय हैं। इन लोगों ने पार्टी नेतृत्व को बताया है कि मध्यम वर्ग के लोग शुरुआत में तो नोटबंदी के फैसले से खुश थे लेकिन फिर जब नोटबंदी के ऐलान के एक महीने बाद भी कैश की किल्लत दूर नहीं हुई तो लोगों का गुस्सा और निराशा सामने आने लगी। पहले जो लोग फैसले के समर्थन में थे उनमें से ज्यादातर अब तक एटीएम और बैंक के बाहर लगी लंबी लाइनों को देखकर परेशान हैं।
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, RSS और BJP के कुछ नेताओं ने लखनऊ में एक मीटिंग की थी। उसमें विश्व हिंदू परिषद, एबीवीपी के साथ बाकी संगठनों ने भी एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें इन बातों का जिक्र था। हालांकि मीटिंग में एक सदस्य ने हो रही कार्रवाईयों का भी जिक्र किया था। उसने कहा, ‘गलत काम कर रहे बैंक और काला धन छिपाकर बैठे लोगों के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग के छापों को लोगों के सामने लाया जा रहा है। उससे लोगों के सामने केंद्र सरकार की अच्छी इमेज बन रही है। लोग मान रहे हैं कि सरकार ईमानदारी के काम कर रही है।’
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था। तब से बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लाइनें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।
::मोदी सरकार ने तीन महीने का एक और मौका दिया
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देशवासियों को तीन महीने का एक और मौका दिया, जिसमें वे अपने काले धन को उजागर कर ‘दाग’ से छुटकारा पा सकते हैं. राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 31 मार्च, 2017 तक कोई भी अपने गैरकानूनी धन की घोषणा कर सकता है, और 50 फीसदी कर के रूप में देकर शेष धनराशि को जायज़ बना सकता है. इसके अलावा उन्होंने चेतावनी भी दी कि बैंकों में जमा कराई गई सारी रकम निगरानी में है, और खासतौर से वे बैंक खाते, जिनमें बार-बार रकमें जमा की गईं. उन्होंने साफ किया, “बैंकों में जमा कराया गया सारा धन कानूनी नहीं है, जब तक कानून के मुताबिक कर अदा न कर दिया जाए… सो ऐसा न सोचिए कि आपका काला धन बैंक में जमा हो गया, इसलिए जायज़ हो गया… जांच होगी…” सरकार ने इसके अलावा लोगों से यह आग्रह भी किया है कि वे काले धन से जुड़ी कोई भी सूचना सरकार को ई-मेल के ज़रिये भेज सकते हैं. हंसमुख अधिया ने बताया, “हमने काले धन की जानकारी सीधे भेजने के लिए खास ईमेल एड्रेस बनाया है, जो है blackmoneyinfo@incometax.gov.in”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद कर दिए जाने के बाद उन्हें बैंक खातों में जमा कराने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर है, लेकिन राजस्व सचिव के मुताबिक नई योजना के तहत अपने काले धन की घोषणा कर सकते हैं. इस योजना के तहत धन की घोषणा करने वालों को अपनी रकम का एक चौथाई हिस्सा ऐसे खाते में चार साल तक रखना होगा, जिसमें कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा.
हंसमुख अधिया के अनुसार, “नई योजना के तहत बेहिसाबी नकदी की घोषणा कल (शनिवार, 17 दिसंबर) से 31 मार्च तक की जा सकती है…” उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना ‘माफी नहीं’ है, बल्कि ‘काले धन की व्यवस्था से बाहर निकलने’ का आखिरी मौका है. राजस्व सचिव ने बताया कि नोटबंदी के बाद से कर अधिकारियों द्वारा मारे गए छापों में अब तक लगभग 216 करोड़ रुपये की रकम जब्त की जा चुकी है, जिसमें से लगभग 80 करोड़ रुपये नए नोटों में बरामद हुए हैं. उन्होंने कहा कि काला धन रखने वाले उसे छिपाने के लिए लगभग एक ही तरीके से काम करते हैं, जिसमें कई-कई खातों में रकमों को रखना, गरीबों के लिए बनाए गए जन-धन ज़ीरो-डिपॉज़िट खातों का दुरुपयोग करना और फर्ज़ी कंपनियां स्थापित करना शामिल है. हंसमुख अधिया ने कहा, “हर एक व्यक्ति को यह याद रखना चाहिए कि जमा करवाए जा रहे काले धन पर नज़र रखी जा रही है…” राजस्व सचिव ने साथ ही यह भी कहा कि इसके पीछे का मकसद ‘इंस्पेक्टर राज’ लाना नहीं है, बल्कि लोगों को ‘एहसास होना चाहिए कि विभाग के पास लोगों की जमा रकमों के बारे में जानकारी है…’ उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कई-कई खातों में बड़ी रकमें जमा कराने की कोशिश की, अब उनकी जांच की जा रही है, लेकिन साथ ही आश्वासन भी दिया कि विभाग के जांच करने के तरीके ऐसे हैं, जिनसे आम आदमी के खातों में दखल पैदा न हो.