UTTRAKHAND सीएम पद के प्रमुख दावेदार
सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रकाश पंत, भगत सिंह कोश्या री, मेजर जनरल (रिटायर्ड) बीसी खंडूरी, रमेश पोखरियाल, हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा सीएम पद के प्रमुख दावेदार
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उत्त र प्रदेश के साथ ही भाजपा को उत्तरराखंड में भी जमकर सीटें मिली हैं। उसने यहां कि 69 में से 56 सीटें जीत ली है जो राज्ये के चुनावी इतिहास में एक रिकॉर्ड है। चुनाव नतीजों के बाद राज्ये का अगला मुख्यीमंत्री कौन होगा इसको लेकर हलचल तेज हो गई है। मुख्यंमंत्री पद के दावेदारों में कई नाम सामने आ रहे हैं। इनमें कांग्रेस से आए नेता, भाजपा के खुद के दिग्गदज शामिल हैं। इसी बीच लो प्रोफ्राइल नेता भी रेस में हैं। उन्हेंग उम्मी द है कि महाराष्ट्र , हरियाणा और झारखंड की तरह यहां भी किसी अनजान लेकिन आलाकमान के करीबी को सीएम की कुर्सी मिल सकती है। 16 मार्च को साफ हो जाएगा कि उत्तीराखंड का सीएम कौन बनेगा। बता दें कि राज्यि में कुल 70 सीटें हैं लेकिन एक सीट पर 15 मार्च को एक बूथ पर दोबारा से मतदान के बाद परिणाम घोषित किया जाएगा।
सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रकाश पंत, भगत सिंह कोश्या री, मेजर जनरल (रिटायर्ड) बीसी खंडूरी, रमेश पोखरियाल, हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा सीएम पद के प्रमुख दावेदार हैं। सतपाल महाराज साल 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। उन्हों ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा का दामन थामा था। वे सीएम पद की रेस में सबसे आगे बताए जाते हैं। वे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं और धार्मिक गुरु भी हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद दो साल तक उन्हों ने उत्तरराखंड में जमीन पर काफी काम किया। वे पौड़ी से विधायक चुने गए हैं। बताया जाता है कि पहाड़ी सीट से आने के चलते उनकी दावेदारी बढ़ गई है।
भाजपा नेता और त्रिवेंद्र सिंह रावत दूसरे सबसे बड़े दावेदार हैं। वे पहले झारखंड में पार्टी का काम देखते थे। बताया जाता है कि उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्येक्ष अमित शाह को भी विश्वाास है। पार्टी सूत्रों के अनुसार सतपाल महाराज और त्रिवेंद्र सिंह में से भाजपा कार्यकर्ता त्रिवेंद्र को ही चुनेंगे। पिथौरागढ़ से विधायक प्रकाश पंत एक अन्यर नाम हैं। वे उत्त्राखंड के पहले विधानसभा स्पीथकर रह चुके हैं। 11 मार्च को मतगणना समाप्तप होने के बाद वे दिल्लीर भी गए थे। जहां तक बात खंडूरी, पोखरियाल की है तो उनके सीएम बनने के अवसर कम हैं लेकिन वे अपने करीबियों का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।