१०३ आपराधिक मुकदमें सरकार ने लिये वापस
१२ मुकदमे थाना बाजपुर, काशीपुर व गदरपुर के अन्तर्गत वापस लिये गये# उधमसिंह नगर जिले में दर्ज १०३ आपराधिक मुकदमें सरकार ने लिये वापस #वापस लिये गये मुकदमों में गम्भीर अपराधों व नेताओं के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल #वर्ष २०१० में १५ मुकदमें थाना खटीमा, काशीपुर, रूद्रपुर, सितारगंज, बाजपुर व पंतनगर वापस लिये गये जिनमें दीनदयाल भुल्लर, सर्वेश शर्मा, राज दीपिका माथुर, अरवन्दि कुमार पाण्डे, अरूण कुमार, बलराज पासी, हरीश चन्द्र व मुन्ना सिंह चौहान के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
उत्तराखण्ड सरकार ने उत्तराखण्ड गठन से फरवरी २०१८ तक न्यायालयों में चल रहे १०३ अपराधिक मुकदमें वापस लिये हैं। इसमें गम्भीर अपराधों तथा विभिन्न पार्टियों के नेताओं के विरूद्ध दर्ज मुकदमें भी शामिल है। उक्त खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अभियोजन निदेशालय से मुकदमों में सजा और रिहाई सम्बन्धी सूचना मांगी। इसके उत्तर में संयुक्त निदेशक अभियोजन कार्यालय उधमसिंह नगर के लोक सूचना अधिकारी/सहायक अभियोजन अधिकारी ने अपने पत्रांक १४३ दिनांक १३ मार्च २०१८ से फरवरी २०१८ तक की मुकदमें वापस लेने की सूचना उपलब्ध करायी है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष २००० से २००५ तक कोई मुकदमा वापस लेना नहीं दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त २०१८ में फरवरी तक भी कोई मुकदमा वापस लेना नहीं दर्शाया है।
वर्ष २००६ में एक मुकदमा थाना नानकमत्ता अन्तर्गत वापस लिया गया जिसमें नारायण पाल के विरूद्ध दर्ज मुकदमा शामिल है जबकि वर्ष २००७ में १२ मुकदमे थाना बाजपुर, काशीपुर व गदरपुर के अन्तर्गत वापस लिये गये जिसमें नरेन्द्र कुमार ,अरविन्द पाण्डे, जगदीश पाण्डेय, महिपाल सिंह, राजेश गुम्बर, बन्टी, रविन्द्र बजाज, के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २००८ में १२ मुकदमे थाना गदरपुर, खटीमा, बाजपुर रूद्रपुर, नानकमत्ता व बाजपुर के अन्तर्गत वापस लिये गये जिनमें भाजपा कार्यकर्ता, कौशल कृशवाह, अरशद राही, अरविन्द पाण्डे, गोपाल सिंह राणा, संजय जुनेजा, प्रेम सिंह, दलजीत सिंह, युगल किशोर, भाजपा कार्यकर्ता, बलराज पासी के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल ह।
वर्ष २००९ में ५ मुकदमे थाना बाजपुर, खटीमा, पतंनगर, सितारगंज व रूद्रपुर के वापस लिये गये जिनमें अरशद राही, गोपाल सिंह, कमला पंत, हरीश चन्द्र व श्रमिक होण्डा पावर प्रा०लि० के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०१० में १५ मुकदमें थाना खटीमा, काशीपुर, रूद्रपुर, सितारगंज, बाजपुर व पंतनगर वापस लिये गये जिनमें दीनदयाल भुल्लर, सर्वेश शर्मा, राज दीपिका माथुर, अरवन्दि कुमार पाण्डे, अरूण कुमार, बलराज पासी, हरीश चन्द्र व मुन्ना सिंह चौहान के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०११ म ३ मुकदमें थाना सितारगंज व पंतनगर वापस लिये गये जिनमें अरूण शुक्ला, डा०पी०एन० सिंह व बलराज पासी के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०१२ म ७ मुकदमें थाना पंतनगर व रूद्रपुर वापस लिये गये जिनमें डा० पी०एन०सिंह, रामलीला मंच, तिलकराज बेहड, हरीश पनेरू, नसरीन कुरैशी, हिमांशु गाबा, श्रीमति मीना शर्मा, व ललित मिगलानी सभासद के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०१३ म ८ मुकदमें थाना बाजपुर, सितारगंज, किच्छा, पन्तनगर, खटीमा, रूद्रपुर व जसपुर वापस लिये गये जिनमें ललित मिगलानी सभासद, तौफिक व संजीव अरोरा के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०१४ म १० मुकदमें थाना सितारगंज, किच्छा, रूद्रपुर, गदरपुर व जसपुर वापस लिये गये जिनमें नारायण पाल, सुशीला गाबा, राजेश शुक्ला, अब्दुल सतार, ठुकराल दास सुखीजा व रामबाबू मिश्रा के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०१५ म ६ मुकदमें थाना काशीपुर, पन्तनगर, सितारगंज, जसपुर, रूद्रपुर व कुण्डा वापस लिये गये जिनमें अब्दुल कादिर, विनोद राम, प्रकाष हल्दार, इसरार हुसैन, नूर अहमद व देबू आदि के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०१६ म १८ मुकदमें थाना काशीपुर, दिनेशपुर, रूद्रपुर, नानकमत्ता, खटीमा, सितारगंज, किच्छा व जसपुर वापस लिये गये जिनमें कालू, तारक छाबडा, ज्ञानी स्वर्ण सिंह, सतनाम सिंह, मन्नू चौधरी, दीपक चन्द्र, सलीम अहमद, अश्वनी अरोडा, संजय जुनेजा, कुवर सिंह खनका, गोपाल सिंह, तुलाराम उर्फ ताराचन्द्र नेताजी, अखलाख अहमद, हिमांशु शुक्ला, हरीश अरोडा, यशपाल घई व नत्थू लाल गुप्ता के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
वर्ष २०१७ म ८ मुकदमें थाना जसपुर, काशीपुर, किच्छा, खटीमा, रूद्रपुर व नानकमत्ता वापस लिये गये जिनम मौ० एहतेशाम, ओमप्रकाश, शशिबाला श्रीवास्तव, इरफानउलहक कादरी, हरपाल, राजकुमार ठुकराल व राजू उर्फ राजेश सिंह के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार इन वापस लिये गये मुकदमों में भारतीय दण्ड संहिता की धारा ३०२ (हत्या.), ३०७ (हत्या के प्रयास.), ३०६ (आत्महत्या को उकसाना.), ३०९ (आत्महत्या का प्रयास.), ३११ (ठग होना.), ३९५, ३९७ (डकैती.), ३२३, ३३२, ३३३ (चोट.), ३३६ (जीवन को खतरनाक कार्य.), ३४१, ३४२, ३४३ (रास्ता रोकना व बन्दी बनाना.), ३५२, ३५३ (हमला.), ३५४ (स्त्री की लज्जा भंग को हमला.), ३८३ (रंगदारी.), ४०६, ४०९ (गबन.), ४२०, ४२१ (धोखाधडी.), ४२७, ४३५, ४३६ (सम्पत्ति को नुकसान, आग लगाना.), ४६७, ४६८, ४७१ (फर्जी दस्तावेज बनाना.), ४४७, ४५२ (जर्बदस्ती घर में घुसना.), ५०० (मानहानि.), ५०४ (अपमान.), ५०६ (धमकी.), ५११ (अपराध का प्रयास.), १५३ए (वर्गों के बीच श्ात्रुता फैलाना.), २९५, २९५ए (धर्म का अपमान.), २०१(अपराध के सबूत छिपाना.) के अतिरिक्त बलवा व लोक शांति को नुकसान संबंधी धारा १४२, १४३, १४५, १४७, १४८ व १४९ तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने व लाक सेवकों के विरूद्ध धारा १८३, १८६, १८८, १९८, २२४, २२५ के अपराध भी शामिल है। इसके अतिरिक्त चुनाव में भ्रष्ट साधन प्रसोग करने व रिश्वत आदि के भारतीय दण्ड संहिता की धारा १७१ तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा १२३, १३५ व १३६ के अन्तर्गत दण्डनीय अपराधों के मुकदमें भी इन वापस लिये गये मुकदमों में शामिल हैं।
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